शरीर में खून कम होने के कारण हो सकती है मेंस्ट्रुअल क्लॉट्स की परेशानी, जानें इस बारे में: Menstrual Clots
Menstrual Clots: मेंस्ट्रुएशन यानी माहवारी या पीरियड्स एक नेचुरल प्रोसेस है, जिसका अनुभव हर महिला करती है। पीरियड की शुरुआत से लेकर मेनोपॉजल तक की उम्र तक, पीरियड्स में फ्लो एक जैसा नहीं रहता। इस दौरान कुछ महिलाएं मेंस्ट्रुअल ब्लड क्लॉट्स का अनुभव भी कर सकती हैं। लेकिन, जब इसका अनुभव हो तो उसी समय मेडिकल हेल्प लेने की सलाह दी जाती है।मेंस्ट्रुअल ब्लड क्लॉट्स के कारणों के बारे में जानकारी होना बहुत जरूरी है। ऐसा भी माना जाता है कि शरीर में खून के कम होने के कारण मेंस्ट्रुअल क्लॉट्स की परेशानी हो सकती है। आइए जानें इस बारे में विस्तार से। सबसे पहले मेंस्ट्रुअल ब्लड क्लॉट्स के बारे में थोड़ी जानकारी पा लेते हैं।
किन्हें कहा जाता है मेंस्ट्रुअल क्लॉट्स?
मेंस्ट्रुअल क्लॉट्स ब्लड के जमा हुए थक्के होते हैं, जो जेल की तरह दिखते हैं। ये लम्पस टिश्यूज और ब्लड बाय प्रोडक्ट्स भी हो सकते हैं, जिन्हें मेंस्ट्रुअल साइकिल के दौरान गर्भाशय से बाहर निकाला जाता है। कम या लगातार निकलने वाले ब्लड क्लॉट्स सामान्य हो सकते हैं और इन्हें लेकर चिंता करने की जरूरत नहीं है। लेकिन, अगर आपको लंबे समय तक बड़े ब्लड क्लॉट्स की समस्या हो, तो यह किसी अंडरलाइंग कंडिशन के कारण भी हो सकता है।
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क्या शरीर में खून कम होने के कारण हो सकती है मेंस्ट्रुअल क्लॉट्स की परेशानी
कुछ फिजिकल और हार्मोनल फैक्टर्स मासिक धर्म साइकिल को प्रभावित कर सकते हैं और हैवी फ्लो का कारण बन सकते हैं। असामान्य मेंस्ट्रुअल क्लॉट्स के अन्य कारणों में गर्भपात, एंडोमेट्रियोसिस, एनीमिया, विटामिन और मिनरल की कमी, पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम आदि शामिल हैं। एनीमिया यानी शरीर में खून की कमी भी मेंस्ट्रुअल क्लॉट्स का एक कारण हो सकता है। खून की कमी से ब्लड क्लॉट्स में बदल सकता हैं। जिससे मेंस्ट्रुअल क्लॉट्स बन सकते हैं। यानी, शरीर में खून कम होने के कारण मेंस्ट्रुअल क्लॉट्स की परेशानी हो सकती है। अब जानिए कि मेंस्ट्रुअल क्लॉट्स की समस्या को कैसे मैनेज किया जा सकता है?
मेंस्ट्रुअल क्लॉट्स को कैसे मैनेज करें?
मेंस्ट्रुअल क्लॉट्स आपकी कई समस्याओं को बढ़ावा दे सकते हैं। इससे क्रेम्पिंग और थकावट की समस्या बढ़ सकती है। इस परेशानी को इस तरह से मैनेज किया जा सकता है:
- अगर यह समस्या आपको बहुत अधिक परेशान कर रही हो और आपका इससे सामान्य जीवन प्रभावित हो रहा हो, तो आप डॉक्टर की सलाह के अनुसार नॉनस्टेरॉइडल एंटी-इंफ्लेमेटरी मेडिसिन्स को ले सकते हैं।
- अगर आपके अधिक फ्लो की समस्या है, तो आप अच्छे पैड्स, मेनस्ट्रुअल कप आदि का इस्तेमाल करें।
- अपने खाने-पीने का खास ध्यान रखें। आयरन युक्त आहार का सेवन करें ताकि शरीर में खून की कमी न हो। इससे मेंस्ट्रुअल क्लॉट्स की समस्या को कम करने में मदद मिल सकती है। इसके साथ ही पर्याप्त पानी पीएं। इससे भी आपको लाभ होगा।
- नियमित व्यायाम करें। इससे न केवल आपका शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य सही रहेगा। बल्कि, इस समस्या से भी आराम मिलेगा। यही नहीं, आपको अपने तनाव से भी बचना चाहिए।
मेंस्ट्रुअल क्लॉट्स, मेंस्ट्रुअल साइकिल का सामान्य पार्ट है और अधिकतर महिलाएं इस प्रॉब्लम का सामना करती हैं। हालांकि, इन्हें सामान्य माना जाता है। लेकिन, अगर यह समस्या बार-बार हो और क्लॉट्स सामान्य से अधिक बड़े हों, तो इनके कई कारण हो सकते हैं जिनमें शरीर में खून की कमी भी एक है। ऐसे में इसे नजरअंदाज न करें और तुरंत डॉक्टर की सलाह लें।