मिथुन राशिफल – Mithun Rashifal 2023 – 24 May To 31 May
कु, घ, ड, छ आर्द्रा-4
के, हो, ह पुनर्वसु-3
24 मई से 31 मई तक
दिनांक 24, 25, 26 को समय शुभ है। कोई भी कार्य फटाफट निपटा लेंगे। कोई नई मुलाकात फायदा पहुंचाएगी। ससुराल पक्ष से उपहारों की प्राप्ति होगी। समय अच्छा व्यतीत होगा। 27 से 29 के मध्य समय सुखद रहेगा। संतान के विवाह, पढ़ाई, करियर या अन्य कार्यकलापों में व्यस्त रह सकते हैं। अविवाहितों के विवाह के प्रस्ताव आएंगे। पुराने मित्रों से मुलाकात होगी। समय पैसा आगमन का रहेगा। 30, 31 को घर में कलहकारी वातावरण रहेगा। कोई भी परेशानी सिर पर अचानक आ जाएगी। तकनीक से जुड़ी कोई परेशानी इलेक्ट्रिक उपकरण में आएगी, जिसमें आपका पैसा लग सकता है। आप अपने आप में खोए रहेंगे। शेयर बाजार में निवेश बहुत सोच-समझकर करें।
ग्रह स्थिति
मासारंभ में मंगल मिथुन राशि का लग्न में, चंद्रमा सिंह राशि का तृतीय भाव में, केतु तुला राशि का पंचम भाव में, शनि कुम्भ राशि का नवम भाव में, बृहस्पति+ राहु+सूर्य+बुध मेष राशि का ग्यारहवें भाव में, शुक्र वृषभ राशि का बारहवें भाव में चलायमान है।
मिथुन राशि की शुभ-अशुभ तारीख़ें
2023 | शुभ तारीख़ें | सावधानी रखने योग्य अशुभ तारीख़ें |
जनवरी | 1, 5, 6, 7, 10, 11, 12, 27, 28, 29 | 3, 4, 13, 14, 21, 22, 23, 30, 31 |
फरवरी | 2, 3, 7, 8, 24, 25 | 9, 10, 11, 18, 19, 27 |
मार्च | 1, 2, 3, 6, 7, 23, 24, 28, 29, 30 | 9, 10, 17, 18, 19, 26, 27 |
अप्रैल | 2, 3, 20, 21, 25, 26, 29, 30 | 5, 6, 13, 14, 15, 22, 23 |
मई | 1, 17, 18, 22, 23, 27, 28 | 2, 3, 11, 12, 20, 21, 30, 31 |
जून | 13, 14, 18, 19, 20, 23, 24 | 7, 8, 16, 17, 26, 27 |
जुलाई | 10, 11, 12, 16, 17, 20, 21, 22 | 4, 5, 6, 13, 14, 23, 24, 25 |
अगस्त | 7, 8, 12, 13, 16, 17, 18 | 1, 2, 9, 10, 19, 20, 21, 28, 29, 30 |
सितम्बर | 3, 4, 8, 9, 10, 13, 14 | 6, 7, 16, 17, 24, 25, 26 |
अक्टूबर | 1, 2, 5, 6, 7, 10, 11, 28, 29 | 3, 4, 13, 14, 22, 23, 31 |
नवम्बर | 2, 3, 6, 7, 8, 24, 25, 29, 30 | 9, 10, 11, 18, 19, 20, 27, 28 |
दिसम्बर | 9, 10, 11, 18, 19, 20, 27, 28 | 7, 8, 15, 16, 17, 24, 25 |
मिथुन राशि का वार्षिक भविष्यफल

वर्षारंभ जरूर शनि की ढैय्या से होगा. लेकिन जनवरी से ही ढैय्या का प्रभाव
समाप्त हो जाएगा। फलतः यह 7 वर्ष मिथन राशि के जातकों के लिए शानदार वर्ष रहेगा। वर्षारंभ में बृहस्पति भी दशम स्थान में स्थित है, अतः आजीविका व रोजगार में भी विस्तार की योजना बनेगी। नौकरी में महत्त्वपूर्ण पदभार मिल सकता है। प्रमोशन के योग बने हुए हैं, हालांकि शुरुआत में जरूर कुछ दिक्कतें व परेशानियां |
आएंगी। आप हर दिक्कत, मुसीबत का सामना बड़ी ही निडरता से करेंगे। चंद्रमा+राहु की युति वर्षारंभ में लाभ स्थान में है। चंद्रमा मन का कारक है, मन में कई विषयों को लेकर असमंजस रखेगा। मन में तरह-तरह की शंकाएं व आशंकाएं व्याप्त होंगी। भाग्योन्नति में अवरोध व रुकावटें तो आएंगी, परन्तु आप हर मुसीबत व हर अवरोध का डटकर मुकाबला करेंगे। वर्षारंभ में बुध सातवें स्थान में है, अतः परिवार आपकी प्राथमिकता पर रहेगा। कभी-कभार क्रोध व गलतफहमियों के कारण परिवार के सदस्यों में तालमेल गड़बड़ाएगा, लेकिन धीमे-धीमे हालात व परिस्थितियां सामान्य हो जाएंगी। आपको इस वर्ष पारिवारिक विषयों में विशेष धैर्य का परिचय देना
चाहिए। क्रोध व आवेश से बात बिगड़ सकती है।
व्यापारिक लाभ की दृष्टि से यह साल उपलब्धियों से परिपूर्ण रहेगा। कुछ नये कार्यों की प्रवृति बनेगी। व्यापार में विस्तार की योजना पर काम शुरू होगा। परन्तु आपको व्यापार में गुणवत्ता पर ध्यान देना चाहिए। कहीं ज्यादा मुनाफा पाने के चक्कर में आप गुणवता के साथ कोई समझौता नहीं कर दें। सम्पर्कों का दायरा काफी विस्तृत होगा। नए-नए लोगों से सम्पर्क बनेंगे। भाइयों से सम्पति व बटवारे सम्बन्धी विवाद किसी की मध्यस्ता से हल हो जाएगा। इस साल आय के स्रोत व साधन अच्छे रहेंगे, जिससे मन में जोश व ऊर्जा का संचार होगा। चल-अचल सम्पति में वृद्धि होगी। भूमि, भवन वाहनादि
की खरीद के योग हैं। वाहनादि पर खर्च की सम्भावना है।
पंचम भाव पर केतु की स्थिति 30 अक्तूबर तक रहेगी। अतः संतान की शिक्षा, विवाह आदि से संबन्धित महत्त्वपूर्ण निर्णय की स्थिति रह सकती है। परंतु प्रेम सम्बन्ध परेशानी का कारण बन सकते हैं। बदनामी व अपयश के योग हैं। मंगल वर्षारंभ में बारहवें स्थान में स्थित है। अतः शत्रु षड्यंत्र से सावधान रहें। रुपयों-पैसों के मामले में किसी पर भी भरोसा नहीं करें। अगर आप राजकीय सेवा में हैं तो आपको बहुत ही सावधानी से कार्य करने की आवश्यकता है। अपरिचित व अजनबी व्यक्तियों पर रुपयों-पैसों के मामले में भरोसा नहीं करें। आप ट्रैप हो सकते हैं। उच्चाधिकारी जरूर आपके काम
से खुश होंगे। पारिवारिक जीवन अच्छा ही रहेगा। पति-पत्नी में कभी हल्के-फुल्के वैचारिक मतभेद रह सकते हैं। लाभ का मार्ग प्रशस्त होगा। जिस अनुपात में पैसा आएगा उसी अनुपात में खर्च भी होगा। यात्राओं पर जोर रहेगा। किसी जरूरतमंद मित्र की तरफ मदद का हाथ बढ़ाएंगे। ससुराल वालों से
हल्की-फुल्की नोंक-झोंक हो सकती है।
मिथुन राशि-कैसी रहेगी 2023 में आपकी सेहत?
वर्षारंभ में बुध लग्न को आपकी राशि को देख रहा है। अतः शारीरिक स्वास्थ्य आमतौर पर अच्छा रहेगा। बृहस्पति दशम स्थान में तथा 22 अप्रैल के बाद मेष राशि में चलायमान रहेंगे। आप तमाम व्यस्तताओं के बावजूद अपनी दिनचर्या, खान-पान और योग आदि के लिए समय निकाल लेंगे। हालांकि किसी रिश्तेदार व परिजन के स्वास्थ्य को लेकर आपको अस्पताल जाना पड़ सकता है। 17 जून से 4 नवम्बर के मध्य शनि वक्र स्थिति में चलायमान रहेंगे। अतः इस समय पेट से सम्बंधित बीमारी या रक्त से सम्बंधित बीमारी की स्थिति रह सकती है। वाहन सावधानीपूर्वक चलाएं। बुरी आदतों, दुर्व्यसनों का त्याग करें। आरोग्यता के लिए गणपति जी को दूर्वा 'ॐ गं गणपतये नमः' मंत्र उच्चारित करते हुए चढ़ाएं।
मिथुन राशि-व्यापार, व्यवसाय व धनके लिए कैसा रहेगा आने वाला साल 2023 ?
आर्थिक परिपेक्ष्य में यह वर्ष शानदार व उपलब्धियों से परिपूर्ण रहेगा। व्यापार में विस्तार की योजना बनाएंगे, आप जमकर मेहनत करेंगे, हालांकि परिण गाम व प्रतिफल जरूर कुछ कमजोर रहेंगे। अपने अहंकार व क्रोध काबू में रखें। व्यापार व काम-काज में सही समय पर सही निर्णय लेने की आवश्यकता है। सम्पति के रखरखाव व सुव्यवस्थित रखने में खर्च हो सकता है। इस साल आप अपनी बौद्धिक क्षमताओं व कार्य क्षमताओं के बल से मुश्किल से मुश्किल परेशानी का डटकर मुकाबला करेंगे। 17 जून से 4 नवम्बर के मध्य शनि वक्र स्थिति में चलायमान रहेंगे। इस दरम्यान गलत इन्वेस्टमेंट से बचें। किसी की लुभावनी व चिकनी-चुपड़ी बातों में आकर धन का निवेश नहीं करें। आर्थिक हालात व स्थितियां पहले से बेहतर तो बनेंगी, परन्तु धन संचय नहीं हो पाएगा। भूमि-भवन वाहन व व्यापार में विस्तार की योजना को कार्य रूप में परिणित करने के लिए ऋण लेना पड़ सकता है। नौकरी में बॉस व अधिकारी आप पर मेहरबान रहेंगे। आत्मविश्वास तो गजब का रहेगा, परन्तु अति आत्मविश्वास से बचें। कुछ राजनीतिक व सामाजिक महत्त्व के लोगों से मेल-मुलाकात होगी, जिनका लाभ व प्रतिफल आगे चलकर मिलेगा। भागीदार, पार्टनर व कर्मचारी की हर गतिविधि व कार्यकलाप पर पैनी नजर रखें। आप दूसरों के कार्य तो अच्छे ढंग से संपन्न करवा देंगे, लेकिन जहां तक आपके काम की बात आएगी तो उसे उतने अच्छे तरीके से नहीं करवा पाएंगे।
जानिए कैसा रहेगा 2023 में आपका घर-परिवार, संतान व रिश्तेदार के साथ सम्बन्ध ?
माता-पिता व घर के बड़े-बुजुर्गों का आशीर्वाद व स्नेह आपको प्राप्त होगा। घरेलू, पारिवारिक परिस्थितियां आपके पक्ष में रहेंगी। बृहस्पति 22 अप्रैल के बाद मेष राशि में आ जाएंगे। अतः 22 अप्रैल के बाद पति-पत्नी में हल्की-फुल्की नोंक-झोंक हो सकती है। भाइयों से सम्पति या बंटवारे संबंधी विवाद का निपटारा आपसी सहमति से होगा। माता का स्वास्थ्य जरूर कुछ इस वर्ष के मध्य में ढीला रह सकता है। पंचम स्थान का केतु संतान की उन्नति का कारण बनेगा। संतान के रोजगार, काम काज व करियर से सम्बन्धित शुभ समाचार प्राप्त होंगे। संतान के विवाह व अध्ययन में भी बेहतरी होगी। परन्तु प्रेम-प्रसंग व प्रेम-सम्बन्ध कहीं न कहीं पारिवारिक तनाव व अपयश का कारण बन सकते हैं। रिश्तेदारों को लेकर तनाव रहेगा। हालांकि आप उनकी हर संभव मदद करने के लिए आतुर रहेंगे, परन्तु आपकी मदद के लिए कोई भी आगे नहीं आएगा। घर के किसी वरिष्ठ सदस्य के स्वास्थ्य के चलते आपको अस्पताल के चक्कर भी काटने पड़ सकते हैं।
जानिए कैसा रहेगा 2023 में आपका विद्याध्ययन, पढ़ाई व करियर ?
इस वर्ष वर्षपर्यंत बृहस्पति की गोचर में अनुकूलता है। इस वर्ष मिथुन राशि के विद्यार्थी अपनी पढ़ाई व अध्ययन पर फोकस करेंगे। प्रोफेशनल स्टडीज के लिए प्रयासरत विद्यार्थियों को करियर में सफलता मिलेगी। जॉब प्लेसमेंट या ऑफर मिल सकता है। विभागीय परीक्षा, प्रतियोगी परीक्षा के लिए आपको खूब मेहनत करनी पड़ेगी। 22 अप्रैल के पश्चात् एकादश स्थान में गुरु के कारण आपको परीक्षा में सफलता मिल जाएगी। जहां तक करियर व नौकरी का प्रश्न है अपने काम को और गंभीरता व संजीदगी से अंजाम देने की जरूरत है। किसी की मदद से नौकरी में तयशुदा लक्ष्यों को हासिल कर लेंगे। कभी-कभार मन में निराशा जरूर हावी होगी।
जानिए कैसा रहेंगे 2023 में आपके प्रेम-प्रसंग व मित्रता सम्बन्घ ?
इस वर्ष केतु की स्थिति पंचम स्थान में है, अतः प्रेम प्रस्ताव आपको इस वर्ष प्राप्त होंगे, परन्तु प्रेम संबंध कहीं न कहीं आपके अध्ययन व करियर में बाधा बन सकते हैं। 17 जून से 4 नवम्बर के मध्य वक्री शनि के कारण प्रेम सम्बन्ध बदनामी, अपयश का कारण बन सकते हैं, आपको प्रेम में मर्यादाओं का अवश्य ध्यान रखना चाहिए। जहां तक मित्र की बात है तुलसीदास जी ने कहा है, धीरज, धर्म, मित्र और नारी, आपतकाल परखिये चारी। अतः सही मित्र की पहचान आपातकाल में ही होती है। आप यह देखेंगे कि हर विपरीत परिस्थिति में आपका मित्र आपके साथ खड़ा है। हालांकि इस सबके बीच अवसरवादी मित्र व मतलब परस्त मित्र से जरूर सावधान रहें।
जानिए कैसा रहेंगे 2023 में आपकेवाहन, खर्च व शुभ कार्य?
इस वर्ष के उतरार्द्ध में जुलाई के पश्चात् किसी शुभ कार्य की स्थिति बन सकती है। कोई मांगलिक प्रसंग व शुभ कार्य की स्थिति साफ-साफ दिखाई पड़ रही है। जहां तक वाहन का प्रश्न है, आपको 17 जून से 4 नवम्बर के मध्य बहुत ही सावधानी से चलाना चाहिए तथा समय-समय पर वाहन का परीक्षण व सर्विस करवाना चाहिए। बुध चतुर्थेश व लग्नेश होकर सप्रस्थ बुधादित्य योग बना रहा है। अतः नवीन वाहन की भी खरीद के योग बन रहे हैं। खर्चों पर नियंत्रण रखने की आवश्यकता है। खासकर फिजूलखर्ची से बचें।
मिथुनराशि वाले कैसे बचेहानि, कर्ज व अनहोनी से?
रुपयों-पैसों की दृष्टि से यह वर्ष आपके लिए नकारात्मक बिलकुल भी नहीं है। फिर भी आर्थिक मामलों में किसी पर भी भरोसा या विश्वास नहीं करें, अन्यथा लेने के देने पड़ सकते हैं। उधार लेन-देन से बचें। व्यापार की स्थिति में 23 जुलाई से 4 सितम्बर के बीच मशीनरी ब्रेकडाउन हो सकती है। वाणी व क्रोध पर नियंत्रण रखें, अन्यथा बना-बनाया काम बिगड़ सकता है। ऑनलाइन बैंकिंग फ्रॉड से बचने की आवश्यकता है। आप किसी गुप्त योजना, साजिश व षड्यंत्र का हिस्सा बन सकते हैं। हालांकि आपके साथ किसी अनहोनी होने की संभावना व आशंका है।
जानिए कैसा रहेंगे 2023 मेंआपका यात्रा योग?
इस वर्ष वर्षारंभ में बारहवां मंगल आपको यात्राएं खूब करवा सकता है, हालांकि यात्राएं काफी हद तक अर्थहीन व बकवास ही रहेंगी। यात्राओं द्वारा कोई ज्यादा उम्मीद काफी हद तक नहीं की जा पास ही रहेंगी। यात्राओं
कैसे बनाये मिथुन राशि वाले 2023 को लाभकारी ?
बुधवार को गणेश मंदिर के दर्शन करें। मंगलवार को 3 मुट्ठी मूंग भिगो दें तथा बुधवार को उन मूंग को गाय को खिलाएं। पेरीडॉट रत्न 511 रति का धारण करें।
मिथुन राशि की चारित्रिक विशेषताएं
मिथुन राशि का स्वामी बुध है, अतः मिथुन राशि के जातक (व्यक्ति) विनम्र, उदार व हास्यप्रिय प्रवृत्ति के होते हैं। बुध के प्रभाव के कारण ऐसा जातक बुद्धिमान होता है। इनमें स्वाभिमान का भाव भी परिलक्षित होता है। मिथुन राशि का चिह्न स्त्री-पुरुष का जोड़ा है। अतः इस राशि के लोग विपरीत लिंगी के प्रति सहज ही आकर्षित होते हैं। ऐसा व्यक्ति शास्त्र कर्म को जानने वाला, संदेश, वचन में निपुण, बातचीत में होशियार, चतुर बुद्धि, हास्य करने वाला विनोदी व दूसरे के भावों को आसानी से समझने वाला मनुष्य होता है। सारावली तो मिथुन राशि के जातक के बारे में यहां तक कहती है-
मिथुनादिमे दृगाणे पृथत्तमाडो धनान्वितः प्रांशुः।
कितवो गुणी विलासी, नृपाप्तमानो वचस्वी स्यात्।।
अर्थात् मिथुन राशि का व्यक्ति मोटे मस्तक वाला, धनी, ऊंचा, वाचाल, धूर्त, गुणी, विलासी, राजा से सम्मान प्राप्त करने वाला और बेहतरीन वक्ता होता है।
मिथुन राशि में उत्पन्न जातक विनम्र, उदार एवं हास्य प्रवृत्ति के होते हैं तथा बुद्धिमता के भाव उनके चेहरे से परिलक्षित होते हैं। इनमें स्वाभिमान का भाव विद्यमान रहता है तथा वे भौतिक सुख-साधनों एवं धनैश्वर्य से सम्पन्न रहते हैं। वे कार्यों को अत्यन्त ही सोच-समझकर सम्पन्न करते हैं, सरकार या उच्चाधिकारी वर्ग से उनका सम्पर्क बना रहता है, संगीत एवं कला के प्रति इनकी रुचि रहती है तथा नवीन सिद्धांतों या मूल्यों का प्रतिपादन करने में समर्थ रहते हैं। इसके अतिरिक्त गणित, लेखन या संपादन के क्षेत्र में इनको सफलता प्राप्त होती है। अतः इसके प्रभाव से आपका शारीरिक स्वास्थ्य उत्तम रहेगा तथा मानसिक संतुष्टि भी बनी रहेगी। अपने समस्त सांसारिक महत्त्व के कार्यों को आप बुद्धिमतापूर्वक सम्पन्न करेंगे। साथ ही जीवन में स्वपरिश्रम एवं योग्यता से आपको भौतिक सुख-संसाधनों की प्राप्ति होगी तथा धनैश्वर्य से सुसम्पन्न होकर अपना जीवन व्यतीत करेंगे।
यह द्विस्वभाव राशि है, अतः इस राशि वाले व्यक्ति प्रत्येक वस्तु के दोनों पहलुओं पर बहुत अच्छी तरह सोच-विचार कर फिर निर्णायात्मक कदम उठाते हैं। यह राशि दिवाबली मध्यम संतति और शिथिल शरीर का प्रतिनिधित्व करती है। इस राशि के व्यक्तियों को क्रोध कम आता है, प्रायः ये शान्त व गम्भीर स्वभाव के होते हैं। यदि ये क्रोधित हो जाएं, तो क्रोध शान्त होने पर पश्चाताप प्रकट करते हैं। इस राशि का चिह्न ‘गदा व वीणा सहित पुरुष-स्त्री की जोड़ी’ है। अतः इस राशि वाले व्यक्ति संगीत-वाद्य आदि कलाओं में रुचि रखते हैं।
मिथुन राशि के लोग यदि अच्छे की सोहबत में रहते हैं, तो अच्छे परिणाम देते हैं, वहीं ख़राब की सोहबत में ऐसे लोग ख़राब हो जाते हैं। नपुंसक बुध के प्रभाव से मिथुन राशि के लोगों पर संगत का असर ज़्यादा होता है। ये लोग शीघ्र ही दूसरे लोगों के प्रभाव व आकर्षण केन्द्र में आ जाते हैं, जो इनकी सबसे बड़ी कमज़ोरी है।
मित्रों के प्रति आपके मन में पूर्ण निष्ठा रहेगी तथा सरकारी कार्यों में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से अपना सहयोग प्रदान करेंगे। आपका व्यक्तित्व आकर्षक होगा तथा वाणी में भी मधुरता रहेगी। साथ ही शांत, विनम्र एवं हास्य प्रवृत्ति के कारण अन्य जनों को प्रभावित तथा आकर्षित करने में समर्थ रहेंगे। कला एवं संगीत के प्रति आप रुचिशील रहेंगे। प्रयत्न के इस क्षेत्र में मान-प्रतिष्ठा भी प्राप्त हो सकती है। लेखन, गणित, सम्पादन या व्यापार संबंधी कार्यों में आप उन्नति प्राप्त करके समाज में प्रतिष्ठित व्यक्ति के रूप में स्वयं को स्थापित करने में समर्थ रहेंगे।
यदि आपका जन्म मिथुन राशि में ‘मृगशिरा नक्षत्र’ के 3, 4 चरण (का, की) अक्षरों में है, तो आपका जन्म 7 वर्ष की मंगल की महादशा में हुआ है। आपकी योनि‒सर्प, गण‒देव, वर्ण‒शूद्र, युज्जा‒पूर्व, हंसक‒वायु, नाड़ी‒मध्य, पाया‒सोना और वर्ग‒बिलाव है। इस नक्षत्र का प्राकृतिक स्वभाव विद्याध्ययनी और शिल्पी है। इस राशि वाले बालक बहुत ही चतुर व सुन्दर होते हैं। प्रायः ये मध्यम कद के छरहरे बदन के होते हैं। आर्थिक दृष्टिकोण से मितव्ययी एवं सोच-विचारकर खर्च करने वाले होते हैं। इनकी प्रगति में निरन्तर बाधाएं आती रहती हैं तथा इनका जीवन परिवर्तनमय रहता है। ‘Change is Charm of Life’ के सिद्धांत का प्रतिपादन करने वाले ये व्यक्ति प्रायः एक धंधे को छोड़कर दूसरे धंधे में हाथ डालते हुए देखे गए हैं।
यदि आपका जन्म मिथुन राशि में ‘आर्द्रा नक्षत्र’ के (कु, घ, ड, छ) अक्षरों में है, तो आपका जन्म 18 वर्ष की राहु की महादशा में हुआ है। आपकी योनि‒श्वान, गण‒मनुष्य, वर्ण‒शूद्र, युज्जा‒मध्य, हंसक‒वायु, नाड़ी‒आद्य, पाया‒चांदी का एवं प्रथम तीन चरण-बिलाव एवं अंतिम चरण-सिंह वर्ग का है। आर्द्रा नक्षत्र में जन्म लेने वाले व्यक्ति क्रय-विक्रय में निपुण होते हैं। आर्द्रा नक्षत्र का स्वामी रुद्र होने से इनमें संहारक शक्ति विशेष होती है।
यदि आपका जन्म मिथुन राशि के ‘पुनर्वसु नक्षत्र’ के प्रथम तीन चरणों (के, को, हा) में हुआ है, तो आपका जन्म 16 वर्ष की बृहस्पति की महादशा में हुआ है। आपकी योनि‒ मार्जार, गण‒देव, वर्ण‒शूद्र, युज्जा‒मध्य, हंसक‒वायु, नाड़ी‒आद्य, पाया‒चांदी, प्रथम दो चरण-बिलाव एवं तृतीय चरण-हिरण वर्ण का है। पुनर्वसु नक्षत्र में जन्म लेने वाले व्यक्ति धन एकत्रित करने में निपुण होते हैं। अपनी इन्द्रियों व इच्छाओं पर इनका विशेष नियंत्रण होता है।
आपका व्यक्तित्व भी आकर्षक होगा। फलतः अन्य लोग आपसे प्रभावित तथा आकर्षित रहेंगे। जीवन में समस्त सांसारिक सुखों का उपयोग करने में आप सफल होंगे तथा धनैश्वर्य एवं वैभव से भी सुसम्पन्न रहेंगे। आप एक विद्वान पुरुष होंगे, फलतः अपनी विद्वता से समाज में मान-सम्मान एवं प्रतिष्ठा अर्जित करेंगे।
धर्म के प्रति भी आपके मन में श्रद्धा का भाव विशेष होगा, निष्ठापूर्वक आप धार्मिक कार्यकलापों को सम्पन्न करेंगे। साथ ही अवसरानुकूल सामाजिक जनों के मध्य उदारता तथा दानशीलता के भाव का भी प्रदर्शन करेंगे, फलतः सामाजिक प्रभाव तथा प्रतिष्ठा में सतत वृद्धि होती रहेगी। मर्म के आप ज्ञाता होंगे तथा गूढ़-से-गूढ़ विषय को हल करने में समर्थ होंगे।
व्यापार के प्रति आपकी विशेष रुचि होगी, इनके द्वारा आप धनवान एवं विख्यात होंगे। संगीत एवं कला में भी आप समयानुसार अपनी रुचि का प्रदर्शन करते रहेंगे। आप सांसारिक ऐश्वर्य से युक्त होंगे तथा सामान्यतया आपका जीवन सुख एवं प्रसन्नता से युक्त ही रहेगा। इस प्रकार आप शांत, उदार, हास्य प्रवृत्ति युक्त एवं विद्वान पुरुष होंगे तथा जीवन में समस्त सुखों को अर्जित करके प्रसन्नतापूर्वक उनका उपयोग करेंगे।
बुध हरित वर्ण का है, यह हल्के रंग की किरण फेंकता है। आपका शुभ रत्न ‘पन्ना’ है तथा बुधवार आपके लिए अनुकूल परिस्थितियों का परिचायक है। बुध की और अधिक शुभता प्राप्त करने के लिए आप रत्नजड़ित बुध यंत्र भी गले में धारण करें।
मिथुन राशि वालों के लिए उपाय
मिथुन राशि में उत्पन्न व्यक्तियों को विष्णु पूजन, यज्ञ व विष्णु सहस्रनाम का पाठ करना चाहिए। बुध का रत्न ‘पन्ना’ या ‘ओनेक्स’ धारण करें। मूंग की दाल का अत्यधिक सेवन करें। जबरजद या मरगज भी धारण किया जा सकता है। बुधवार का व्रत करना भी मिथुन राशि के लोगों के लिए लाभप्रद रहता है।
मिथुन राशि की प्रमुख विशेषताएं
- राशि ‒ मिथुन
- राशि चिह्न ‒ स्त्री-पुरुष का जोड़ा, गदा व वीणा हाथ में
- राशि स्वामी ‒ बुध
- राशि तत्त्व ‒ वायु तत्त्व
- राशि स्वरूप ‒ द्विस्वभाव
- राशि दिशा ‒ पश्चिम
- राशि लिंग व गुण ‒ पुरुष (कुमार)
- राशि जाति ‒ शूद्र
- राशि प्रकृति व स्वभाव ‒ क्रूर स्वभाव, त्रिधातु प्रकृति
- राशि का अंग ‒ कन्धा
- अनुकूल रत्न ‒ पन्ना
- अनुकूल रंग ‒ हरा
- शुभ दिवस ‒ बुधवार
- अनुकूल देवता ‒ गणपति
- व्रत, उपवास ‒ बुधवार
- अनुकूल अंक ‒ 5
- अनुकूल तारीख़ें ‒ 5/14/23
- मित्र राशियां ‒ मेष, तुला, कुंभ, सिंह, कन्या
- शत्रु राशियां ‒ कर्क
- व्यक्तित्व ‒ चतुर, निडर, बुद्धिमान
- सकारात्मक तथ्य ‒ कुशल व्यापारी-व्यवसायी, वाक्पटु
- नकारात्मक तथ्य ‒ निर्मोही, आत्मकेन्द्रित, निष्ठुर