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मिथुन राशिफल – Mithun Rashifal 2024 – 16 April To 23 April

12:00 AM Apr 14, 2024 IST | Reena Yadav
मिथुन राशिफल – mithun rashifal 2024 – 16 april to 23 april
Geminis horoscope 2024
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का, की मृगशिरा-2

कु, घ, ड, छ आर्द्रा-4

के, हो, ह पुनर्वसु-3

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16 अप्रैल से 23 अप्रैल तक

दिनांक 16, 17 को मानसिक रूप में सहज व शांत रहेंगे। आप किसी संस्था द्वारा सम्मानित हो सकते हैं। आप दोगुने जोश व उत्साह से अपने कार्यों को सम्पादित करेंगे। 18, 19, 20 को समय पैसा प्राप्ति का रहेगा। आपके प्रतिद्वन्दी आपसे आगे निकल जाएंगे। यह देखकर आपका मूड ऑफ हो सकता है। टेलीफोन पर कोई विचलित कर देने वाले समाचार मिलेंगे। कारोबार में कोई डील या कान्टेªक्ट आपके हाथ से निकल सकता है। सावधानी अपेक्षित है। सहकर्मियों से सद्भाव बनाए रखें व किसी की भी आलोचना या निंदा नहीं करें। 21, 22, 23 को समय निराशाजनक रहेगा। अधिकारियों से विवाद में नहीं उलझें। धीरे-धीरे कार्य आगे बढ़ेगा। वाहन ध्यानपूर्वक चलाएं। चलता वाहन धोखा दे सकता है।

ग्रह स्थिति

मासारम्भ में केतु कन्या राशि का चतुर्थ भाव में, चंद्रमा धनु राशि का सप्तम भाव में, शनि+मंगल कुंभ राशि का नवम भाव में, सूर्य+शुक्र+राहु मीन राशि का दशम भाव में, बुध+बृहस्पति मेष राशि का ग्यारहवें भाव में चलायमान है।

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मिथुन राशि की शुभ-अशुभ तारीख़ें

2024शुभ तारीख़ेंसावधानी रखने योग्य अशुभ तारीख़ें
जनवरी1, 18, 19, 23, 24, 27,
28, 29
3, 4, 12, 13, 21, 30,
31
फरवरी14, 15, 19, 20 , 23,
24, 25
1, 8, 9, 10, 17, 26,
27, 28
मार्च12, 13, 14, 17, 18, 19,
22, 23
6, 7, 8, 15, 16, 25, 26
अप्रैल9, 10, 14, 15, 18, 19,
20
3, 4, 11, 12, 21, 22,
23, 30
मई6, 7, 11, 12, 15, 16,
17
1, 2, 9, 10, 18, 19,
20, 27, 28, 29
जून3, 4, 7, 8, 9, 12, 13,
14, 30
5, 6, 15, 16, 24, 25
जुलाई1, 5, 6, 10, 11, 27,
28, 29
3, 12, 13, 21, 22, 23,
30, 31
अगस्त1, 2, 5, 6, 7, 23, 24, 25,
28, 29, 30
8, 9, 10, 17, 18, 19,
26, 27
सितम्बर3, 4, 20, 21, 25, 26,
29, 30
5, 6, 14, 15, 22, 23
अक्टूबर17, 18, 22, 23, 26,
27, 28
2, 3, 11, 12, 13, 20,
29, 30, 31
नवम्बर14, 15, 18, 19, 20, 22,
23, 24
7, 8, 9, 16, 17, 25,
26, 27
दिसम्बर11, 12, 16, 17, 20, 215, 6, 14, 23, 24
मिथुन राशि की शुभ-अशुभ तारीख़ें

मिथुन राशि का वार्षिक भविष्यफल

Mithun Rashifal 2024
मिथुन राशि

यह साल मिथुन राशि के लिए मिश्रित फलकारी रहेगा। बृहस्पति वर्षारंभ में एकादश स्थान में स्थित है। तथा शनि नवम स्थान में स्थित है। इस साल स्वास्थ्य आमतौर पर अच्छा

रहेगा। आप उत्तम स्वास्थ्य की अनुभूति करेंगे, लेकिन साथ ही साथ आप योग, व्यायाम, खान-पान तथा अपनी आदतों में महत्वपूर्ण बदलाव अमल में लायेगें। कारोबार में लाभ की संभावनाऐं बनेगी। आप काम-काज पर गंभीरता से ध्यान केन्द्रित करेंगे। इस साल पारिवारिक मोर्चें पर भी कोई, खुशी का अवसर आ सकता है। इस साल कोई पुराना कष्ट व रोग समाप्त हो जायेगा। संतान को लेकर कोई, खुशी का समाचार

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इस साल मिल सकता है, शत्रु व विरोधी खर्चा मे अधिक रहेंगे, परंतु अहित कुछ नहीं कर पायेंगे। नवम भाव का शनि लक्ष्मी प्रप्ति का मार्ग प्रशस्त करता है, हालांकि खर्चें भी खूब होगें, तथा बढ़े हुए खर्चों के कारण मन में कुछ उठिन्नता की स्थितियां भी रहेगी। बृहस्पति लाभ स्थान में है। अतः समाज में मान-प्रतिष्ठा पर, कीर्ति में वृद्धि होगी। वही बुध छवें भाव में होने के कारण कई विषयों को लेकर मन में असंतोष व असंमजस रहेगा। बुध-शुक्र की युति है, अतः कोई षडयंत्र इस साल आपके विरूद्ध कारित हो सकता हैं, व्यापार व कारोबार में दीर्घकालिक योजनाओं पर काम शुरू होगा। आप आजीविका व काम काज में नई-नई संभावनाओं को तलाशेंगे नवीन अवसरों की बरसात होगी। आपको बुरी आदतों, बुरे लोगों व बुुरी सोहवत का त्याग आपको कर लेना चाहिए।

इस साल मंगल सूर्य की यूति सातवें स्थान में है। अतः पति पत्नी में कभी कभार हल्के-फुल्के वैचारिक मतभेद हो सकते हैं, व्यापार में विस्तार की योजना को पूर्ण रूप देने के लिए आप जी तोड़ मेहनत व परिश्रम करेंगे, हालांकि शुरूआत में इतने ठोस व सकारात्मक परिणाम नहीं मिलेगें, लेकिन

धीमे-धीमे बुद्धिमता व परिश्रम से आप स्थितियों को अपने पक्ष में कर ही लेगें। बॉस व अधिकारी इस वर्ष जरूर आप पर मेहरबान रहेंगे। सहकर्मी जरूर ईर्ष्या व जलन से वशीभूत रहेंगे। तथा आपके विरूद्ध कोई गुप्त योजना या षडयंत्र कारित कर सकते हैं। भूमि, भवन, फ्लैट आदि का जो काम पिछले लंबे समय से अटका हुआ था, वह अल्प प्रयास से पूरा हो जायेगा। मई से नवम्बर मे मध्य शनि के वक्रत्व परिभ्रमण के कारण कोई कोर्ट-कचहरी का व कानूनी पहलू उलझ सकता है। आप योग्यता व क्षमताओं का इस्तेमाल कर कई मामलों का हल चुटकीयों में निकाल लेंगे। संतान की शिक्षा, अध्ययन को लेकर कुछ चिंता की स्थिति व हालात रह सकते हैं। विभागीय परीक्षा, कैरियर व नौकरी से संबंधित परीक्षा का परिणाम पक्ष में आयेगा। शत्रु व विरोधियों से विशेष सावधानी की आवश्यकता है।

झुठी गवाही मुसीबत में डाल सकती है। इस वर्ष मंगल

की आपकी राशि पर दृष्टि है। स्थाई महत्व की चीजें कार्यन्वित होगी, भूमि, भवन, वाहन का योग इस साल बना हुआ है। अविवाहितों के विवाह के प्रस्ताव आयेंगे। कोर्ट-कचहरी व सम्पति संबंधी मामले किसी की मध्यस्यता से हल हो जायेंगे। ससुराल वालों से संबंधों में हल्की-फुल्की तकराहट हो सकती है। कारोबार में जो योजना आपने बनाई है, उसे कार्य रूप में परिणित करने के लिए एड़ी से चोटी का जोर लगायेगें।

शारीरिक सुख एवं स्वास्थ्यः- 2024 में मिथुन राशि के जातकों को छोटी-मोटी स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां रहेंगी। इस साल काम-काज व व्यस्तताओं के चलते आप अपने स्वास्थ्य पर ध्यान नहीं दे पायेंगे। मौसमी बीमारियों व पेट से संबंधित व्याधि कभी कभार रह सकती हैं। दीर्घकालिक बीमारियों ब्लड प्रेशर, मधुमेह, नसों की तकलीफ आदि से कोई परेशानी की संभावना नहीं है, परंतु लापरवाही न करें, इस साल, खान-पान,

योग, प्राणायाम व अपनी दिनचर्या को व्यवस्थित तथा संयमित रखें। बड़े बुजुर्गों व माता-पिता का स्वास्थ्य डावाडोल रह सकता है। जिसके चलते आपको अस्पताल के चक्कर काटने पड़ सकते हैं।

व्यापार व्यवसाय व धनः- आर्थिक मामलों को लेकर

यह साल 2024 ‘संतोषप्रद रहेगा।’ आपको काम-काज की गाड़ी को पटरी पर लाने के लिए भरसक प्रयास करने पड़ेंगे। फिर भी आपके प्रयास व मेहनत सार्थक रहेंगे। रूके हुए काम गतिशील होंगे। तथा बाहर से कोई बड़ा आर्डर या बिग डील आपको साल लगते ही हो सकती है। नौकरी में कैरियर में कोई प्रभावशाली या महत्वपूर्ण व्यक्ति आपकी उन्नति में कहीं न कहीं सहायक होगा। नौकरी में पूरी निष्ठा व ईमानदारी से काम करें, हालांकि कार्य क्षेत्र पर वातावरण इतना अनुकुल नहीं रहेगा। आप अपने अधीनस्थ कर्मचारियों पर पूरा स्नेह व वरिष्ठ की भांति उनकी मजबूरियों को समझते हुए आचरण करेंगे। शनि वर्ष पर्यंत नवम स्थान में रहेंगे, तथा देवगुरू बृहस्पति मई के पश्चात् बारहवें स्थान में आ जायेंगे, व्यापार में विस्तार की

योजना पर खर्चा होगा। नए काम की संभावना पूर्ण रूप से बलवान है, वहीं वर्तमान काम में भी नया प्रयोग या नए तरीके

से काम कर सकते हैं। बाहर से कोई बड़ी डील या कोई बड़ा अनुबंध करार हो सकता है। आपको मार्केटिंग पर ज्यादा ध्यान देने की आवश्यकता है, जमीन, कपड़े, लोहे, कमीशन व तेल के व्यापार से जुड़े लोगों को जबरदस्त मुनाफा होगा। भागीदार व कर्मचारी की हर गतिविधि व हरकत पर पैनी नजर रखें। जून से नवम्बर के मध्य शनि की वक्र गति रहेगी, रुपयों पैसों के मामले में पूरी सावधानी रखें, किसी को रुपया तो भूल कर भी उधार नहीं दें, आपकी कोई व्यावसायिक जानकारी, गोपनीय सूचना लीक हो सकती है। किसी वरिष्ठ व्यक्ति का मार्गदर्शन व प्रेरणा आपको हर व्यावसायिक समस्या का हल सुझायेगी।

घर, परिवार, संतान व रिश्तेदारः- मिथुन राशि के जातक भावुक व मिलनसार प्रवृत्ति के होते हैं। घर, परिवार में वातावरण एकदम मधुर व अनुकूल रहेगा। पति-पत्नी दोनों

एक-दूसरे की भावनाऐं व परिस्थितियों को देखकर आचरण करेंगे। परिवार आपकी पहली प्राथमिकता रहेगा। व्यवसाय की जिम्मेदारियों व परिवार के बीच में बेहतर संतुलन कायम करने में आप सक्षम रहेंगे। भाईयों व रिश्तेदारों के कान कोई आपके खिलाफ भर सकता है। माता-पिता व घर के बड़े-बुजुर्गों का आशीर्वाद व स्नेह आपको इस साल प्राप्त होगा। अप्रैल से जून के बीच में कभी-कभार पति-पत्नी में कहासूनी व बोलचाल हो सकती है। मंगल सूर्य का योग वर्षारंभ में सातवें स्थान में है। अतः रिश्तों में कई बार गलत फहमियां उत्पन्न हो सकती हैं। सम्पति व बँटवारे संबंधी विवाद का निवारण आपसी सहमति से हो जायेगा। रिश्तदारों से कोई खास उम्मीद नहीं की जा सकती, वे आपकी फालतू में ही आलोचना करेंगे। पंचमेश शुक्र खड़डे में पड़ा है तथा 30 जून से 15 नवम्बर के मध्य शनि के वक्र परिभ्रमण के कारण संतान की गतिविधि, कार्यकलाप, दिनचर्या व व्यवहार आपको चिंतित कर सकता है। घर के वरिष्ठ सदस्यों का स्वास्थ्य कमजोर रहेगा। अविवाहितों के विवाह संबंधी प्रस्ताव आयेंगे।

विद्याध्यन, पढ़ाई व कैरियरः- अगर आप सरकारी नौकरी या स्थाई रोजगार की तलाश में हैं, तो यह साल आपके लिए खुशियां मनाने का साल है। हालांकि मेहनत व परिश्रम तो

रहेगा, लेकिन कैरियर की राह आसान रहेगी। नौकरी से संबंधित परीक्षा, प्रतियोगी परीक्षा, इंटरव्यू आदि में सफलता के योग बन रहे हैं। अध्ययन के प्रति पूर्ण रूप से एकाग्र हो जाए, पूरी मेहनत व ईमादारी से प्रयास करें, देवगुरू बृहस्पति 1 मई तक लाभ स्थान में चलायामान है, अतः विद्यार्थियों को मई से पूर्ण शुभ समाचार व सफलता मिल जायेगी। आप सारी इधर-उधर की बातें भुलकर अपने अध्ययन पर फोकस होंगे। विदेश जाकर, अध्ययन के इच्छुक विद्यार्थी के दस्तावेजों में समस्या मई के बाद आ सकती है। साथ ही छठे भाव में बुध+शुक्र का

योग है। अतः प्रेम-प्रसंगों से समुचित दूरी बनाकर रखें, अन्यथा उसका प्रभाव कहीं न कहीं आपके कैरियर व अध्ययन पर पड़ेगा। तकनीकी विषय, इंजीन्यरिंग, साईंस, कानूनी विषय व आर्थिक से जुड़े विद्यार्थियों के लिए यह साल उपलब्धियों से परिपूर्ण रहेगा। अध्ययन के सफलता के लिए ¬ विद्यानिहाये नमः का जप विद्याथियों को करना चाहिए तथा बुधवार को गणेश जी के दर्शन करें।

प्रेम, प्रसंग व मित्रः- शुक्र वर्षारंभ में छठे स्थान में स्थित है अतः प्रेम-प्रसंग व प्रेम-संबंध बदनामी व अपयश का कारण बन सकते हैं। प्रेम-प्रसंगों से पारिवारिक सुख-शांति भी बाधित हो सकती है। शनि नवम स्थान में है। अतः किसी जरूरतमंद मित्र की तरफ मदद का हाथ बढ़ायेंगे। विवाहेत्तर प्रेम संबंधों से बचें। नए-नए मित्र बनेंगे। मित्रें की संख्या में इजाफा तो होगा, परंतु इस बीच आपके सच्चे व वास्तविक मित्र तथा मतलब परस्त मित्र के बीच में अंतर करना पड़ेगा।

वाहन, खर्च व शुभकार्यः- इस वर्ष वाहन के योग बने हुए हैं, नवीन वाहन के योग बने हुए हैं, इस वर्ष आप नया वाहन खरीदने का विचार कर सकते हैं। आप बार-बार वाहन पर खर्चा करवाकर परेशान हो जायेंगे। अतः नवीन वाहन खरीदने का विचार भी मन में आ सकता है। खर्च की स्थितियां प्रबल रहेंगी, पैसा आने से पहले जाने का रास्ता तैयार रहेगा। वाहन की खरीद से पूरे वर्ष कागज आदि अच्छी तरह से जाँच परख लें, संतान के विवाह आदि का प्रस्ताव आ सकता है। परिवार में कोई शुभ कार्य व मांगलिक प्रसंग की योजना बन

सकती है। अगर आप पुराना वाहन चल रहे हैं, तो उसकी रख रखाव व मैनटेनेंश समय-समय पर करवाते रहें। 30 जून से 15 नवम्बर में मध्य शनि के वक्र काल में वाहन सावधानी पूर्वक चलावें। सीट बेल्ट हैलमेट आदि सुरक्षा नियमों का पालन करें। हानि, कर्ज, व अनहोनीः- इस वर्ष आपको रुपयों पैसों

के मामले में किसी पर भी भरोसा या विश्वास नहीं करना चाहिए। यदि किसी को रुपया उधार दिया तो रुपया डूब सकता है। हालांकि हानि की संभावना इस वर्ष नहीं है। लेकिन विश्वासघात के पूरे-पूरे योग बन रहे हैं। 30 जून से 15 नवम्बर के मध्य शनि के वक्र काल में किसी रिश्तेदार या मित्र के साथ अनहोनी हो सकती है। व्यापार में विस्तार के लिए भूमि, भवन, वाहनादि के लिए ऋण लेना पड़ सकता है।

यात्रएंः- इस वर्ष गर्मी की छुट्टियों में आप परिवार के साथ घूमने-फिरने का यात्र का या धार्मिक यात्र का कार्यक्रम बना सकते हैं, व्यापार व काम-काज को लेकर यात्रऐं भी होंगी, तथा उन यात्रओं से आंशिक रूप से धनलाभ भी होगा। उपायः- वर्ष की शुभता बढ़ाने के लिए गाय को घास खिलावें। तुलसी के पौधे को नित्य सींचे (जल दे) ¬ गंगण् शपतये नमः मंत्र के 108 बार जप रोजाना करें तथा ओनेनप्स

बुध यंत्र में जड़वाकर गले में धारण कर लें।

पति-पत्नी में कभी हल्के-फुल्के वैचारिक मतभेद रह सकते हैं।

पति-पत्नी में कभी हल्के-फुल्के वैचारिक मतभेद रह सकते हैं। लाभ का मार्ग प्रशस्त होगा। जिस अनुपात में पैसा आएगा उसी अनुपात में खर्च भी होगा।

मिथुन राशि की चारित्रिक विशेषताएं

मिथुन राशि का स्वामी बुध है, अतः मिथुन राशि के जातक (व्यक्ति) विनम्र, उदार व हास्यप्रिय प्रवृत्ति के होते हैं। बुध के प्रभाव के कारण ऐसा जातक बुद्धिमान होता है। इनमें स्वाभिमान का भाव भी परिलक्षित होता है। मिथुन राशि का चिह्न स्त्री-पुरुष का जोड़ा है। अतः इस राशि के लोग विपरीत लिंगी के प्रति सहज ही आकर्षित होते हैं। ऐसा व्यक्ति शास्त्र कर्म को जानने वाला, संदेश, वचन में निपुण, बातचीत में होशियार, चतुर बुद्धि, हास्य करने वाला विनोदी व दूसरे के भावों को आसानी से समझने वाला मनुष्य होता है। सारावली तो मिथुन राशि के जातक के बारे में यहां तक कहती है-

मिथुनादिमे दृगाणे पृथत्तमाडो धनान्वितः प्रांशुः। कितवो गुणी विलासी, नृपाप्तमानो वचस्वी स्यात्।। अर्थात् मिथुन राशि का व्यक्ति मोटे मस्तक वाला, धनी,

ऊंचा, वाचाल, धूर्त, गुणी, विलासी, राजा से सम्मान प्राप्त करने वाला और बेहतरीन वक्ता होता है।

मिथुन राशि में उत्पÂ जातक विनम्र, उदार एवं हास्य प्रवृत्ति के होते हैं तथा बुद्धिमता के भाव उनके चेहरे से परिलक्षित होते हैं। इनमें स्वाभिमान का भाव विद्यमान रहता है तथा वे भौतिक सुख-साधनों एवं धनैश्वर्य से सम्पÂ रहते हैं। वे कार्यों को अत्यन्त ही सोच-समझकर सम्पÂ करते हैं, सरकार या उच्चाधिकारी वर्ग से उनका सम्पर्क बना रहता है, संगीत एवं कला के प्रति इनकी

रुचि रहती है तथा नवीन सिद्धांतों या मूल्यों का प्रतिपादन करने में समर्थ रहते हैं। इसके अतिरिक्त गणित, लेखन या संपादन के क्षेत्र में इनको सफलता प्राप्त होती है। अतः इसके प्रभाव से आपका शारीरिक स्वास्थ्य उत्तम रहेगा तथा मानसिक संतुष्टि भी बनी रहेगी। अपने समस्त सांसारिक महत्त्व के कार्यों को आप बुद्धिमतापूर्वक सम्पÂ करेंगे। साथ ही जीवन में स्वपरिश्रम

एवं योग्यता से आपको भौतिक सुख-संसाधनों की प्राप्ति होगी तथा धनैश्वर्य से सुसम्पÂ होकर अपना जीवन व्यतीत करेंगे।

यह द्विस्वभाव राशि है, अतः इस राशि वाले व्यक्ति प्रत्येक वस्तु के दोनों पहलुओं पर बहुत अच्छी तरह सोच-विचार कर

फिर निर्णायात्मक कदम उठाते हैं। यह राशि दिवाबली मध्यम संतति और शिथिल शरीर का प्रतिनिधित्व करती है। इस राशि के व्यक्तियों को क्रोध कम आता है, प्रायः ये शान्त व गम्भीर स्वभाव के होते हैं। यदि ये क्रोधित हो जाएं, तो क्रोध शान्त होने पर पश्चाताप प्रकट करते हैं। इस राशि का चिह्न ‘गदा व वीणा सहित पुरुष-स्त्री की जोड़ी’ है। अतः इस राशि वाले व्यक्ति संगीत-वाद्य आदि कलाओं में रुचि रखते हैं।

मिथुन राशि के लोग यदि अच्छे की सोहबत में रहते हैं, तो अच्छे परिणाम देते हैं, वहीं ख़राब की सोहबत में ऐसे लोग ख़राब हो जाते हैं। नपुंसक बुध के प्रभाव से मिथुन राशि के लोगों पर संगत का असर ज़्यादा होता है। ये लोग शीघ्र ही दूसरे लोगों के प्रभाव व आकर्षण केन्द्र में आ जाते हैं, जो इनकी सबसे बड़ी कमज़ोरी है।

मित्रें के प्रति आपके मन में पूर्ण निष्ठा रहेगी तथा सरकारी कार्यों में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से अपना सहयोग प्रदान करेंगे। आपका व्यक्तित्व आकर्षक होगा तथा वाणी में भी मधुरता रहेगी। साथ ही शांत, विनम्र एवं हास्य प्रवृत्ति के कारण अन्य जनों को प्रभावित तथा आकर्षित करने में समर्थ रहेंगे। कला एवं संगीत के प्रति आप रुचिशील रहेंगे। प्रयत्न के इस क्षेत्र में मान-प्रतिष्ठा भी प्राप्त हो सकती है। लेखन, गणित, सम्पादन या व्यापार संबंधी कार्यों में आप उÂति प्राप्त करके समाज में प्रतिष्ठित व्यक्ति के रूप में स्वयं को स्थापित करने में समर्थ रहेंगे।

यदि आपका जन्म मिथुन राशि में ‘मृगशिरा नक्षत्र’ के 3, 4 चरण (का, की) अक्षरों में है, तो आपका जन्म 7 वर्ष की मंगल की महादशा में हुआ है। आपकी योनि-सर्प, गण-देव, वर्ण-शूद्र, युज्जा-पूर्व, हंसक-वायु, नाड़ी-मध्य, पाया-सोना और वर्ग-बिलाव है। इस नक्षत्र का प्राकृतिक स्वभाव विद्याध्ययनी और शिल्पी है। इस राशि वाले बालक बहुत ही चतुर व सुन्दर होते हैं। प्रायः ये मध्यम कद के छरहरे बदन के होते हैं। आर्थिक दृष्टिकोण से मितव्ययी एवं सोच-विचारकर खर्च करने वाले होते हैं। इनकी प्रगति में निरन्तर बाधाएं आती रहती हैं तथा इनका जीवन परिवर्तनमय रहता है। "ब्ींदहम पे ब्ींतउ वि स्पमि" के

सिद्धांत का प्रतिपादन करने वाले ये व्यक्ति प्रायः एक धंधे को छोड़कर दूसरे धंधे में हाथ डालते हुए देखे गए हैं।

यदि आपका जन्म मिथुन राशि में ‘आर्द्रा नक्षत्र’ के (कु, घ, ड, छ) अक्षरों में है, तो आपका जन्म 18 वर्ष की राहु की महादशा में हुआ है। आपकी योनि-श्वान, गण-मनुष्य, वर्ण-शूद्र, युज्जा-मध्य, हंसक-वायु, नाड़ी-आद्य, पाया-चांदी का एवं प्रथम तीन चरण-बिलाव एवं अंतिम चरण-सिंह वर्ग का है। आर्द्रा नक्षत्र में जन्म लेने वाले व्यक्ति क्रय-विक्रय में निपुण होते हैं। आर्द्रा नक्षत्र का स्वामी रुद्र होने से इनमें संहारक शक्ति विशेष होती है।

यदि आपका जन्म मिथुन राशि के ‘पुनर्वसु नक्षत्र’ के प्रथम तीन चरणों (के, को, हा) में हुआ है, तो आपका जन्म 16 वर्ष की बृहस्पति की महादशा में हुआ है। आपकी योनि- मार्जार, गण-देव, वर्ण-शूद्र, युज्जा-मध्य, हंसक-वायु, नाड़ी-आद्य, पाया-चांदी, प्रथम दो चरण-बिलाव एवं तृतीय चरण-हिरण वर्ण का है। पुनर्वसु नक्षत्र में जन्म लेने वाले व्यक्ति धन एकत्रित करने में निपुण होते हैं। अपनी इन्द्रियों व इच्छाओं पर इनका विशेष नियंत्रण होता है।

आपका व्यक्तित्व भी आकर्षक होगा। फलतः अन्य लोग आपसे प्रभावित तथा आकर्षित रहेंगे। जीवन में समस्त सांसारिक सुखों का उपयोग करने में आप सफल होंगे तथा धनैश्वर्य एवं वैभव से भी सुसम्पÂ रहेंगे। आप एक विद्वान पुरुष होंगे, फलतः अपनी विद्वता से समाज में मान-सम्मान एवं प्रतिष्ठा अर्जित करेंगे। धर्म के प्रति भी आपके मन में श्रद्धा का भाव विशेष होगा, निष्ठापूर्वक आप धार्मिक कार्यकलापों को सम्पÂ करेंगे। साथ ही अवसरानुकूल सामाजिक जनों के मध्य उदारता तथा दानशीलता के भाव का भी प्रदर्शन करेंगे, फलतः सामाजिक प्रभाव तथा प्रतिष्ठा में सतत वृद्धि होती रहेगी। मर्म के आप ज्ञाता होंगे तथा गूढ़-से-गूढ़ विषय को हल करने में समर्थ होंगे। व्यापार के प्रति आपकी विशेष रुचि होगी, इनके द्वारा आप धनवान एवं विख्यात होंगे। संगीत एवं कला में भी आप समयानुसार अपनी रुचि का प्रदर्शन करते रहेंगे। आप सांसारिक

ऐश्वर्य से युक्त होंगे तथा सामान्यतया आपका जीवन सुख एवं

प्रसÂता से युक्त ही रहेगा। इस प्रकार आप शांत, उदार, हास्य प्रवृत्ति युक्त एवं विद्वान पुरुष होंगे तथा जीवन में समस्त सुखों को अर्जित करके प्रसÂतापूर्वक उनका उपयोग करेंगे।

बुध हरित वर्ण का है, यह हल्के रंग की किरण फेंकता है। आपका शुभ रत्न ‘पÂा’ है तथा बुधवार आपके लिए अनुकूल परिस्थितियों का परिचायक है। बुध की और अधिक शुभता प्राप्त करने के लिए आप रत्नजड़ित बुध यंत्र भी गले में धारण करें।

मिथुन राशि वालों के लिए उपाय

मिथुन राशि में उत्पन्न व्यक्तियों को विष्णु पूजन, यज्ञ व विष्णु सहस्रनाम का पाठ करना चाहिए। बुध का रत्न

‘पन्ना’ या ‘ओनेक्स’ धारण करें। मूंग की दाल का अत्यधिक सेवन करें। जबरजद या मरगज भी धारण किया जा सकता है। बुधवार का व्रत करना भी मिथुन राशि के लोगों के लिए लाभप्रद रहता है।

मिथुन राशि की प्रमुख विशेषताएं

  1. राशि ‒ मिथुन
    1. राशि चिह्न ‒ स्त्री-पुरुष का जोड़ा, गदा व वीणा हाथ में
    2. राशि स्वामी ‒ बुध
    3. राशि तत्त्व ‒ वायु तत्त्व
    4. राशि स्वरूप ‒ द्विस्वभाव
    5. राशि दिशा ‒ पश्चिम
    6. राशि लिंग व गुण ‒ पुरुष (कुमार)
    7. राशि जाति ‒ शूद्र
    8. राशि प्रकृति व स्वभाव ‒ क्रूर स्वभाव, त्रिधातु प्रकृति
    9. राशि का अंग ‒ कन्धा
    10. अनुकूल रत्न ‒ पन्ना
    11. अनुकूल रंग ‒ हरा
    12. शुभ दिवस ‒ बुधवार
    13. अनुकूल देवता ‒ गणपति
    14. व्रत, उपवास ‒ बुधवार
    15. अनुकूल अंक ‒ 5
    16. अनुकूल तारीख़ें ‒ 5/14/23
    17. मित्र राशियां ‒ मेष, तुला, कुंभ, सिंह, कन्या
    18. शत्रु राशियां ‒ कर्क
    19. व्यक्तित्व ‒ चतुर, निडर, बुद्धिमान
    20. सकारात्मक तथ्य ‒ कुशल व्यापारी-व्यवसायी, वाक्पटु
    21. नकारात्मक तथ्य ‒ निर्मोही, आत्मकेन्द्रित, निष्ठुर
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