बच्चा है गुस्सा तो ऐसा करने और कहने से बचिए, उस पर नहीं होगा खराब असर: Modern Parenting Tips
Modern Parenting Tips: गुस्से पर पहले सिर्फ पेरेंट्स और बॉस का ही हक़ हुआ करता था लेकिन नन्हें-नन्हें बच्चे भी अब पीछे नहीं हैं। उन्हें भी अब छोटी-छोटी बातों में खूब गुस्सा आता है, यह गुस्सा इतना बढ़ जाता है कि पेरेंट्स के लिए उन्हें संभालना ही मुश्किल हो जाता है। वजह बढ़ता सामाजिक तनाव और जिंदगी की भागदौड़ है। गुस्सा यह दिखाता है कि बच्चों की मानसिक स्थिति पर कई चीजों का बुरा असर पड़ रहा है। लेकिन इस स्थिति से निकलना बहुत कठिन नहीं है, अगर बच्चे को गुस्सा करते समय ही संभाल लिया जाए तो स्थिति काफी आसान हो जाएंगी। बच्चों को संभालने के लिए जरूरी है कि उनसे कुछ खास बातें ना की जाएं-
सजा से बढ़ेगी सजा
बच्चे जब गुस्सा कर रहे होते हैं तो ज्यादातर पेरेन्ट्स, इसके लिए उन्हें डांटते तो हैं हीं उनको सजा भी देने लगते हैं। लेकिन यह सही नहीं है। सजा देने से बच्चे का पेरेंट्स के साथ रिश्ता तो कमजोर होता ही है। इसका बच्चे के मन पर असर भी खराब पड़ता है। इससे उनका गुस्सा कम नहीं होता है बल्कि बढ़ जरूर जाता है। इसलिए बच्चा जब भी गुस्सा हो, उससे बात करें और समझाएं।
उनकी बात समझें
उनके गुस्से को इग्नोर ना करें बल्कि उनकी भावनाओं को समझने की कोशिश करें। उनकी भावनाओं को पूरी तरह से गलत बता देने से तो बच्चे के दिल का हाल उनके दिल में ही रह जाएगा। बच्चा गुस्सा करें तो उनसे यह सब कहने से बचें कि बेकार में परेशान होने की जरूरत नहीं है या तुम इसके लिए अभी बहुत छोटे हो। उनको लगेगा कि उन्हें कोई समझ ही नहीं रहा है। इस वक्त उनसे उनके दिल का पूरा हाल समझें और पूछें कि उन्होंने वो खास बात आखिर क्यों सोची।
गुस्सा कंट्रोल करना जरूरी है
अपना गुस्सा कंट्रोल करें और उन्हें बताएं कि चीजें खराब होना या गलत होना आम बात है। उन्हें बताएं कि ऐसे समय में खुद पर कंट्रोल जरूरी होता है। गुस्सा तो कभी न कभी आएगा ही लेकिन इसको समझना और हेंडल करना जरूरी है।
गुस्से को इग्नोर न करें
बच्चा जब भी गुस्सा करे तो उसके गुस्से को यह सोच कर इग्नोर बिल्कुल न करें कि बच्चा है भूल जाएगा। बल्कि इस दौरान उसके गुस्से की वजह पर ध्यान दें और उसका हल निकालें। गुस्से को इग्नोर करने से बच्चे को महसूस होगा कि आप उनकी कद्र ही नहीं करती हैं।
गंदा बच्चा
बच्चे को जब गुस्सा आए तो उसे गंदा बच्चा जैसे टाइटल बिलकुल न दें। इससे उनके अंदर नकारात्मकता घर कर जाती है और एक समय के बाद वह खुद में ही कमियां तलाशने लगते हैं। इस तरह के टाइटल देने पर अक्सर बच्चे चिढ़ भी जाते हैं। जब बच्चे गुस्सा कर रहे हों तो उनसे कोई भी बात कहने से पहले सोचें-समझे जरूर।