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मोहिनी एकादशी व्रत से पापों का होता है नाश, जानिए सुबह मुहूर्त और महत्त्व: Mohini Ekadashi 2023

02:31 PM Apr 24, 2023 IST | Pinki
मोहिनी एकादशी व्रत से पापों का होता है नाश  जानिए सुबह मुहूर्त और महत्त्व  mohini ekadashi 2023
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Mohini Ekadashi 2023: सनातन धर्म में एकादशी तिथि का बहुत अधिक महत्त्व है। सभी एकादशियों में मोहिनी एकादशी को सबसे पावन और फलदायी माना गया है। बैशाख माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को मोहिनी एकादशी कहा जाता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, मोहिनी एकादशी पर विधि-विधान के साथ सच्चे मन से पूजा-अर्चना करने पर मनुष्य कई जन्मों के पाप से मुक्त हो जाता है और उसे मरने पर मोक्ष प्राप्त होता है। इस साल 2023 में 1 मई को मोहिनी एकादशी का व्रत अथवा पूजन किया जाएगा।

मोहिनी एकादशी का महत्त्व?

Lord Vishnu

मोहिनी एकादशी को लेकर धार्मिक मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु ने असुरों से अमृत कलश वापस लाने के लिए मोहिनी रूप धारण किया था। भगवान विष्णु मोहिनी रूप में असुरों को फंसाकर अमृत कलश वापस लेकर आ गए थे और उन्होंने देवताओं को अमृत पान कराया था। इसलिए मोहिनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु के मोहिनी स्वरूप की पूजा-अर्चना की जाती है। प्रत्येक वर्ष मोहिनी एकादशी पर भवगान विष्णु की विधि-विधान से पूजा-अर्चना करने से व्यक्ति समस्त पापों से मुक्त हो जाता है।

कब है मोहिनी एकादशी?

इस साल सोमवार, 1 मई को सुबह 9:00 बजे से 10 बजकर 39 मिनट तक शुभ-उत्तम मुहूर्त रहेगा। इसलिए इस अवधि में की गयी पूजा-अर्चना का फल लाभदायक रहेगा। इस सुबह समय में पूजा करने से भगवान विष्णु की कृपा दृष्टि हमेशा बनी रहती है। पारण समय 2 मई, मंगलवार सुबह 05:40 से सुबह 8:19। पारण के दिन द्वादशी समाप्ति मुहूर्त रात्रि 11 :17 बजे।

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मोहिनी एकादशीकी पूजा-विधि

  • मोहिनी एकादशी पर व्रत करने वाले श्रद्धालु को सुबह स्नान करने के बाद भगवान विष्णु के समक्ष बैठकर उनके मोहिनी स्वरूप का स्मरण करना चाहिए।
  • भगवान विष्णु को स्नान कराने के बाद उनको नए वस्त्र धारण कराएं और श्रंगार करें।
  • भगवान विष्णु को पीले फूल, फल, मिठाई और चन्दन अर्पित करें
  • भगवान विष्णु के मंत्रों का जाप करते हुए व्रत संकल्प लें। तत्पश्चात भगवान को भोग लगाएं।
  • उसके बाद भगवान की आरती करें और परिवार के लोगों को प्रसाद स्वरूप भोग वितरित करें।
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