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सफर में मोशन सिकनेस की समस्या से हैं परेशान, तो इन बातों का रखें ध्यान: Motion Sickness Prevention

09:30 PM May 25, 2023 IST | Rajni Arora
सफर में मोशन सिकनेस की समस्या से हैं परेशान  तो इन बातों का रखें ध्यान  motion sickness prevention
Motion Sickness Preventions
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Motion Sickness Prevention: सफर सुहाना होने के बावजूद कइयों के लिए कई समस्याओं का सबब बन जाता है। बस, कार, ट्रेन, एरोप्लेन या अंदर से बंद वाहन में सफर करते हैं, तो हमें जी घबराना, बैचेनी, उलटी आना, चक्कर आने जैसी समस्याएं होने लगती हैं, जिनसे घबराकर कुछ लोग बाहर जाना भी पसंद नहीं करते। मेडिकल भाषा में इसे मोशन सिकनेस या ट्रेवल सिकनेस कहा जाता है।

ऐसी स्थिति के पीछे वैज्ञानिक ब्रेन के कंफ्यूजन को बड़ा कारण मानते हैं। जब हमारे शरीर की तरफ से मिक्स सिग्नल ब्रेन तक पहुंचते हैं, तो ब्रेन समुचित आकलन न करके उनके साथ तालमेल नहीं बिठा पाता और व्यक्ति को मोशन सिकनेस की समस्या आती हैं। इसे आप इस तरह समझ सकते हैं- जब आप कार में सफर कर रहे होते हैं तो आपके सेंस ऑर्गन और ब्रेन की समझ में टकराव होने लगते हैं। जैसे-बाहर देखने पर आंखें कार को चलता हुआ देखती हैं लेकिन सीट पर बैठा शरीर यह संकेत महसूस नहीं करता। जबकि अंदरूनी कान जो बेलेंसिंग ऑर्गन की तरह काम करता है।

गाड़ी चलने पर शरीर हिलने-डुलने पर अंदरूनी कान ब्रेन तक यह सिग्नल पहुंचाता है कि गाड़ी चल रही है। इसके साथ ही बाहर की ताजी हवा के बजाय नाक के सेंस ऑर्गन बंद कार की हवा में घुटन महसूस करते हैं। इस तरह के मिक्स सिग्नल जब ब्रेन तक पहुंचते हैं, तो इनमें टकराव शुरू हो जाता है जिसे मोशन सिकनेस की समस्या होने लगती है। लेकिन कुछ एहतियात बरत मोशन सिकनेस की स्थिति से कुछ हद तक बचा जा सकता है और अपनी ट्रेवलिंग टाइम को एंजाय किया जा सकता है।

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विेंडो सीट पर बैठने का प्रयास करें

Motion Sickness Prevention
Seat beside the window

किसी भी वाहन में जाते हुए यथासंभव विंडो सीट पर बैठें। अंदर वाली या बीच की सीट के बजाय विंडो सीट पर बैठने पर आपको फ्रेश एयर मिलेगी। अंदर वाली सीट पर अपेक्षाकृत अंदर वाली घुटन भरी हवा होगी जिससे आप असहज महसूस कर सकते हैं। अगर आप बाहर देखना चाहें तो दूर की चीजें देखें ताकि आपको चक्कर कम महसूस हो।

गाड़ी चलने की दिशा में बैठे

वाहन में सीट लेते समय कोशिश करें कि सीट वाहन के सीधे आगे चलने की दिशा में हो। विपरीत दिशा में बैठने पर ब्रेन को दोबारा गलत सिग्नल जा सकते हैं और आपको मोशन सिकनेस की समस्या बढ़ सकती है।

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आंखें बंद कर डीप ब्रीदिंग करें

Take Deep Breath
Take Deep Breath

कोशिश करें कुछ अंतराल के बाद आंखें बंद करके डीप ब्रीदिंग करते रहें। इससे शरीर में गुड हार्मोन का स्राव होगा और आंखों से ब्रेन को जाने वाले सिग्नल में कटौती होगी और उनमें टकराव कम होगा। मोशन सिकनेस की समस्या नहीं आएगी। बॉडी मूवमेंट कम होने से आपको तकलीफ नहीं होगी।

हैवी फूड अवायड करें

सफर के दौरान हैवी फूड खाने से बचें। अपनी पसंदीदा और आसानी से पचने वाली चीजें ही खाएं। इनमें रसीले फल हों, तो बेहतर है। ये आपको हाइड्रेट भी करेंगे। इस बात का ध्यान रखें कि पूरा पेट भर कर सफर न करें क्योंकि इससे घबराहट हो सकती है।

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अपने बैग में कैरी करें कुछ जरूरी चीजें

अपने बैग में आप अदरक के छोटे टुकड़े, खट्टी कैंडीज या अपनी पसंदीदा च्यूंगम, चॉकलेट वगैरह रख सकते हैं। अदरक में ऐसे गुण होते हैं जो जी मिचलाने की समस्या रोकने में मदद कर सकते हैं। यह पेट की जलन को कम करके राहत पहुंचाता है। च्यूंगम चबाने से आपके कानों में उपस्थित तरल सही काम करेगा और आपको रिलेक्स रखेगा। आपका स्वाद बना रहेगा और मूड भी ठीक रहेगा।

इनके अलावा आप नींबू, मुलैठी के छोटे-छोटे टुकड़े भी अपने साथ रख सकते हैं। नींबू आधा काटकर उसमें काला नमक डालकर चूसते रहें। नींबू का रस आपको जरूर आराम पहुंचाएगा। मुलैठी के छोटे टुकड़े मुंह में रखकर चूसने से मोशन सिकनेस में राहत मिलती है।

पढ़ना करें अवायड

वाहन में सफर करते हुए कोशिश करें कि आप पढ़ना अवायड करें। इससे वाहन चलने के हिलते-डुलते अक्षरों के कारण आपके ब्रेन में कंफ्यूजन वाला सिग्नल जाएगा और आपको परेशानी हो सकती है।

ध्यान बंटाने की करें कोशिश

Motion Sickness Preventions

अगर आपको म्यूजिक सुनना पसंद है, तो सफर के दौरान म्यूजिक सुन सकते हैं। कोशिश करें कि म्यूजिक ईयर बड या हैड फोन लगाकर न सुनें क्योंकि इससे आपके अंदरूनी कान का आसपास के वातावरण के साथ तालमेल नहीं बैठ पाएगा। जब आप म्यूजिक सुनना बंद करेंगे तो तबीयत बिगड़ने की संभावना रहेगी। मोशन सिकनेस से बचने के लिए अपने साथ जा रहे परिवार के सदस्यों या अन्य व्यक्ति के साथ बातें करते रहना चाहिए। इससे आपका ध्यान बंटेगा और सफर आसानी से कट जाएगा।

स्क्रीन का इस्तेमाल न करें

मोबाइल या लेपटॉप पर भी गेम्स खेलना, पढ़ना, फोटो देखना या सर्च करना अवायड करें। क्योंकि स्क्रीन के हिलने से देखी जा रही चीजों के लिए गलत इमेज आपके ब्रेन तक जाएंगी , जिससे मोशन सिकनेस की समस्या हो सकती है।

बीच-बीच में टहलें

एक ही स्थिति में लंबे समय तक बैठे रहने पर भी मोशन सिकनेस की समस्या बढ़ जाती है। जरूरी है कि सफर के दौरान बीच में वाहन रुके तो नीचे उतर कर थोड़ा टहल लें।

फ्रेश एयर को गाड़ी के अंदर आने दें

चाहे मौसम कैसा भी हो अपनी गाड़ी के शीशे थोड़े-से खुले रहने देने चाहिए। ताकि फ्रेश एयर का वेंटिलेशन हो सके और आपका मोशन सिकनेस का सामना न करना पड़े। घबराहट हो रही हो, तो खिड़की पूरी खोल कर डीप ब्रीदिंग करें, आराम मिलेगा।

मोशन बैग जरूर रखें साथ

अगर आपको मोशन सिकनेस की समस्या रहती है, तो सफर में अपने साथ मोशन बैग जरूर लेकर चलें। ताकि घबराहट या उलटी आने की फीलिंग होने पर उसे टाइम से निकाला जा सके और आप आसानी से उलटी कर सकें। इससे दूसरों को परेशानी नहीं होगी और सफाई भी रहेगी।

उलटी के बाद सफाई का रखें ध्यान

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उलटी के बाद अच्छी तरह कुल्ला करके मुंह की सफाई जरूर करें। उलटी का कोई कण अगर मुंह में रह जाता है, तो वह आपका स्वाद खराब कर सकता है।

मेडिसिन का लें सहारा

अगर बहुत जरूरी हो तो आप डॉक्टर से परामर्श करके मोशन सिकनेस से बचाव के लिए सफर शुरू करने से एक घंटा पहले मेडिसिन भी ले सकते हैं। ये मेडिसिन आपके ब्रेन के उस हिस्से को न्यूट्रीलाइज कर देते हैं जिनमें शरीर द्वारा भेजे गए मिक्स सिग्नल पहुंच नहीं पाते और आप रिलेक्स रहते हैं।

(डॉ जे रावत, कंसल्टेंट फिजीशियन, सहगल नियो अस्पताल, दिल्ली)

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