20+ मैसूर में घूमने के लिए बेहतरीन स्थान और प्रमुख दर्शनीय स्थल
Mysore Me Ghumne ki Best Jagah:अगर आप इस बार गर्मियों में किसी स्थान पर जाने का प्लान बना रहे हैं तो इस समय मैसूर घूमने जाने के लिए परफ़ेक्ट डेस्टिनेशन है। यह कर्नाटक राज्य में स्थित एक शहर है, जो अपनी ख़ूबसूरती के कारण बड़ी संख्या में देश विदेश से पर्यटकों को आकर्षित करता है। यह शहर अपने समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और ऐतिहासिक महत्व के कारण भारत के प्रमुख पर्यटक स्थलों में से एक माना जाता है। महल, बाग, झील, सिल्क और चंदन के इस खूबसूरत शहर का एक बार तो जरूर भ्रमण करना चाहिए। तो, चलिए आज हम आपको मैसूर में घूमने लायक 20 बेहतरीन जगहों के बारे में बताते हैं।
जगह | दूरी/किलोमीटर |
चेन्नाकेशव मंदिर (Chennakeshwar Temple) | 35 |
चामुंडेश्वरी मंदिरवि (Chamundeshwari Temple) | 13 |
त्रिनेश्वरस्वामी मंदिर (Trineshvarswami Temple) | 3 |
सेंट फिलोमेना चर्च (St Filomena Church) | 1.5 |
मैसूर पैलेस (Meysore Palace) | 2.1 |
जगनमोहन पैलेस (Jagmohan Palace) | 1.5 |
मैसूर चिड़ियाघर (Meysore Zoo) | 3 |
करणजी झील (Karanji Jheel) | 5 |
रेल संग्रहालय (Rail Museum) | 1 |
टीपू सुल्तान समर पैलेस (Tipu Sultan Summer Palace) | 25 |
वृन्दावन गार्डन (Vrindavan Garden) | 18.8 |
रंगनाथिट्टू पक्षी अभ्यारण्य (Rangnathittu Bird Sanctury) | 15.3 |
एडमुरी फॉल्स (Edmuri Falls) | 3 |
गुंबज-ए-शाही (Gumbaj-e-shahi) | 16.6 |
कृष्णराज सागर डैम (Krishnaraj Sagar Dam) | 19 |
मेलोडी वर्ल्ड वैक्स म्यूजियम (Melody World Wax Museum ) | 4.3 |
जयलक्ष्मी विलास पैलेस (Jailakshmi Vilas Palace) | 3.4 |
ललिता महल (Lalitha Mahal) | 6.4 |
रेत मूर्तिकला संग्रहालय (Rait Moortikala Museum) | 12.6 |
किष्किंधा मूलिका बोनसाई उद्यान (Kishkindha Moolika Bonsai Garden) | 5.3 |
चेन्नाकेशव मंदिर (Chennakeshwar Temple)
कावेरी तट पर मौजूद चेन्नाकेशव मंदिर मैसूर का प्रमुख दर्शनीय और धार्मिक स्थल है। यह मंदिर एक वैष्णव हिंदू मंदिर है, जिसमें भगवाल कृष्ण की आकर्षक प्रतिमा है। यह मंदिर होयसाल वास्तुकला का एक अच्छा उदाहरण है। अब इस मंदिर में पूजा नहीं की जाती है क्योंकि इस मंदिर को मुस्लिम सेनाओं द्वारा तोड़ दिया गया था। फिर भी इस मंदिर को देखने के लिए हजारों की तादात में यात्रियों का आना जाना लगा रहता है।
प्रवेश शुल्क
- यहाँ कोई प्रवेश शुल्क नहीं है। यह मंदिर प्रातः 7 बजे से रात्रि 8.00 बजे तक प्रवेश के लिए खुला रहता है।
चामुंडेश्वरी मंदिर (Chamundeshwari Temple)
- चामुंडेश्वरी मंदिर मैसूर के पूर्व किनारे पर शहर से 11 किलोमीटर दूर स्थित बहुत ही प्रसिद्ध मंदिर है जो कि चामुंडी हिल्स पर 1000 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। इस मंदिर में चामुंडी देवी की पूजा की जाती है। चामुंडेश्वरी मंदिर को 18 महापीठ में से एक माना जाता है। यहाँ नंदी और महिषासुर की मूर्ति भी स्थापित है। किंवदंतियों के अनुसार, देवी ने इसी पहाड़ी पर राक्षस राजा महिषासुर को हराया था।कहा जाता है कि यह 1000 से अधिक वर्ष पुराना है।
प्रवेश शुल्क
यहाँ विशेष प्रवेश दर्शन टिकट की कीमत प्रति व्यक्ति 30 रुपये है और वीआईपी दर्शन टिकट की कीमत प्रति व्यक्ति 100 रुपये है। चामुंडेश्वरी मंदिर सोमवार से शनिवार तक सुबह 7.30 बजे से दोपहर 2 बजे तक, दोपहर 3.30 बजे से शाम 6 बजे तक और शाम 7.30 बजे से रात 9 बजे तक भक्तों के लिए खुला रहता है।
त्रिनेश्वरस्वामी मंदिर (Trineshvarswami Temple)
मैसूर फोर्ट के बाहर स्थित भगवान शिव को समर्पितत त्रिनेश्वरस्वामी मंदिर भारत के प्राचीनतम मंदिरों में से एक है। त्रिनेश्वर का वास्तविक अर्थ तीन नेत्र वाले शिव होता है। यह मंदिर द्रविड़ वास्तुकला की सुंदरता का एक अच्छा उदाहरण है। इस मंदिर का गोपुर 18 वीं शताब्दी में नष्ट हो गया था, लेकिन मंदिर द्रविड़ वास्तुकला की सुंदरता आज भी पर्यटकों को आकर्षित करती है।
प्रवेश शुल्क
यहाँ कोई प्रवेश शुल्क नहीं है।
सेंट फिलोमेना चर्च (St Filomena Church)
सैंट फिलोमिना चर्च मैसूर का प्रमुख चर्च है।इस चर्च को एशिया के दूसरे सबसे लंबे चर्च के रूप में जाना जाता है। सेंट फिलोमेना कैथेड्रल का निर्माण मैसूर के महाराजा मुमुदी कृष्णराज वाडियार ने 1843 में चौथी शताब्दी के संत और शहीद सेंट फिलोमेना की याद में किया था। शाम के समय शांति से कुछ समय बिताना चाहते हैं तो इस चर्च में जाकर बैठ जायें।
प्रवेश शुल्क
यहाँ प्रवेश के लिए कोई शुल्क नहीं है। इसका समय: प्रातः 5:00 बजे से रात्रि 8:00 बजे तक है।
मैसूर पैलेस (Mysuru Palace)
मैसूर पैलेस को इस शहर का प्रमुख आकर्षण का केंद्र माना जाता है। यह पैलेस इंडो सरकेनिक शैली की वास्तुकला एक बहुत ही अच्छा उदाहरण भी माना जाता है। इस महल को देखने देश विदेश से बड़ी संख्या में पर्यटक आते हैं। यहाँ का शाही बगीचा बड़ी संख्या में पर्यटकों को आकर्षित करता है। ताजमहल के बाद मैसूर पैलेस दूसरा सबसे ज्यादा देखे जाने वाले ऐतिहासिक इमारतों में से एक हैं।
प्रवेश शुल्क
वयस्कों के लिये यहाँ प्रवेश शुल्क 100 रुपए है। 7 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए प्रवेश निःशुल्क है। 7 से 12 साल के बच्चों के लिए यह शुल्क 50 रुपए है। यह सुबह 10 बजे से शाम 5.30 बजे तक खुला रहता है।
जगनमोहन पैलेस (Jagmohan Palace)
जगनमोहन पैलेस मैसूर शहर का बेहतरीन दर्शनीय स्थल है। जगनमोहन पैलेस का निर्माण 1861 में कृष्णराजा वोडेयार तृतीय के शासनकाल के दौरान शाही परिवार के लिए एक वैकल्पिक आश्रय स्थल के रूप में किया गया था।वर्तमान समय में जगनमोहन पैलेस को आर्ट गैलरी में बदल दिया गया है, और यहाँ बहुत सी कलाकृतियाँ देखने को मिलती हैं। तीन मंजिलों पर स्थापित, इसमें भारतीय चित्रों का एक विशाल संग्रह है, जिसमें प्रसिद्ध कलाकार राजा रवि वर्मा की कृतियाँ, पारंपरिक जापानी कला और कुछ दुर्लभ संगीत वाद्ययंत्र शामिल हैं।जयचामाराजेंद्र आर्ट गैलरी जगनमोहन पैलेस के अंदर है
प्रवेश शुल्क
वयस्कों के लिए 20 रुपये और बच्चों के लिए 10 रुपये का प्रवेश शुल्क लिया जाता है।
मैसूर चिड़ियाघर (Mysuru Zoo)
यहाँ के चिड़िया घर को श्री चामराजेंद्र जूलॉजिकल उद्यान के नाम से भी जाना जाता है क्योंकि चामराजेंद्र वाडियार ने 1892 में इस चिड़ियाघर की स्थापना की थी। राजा चामराजेंद्र वाडियार यूरोपीय देशों की अपनी यात्रा के दौरान जिराफ़, मृग, भालू, चिंपैंजी और प्राइमेट्स जैसे जानवरों को लाते थे। बाघ , शेर, जगुआर, हाथी, जिराफ़, तेंदुआ, गैंडा, बबून, मगरमच्छ, चिंपैंजी, वालेबी, दरियाई घोड़ा, ज़ेबरा, भेड़िया और ढोले जैसे जानवर मुख्य आकर्षण हैं। मैसूर चिड़ियाघर एकमात्र प्राणी उद्यान है जहां पर्यटक गोरिल्ला देख सकते हैं। यहाँ दुर्लभ जानवर जैसे लाल कंगारू, लेमर्स, सन बियर आदि को यहाँ देखा जा सकता है।
प्रवेश शुल्क
वयस्कों के लिए 50 रुपये और 5-12 वर्ष की आयु के बच्चों के लिए 20 रुपये का प्रवेश शुल्क लिया जाता है, जो सप्ताहांत और राष्ट्रीय छुट्टियों पर 60 और 30 रुपये तक जाता है। चिड़ियाघर मंगलवार को छोड़कर सभी दिनों में सुबह 8.30 बजे से शाम 5.30 बजे तक जनता के भ्रमण के लिए खुला रहता है।
करणजी झील (Karanji Lake)
करणजी झील यहाँ की बेहद सुंदर झील है। इस झील को फव्वारा झील के नाम से भी जाना जाता है। यहाँ एक तितली पार्क भी मौजूद है, जहां पर तितलियों की 45 से भी अधिक प्रजातियां देखने को मिलती है जो कि काफी ज्यादा रंग बिरंगी और सुंदर होती है। यहाँ सबसे बड़ा 'वॉक-थ्रू एवियरी' भी है। करंजी झील में बगुले सहित लगभग 147 प्रजातियाँ प्रदर्शित हैं। करंजी झील को देश की सबसे बड़ी पक्षीशाला के रूप में जाना जाता है। करणजी झील लगभग 90 एकड़ क्षेत्र में फैली हुई है।
प्रवेश शुल्क
इस झील में प्रवेश शुल्क सभी वयस्कों के लिए 10 रुपये और बच्चों (0-15 वर्ष की आयु के बीच) और वरिष्ठ नागरिकों के लिए 5 रुपये है। यह परिसर पर्यटकों के लिए सुबह 8:30 बजे से शाम 6 बजे तक भ्रमण के लिए खुला रहता है । मंगलवार को परिसर बंद रहता है।
रेल संग्रहालय (Rail Museum)
अगर आपको रेल से जुड़ी जानकारी हासिल करने में रुचि है तो आप यहाँ के रेल संग्रहालय में विजिट ज़रूर करें। इस संग्रहालय के अंतर्गत विभिन्न वस्तुओं और तस्वीरों के संग्रह के माध्यम से भारतीय रेलवे की यात्रा और विकास को काफी अच्छे तरीके से प्रदर्शित किया गया है। यहाँ बैटरी संचालित एक मिनी टॉय ट्रेन है, जो कि संग्रहालय के मैदान के चारों ओर घूमती है। इस संग्रहालय की स्थापना 1979 में भारतीय रेलवे द्वारा की गई थी और यह दिल्ली में राष्ट्रीय रेलवे संग्रहालय के बाद दूसरा ऐसा संग्रहालय है।
प्रवेश शुल्क
यहाँ प्रवेश शुल्क 20 रुपए है और 5 से 10 साल के बच्चों के लिए यह शुल्क 10 रुपए है।
टीपू सुल्तान समर पैलेस (Tipu Sultan Summer Palace)
टीपू सुल्तान समर पैलेस मैसूर के प्रसिद्ध महलों में से एक है। सागौन की लकड़ी से बना यह महल श्रीरंगपटना में स्थित है। 18 वीं शताब्दी के अंत में मैसूर के तत्कालीन शासक टीपू सुल्तान ने इस महल का निर्माण समर रिट्रीट के रूप में करवाया था। खूबसूरत इंडो-इस्लामिक शैलियों में बना यह महल बहुत ही आकर्षक है। दरिया दौलत परिसर में स्थित संग्रहालय में आप महल के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
प्रवेश शुल्क
भारतीय नागरिक के लिए प्रवेश शुल्क 15 रुपए प्रति व्यक्ति है। । हर रोज सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक यह पैलेस खुला रहता है।
वृन्दावन गार्डन (Vrindavan Garden)
वृन्दावन गार्डन मैसूर का एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल है। 60 एकड़ में फैला यह गार्डन मैसूर से 21 किमी की दूरी पर स्थित है। 1932 में मैसूर के दीवान सर मिर्जा इस्माइल द्वारा निर्मित, बृंदावन गार्डन में हर साल लाखों पर्यटक आते हैं। बृंदावन उद्यानों में यूफोरबिया, बोगनविलिया, फिकस, सेलोसिया आदि सहित विभिन्न प्रकार की वनस्पतियां हैं। यहाँ शाम के समय बैठने के लिए अच्छी सुविधा है।
प्रवेश शुल्क
वयस्कों के लिये प्रवेश शुल्क 50 रुपए और 5 से 10 वर्ष की आयु के बच्चों के लिए यह शुल्क 10 रुपए है।यह गार्डन दोपहर 3 बजे से रात 9 बजे तक पर्यटकों के लिए खुलता है।
रंगनाथिट्टू पक्षी अभ्यारण्य (Rangnathittu Bird Sanctury)
मैसूर से 18 किमी की दूरी पर मांड्या जिले में स्थित रंगनाथिट्टू पक्षी अभ्यारण्य राज्य का सबसे बड़ा पक्षी अभयारण्य है। यह 40 एकड़ से अधिक में फैले इस अभ्यारण के तट पर छह टापू शामिल हैं। इस पक्षी अभयारण्य की यात्रा के लिए यात्रियों को श्रीरंगपटना की सवारी करनी पड़ती है। अभयारण्य में पक्षियों की विभिन्न प्रजातियों के अलावा कुछ सरीसृपों की प्रजातियाँ भी देखने को मिलती हैं।
प्रवेश शुल्क
वयस्कों को यहाँ प्रवेश के लिए 75 रुपए और बच्चों को 25 रुपए देना होते हैं। यह अभ्यारण सभी दिन सुबह 8:30 से शाम 5:30 बजे तक खुला रहता है।
एडमुरी फॉल्स (Edmuri Falls)
एडमुरी या बालमुरी फॉल्स मैसूर शहर से सिर्फ 3 किमी दूर कृष्णा राजा सागर मार्ग पर स्थित है। गर्मी से बचने के लिए आये पर्यटकों के लिए यह फॉल्स एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल हैं। आप अपने बच्चों के साथ यहाँ स्विमिंग का आनंद भी ले सकते हैं। आपको यहां कुछ नाविक भी मिल सकते हैं जो मामूली कीमत पर आपको कावेरी नदी के पानी में रोमांचक नाव की सवारी करा सकते हैं।
प्रवेश शुल्क
यहाँ प्रवेश के लिए कोई शुल्क नहीं है।
गुंबज-ए-शाही (Gumbaj-e-shahi)
गुंबज-ए-शाही प्रसिद्ध राजा टीपू सुल्तान, उनके पिता हैदर अली और उनकी मां फखर-उन-निसा का विश्राम स्थल है। इस जगह को टीपू सुल्तान ने 1782-84 में श्रीरंगपटना में अपने माता-पिता की कब्रों को रखने के लिए बनवाया था। हालांकि, 1799 में श्रीरंगपट्टन की घेराबंदी के दौरान मारे जाने के बाद, उन्हें वहीं दफनाया गया था। अब, मकबरा कई राजघरानों और टीपू सुल्तान के शासन के लोगों की कब्रों का घर है।
प्रवेश शुल्क
यहाँ प्रवेश निःशुल्क है। इसे देखने आप किसी भी दिन सुबह 8 बजे से शाम 6:30 बजे तक जा सकते हैं।
कृष्णराज सागर डैम (Krishnaraj Sagar Dam)
अगर आप मैसूर घूमने जाते हैं तो कावेरी नदी और उसकी सहायक नदियों हेमावती और लक्ष्मण तीर्थ के संगम के पास स्थित कृष्णराज सागर डैम देखने ज़रूर जायें। इसे सर एम. विश्वेश्वरैया द्वारा डिजाइन किया गया था। इस बांध को देखने बड़ी संख्या में पर्यटक आते है। ख़ासतौर पर मानसून के मौसम में इस बांध की ख़ूबसूरती देखते ही बनती है। डैम के पास ही तालाब में आप नाव की सवारी का आनंद उठा सकते हैं। साथ ही बगल में बने वृंदावन पार्क में घूम सकते हैं।
प्रवेश शुल्क
यहाँ प्रवेश के लिए कोई शुल्क नहीं है।
मेलोडी वर्ल्ड वैक्स म्यूजियम (Melody World Wax Museum )
भारत का तीसरा सबसे बड़ा कला संग्रहालय, मेलोडी वर्ल्ड वैक्स म्यूजियम अपनी तरह का अनूठा म्यूजियम है। संग्रहालय का मुख्य आकर्षण पारंपरिक पोशाक में विभिन्न संगीत वाद्ययंत्र बजाने वाले संगीतकारों की 100 से अधिक आदमकद मोम की मूर्तियाँ हैं। संग्रहालय को 19 दीर्घाओं में विभाजित किया गया है,
प्रवेश शुल्क
यहाँ प्रवेश शुल्क 30 रुपए प्रति व्यक्ति है। सुबह 9.30 बजे से शाम 7 बजे तक यह पर्यटकों के लिए खुला रहता है।
जयलक्ष्मी विलास पैलेस (Jailakshmi Vilas Palace)
यह महल मैसूर के प्रमुख आकर्षणों में से एक है। यह महाराजा चामराजा वोडेयार की सबसे बड़ी बेटी के लिए 1905 में निर्मित किया गया था। इस पैलेस को पहली राजकुमारी हवेली भी कहा जाता था। 6 एकड़ भूमि में फैले इस विशाल महल में लगभग 125 कमरे और 250 से अधिक नक्काशीदार दरवाजे और खिड़कियां हैं। इसे कर्नाटक सरकार द्वारा विरासत स्थल घोषित किया गया है।इस महल में तीन संग्रहालय हैं, लोकगीत संग्रहालय, पुरातत्व संग्रहालय और सामान्य संग्रहालय।
प्रवेश शुल्क
यहाँ वयस्कों के लिए प्रवेश शुल्क 15 रुपए और बच्चों के लिए 5 रुपए है। यह महल पर्यटकों के लिए सुबह 10 बजे से शाम 6 बजे तक खुला रहता है।
ललिता महल (Lalitha Palace)
चामुंडी पहाड़ियों की तलहटी में स्थित ललिता महल मैसूर का दूसरा सबसे बड़ा महल है। ईडब्ल्यू फ्रिचली ने इस महल को डिजाइन किया था। कहा जाता है कि इस महल की संरचना सेंट पॉल कैथेड्रल की नकल है जो लंदन में स्थित है। इसका निर्माण 1921 में मैसूर राजा कृष्णराज वोडेयार चतुर्थ द्वारा भारत के तत्कालीन वायसराय के लिए अतिथि गृह के रूप में किया गया था। बाद में यह एक शाही अतिथि गृह के रूप में कार्य करने लगा। 1974 में ललिता महल पैलेस को एक आलीशान हेरिटेज होटल में बदल दिया गया। वर्तमान में इसका रखरखाव अशोक ग्रुप ऑफ इंडिया टूरिज्म डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (आईटीडीसी) द्वारा किया जाता है।
प्रवेश शुल्क
यहाँ प्रवेश शुल्क 100 रुपए है। यह महल दर्शन के लिए सुबह 8:00 बजे से शाम 5:00 बजे तक खुला रहता है।
रेत मूर्तिकला संग्रहालय (Ret Moortikala Museum)
पूरे देश में यह पहला रेत मूर्तिकला संग्रहालय मैसूर का प्रमुख दर्शनीय स्थलों है। 2014 में निर्मित यह संग्रहालय रेत कृतियों की विस्तृत श्रृंखला को प्रदर्शित करता है। इस संग्रहालय में रेत और पानी से बनी आकर्षक मूर्तियां हैं।
प्रवेश शुल्क
यहाँ वयस्कों के लिए प्रवेश शुल्क 60 रुपए और बच्चों के लिए 30 रुपए है।
किष्किंधा मूलिका बोनसाई उद्यान (Kishkingha Moolika Bonsai Garden)
मैसूर के इस उद्यान को देश का सबसे बड़ा बोन्साई उद्यान माना जाता है। चार एकड़ के क्षेत्र में फैले इस उद्यान में 250 से अधिक बोन्साई नमूने हैं। बगीचे में कुछ दुर्लभ किस्म के कैसुरिनास और कुछ समुद्री बोन्साई हैं। पार्क के चारों ओर आपको पेड़ों के साथ-साथ बुद्ध और डरे हुए बंदरों की मूर्तियाँ भी मिलेंगी।
प्रवेश शुल्क
यहाँ प्रवेश के लिए 25 रुपए देने होते हैं।
मैसूर घूमने का सही समय- Best time to visit Mysuru
मैसूर घूमने का सबसे अच्छा समय अक्टूबर से फ़रवरी के बीच है। इस समय मौसम घूमने के लिए एकदम अनुकूल रहता है। मार्च से मैं में मैसूर में मौसम थोड़ा गर्म रहता है। दिन में यहां धूप होती है लेकिन शाम को मौसम ठंडा हो जाता है। ऐसे में आप हर तरह की ऐक्टिविटी को एंजॉय कर सकते हैं।
मैसूर कैसे पहुँचें?
हवाई जहाज़ से- यहाँ का निकटतम अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा 140 किमी दूर बेंगलुरु में है। मैसूर में एक छोटा घरेलू हवाई अड्डा है जिसका उपयोग चार्टर्ड उड़ानों द्वारा किया जाता है। बेंगलुरु से आप मैसूर के लिए टैक्सी सेवाएँ ले सकते हैं।
ट्रेन से- मुंबई, दिल्ली, चेन्नई, हैदराबाद और दूसरे कई प्रमुख शहरों से मैसूर के लिए बहुत सी ट्रेनें हैं । यदि आपके शहर से मैसूर के लिए कोई ट्रेन नहीं है, तो बैंगलूर के लिए ट्रेन लें और फिर मैसूर के लिए कनेक्टिंग ट्रेन या बस लें।
सड़क मार्ग से- आप सड़क मार्ग से भी आराम से मैसूर पहुँच सकते हैं। यहाँ पहुँचने के लिए पास के शहरों से कई सरकारी और निजी बस उपलब्ध हैं। आप अपनी गाड़ी से भी यहाँ जा सकते हैं।
मैसूर में ठहरने के लिए टॉप होटल
रेडिसन ब्लू प्लाजा
1, एम जी रोड, इंदिरनगर एक्सटेंशन, जेसी नगर, मैसूर
फार्च्यून जे पी पैलेस
3, अब्बा रोड, नज़रबाद, मैसूर
ग्रैंड मर्क्यूरी
न्यू सयाजी राव रोड, नेल्सन मंडेला रोड, मैसूर
FAQ | मैसूर के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
अच्छे से मैसूर घूमने के लिए आपको कम से कम 3 से 4 दिन का समय चाहिए ।
यह आपके बजट पर निर्भर करता है कि आप कितने दिन घूमते हैं। लेकिन फिर भी आपको कम से कम 25 से 30 हज़ार रुपए का बजट रखना होगा।
मैसूर घूमने का सबसे अच्छा समय अक्टूबर से फ़रवरी के बीच हैI इस समय मौसम अनुकूल रहता है।
मैसूर में रहने के लिए आपको हर रेंज में होटल मिल सकते हैंI आप अपने बजट के अनुसार देख सकते हैं।
मैसूर में ऐसे कई जगह हैं, जहाँ आप रात में घूम सकते हैं। रात में आप बाज़ार का भी आनंद ले सकते हैं।