जानें उन पांच कारणों के बारे में जिससे आपको मैरिज काउंसलर की जरूरत पड़ती है: Marriage Counselling
Marriage Counselling: शादी कोई सपनों की दुनिया नहीं है जिसमें सिर्फ अच्छी यादें और पल समाहित होते हैं। शादी में एक ओर प्यार और खुशियां हैं तो दूसरी ओर तकरार और उलझनें भी। वैवाहिक जीवन में कई तरह के उतार-चढ़ाव आते हैं, जिसे बैलेंस करने के लिए दोनों ही पार्टनर को काफी मेहनत और सेक्रीफाइस करने पड़ते हैं। शादी के कुछ सालों तक सब कुछ बेहतर और सुहाना महसूस होता है लेकिन जैसे-जैसे जिम्मेदारियों का बोझ बढ़ने लगता है रिश्ते में दरार और कई तरह की कमियां नजर आने लगती हैं। जिस वजह से लड़ाइयां और मनमुटाव भी बढ़ने लगते हैं। इतनी सारी चुतौतियों को सुलझाने में कई बार कपल्स विफल रहते हैं। ऐसे में रिश्ते को बचाने के लिए हमें मैरिज काउंसलर की आवश्यकता पड़ती है, जो मुद्दों को सुनकर व समझकर अपनी राय देते हैं। मैरिज काउंसलर के होने से कपल्स आपस में बात करते हैं और सही डिसीजन पर पहुंच पाते हैं। चलिए जानते हैं ऐसे संकेतों के बारे में जिनकी मदद से आप पहचान सकते हैं कि आपको मैरिज काउंसलर की सलाह क्यों लेनी चाहिए।
कम्यूनिकेशन गैप

कभी-कभी कपल्स के बीच बातचीत यानी कम्यूनिकेशन पूरी तरह से बंद हो जाता है। वह न बात करना पसंद करते हैं और न ही बात करने की पहल करते हैं। जिस वजह से मुद्दा सुलझने की बजाय बढ़ जाता है। ऐसे में मैरिज काउंसलर दोनों पक्षों को कम्यूनिकेट करने का आग्रह करता है जो रिश्ते को जोड़ने का काम करता है। कम्यूनिकेशन से कई उलझनों को सुलझाने का मौका मिलता है। मैरिज काउंसलर से मदद लेना फायदेमंद होता है न कि रिश्ते का अंत। इसलिए यदि आपके रिश्ते में खटास आ रही है तो काउंसलर से मिलें और तनाव कम करें।
टकराव होने की स्थिति में

तर्क-वितर्क और टकराव वैवाहिक जिंदगी का हिस्सा है। लेकिन अगर हर बार कोई समस्या सामने आने पर आप भद्दे तर्क-वितर्क का सहारा लेते हैं, तो मतभेदें को सुलझाने और गुस्से को शांत करने के लिए तीसरे पक्ष को हस्तक्षेप करने की आवश्यकता पड़ सकती है। ऐसी स्थिति में मैरिज काउंसलर आपकी बात सुनेंगे और सही-गलत का फैसला करेंगे। यह एक साधारण प्रक्रिया है जिसमें कपल्स को अपनी बात खुलकर बोलने का मौका दिया जाता है।
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लत की समस्या

ये एक पेचीदा समस्या है जिसे अक्सर कपल्स आपस में सुलझा नहीं पाते। किसी भी तरह की लत आपके रिश्ते को प्रभावित कर सकती है। अगर आप अपने पार्टनर की किसी भी प्रकार की लत को छुड़ाने में असफल हो रहे हैं, तो काउंसलर के पास जाएं ताकि आप अपने पार्टनर की मदद कर सकें। काउंसलर समस्या की जड़ तक पहुंचकर व्यक्ति की लत को छुड़ाने का प्रयास करते हैं। जैसे- अल्कोहल की तल रिश्ते को समाप्त कर सकती है जिसे छुड़ाने में काउंसलर मदद कर सकते हैं।
भावनात्मक रूप से अलग होना

रिश्तों को मजबूत बनाने में भावनाओं का अहम रोल होता है। जब कपल्स के बीच भावनात्मक दूरी आने लगती है तो रिश्ते को बचाना बेहद मुश्किल हो जाता है। भावनात्मक दूरी का मुख्य कारण है कम्यूनिकेशन गैप। कम्यूनिकेशन गैप की वजह से कपल्स एक-दूसरे की भावनाओं को समझ नहीं पाते। इसके अलावा रोमांस की कमी भी भावनात्मक दूरी बढ़ाने के लिए जिम्मेदार मानी जाती है। इसलिए एक ऐसे काउंसलर से मिलें जो रिश्ते की अहमियत को समझाएं और कपल्स की दूरी को कम करें।
सेक्स लाइफ होना या न होना

एक्सपर्ट्स का कहना है कि पार्टनर के बीच सेक्स का होना और न होना दोनों मायने रखता है। यदि पार्टनर के बीच अधिक सेक्स होता है तो भी रिश्ते में दरार आ सकती है। वहीं सेक्स का न होना पार्टनर को भावनात्मक रूप से अलग कर सकता है। सेक्स को लेकर कई बार हम पार्टनर से बात करने में सहज महसूस नहीं करते हैं, ऐसे में मैरिज काउंसलर आपकी मदद कर सकते हैं। काउंसलर के साथ एक सेशन लेने से आपको ऐसे मुद्दे पर बात करना आसान हो सकता है।
बातें छिपाना

अधिकतर कपल्स एक-दूसरे से छोटी-छोटी बातें भी शेयर करते हैं। लेकिन अचानक बातों को छिपा लिया जाए तो रिश्ते खराब होने लगते हैं। माना कि हर रिश्ते में कुछ गोपनीयता रखना अच्छा होता है लेकिन कई बार पार्टनर इससे हर्ट हो सकते हैं। ऐसे में जरूरी है कि आप मैरिज काउंसलर की मदद लें। इससे किसी भी मुद्दे पर बात करने और उसे सुलझाने में सहायता मिलेगी। इसके अलावा काउंसलर कई राज का भी खुलासा कर सकते हैं।