प्रेग्नेंसी के दौरान क्यों होता है सुन्नपन, जानिए इससे निपटने के नायाब तरीके: Numbness During Pregnancy
Numbness During Pregnancy: प्रेग्नेंट महिलाओं को प्रेग्नेंसी के दौरान कई तरह के अनुभव और समस्याएं होती है, जिसमें से एक है सुन्नपन। ये शरीर के किसी भी हिस्से में महसूस किया जा सकता है। ये एक सामान्य लक्षण है जो कई प्रेग्नेंट महिलाओं को डिलीवरी के दौरान अनुभव होता है। शरीर में होने वाले बदलावों की वजह से कई बार ऐसे लक्षण महसूस होने लगते हैं। सेकंड ट्रेमिस्टर में होने वाला सुन्नपन या झुनझुनी ज्यादातर नींद की कमी के कारण होती है। ये समस्या थर्ड ट्रेमिस्टर में अधिक परेशान कर सकती है। इस दौरान जीभ, पेट या पैर और हाथ सुन्न हो जाते हैं जिसे ठीक करना जरूरी हो जाता है। कई बार ये समस्या सोते समय भी महसूस होती है। सुन्नपन की स्थिति से कैसे निपटा जाए चलिए जानते हैं इसके बारे में।
प्रेग्नेंसी में सुन्नपन का अहसास कब होता है
- प्रेग्नेंसी के दौरान पूरे शरीर में सुन्नपन होना आम बात है। ये कोई चिंता का विषय नहीं है। प्रेग्नेंट महिलाओं को ज्यादातर सुबह उठने के तुरंत बाद पैरों में सुन्नपन का अनुभव होता है।
- सुन्नता के लक्षण सनसनी, झुनझुनी और दर्द के रूप में सामने आते हैं, जो आमतौर पर बैठने की स्थिति में बदलाव करने से कम हो सकती है।
- कई बार भारी सामान उठाने से भी सुन्नपन हो सकता है।
- कुछ प्रेग्नेंट महिलाओं को कभी-कभी एक निश्चित प्रकार के भोजन का सेवन करने के बाद अचानक गर्दन पर दबाव पड़ने लगता है जिस वजह से जीभ में सुन्नपन महसूस होता है।
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प्रेग्नेंसी के दौरान सुन्नता के कारण
- शरीर में हार्मोनल चेजेंज
- प्रेग्नेंसी में बढ़ता वजन भी जोड़ों की नसों को जकड़ लेता है और एक हिस्से को सुन्न कर देता है।
- प्रारंभिक प्रेग्नेंसी में हार्मोन पानी को बनाए रखते हैं जो कार्पल टनल सिंड्रोम की ओर इशारा करते हैं। ये सिंड्रोम एक दर्दनाक स्थिति है जो हाथों और बाहों को प्रभावित करती है।
- आयरन की कमी या आनुवांशिक कारकों के कारण होने वाला एनीमिया भी सुन्नता का कारण हो सकता है।
- विटामिन बी-12 और विटामिन डी की कमी इसके कारक हो सकते हैं।
- शरीर में ब्लड सर्कुलेशन का कम होना भी इसे बढ़ावा दे सकता है।
सुन्न होने का इलाज कैसे करें
- प्रेग्नेंसी के दौरान सुन्न करने वाले प्रभाव को ठीक करने का कोई तरीका नहीं है। लेकिन दर्द को कुछ हद तक शांत किया जा सकता है।
- सुन्नता बढ़ाने वाले भोजन के सेवन से बचें।
- गर्दन में होने वाले अचानक मूवमेंट से बचें।
- अचानक से शरीर में होने वाले परिवर्तन से रीढ़ की नसों पर दबाव पड़ता है जिससे चेहरे और जीभ में सुन्नता महसूस होती है।
- वजन उठाने या गलत मुद्रा में बैठने से बचें।
- सोडियम से भरपूर भोजन का सेवन कम करें जिससे हाई बीपी और वॉटर रिटेंशन से बचा जा सके।
- पैरों में सुन्नता महसूस होने पर धीरे-धीरे वॉक करें। इससे ब्लड सर्कुलेशन सुधरता है।
- जीभ पर सुन्नपन महसूस होने पर अधिक पानी का सेवन करें।