भगवान जगन्नाथ की पवित्र भूमि ओडिशा घूमने की पूरी जानकारी: Odisha Travel Guide
Odisha Travel Guide: ओडिशा का नाम आते ही हमारे ज़ेहन में जगन्नाथधाम औऱ कोणार्क सूर्य मंदिर का ध्यान आता है। ये दोनों ही ओडिशा की बेहद ख़ास जगहें हैं जिसकी वजह से श्रद्धालुओं का आना और जाना लगा रहता है। इस जगह पर देश के कोने कोने से लोग पहुंचते और अपनी आस्था को प्रकट करते हैं। यह लाखों श्रद्धालुओं के आस्था का प्रमुख केंद्र हैं। दुनिया भर से आए सैलानी इस जगह के इतिहास, समृद्ध परंपरा और प्राकृतिक संपदाओं के बारे में जानना चाहते हैं। इस जगह पर आने वाले सैलानियों के लिए काफ़ी कुछ है। इस जगह पर आपको खूबसूरत समुद्री तट, सैंकड़ों दर्शनीय मंदिर और तरह तरह की ऐतिहासिक जगहें देखने को मिलती हैं। ओडिशा वैसे तो काफ़ी बड़ा है और घूमने लगे तो महीनों का समय कम पड़ जाएगा। इस लेख के माध्यम से हम आपको यह बताने वाले हैं कि उड़ीसा कैसे घूम सकते हैं।
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जगन्नाथ मंदिर
जगन्नाथ मंदिर ओडिशा ही नहीं बल्कि हमारे देश के सबसे प्रमुख दर्शनीय स्थलों में आता है। इस मंदिर का निर्माण 12वीं शताब्दी में गंगा राजवंश के शासको के द्वारा करवाया गया था। यह मंदिर अपनी रथ-यात्रा के लिए दुनियाभर में जाना जाता है। इस मंदिर की बहुत ही ज़्यादा मान्यता है। इस मंदिर में भगवान जगन्नाथ, भगवान बलभद्र और देवी सुभद्रा की पूजा होती है। यही वजह है कि देव दर्शन के लिए हर दिन हज़ारों की संख्या में यहाँ पर लोग पहुंचते और अपनी आस्था को प्रकट करते हैं।
कटक
कटक ओड़िसा का एक बहुत ही प्रसिद्ध नगर है जो कभी राज्य की राजधानी हुआ करता था। यह राज्य का दूसरा सबसे बड़ा शहर है जिसकी वजह से पर्यटक ही नहीं बल्कि हर तरह की गतिविधियाँ होती रहती हैं। महानदी नदी डेल्टा की नोक पर स्थित कटक को अपने 1000 साल से भी अधिक प्राचीन इतिहास के लिए जाना जाता है। इस जगह पर आपको महानदी बैराज, भितरकनिका वन्यजीव अभयारण्य, बाराबती का किला, अंसुपा झील, सिंगनाथ और भट्टारिका के मंदिर देखने को मिलेंगे।
भुवनेश्वर
भुवनेश्वर को मंदिरों का शहर का शहर कहा जाता है। यह राज्य की राजधानी होने के साथ साथ ओड़िसा के ख़ास पर्यटन स्थलों में आता है। जिसकी वजह से इस जगह पर दुनिया भर से लोग आते हैं। इस जगह पर एक लंबे समय तक राजा शिशुपाल का शासन रहा है। जिसकी वजह से यहां का इतिहास बहुत ही समृद्ध है। इस जगह पर आपको उन्नत सांस्कृतिक विरासत देखने को मिलेगी। इस जगह पर आपको कई वन्यजीव अभयारण्य, पुरानी गुफाएं आदि भी देखने को मिलेंगी। इस जगह पर आकर आप तरह तरह के पर्यटन स्थलों पर घूम सकते हैं।
पुरी
पुरी को ओड़िसा ही नहीं बल्कि देश के सबसे ख़ास पर्यटन स्थलों में गिना जाता है। यह राजधानी भुवनेश्वर से महज़ 60 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह अपने ख़ूबसूरत पर्यटन स्थलों और समुद्री किनारों के लिए जाना जाता है। इस जगह पर देश भर से लोग छुट्टी मनाने के लिए आते हैं। यदि आप ओड़िसा की यात्रा पर आते हैं तो आपको पूरी ज़रूर आना चाहिए। यह जगह चार धाम यात्रा के लिहाज़ से भी महत्व मानी जाती है। पुरी का पुरी बीच, चिल्का झील, पुरी जगन्नाथ मंदिर और और गुंडिचा पर्यटकों के बीच काफ़ी प्रसिद्ध है।
कोणार्क मंदिर
कोणार्क का सूर्य मंदिर हमारे देश ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है। यह एक पर्यटन स्थल ही नहीं बल्कि हमारे देश के सात अजूबों में से एक है। यह मंदिर अपनी बनावट और वास्तुकला के लिए जाना जाता है। इस मंदिर में आपको अद्भुत नक़्काशी देखने को मिलेगा। कोणार्क सूर्य मंदिर कला का एक उत्कृष्ट नमूना है और एक अद्भुत नज़ारा पेश करता है। इस जगह पर यदि आप आते हैं तो मंदिरों और समुद्र तटों के अलावा, यहां के पुरातात्विक संग्रहालय भी जाएं। यह मंदिर यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थलों की सूची में भी शामिल है।
जेपोर
ओड़िसा के प्रमुख पर्यटन स्थलों में एक नाम जेपोर शहर का भी आता है। यह 16वीं शताब्दी में सूर्यवंशी राजवंश द्वारा स्थापित किया गया था। पूर्वी घाट पर्वतमाला के बीच स्थित होने के नाते यह प्राकृतिक रूप से काफ़ी समृद्ध है। इस जगह पर आने वाले सैलानी यहाँ के घने जंगलों, धुंध में छिपी घाटियों और खूबसूरत झरनो को देखकर मंत्रमुग्ध हो जाते हैं। इस जगह पर यदि आपका आने का विचार बनता है तो गुप्तेश्वर गुफाएं, देवमाली, सुनबेड़ा, दुदुमा जलप्रपात, हाथी पत्थर, जगन्नाथ सागर और कोलाब जलप्रपात ज़रूर देखें।
पारादीप
पारादीप का नाम एक पर्यटन स्थल के साथ साथ हमारे देश के सबसे पुराने बंदरगाहों में आता है। इस जगह पर आने वाले सैलानियों के लिए काफ़ी कुछ है। पारादीप को अपने खूबसूरत समुद्र तटों, झरनों, घने जंगल और किलों के लिए जाना जाता है। महानदी और बंगाल की खाड़ी के मुहाने पर बसा पारादीप की ख़ूबसूरती बेमिसाल है। इस जगह से विशाल समुद्री जहाजों और अन्य गतिविधियों का भरपूर नज़ारा देखा जा सकता है। इस जगह पर यदि आप यात्रा के लिए आते हैं तो आपको पारादीप बंदरगाह, गहिरमाथा अभयारण्य और झनकड़ी ज़रूर जाना चाहिए।
पिपली
पिपली ओड़िसा का छोटा मगर एक प्रमुख शहर है। इसे अपने ख़ूबसूरत पर्यटन स्थलों के लिए जाना जाता है। पिपली की अपने शिल्प और हस्तशिल्प के लिए दुनिया भर में अलहदा पहचान है। इस जगह के एंब्रॉयड्री वर्क को दुनियाभर में सराहा जाता है। इस जगह पर आप घूमने के साथ साथ शोपिंग़ का भरपूर मज़ा ले सकते हैं। यदि आप शॉपिंग के शौकीन हैं और कलात्मक चीज़ों में रुचि रखते हैं तो हस्तशिल्प और मूर्तियां आदि खरीद सकते हैं।
ओड़िसा कैसे पहुंचे ?
हवाईजहाज से - भुवनेश्वर ओडिशा का एक प्रमुख और अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा है। इस जगह पर दुनिया भर से उड़ान भरी जाती है। यह भारत के सभी प्रमुख शहरों से जुड़ा हुआ है। इंडिगो, स्पाइसजेट, विस्तारा, एयरइंडिया और एयरएशिया जैसी एयरलाइंस भारत के विभिन्न शहरों से भुवनेश्वर तक नियमित रूप से उड़ान भरती हैं। यह हवाई अड्डा शहर से महज़ 6 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
ट्रेन से - राजधानी भुवनेश्वर में स्थित भुवनेश्वर रेलवे स्टेशन ओडिशा का प्रमुख रेलवे स्टेशन है। यह रेलवे स्टेशन देश के सभी प्रमुख नगरों से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है। इस मार्ग पर देश की सभी प्रमुख ट्रेनें चलती हैं। इस जगह पर कोणार्क एक्सप्रेस, राजधानी और कोरोमंडल जैसी गाड़ियों की सेवाएँ उपलब्ध हैं। रेल यात्रा सबसे सुविधाजनक यात्रा साधन मानी जाती है।
सड़क द्वारा - देश के पूर्वी भाग में स्थित होने के कारण ओडिशा उत्तरी, दक्षिणी और पश्चिमी राज्यों से सड़क मार्ग से जुड़ा हुआ है। इस जगह पर आप सड़क परिवहन के माध्यम से बहुत ही आसानी से पहुंच सकते हैं। इस जगह पर आपको राज्य सरकार और निजी संचालकों के द्वारा चलाई जाने वाली बस की सुविधा बहुत ही आसानी से मिल जाएगी। इस जगह पर आप अपने निजी वहाँ से भी जा सकते हैं।