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जानिए जापान के उस आइलैंड की कहानी जहां महिलाओं का जाना है मना: ​Okinoshima Island

आधुनिकता से पूर्ण इस समाज में आज भी रीति रिवाजों को अनन्य मान्यता दी जाती है। ऐसी ही एक मान्यता जापान के एक आइलैंड को लेकर भी है। जानिए महिलाओं के लिए निषिद्ध इस टापू के बारे में
11:00 AM Mar 12, 2023 IST | Renuka Goswami
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Okinoshima Island: यूं तो इक्कीसवीं सदी को नारी की सदी कहा जाता है, क्योंकि आज महिलाएं पुरुषों के कंधे से कंधा मिलाकर चल रही हैं। आज महिलाओं ने महज रसोई से निकलकर खेल कूद और अंतरिक्ष तक, हर जगह अपना एक अलग स्थान बनाया है। आज की महिलाएं तमाम रूढ़ीवादिताओं को खंडित कर हर क्षेत्र में नए सोपान चढ़ रही हैं, ऐसे में अगर हम कहें कि आज भी दुनिया के कई क्षेत्रों में महिलाओं को पुरुषों के समान नही माना जाता, तो क्या आप इस पर विश्वास करेंगे? आइए आपको बताते हैं एक ऐसे द्वीप के बारे में जहां आज भी महिलाओं को एंट्री नहीं मिलती। दुनिया के इतने आगे बढ़ने के बाद भी एक ऐसी जगह जहां परंपरा, आस्था और रीतिरिवाज के आगे तमाम आधुनिक सोच ढीली पड़ जाती हैं। आइए जानते हैं जापान की एक विशेष जगह के बारे में जहां आज भी महिलाओं का प्रवेश निषेध है।

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ओकिनोशिमा आइलैंड

जापान के इस महिला निषिद्ध क्षेत्र का नाम ओकिनोशिमा आइलैंड है। ओकिनोशिमा आइलैंड को यूनेस्को ने वर्ल्ड हेरिटेज साइट की संज्ञा दी है। दरअसल 700 वर्ग मीटर में फैला यह इलाका जापान के स्थानीय लोगों के लिए बहुत पवित्र और पूजनीय है, जिस कारण से यहां महिलाओं की आवाजाही पर प्रतिबंध है। यहां तक कि यदि कोई पुरुष भी इस दिव्य क्षेत्र में जाना चाहता है, तो उसे कड़े नियमों का पालन करना पड़ता है।

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क्यों हैं यह स्थान पवित्र

महिलाओं के लिए निषिद्ध इस इलाके को शिंटो धर्म का धार्मिक स्थान माना गया है, जहां पर 17वीं सदी का एक अत्यंत प्राचीन मंदिर बना हुआ है। बताया जाता है कि पौराणिक मान्यता के अनुसार यहां पर नाविकों की सुरक्षा के लिए पूजा अर्चना की जाती थी, जिसके बाद स्वयं ईश्वर ही नाविकों की रक्षा करते थे। इस द्वीप पर पावन पुनीत ओकित्सु श्राइन भी स्थित है, जो मुख्य रूप से सभी के लिए आस्था और पूजा का केंद्र है।

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यहां जाने के नियम

​Okinoshima Island of Japan

यूं तो ओकिनोशिमा आइलैंड पर महिलाओं का ही जाना निषेध है, पर पुरुषों को भी इस पावन द्वीप पर जाने से पहले कड़े नियमों का पालन करना होता है। जापान की सीमा में कोरिया के पास बसा यह द्वीप साल भर में एक विशेष दिन ही पूजा के लिए खोला जाता है, जिसमे मात्र दो सौ लोग ही प्रतिभाग कर पाते हैं। जापान के इस पावन क्षेत्र में साल में एक ही बार, यानिकि 27 मई को पूजा अर्चना के लिए खोला जाता है। इस दिन जो भी पुरुष इस पुनीत क्रम में भाग करता है, उससे पूर्व उसे कड़े नियमों का पालन करना होता है। बता दें, यहां आने से पहले पुरुषों को कोरिया स्ट्रेट (Korea Strait) के पानी में डुबकी लगाकर स्वयं की पवित्रता को प्राप्त करना होता है। बताया जाता है कोरिया स्ट्रेट में नहाने से यहां आने वाला व्यक्ति पवित्र हो जाता है, पर नहाने के लिए भी उन्हें एक शर्त का पालन करना होता है। मान्यता है, यहां आने वाले पुरुषों को पूरी तरह से नग्न होकर ही स्नान करना होता है, जिसके बाद ही वो इस आइलैंड में कदम रख सकते हैं।

महिलाएं क्यों हैं निषेध

यहां आना महिलाओं के लिए इसलिए निषेध है, क्योंकि यह एक सुरक्षित स्थान नही है। यहां आने वाले लोगों को कई प्रकार के खतरों का सामना करना पड़ता है, जिस दृष्टि से महिलाओं को यहां नही आने दिया जाता। साथ ही महिलाओं के लिए कोरिया स्ट्रेट में नग्न होकर नहाना कभी भी संभव नहीं है, इसलिए भी महिलाओं को इस पावन क्षेत्र में वर्जित किया गया है। जापान के स्थानीय लोग इस परंपरा को सहर्ष स्वीकारते हैं और उन्हें इस पर पूरा विश्वास भी है।

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