अपने बच्चों को सिखाएं वो 5 आउटडोर गेम्स जो हम भूलते जा रहे हैं: Outdoor Games Ideas
Outdoor Games Ideas: आजकल की जीवनशैली जिस तरह की हो गई है उसमें तो सिर्फ कम्प्यूटर के आगे बैठे रहना या फिर मोबाइल पर घंटों बैठकर शरीर को नुकसान पहुंचाना हो गया है। और बात जब गेम्स की हो तो वो भी आप कंप्यूटर और मोबाइल पर ही खेलना पसंद करते है। और अगर बच्चों की बात की जाए तो बच्चे तो बिल्कुल भी बाहर उठकर खेलना नहीं चाहते है। ऐसे में वे शारीरिक और मानसिक दोनों ही रूपों में दुर्बल होते जा रहे है। जिसका खामियाजा माता पिता को बच्चो के शरीर में जमे फैट और किसी भी चीज पर जल्दी से निर्णय लेना की कमी से उठाना पड़ता है। अभी भी देरी नहीं हुई है आप बच्चे में आउटडोर गेम्स खेलने की आदत डालें। तो आईए जानिए किस तरह के आउटडोर गेम्स बच्चे बाहर खेल सकते है।
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Outdoor Games Ideas: बैडमिंटन
एक समय था जब बच्चों कभी भी समय मिलता था तो घरों की छतों पर गलियों में बैडमिंटन खेलते हुए दिखते थे। लेकिन अब ये समय आ गया है उनके पास फुर्सत ही नहीं है कि वे खेलने के लिए स्पेशल छतों पर जाएं या अपने घर के सामने पार्क में जाए। लेकिन आपको उन्हें प्रोत्साहित करना होगा साथ ही उन्हे खेल के बारे में अवगत कराएं कि खेल उनके लिए कितना उपयोगी है। और जब वे पार्क में अपने साथियों के साथ बैडमिंटन खेलेंगे तो उसका मजा ही अलग होगा। बैंडमिटन में शटलकॉक को बार बार गिरने से उठाने से लेकर साथ ही रैकेट को तेजी से मारने से आपकी मांसपेशियां तंदुरुस्त होती है।
छुपन छपाई
एक साधारण सा खेल लेकिन हर किसी को अपना बचपन याद दिला देता है। ये खेल दादा दादी के जमाने से खेला जा रहा है साथ ही ये खेल हमारा परंपरागत खेल बन गया है। लेकिन आज तो जैसे बच्चों का ये खेल खेलना नहीं आता है। अगर आपके बच्चों को खेलना नहीं आता है तो आप बच्चों में खेल के प्रति दिलचस्पी बढ़ाए उन्हे बताएं कि इस खेल को कैसे खेला जाता है। इसमें आरम्भ में एक बच्चे को चुना जाता है जिसे खेल के दौरान डेन कहते है। डेन का कार्य बाकि सभी बच्चों को ढूंढना होता हे। और जब बच्चा सभी को ढूंढ लेता है तो सबसे पहले पकड़े बच्चे की बारी आती है डेन बनने की। तो क्यों न बच्चे को उसके दोस्तों के साथ खेलने के लिए कहे। आप स्वयं भी बच्चों के साथ खेल सकती है जिससे उन्हे इस तरह के गेम में और भी अधिक दिलचस्पी आएगी।
स्टापू
बच्चे या बड़े सभी को ये खेल खेलने में काफी मजा आता है। अगर आप भी चाहते है कि आपका बच्चा बाहर जाकर अपने दोस्तों के साथ खेल खेलें तो आप ये वाला खेल भी उसे खेलने के लिए कह सकते है। क्योंकि इस खेल में कभी दो पैरों से तो कभी एक पैर से उछलना होता है। जिससे बच्चा कई बार उछलता है इससे पैर मजबूत बनते है। इस खेल में चकोर खाने बनाए जाते है। जिनमें नंबर लिखे होते है। और बच्चे उसमें स्टापू डालकर उठाना फिर अंतिम खाने से होते हुए बाहर निकलना होता है। ये खेल आपको एक पैर पर बैलेंस बनाने की क्षमता को बढ़ाता है। अगर बच्चा थोड़ा हेल्दी है तो उसके लिए तो ये खेल और भी अच्छा साबित होता है। इससे उसका वेट लॉस जल्दी होगा और उसे शरीर को बैलेंस बनाना आएगा।
दौड़ना
रेस लगाने में तो बच्चे माहिर होते है। लेकिन आजकल कम्यूटर और मोबाइल के कारण बच्चों के शरीर में मोटापा बढ़ गया है या फिर बच्चे बेहद सुस्त हो गए है। जिस कारण रेस या दौड़ लगाना उनके बहुत दूर की बात है। लेकिन आप उन्हे दोस्तों के साथ रेस लगाने के लिए प्रोत्साहित करें कि ये भी गेम है। हो सकता है पहली बार में बच्चे को अच्छा नहीं लगे या उससे भागा नहीं जाए लेकिन एक समय आएगा कि वे बच्चों के साथ तेजी से भागने लगेगा। बल्कि उसे इंतजार रहेगा कब मैं दोस्तों के साथ बाहर जाकर रेस लगाउं। जब बच्चा दोस्तों के साथ रेस लगाएं तो आप उसे बढ़ावा दें कि वो और तेज भागे। आपको पता ही होगा कि भागना सेहत के लिए कितना फायदेमंद होता है।
रस्सी कूदना
रस्सी कूदना भी एक आउटडोर गेम अच्छा खेल है। क्योंकि इसमें भी पूरी क्षमता से हम कूदते है। आजकल तो इस तरह के गेम विलुप्त होते जा रहे है। बच्चे तो पार्क में ऐसे खेल खेलते हुए दिखते ही नहीं है। तो आप बच्चे और उसके दोस्तों को स्वयं ये खेल खेलकर दिखाएं। इसमें सबसे पहले दो बच्चों को रस्सी की लम्बाई के दोनो छोर को पकड़ते हुए खड़े होना है फिर एक खिलाड़ी रस्सी के बीच में खड़ा हो जाएगा। बाकि दो आमने सामने खिलाड़ी बीच में खड़े खिलाड़ी के पैर के नीचे से घुमाते हुए सिर पर से निकालना है। उसी दौरान बीच में खड़े खिलाड़ी को रस्सी आने पर कूदना है। जितनी बार वो कूदेगा उतनी बार गिनती की जाएगी जहां पैर फसां वही वह आउट हो जाएगा। इसी तरह सभी खिलाड़ियों को करना होता है। इससे बच्चा शारीरिक रूप से तो मजबूत होता ही है साथ मानसिक रूप से भी मजबूत होता है क्योंकि इसमें रस्सी घूमने से लेकर उस पर कूदने तक उसका दिमाग कार्य करता है।
खेलते समय ध्यान देने वाली योगय बातें-
- जरूरी है कि बच्चों को बाहर खेलने के लिए ले जाते समय उन्हे कपड़े कॉटन के पहनाएं या फिर स्पोर्ट टी शर्ट। जिससे वे सही से खेल सके। टाइट जींस और टीशर्ट में न खेलें। खेलने के लिए थोड़े ढीले कपड़े ठीक रहते है।
- बच्चों का पैर नहीं मुड़े इसके लिए उन्हे स्पोर्ट शूज पहनाकर ले जाए।
- धूप में कई बार सनबर्न हो जाता है ऐसे में सनस्क्रीन लोशन लगा दें
- बच्चों को आदत होती है कि बीच बीच में वे ज्यादा पानी पीते हैं लेकिन खेलते समय थोड़ा पानी पीने के लिए कहें। ज्यादा पानी पीना खेल के बीच पीना सही नहीं है।
- अगर बच्चा बीमार है तो उस समय उसे खेलने के लिए बाहर नहीं लेकर जाएं इससे उनकी मांसपेशियां कमजोर हो सकती है।
- टॉवल या रूमाल साथ लेकर जाए जिससे बच्चा पसीने आने पर पोंछ सके।
- बच्चा जब खेल रहा तो अगर वो खेलते हुए गिर गया है और ज्यादा तेजी से नहीं गिरा है तो उसे स्वयं उठने दें। आप भागकर उसे नहीं उठाए। बच्चा स्वयं में आत्मनिर्भर बनना चाहिए।
स्पोर्ट इंस्ट्रक्टर विष्णु शर्मा से बातचीत पर आधारित