For the best experience, open
https://m.grehlakshmi.com
on your mobile browser.

एक थी जूँ, एक था खटमल -पंचतंत्र की कहानी

12:00 PM Aug 31, 2023 IST | Reena Yadav
एक थी जूँ  एक था खटमल  पंचतंत्र की कहानी
Panchtantra ki kahani
Advertisement

एक राजा के महल में एक जूँ रहती थी । उसका नाम था मंदविसर्पिणी । वह राजा के कपड़ों में छिपकर रहती थी और धीरे-धीरे जब मौका मिलता, राजा का रक्त पी लेती । पर वह ऐसे समय अपना काम करती थी, जब राजा असावधान होता था । इसलिए राजा को उसके होने का पता ही नहीं चलता था ।

एक दिन की बात, मंदवसर्पिणी जूँ कहीं बैठी हुई थी कि इतने में एक खटमल आया । उसका नाम था अग्निमुख । दोनों की आपस में बातचीत होने लगी । दोनों एक-दूसरे को अपने सुख-दुख और मन की बातें बता रहे थे । खटमल ने जूँ से कहा, “भई, तुम्हारे तो बड़े ठाट हैं । राजा के अंतःकक्ष में रहती हो और जब चाहे उसके खून पी लेती हो । भला तुमसे अधिक सुखी और कौन होगा?”

सुनकर जूं हंसने लगी । बोली, “सो तो है!”

Advertisement

इस पर खटमल ने कहा, “क्या ऐसा नहीं हो सकता कि एक रात मैं भी यहीं तुम्हारे साथ रहूँ और राजा का खून पीकर देखूँ तो सही कि वह कैसा लगता है?”

इस पर जूँ को आ गया गुस्सा । बोली, “भाग जाओ, अगर अपनी जान की खैर चाहते हो तो! वरना कोई तुम्हें छोड़ेगा नहीं ।”

Advertisement

इस पर खटमल ने कहा, ‘’ देखो, नाराज न होओ । मैंने कई तरह के लोगों का खून पिया है, लेकिन आज तक किसी राजा का खून नहीं पिया । अगर तुम इजाजत दो तो मैं बस एक रात राजा का खून पीकर देखना चाहता हूँ कि वह होता कैसा है?”

जूँ बोली, “देखो भाई, मैं राजा के सो जाने पर धीरे-धीरे उसका खून पीती हूँ ताकि उसे पता न चले । पर तुम तो हो अधीर । तुम जब खून पिओगे, तो राजा जरूर परेशान हो जाएगा और फिर वह तुम्हें छोड़ेगा नहीं । क्यों बेकार अपनी जान से भी हाथ धोते हो?”

Advertisement

खटमल बोला, “नहीं-नहीं, जैसा तुम कहती हो, मैं वैसा ही करूँगा ।”

जूँ बोली, “पर मुझे तो यकीन नहीं आता । तुम जरूर शरारत करोगे और हम दोनों मारे जाएंगे ।

“नहीं, नहीं, मुझे बुद्धु समझ रखा है क्या? यह तुम्हारा घर है । यहाँ तो मैं तुम्हारा आदेश मानूंगा ही ।” खटमल बोला ।

आखिर जूँ ने खटमल को भी राजा के कक्ष में रहने की इजाजत दे दी ।

पर खटमल वाकई हड़बड़िया था । जैसे ही राजा बिस्तर पर लेटा, उसने उसी समय अपना डंक चुभो दिया । राजा को बड़ी चुभन महसूस हुई । उसी समय वह उठा और उसने अपने सेवकों से कहा, “अरे, देखो-देखो, कोई खटमल है जो मुझे परेशान कर रहा है ।”

उसी समय सेवक दौड़े । पूरा बिस्तर छान मारा । खटमल तो चुस्त था, बहुत तेजी से भाग गया । लेकिन जूँ में इतनी चंचलता नहीं थी, वह बेचारी बेमौत मारी गई ।

पर मरने से पहले जूँ ने मन ही मन यह बात कही, “अगर आप किसी बुरे आदमी को आश्रय दें तो वही मौत का कारण बन जाता है । अगर मैं खटमल की झूठी बातों में न आती, तो आज मेरी जान न जाती ।”

Advertisement
Tags :
Advertisement