बच्चों को जब लग जाए पेरेंट्स से बहस की आदत: Parenting Tips
Parenting Tips: आजकल के पैरेंट्स अपने बच्चे को लेकर इतना पजेसिव हो रहे हैं कि बच्चे जिद्दी बनते जा रहे हैं। हर कोई चाहता है अपने बच्चे की अच्छे से परवरिश करें। उन्हें वो हर चीज लाकर दें जो कभी उनके पेरेंट्स अफोर्ड नहीं करते थे। माता-पिता दोनों ही कामकाजी हैं तो उन्हें लगता है बच्चों को सारी सुविधाएं दें। अपने बच्चे को प्यार करना उनकी डिमांड बोले या बिन बोले ही पूरी कर देना कोई ग़लत बात नहीं, लेकिन इन सब चीजों से बच्चों पर गलत असर नहीं होना चाहिए।
बच्चे अपनी जिद्द पूरी कराने के लिए माता-पिता से बहस करने लग जाते हैं। पेरेंट्स भी बच्चे को समझाने के बजाय डांट फटकार लगा देते है। तब बच्चा समझने की बजाय मुंह फुला के बैठ जाता है, तब वो और भी ज्यादा बहस करने लग जाता है।
बच्चों की परवरिश इतनी आसान नहीं होती। उन्हें एक अच्छा और जिम्मेदार इंसान बनाने के लिए पैरेंट्स को काफी मेहनत करनी होती है उन्हें एक बेहतर माहौल देना होता है। आइए कुछ टिप्स को फॉलो करे जिससे बच्चा आपसे बहस ना कर आपकी बात को माने ;
डांट फटकार नहीं करे
बच्चों को हर बात पर रोका टोकी डांट फटकार करने से बच्चे उसके आदी हो जाते हैं। उन्हें पता है वो कुछ भी करेंगे तो डांट मिलेगी ही। इसलिए बच्चों को शांति से समझाएं। उन्हें सही गलत में फर्क बताएं। हर बात को डांट कर समझाने के बजाय उन्हें प्यार से शांति से बात करें। इससे बच्चे ढीठ जैसा व्यवहार नहीं करेंगे।
उन्हें वक़्त दें
कामकाजी पैरेंट्स अपने बच्चे के बेहतर भविष्य के लिए दिन रात मेहनत तो कर रहें होते हैं। लेकिन अपने बच्चे के लिए वक़्त ही नहीं निकाल पाते। इससे बच्चे आए दिन अकेलेपन का शिकार हो रहे। अकेलेपन की वजह से मानसिक स्वास्थ्य भी खराब हो रहा है। जिससे भी बच्चे अपने पैरेंट्स से अच्छे से पेश नहीं आते।
अपने बच्चे के लिए वक़्त निकाले,उनसे बातें करे,उनके साथ एक्टिविटी करें। उन्हें घुमाने ले जाएं, जिससे बच्चे के साथ आपकी बॉन्डिंग मजबूत हो और वो आपकी हर बात माने।
घर का माहौल सही रखें
बच्चे घर से ही सीखते हैं। अगर माता पिता बच्चों के सामने झगड़े करते हैं और बहस करते हैं,तो बच्चे भी वही सीखते हैं, जिससे जब बच्चों को आप डांटती है तो बच्चे बात को समझने के बजाय आपसे बहस करने लग जाते हैं। इसलिए घर का माहौल खुशनुमा रखें जिससे बच्चे पर पॉजिटिव असर पड़े।
अनुशासन बनाएं रखे
बच्चों के बेहतर परवरिश के लिए जरूरी है कि घर में अनुशासन हो। हर चीज के लिए एक नियम हो,जैसे उठने का, सोने का, पढ़ने का, खेलने का, खाने का इत्यादि, जिससे बच्चे अनुशासित रहें और गलतियां ना करे।
बच्चों की सुनें
अक्सर हम बच्चों की पूरी बात नहीं सुनते और बात बीच में काट देते हैं। इससे बच्चे चिड़चिड़े और गुस्सैल हो जाते हैं और आपसे बहस करने लग जाते हैं।
इसलिए बच्चों की बातें ध्यानपूर्वक सुने और सही ढंग से प्रतिक्रिया दे।जिससे बच्चे आपसे कोई बात नहीं छुपाएंगे और आपकी बताई बातों का अनुसरण भी करेंगे।