बोर्ड एग्जाम की तैयारी में माता-पिता ही नहीं शिक्षकों का भी योगदान: Board Exams Preparation
Board Exams Preparation: हमने अक्सर देखा कि छात्र वार्षिक परीक्षा का नाम सुनकर डर जाते हैं और विशेष तौर पर बोर्ड परीक्षा का नाम सुनकर। छात्र यही सोचकर परेशान हो जाते हैं कि परीक्षा का समय नज़दीक आ रहा होता है और उनकी पढ़ाई, पाठ्यक्रम तथा पुनरावृत्ति अभी पूरी तरह से समाप्त नहीं हुई होती। जिससे वो परेशान होने लगते है और उनके पढ़ने की टाइम और मनोबल दोनों कम होने लगता है। वो जल्दी-जल्दी परीक्षा की तैयारी करने के लिए नोट्स, गेस पेपर आदि के पीछे भागने लगते हैं। नोट्स और गेस पेपर में उन्हें ऐसे प्रश्न मिलते हैं जिसका उन्हें आभास नहीं होता है। फलस्वरूप छात्र और अधिक भयभीत हो जाते है और अपना आत्मविश्वास खोने लगते हैं।
परीक्षा... तनाव नहीं उत्सव है
परीक्षा तनाव का नहीं, उत्सव और आनंद का विषय क्यों नहीं है? जिस प्रकार होली, दीपावली हर साल आती है और हम सब पूरे उत्साह और जोश से इन त्यौहारों की तैयारी करते हैं, उसी तरह परीक्षा भी हर साल आती हैं तो फिर परीक्षा के लिए जोश और उत्साह के साथ तनाव क्यों? इसी प्रश्न का उत्तर हम सभी को ढूढ़ना है और अपने बच्चों को तनाव' जैसी परिस्थितियों से निकालकर उत्साह और उमंग के वातावरण में लाना है ताकि बच्चे बिना किसी डर, संकोच और मानसिक तनाव के अपनी परीक्षाएं दे सके।
सही दृष्टिकोण और प्रभावी रणनीतियों के साथ छात्र सीबीएसई बोर्ड परीक्षा में प्रत्येक विषय से उत्पन्न चुनौतियों का सामना सरलता से कर सकते हैं। विषयवार युक्तियों और रणनीतियों का पालन करके, अपना आत्मविश्वास बढ़ा सकते हैं और अपनी बोर्ड परीक्षाओं में उत्कृष्ट परिणाम प्राप्त कर सकते हैं। निरंतरता, अनुशासन और सकारात्मक मानसिकता बोर्ड परीक्षा में सफलता प्राप्त करने की कुंजी है। केंद्रित रहें, खुद पर विश्वास रखें और अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास करें।
परीक्षा टिप्स
पढ़ाई के लिए स्थिर और शांत वातावरण: बोर्ड एग्जाम की पढ़ाई करते समय सबसे महत्वपूर्ण है कि स्थिर और शांत वातावरण में अध्ययन करना। शांत वातावरण में अध्ययन करने से पढ़ा हुआ लंबे समय तक याद रहता है।
सिलेबस को अच्छी तरह से समझे: परीक्षा पाठ्यक्रम को अच्छी तरह समझने से शुरुआत करें। प्रत्येक विषय के लिए सीबीएसई पाठ्यक्रम की एक प्रति प्राप्त करें और इसे ध्यान से पढ़ें।
प्रभावी हो तैयारी: एक स्टडी प्लान न केवल प्रभावी तैयारी सुनिश्चित करता है बल्कि छात्रों को उनके टारगेट स्कोर तक पहुंचने के लिए भी प्रोत्साहित करता है।
समय प्रबंधन: अपने अध्ययन सत्रों को छोटे, प्रबंधनीय भागों में विभाजित करें और प्रत्येक अध्ययन सत्र के लिए यथार्थवादी लक्ष्य निर्धारित करें। इससे आपको ट्रैक पर बने रहने और अंतिम समय में रटने से बचने में मदद मिलेगी।
महत्वपूर्ण विषयों को प्राथमिकता दें: छात्र तैयारी करते समय यह ध्यान में रखें कि जिन विषयों से अधिक प्रश्न पूछे जाते हैं उनकी तैयारी को प्राथमिकता दी जाए यानी सबसे पहले उन विषयों की तैयारी की जाए।
पुस्तकों का गहन विश्लेषण: किसी भी परीक्षा के लिए एनसीईआरटी पुस्तकें प्राथमिक सोर्स के रूप में कार्य करती हैं| छात्रों को सबसे पहले किताबें बेहतर ढंग से पढ़नी चाहिए और उसके बाद ही संदर्भ पुस्तकों की तरफ ध्यान देना चाहिए।
अच्छी तरह से समझें: जानकारी को याद रखने के बजाय अंतर्निहित अवधारणाओं को समझने पर ध्यान दें। जटिल विषयों की अपनी समझ बढ़ाने के लिए विभिन्न शिक्षण तकनीकों जैसे विज़ुअल एड्स, माइंड मैप और समूह चर्चा का उपयोग करें।
नियमित अभ्यास करें: किसी भी विषय में महारत हासिल करने के लिए लगातार अभ्यास महत्त्वपूर्ण है। अपने कमजोर क्षेत्रों को पहचानें और उन्हें सुधारने के लिए अतिरिक्त समय समर्पित करें।
स्पष्टीकरण अनिवार्य: यदि आपको कोई संदेह है या कुछ विषयों को समझने में कठिनाई हो रही है, तो स्पष्टीकरण मांगने में संकोच न करें। अपने प्रश्नों का समाधान पाने के लिए अपने शिक्षकों, सहपाठियों या ऑनलाइन मंचों से संपर्क करें।
सिलेबस का रिवीजन बार-बार करें: परीक्षा की तैयारी के दौरान पढ़ाई पूरी हो जाने के बाद पूरे सिलेबस का बार-बार रिवीजन करें। ऐसा करने से ना सिर्फ बेहतर तैयारी होगी बल्कि सारे कॉन्सेप्ट अच्छे से याद हो जाएंगे।
मॉक टेस्ट का अभ्यास: जैसे-जैसे परीक्षा नजदीक आती है, समयबद्ध मॉक टेस्ट देकर परीक्षा जैसी स्थितियों का अनुकरण करें। इससे आपको परीक्षा प्रारूप से परिचित होने, अपने समय प्रबंधन कौशल में सुधार करने में मदद मिलेगी।
रफ़्तार और एक्युरेसी में करें सुधार: बोर्ड की परीक्षा में सबसे जरूरी है रफ़्तार और एक्युरेसी को बनाए रखना। अगर रफ़्तार नहीं रहेगी तो प्रश्न छूट जाएंगे और इससे फाइनल अंक पर असर पड़ेगा। रफ़्तार और एक्युरेसी को सुधारने के लिए छात्र ज्यादा से ज्यादा मॉक टेस्ट देने का प्रयास करें।
पूरी नींद और ब्रेक लें: बोर्ड परीक्षा की तैयारी करते समय 7 से 8 घंटे की अच्छी और पूरी नींद ले। नींद पूरी होने से आपका मस्तिष्क स्वस्थ तथा आप तरोताजा रहते है और पढ़ा हुआ याद रहता है।
शिक्षकों का योगदान है महत्त्वपूर्ण
बोर्ड की परीक्षाओं में शिक्षकों का बहुत महत्वपूर्ण स्थान रहता है। उन्हें चाहिए कि वे विद्यार्थियों को समय-समय पर प्रेरित करते रहें, उनका मनोबल-विश्वास बढ़ाएं कि वो तैयारी अच्छी तरह कर रहे हैं। कामयाब होंगे।
- विद्यार्थियों की समस्याओं को ध्यानपूर्वक सुनना चाहिए और उन्हें प्यार से समझाने का प्रयास करना चाहिए।
- विद्यार्थियों को भ्रमित न होने दें। बातचीत के माध्यम से छोटे-छोट क्लास टेस्ट या मॉक टेस्ट करवाते रहें।
- विद्यार्थियों को एग्जाम को प्रभावी तरीके से कैसे लिखना चाहिए, इसकी जानकारी देते रहें।
- शिक्षकों को सिखाना चाहिए कि कम समय में रिवीजन कैसे करनी है।
- मॉक टेस्ट के जरिये परीक्षा के दौरान किन-किन चीजों का ध्यान रखना है और पेपर को अच्छी तरह कैसे सॉल्व करना है- इसकी जानकारी भी विद्यार्थियों को देनी चाहिए।
- सुनिश्चित करें कि विद्यार्थियों को यह पता हो कि बोर्ड परीक्षा कोई आखिरी परीक्षा नहीं है जिसमें असफल होने से या सामान्य अंक आने से जिंदगी रूक जाएगी। यह जीवन का एक पड़ाव मात्र है जिसे वो आसानी से पार कर सकते हैं।
- शिक्षक अपने विद्यार्थियों पर जितना विश्वास रखते हैं, उतना ही विद्यार्थियों में आत्मविश्वास मजबूत होता है। जरूरी है कि विद्यार्थियों को समय-समय पर मोटिवेट करते रहें।
(प्रिंसिपल सीमा बहल, केआरमंगलम वर्ल्ड स्कूल, दिल्ली)