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पेरेंट्स और टीनेजर्स के बीच इन टॉपिक्‍स पर कंवर्सेशन है जरूरी, ऐसे करें रिश्‍ता मजबूत: Parents-Teenager Conversation

ये एक तरह की रोलरकोस्‍टर राइड होती है जिसमें उतार-चढ़ाव व बदलाव होता रहता है। ये बदलाव हार्मोनल, मेंटल और इमोशनल कई तरह के हो सकते हैं।
12:30 PM Oct 13, 2023 IST | Garima Shrivastava
पेरेंट्स और टीनेजर्स के बीच इन टॉपिक्‍स पर कंवर्सेशन है जरूरी  ऐसे करें रिश्‍ता मजबूत  parents teenager conversation
Parents Teenager Conversation
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Parents-Teenager Conversation: टीनेज हर बच्‍चे की जिंदगी का नया और मजेदार अनुभव होता है। ये एक तरह की रोलरकोस्‍टर राइड होती है जिसमें उतार-चढ़ाव व बदलाव होता रहता है। ये बदलाव हार्मोनल, मेंटल और इमोशनल कई तरह के हो सकते हैं। इस स्थिति से निपटना माता-पिता और बच्‍चे दोनों के लिए बेहद मुश्किल होता है। लेकिन पेरेंट्स को आगे बढ़कर अपने विकसित होते बच्‍चे को समझना और उनकी सहायता करना भी जरूरी माना जाता है। बच्‍चों को समझाने और गाइड करने के लिए जरूरी है कि पेरेंट्स अपने टीनेज बच्‍चे से हर उस टॉपिक पर बात करें जो उसकी जिंदगी के लिए अहम है। पेरेंट्स और बच्‍चे के बीच ओपन कंवर्सेशन महत्‍वपूर्ण होता है। तो चलिए जानते हैं उन महत्‍वपूर्ण टॉपिक्‍स के बारे में जिसपर पेरेंट्स और बच्‍चे के बीच बातचीत की जानी चाहिए।

सोशल मीडिया सेफ्टी

Parents-Teenager Conversation
social media safety

पिछले कुछ सालों में सोशल मीडिया और मोबाइल का यूज काफी बढ़ा है जिससे हमारे बच्‍चे भी अछूते नहीं है। खासकर टीनेजर्स का सोशल मीडिया क्रेज तो देखते ही बनता है। आजकल हर बच्‍चा चौबीस घंटे मोबाइल और सोशल मीडिया पर गुजारता है। ऐसे में जरूरी है कि पेरेंट्स सोशल मीडिया से होने वाले फायदे और नुकसान के बारे में बात करें। साथ ही उन्‍हें ऑनलाइन सेफ्टी के बारे में बताएं।

फाइनेंस मैनेजमेंट

वर्तमान में लगभग सभी टीनेजर्स को पॉकेट मनी मिलती है। हालांकि बच्‍चे की सभी जरूरतें पेरेंट्स द्वारा ही पूरी की जाती हैं लेकिन फिर भी बच्‍चों को पैसों की अहमियत बताने और अपनी छोटी-मोटी जरूरतों को पूरा करने के लिए पॉकेट मनी दी जानी जरूरी होती है। पॉकेट मनी को कैसे खर्च किया जाए या अधिक पॉकेट मनी प्राप्‍त करने के लिए कैसे खुद को सेल्‍फ सफिसिऐंट बनाया है इस विषय पर पेरेंट्स और बच्‍चे आपस में बात कर सकते हैं। इसके माध्‍यम से बच्‍चों को पैसे के महत्‍व के बारे में भी जानकारी दी जा सकती है।

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जिंदगी का महत्‍व

पिछले कुछ सालों में टीनेजर्स के व्‍यवहार और जिंदगी जीने के तरीकों में काफी बदलाव आया है। अधिकांश युवा लाइफ की वेल्‍यूज को मजाक में लेते हैं और बिना किसी की परवाह किए हुए मनमर्जी चलाते हैं। इस स्थिति में जरूरी है कि पेरेंट्स बच्‍चों से बात करें और उन्‍हें जिंदगी के महत्‍व यानी लाइफ वेल्‍यूज के बारे में बताएं। ऐसे करने से न सिर्फ उसे सही दिशा मिलेगी बल्कि इससे वह एक अच्‍छा इंसान बनने में भी मदद मिल सकेगी।

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घर की जिम्‍मेदारी

टीनेजर्स से करें बात
Parents-Teenager Conversation-household responsibilities

माना कि घर की सभी छोटी-बड़ी जिम्‍मेदारियां पेरेंट्स की होती हैं लेकिन टीनेजर्स को उनकी जिम्‍मेदारियों के प्रति अवेयर कराना भी पेरेंट्स का ही काम होता है। यदि बच्‍चों को समय रहते उनकी जिम्‍मेदारियों का अहसास न कराया जाए तो वह जिंदगीभर दब्‍बू बने रहते हैं और किसी भी जिम्‍मेदारी को उठाने से डरने लगते हैं। पेरेंट्स खासकर मां को बच्‍चों से इस बारे में बात करनी चाहिए और उन्‍हें घर के कामों को इंवॉल्‍व करना चाहिए। ये बच्‍चों के शारीरिक विकास और परफॉर्मेंस स्किल को सुधारने में मदद कर सकता है।

मेंटल हेल्‍थ

टीनेज में बच्‍चों की मानसिकता अन्‍य बच्‍चों की अपेक्षा काफी कॉम्‍पलीकेटेड होती है। उन्‍हें सही और गलत में फर्क करने में परेशानी आती है साथ ही उनका स्‍वभाव भी चिड़चिड़ा हो जाता है। ऐसे में पेरेंट्स को बच्‍चों से उनके मेंटल हेल्‍थ के बारे में बात करनी चाहिए। इसके अलावा उन्‍हें घर में ऐसा माहौल देना चाहिए कि वह खुलकर अपने पेरेंट्स से अपनी मनोदशा के बारे में बात कर सकें।

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