पटना के प्रमुख पर्यटन स्थल और घूमने की जानकारी: Patna Tourism
Patna Tourism: गंगा नदी के दक्षिणी किनारे पर स्थित पटना को दुनिया के सबसे पुराने शहरों में शुमार किया जाता है। यह शहर एक शहर होने के साथ साथ हमारे देश की समृद्ध और प्राचीन विरासत की पहचान है, जिसकी अपनी एक ठोस पृष्ठभूमि और ऐतिहासिक है। यह वही नगर है जो कभी मूल रूप से पाटलिपुत्र के नाम से जाना जाता था। वर्तमान में पटना देश का एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल होने के साथ साथ एक बहुत बड़ा दर्शनीय स्थल भी है, जो इस जगह पर आने वाले लोगों को कलाकृतियों, स्मारकों और अपनी वास्तुकला की मनमोहक झलक दिखाता है। यह हिंदू, सिख, जैन और बौद्ध धर्म के तीर्थ स्थलों का प्रवेश द्वार और सिख धर्म के दसवें गुरु श्री गुरु गोविंद सिंह का जन्मस्थान है। यदि आप पटना घूमने का विचार बना रहे हैं तो इस लेख को जरुर पढ़ें।
पटना के दर्शनीय स्थल गोलघर
गोलघर पटना का एक बहुत ही लोकप्रिय पर्यटन स्थल है, जिसे कभी पटना की सबसे ऊँची इमारत होने का गौरव प्राप्त था। वर्तमान में पटना में कई सारी इमारतें बन गईं जो इससे भी ख़ूबसूरत और ऊँची हैं लेकिन गोलघर से गंगा नदी का जो शानदार दृश्य दिखाई देता है उसकी बात ही अलग है। इस बात को जानकर आपको हैरत होगी कि वर्तमान का गोलघर कभी अनाज रखने का स्टोर हुआ करता था जिसका निर्माण 1786 में कैप्टन जॉन गारस्टिन नामक एक अंग्रेज़ अधिकारी ने करवाया था। इसकी इंजीनियरिंग में कुछ गलती हो जाने की कारण इसके दरबाजे सिर्फ अंदर की तरफ खुलते थे जिसकी वजह से इसकी अधिकतम क्षमता तक कभी नहीं भरा गया था।
पटना का महात्मा गांधी सेतु

महात्मा गांधी सेतु पटना में स्थित है और देश का दूसरा सबसे लंबा नदी पुल के तौर पर जाना जाता है। महात्मा गांधी सेतु गंगा नदी पर बना हुआ है जिसकी कुल लम्बाई 5.7 किलोमीटर है। इस पुल का नाम महात्मा गाँधी के नाम पर रखा गया है। पुल में दोनों तरफ चार लेन की सड़क है और पैदल चलने के लिए फुटपाथ बने हुए हैं। यह पुल पटना के लोगों के सामाजिक और दैनिक जीवन का एक अभिन्न अंग है। इस पुल की भव्यता को देखते हुए मन आश्चर्य से भर जाता है और पुल से नीचे देखने पर गंगा नदी के जो शानदार दृश्य देखने को मिलते हैं, उसका अनुभव बहुत ही अलहदा होता है।
पटना साहिब गुरुद्वारा

पटना में स्थित पटना साहिब गुरुद्वारा देश के सबसे लोकप्रिय पर्यटन स्थलों में गिना जाता है। यह सिख धर्म में आस्था रखने वाले लोगों का एक पवित्र और प्रमुख तीर्थ स्थल है। इस जगह को गुरु गोबिंद सिंह जी की जन्मभूमि के रूप में देखा जाता है, जोकि सिखों के 10वें और अंतिम गुरु थे। इस गुरु द्वारे का निर्माण भी उन्ही की याद में करवाया गया था। यह जगह सिखों के अधिकार के 5 पवित्र सीटों में से एक है। बताया जाता है कि कभी इस स्थान पर सालिस राय जौरी की हवेलियाँ थी जिनको धर्मशाला में बदल दिया था।
पटना संग्रहालय

बिहार की राजधानी में स्थित पटना संग्रहालय को सबसे दर्शनीय जगह कहा जा सकता है। स्थानीय तौर पर इस संग्रहालय को जादूघर के तौर पर जाना जाता है। यह संग्रहालय पटना का एक लोकप्रिय और विविधतापूर्ण संग्रहालय है जिसमें 50,000 से कहीं अधिक दुर्लभ कला वस्तुएँ हैं। इस संग्रहालय का निर्माण 1917 में मुगल और राजपूत वास्तुकला की शैली में हुआ, जिसमें प्राचीन मध्य युग और ब्रिटिश औपनिवेशिक युग से जुड़ी हुई भारतीय कलाकृतियाँ संग्रहित की गई हैं।
संजय गांधी वनस्पति उद्यान

पटना में स्थित संजय गांधी वनस्पति उद्यान को संजय गांधी जैविक उद्यान के नाम से भी जाना जाता है। पटना में घूमने की यह जैव विविधताओं से भरपूर एक ख़ूबसूरत और प्राकृतिक जगह है। जिसका निर्माण 1969 में किया गया था। यह शहर में रहने वाले लोगों के लिए सकून की जगह है। इस जगह पर आकर कोई भी इंसान प्राकृतिक सौंदर्य का भरपूर मज़ा ले सकता है। चिड़ियाघर के रूप में प्रसिद्ध इस उद्यान में वनस्पति और जीव-जंतुओं की कई किस्में हैं। इस पार्क में बड़ों के साथ साथ बच्चों के लिए भी काफ़ी कुछ है।
पाटन देवी मंदिर
पाटन देवी मंदिर पटना के सबसे पूज्य और पवित्र मंदिरों में से एक है। यह मंदिर काफ़ी प्राचीन है और माँ पटनेश्वरी के रूप में भी जाना जाता है। धार्मिक तौर पर ऐसा माना जाता है कि पटना का नाम पाटन देवी से लिया गया था। पाटन देवी मंदिर 51 शक्तिपीठों में से एक है। पौराणिक तौर पर ऐसा माना जाता है कि देवी सती से भगवान शिव के मोह को भंग करने के लिए विष्णु जी ने अपने सुदर्शन चक्र के द्वारा पूरे शरीर को 51 टुकड़ों में काट दिया था, इस जगह पर माता की दाहिनी जांघ गिरी थी।
पटना का महावीर मंदिर

हनुमान जी की पूजा के लिए समर्पित यह मंदिर पटना के प्रमुख मंदिरों में से एक है और देश के दूसरे सबसे बड़े धार्मिक मंदिर के तौर पर जाना जाता है। इस जगह पर देश के कोने कोने से भक्त दर्शन के लिए आते हैं। स्थानीय लोगों के बीच इस मंदिर की काफ़ी मान्यता है, कहा जाता है कि अगर कोई सच्चे मन से प्रार्थना करता है तो हनुमान जी उसकी इच्छा को ज़रूर पूरा करते हैं। इस जगह पर आकर उसकी सभी तरह को मनोकामना पूरी हो जाती है।
पटना कैसे पहुंचे?
बिहार की राजधानी होने के नाते यह सभी तरह के परिवहन के साधनों से सम्पन्न और जुड़ा हुआ है। इस जगह पर आप अपनी सुविधा और सहूलियत के हिसाब से वायु मार्ग, रेल मार्ग और सड़क मार्ग का चुनाव कर सकते हैं। नज़दीकी हवाई अड्डा और रेलवे स्टेशन पटना शहर में ही है। सड़क परिवहन की बात की जाए तो यह देश के सभी प्रमुख शहरों से जुड़ा हुआ है। इसलिए, बस दो से तीन दिन का घूमने का प्लान बनाइए और इस जगह पर पहुंच जाइए।
होटल और खानपान
पटना में ठहरने के लिहाज़ से आपको हर तरह के होटल मिल जाते हैं। सामान्यतौर, पर एक हज़ार से इस जगह पर कमरे मिलने शुरू हो जाते हैं। खानपान के लिहाज़ से बिहार काफ़ी समृद्ध है और पटना तो बिहार की राजधानी है। इस जगह पर आकर आपको पूरे बिहार का ज़ायक़ा मिलेगा।