एक नहीं 4 प्रकार का होता है पीसीओएस, जानें इसके संभावित कारण
Types Of PCOS- पीसीओएस यानी पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम एक कॉम्पलेक्स हार्मोन डिसऑर्डर है जो विदेशों में ही नहीं बल्कि भारत में भी लगभग हर पांच में से एक महिला को प्रभावित कर रहा है। पीसीओएस रिप्रोडक्टिव हार्मोन में इमबैलेंस होने की वजह से हो सकता है। पीसीओएस होने पर ओवरी में छोटे-छोटे सिस्ट बन जाते हैं जो कंसीव करने में बाधा उत्पन्न कर सकते हैं। हालांकि पीसीओएस को ट्रीट किया जा सकता है लेकिन ट्रीटमेंट शुरू करने से पहले ये जानना जरूरी है कि आप किस प्रकार के पीसीओएस से ग्रसित हैं। अधिकतर महिलाएं पीसीओएस के विभिन्न प्रकार के बारे में नहीं जानतीं और हर प्रकार के लिए एक समान ट्रीटमेंट लेती हैं। आपको बता दें कि पीसीओएस 4 प्रकार के होते हैं, जिनका ट्रीटमेंट एक-दूसरे से भिन्न होता है। तो चलिए जानते हैं पीसीओएस के विभिन्न प्रकार और कारणों के बारे में।
क्या है पीसीओएस के प्रकार और बढ़ने के कारण
![What are the types and causes of PCOS](https://grehlakshmi.com/wp-content/uploads/2023/08/pcos-1-1024x576.jpg)
पीसीओएस मुख्यता 4 प्रकार का होता है जिसका इलाज उसकी गंभीरता और लक्षणों के आधार पर किया जाता है। लेकिन अधिकतर महिलाओं को इसके विभिन्न प्रकारों के बारे में जानकरी नहीं है जिस वजह से वे सही उपचार से वंचित रह जाती हैं। चलिए जानते हैं इसके विभिन्न प्रकार के बारे में।
इंसुलिन रेसिस्टेंट
इंसुलिन रेसिस्टेंट पीसीओएस का सबसे आम प्रकार है जो लगभग 70 प्रतिशत महिलाओं को प्रभावित करता है। इस स्थिति में शरीर में इंसुलिन का स्तर सामान्य से अधिक हो जाता है जिसे हाइपरइंसुलिनमिया भी कहा जाता है। इसमें वजन कम करने में कठिनाई आती है साथ ही थकान और ब्रेन फॉग जैसे लक्षण भी महसूस होते हैं। इसके चलते मेल पैटर्न में बाल झड़ने और उगने लगते हैं। साथ ही एक्ने भी हो सकते हैं।
पोस्ट पिल पीसीओएस
पोस्ट पिल पीसीओएस की समस्या तब होती है जब महिलाएं ओरल कॉन्ट्रासेप्टिव पिल्स का सेवन बंद कर देती हैं। इसमें एक्ने, अनियमित पीरियड्स और अनचाहे बाल जैसे लक्षण नजर आ सकते हैं। पिल्स का सेवन बंद कर देने के बाद एण्ड्रोजन हार्मोन में नेचुरल ग्रोथ होती है जो पोस्ट पिल पीसीओएस के लक्षण पैदा कर सकती है।
एड्रिनल पीसीओएस
इस प्रकार का पीसीओएस एब्नॉर्मल स्ट्रैस के कारण होता है। एड्रिनल पीसीओएस में आमतौर पर डीएचईएएस हार्मोन का स्तर हाई रहता है बल्कि टेस्टोस्टेरोन और एंड्रोस्टेनेडियोन का स्तर कम होता है। इस पीसीओएस में भी बाल जरूरत से ज्यादा झड़ते हैं और वजन बढ़ने लगता है।
इंफ्लेमेटरी पीसीओएस
इंफ्लेमेटरी पीसीओएस में पुरानी सूजन ओवरी को अतिरिक्त टेस्टोस्टेरोन बनाने का कारण बनती है, जिसके परिणामस्वरूप ओव्यूलेशन के साथ समस्याएं होती हैं। इस प्रकार के पीसीओएस में सूजन के लक्षणों के साथ सिरदर्द, जोड़ों में दर्द, थकान, एक्जिमा और आंत संबंधित समस्याएं आ सकती हैं। साथ ही महिलाओं को मोटापा और मुहांसे का भी सामना करना पड़ता है।
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कैसे करें पीसीओएस को ट्रीट
![How to treat PCOS](https://grehlakshmi.com/wp-content/uploads/2023/08/pcos-2-1024x576.jpg)
- करें रेग्यूलर एक्ससाइज
- अधिक शुगर वाले खाने से करें परहेज
- पर्याप्त नींद लें
- तनाव को करें कम
- सप्लिमेंट का करें सेवन
- स्ट्रैस मेनेजमेंट
- अधिक कैफीन के सेवन से बचें
- आयुर्वेदिक चिकित्सा अपनाएं
- गट हेल्थ में सुधार करें
- ओमेगा-3 फैटी एसिड का करें सेवन
- दिन में लगभग 10,000 स्टेप्स चलें
- मेडिटेशन करें
- हेल्दी डाइट पर फोकस करें
- दूध का सेवन कम करें