बच्चों से करनी है पीरियड्स पर बात तो यह तरीके आएंगे काम: Parenting Tips
Parenting Tips: लड़का हो या लड़की, अब बच्चों को जीवन के उन हिस्सों की जानकारी देने को भी कहा जाता है जो पहले जरूरी नहीं समझी जाती थीं। ऐसा ही एक मुद्दा है महावारी का। जो हर लड़की के जीवन में एक जरूरी लेकिन काफी हद तक लुकाछिपा हिस्सा ही रहा है। पर अब सुझाव यही दिया जाता है कि इसकी जानकारी लड़के और लड़कियों दोनों को होनी चाहिए। ताकि लड़के भी लड़कियों के जीवन के इस अहम हिस्से से जुड़ी दिक्कतें और स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों को समझ पाएं।
समस्या यह है कि महावारी के बारे में बात करने में लड़कियां और महिलाएं भी शर्माती हैं। ऐसे में बच्चों से इस बारे में बात करना आसान है ही नहीं। लेकिन अगर मांएं अपने बच्चों को इस बारे में बताएंगी तो शायद यह दिक्कत नहीं होगी।
जब पता है कि बात कैसे करनी है तो यह भी जान लीजिए कि बच्चों से पीरियड्स पर बात की कैसे जाए, चलिए जानते हैं-
आपका असहज होना
बच्चों के सामने इस इस बारे में बात करना कठिन होगा? आप यही सोच रही होंगी। लेकिन यकीन मानिए, अगर आप पुख्ता जानकारियों के साथ उनसे बात करेंगी तो बच्चे इस पूरे मामले की गंभीरता को समझेंगे। आगे जाकर स्वास्थ्य के रखरखाव और एक दूसरे की मदद करना उनके लिए आसान होगा। आप शरीर की बनावट से जुड़ी जानकारी उन्हें दे सकती हैं। इससे उन्हें पता होगा कि लड़कियों की बॉडी के लिए पीरियड्स होना जरूरी क्यों है? और यह नेचुरल है।
बच्चों से कब बात करें
एक्सपर्ट की मानें तो पीरियड्स के बारे में समझ विकसित करने की उम्र 6 से 7 साल के बीच होती है। बच्चे इस वक्त ही पीरियड्स के बारे में सबकुछ समझने लगते हैं। इसलिए जब भी मौका मिले तो इस उम्र के बाद आप उन्हें बता सकती हैं।
यह सवाल बनेंगे सहारा
बच्चे अक्सर कई परिस्थितियों में पीरियड्स से जुड़े सवाल पूछ लेते हैं लेकिन ज्यादातर बार पेरेंट्स इन सवालों को नजरअंदाज कर देते हैं। लेकिन अब जब आपने पीरियड्स के बारे में बात करने की ठान ली है तो उनके ऐसे सवाल पूछते ही उन्हें जानकारी दी जा सकती है। कौन-कौन से हैं वो सवाल, जानिए-
-जब बच्चा प्यूबर्टी पर सवाल पूछे
-जब बच्चा कहे कि बच्चे कैसे होते हैं
-जब आप पैड्स खरीद रही हों और वो पूछे यह क्या है
क्या बात करेंगी आप?
आप बच्चे से क्या और कैसे बात करेंगी, यह उसकी उम्र के हिसाब से तय किया जा सकता है।
-उनसे पूछिए कि उन्होंने इस बारे में पहले कहां सुना है?
-उसे अब अपना अनुभव बताइए, ताकि वो आपसे रिलेट कर पाएं।
-अब बच्चे को बॉडी ऑर्गन के आधार पर क्या कैसे होता है, यह बताइए।
अब उसे पीरियड्स की अवधि, इसके लक्षणों और दिक्कतों के बारे में बताइए यकीन मानिए बच्चा यह सब सुनने के बाद पीरियड्स की बात से शरमाएगा नहीं और हंसेगा तो बिलकुल नहीं। यह उसके लिए अच्छे इंसान बनने की ओर एक कदम होगा।