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पहले से ही गिरी हुई हुं

05:44 PM Jan 15, 2018 IST | grehlakshmi hindi
पहले से ही गिरी हुई हुं
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मौका था मेरी सहेली के विवाह का। जयमाल रस्म के बाद खाने वगैरह की व्यवस्था होने लगी, क्योंकि मुझे दूर जाना था । अत: दूर जाने वाले अतिथियों को खाने के लिए बुलावा आया। जैसे ही खाना लगा़ सब लोग बेसब्र हो गए और खाने पर टूट पड़े। दो लड़कियां मेरे उपर गिर पड़ी, वो बोली दीदी प्लीज मदद किजिए। मैं अचानक बोल पड़ी मैं क्या मदद करुं, मैं तो पहले से ही गिरी हुई हुं। बगल से अचानक आवाज आई तो मैनें अपने शब्दों पर गौर किया़ मेरा शर्म के मारे बुरा हाल था। मैं अपने को संभालते हुए जल्दी से उठी और किसी तरह से वहां से निकल ली।

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