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फिजिकल रिलेशन के बाद पैर उठाने से बढ़ता है प्रेग्नेंसी का चांस? जानें क्या है सच: Pregnancy Facts

08:00 PM Jul 12, 2023 IST | Manisha Jain
फिजिकल रिलेशन के बाद पैर उठाने से बढ़ता है प्रेग्नेंसी का चांस  जानें क्या है सच  pregnancy facts
Pregnancy Facts
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Pregnancy Facts: दुनिया मे ऐसे कई लोग है जो बच्चों के लिए तरस जाते है लेकिन उनके घर किलकारी नहीं गूंजती। वो IVF , सरोगेसी, वास्तु, ज्योतिष जाने क्या- क्या उपाय नहीं कर लेते लेकिन इसके बाद भी कंसीव नहीं होता है तो यह मिथकों पर भी काम करना शुरू कर देते है, उससे भी हार थक जाते है तो घर के घरेलू नुस्खे ट्राय करते है। जैसे  अगर आपने अक्षय कुमार और करीना कपूर की फिल्म गुड न्यूज देखी होगी तो उसमें एक सीन मे करीना सेक्स के बाद पैरों को ऊपर करके लेट जाती है,  ताकि वो कंसीव कर सके। क्या इसमें सच्चाई है? आइए जानते है....

क्या वाकई पैर ऊपर करने से होता है कंसीव ?

नहीं, इस बात में ज़रा भी सच्चाई नहीं है। डॉक्टर अमीना खालिद का कहना है कि यह पूरी तरह से गलत है और ऐसी कोई भी रिसर्च नहीं है जो इसे सच साबित कर सके। कई बार लोगों को लगता है कि वेजाइना से सीमन बाहर बह जाने से  प्रेग्नेंसी के चांस कम हो जाते हैं और पैर ऊपर रखेंगे तो ऐसा नहीं होगा लेकिन ऐसा नहीं है, ग्रेविटी की वजह से उसे तो बाहर आना ही है।

Pregnancy Facts
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स्पर्म काउंट है प्रेग्नेंसी का कारक

असल में प्रेग्नेंसी महिलाओं की फर्टिलिटी और पुरुषों के स्पर्म काउंट पर निर्भर करती है। एक  बार  रिलेशन बनाने पर 40 से 200 मिलियन स्पर्म बाहर आ सकते हैं,  ऐसे में पैर ऊपर करके खुद को परेशान करने की जरूरत नहीं है। वेजाइनल ओपनिंग को सर्विक्स कहा जाता है और ज्यादातर स्पर्म  वही इक्कठे हो जाते है,  साथ ही फर्टिलाइज करने के लिए एक ही हेल्दी स्पर्म की जरूरत होती है। ऐसे में पैर ऊपर करने से कोई फायदा नहीं होगा, क्योंकि जो काम अपने आप हो रहा है उसमें आपको पैर उठाने की क्या जरूरत? जब यह  स्पर्म निकलते हैं जो वेजाइनल ओपनिंग में  जैल जैसी कंसिस्टेंसी में यह होते हैं जो 20-30 मिनट तक रहती है, जिससे ही स्पर्म के लिए एक नेट सा बन जाता है , जिसके कारण वो वेजाइना के एसिडिक माहौल में नष्ट नहीं होते और स्पर्म 90 सेकंड में ही सर्विक्स में चला जाता है अगर वो कुछ मिनट में ही यूट्रस में चले गए तो चांस बढ़  जाते है।

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वेजाइनल मसल्स का प्रभाव  पड़ता है स्पर्म की स्पीड पर

डॉक्टर अमीना बताती है कि 1973 में एक स्टडी की गई थी जिसमें स्पर्म को यूट्रस तक पहुंचने के कारकों पर ध्यान दिया गया था, उसमे मिला था कि 5 मिनट के अंदर उतने ही स्पर्म फैलोपियन ट्यूब में थे जितने इनसेमिनेट हुए थे। स्पर्म अपने मूवमेंट के कारण नहीं बल्कि यूट्रस और पेल्विक मसल्स के कॉन्ट्रैक्शन के कारण भी जल्दी यूट्रस तक पहुंचते हैं। तो पैर उठाने से माँ तो नहीं, हाँ आपकी कमर में दर्द जरूर हो सकता है।

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