चैरिटी के नाम पर होने वाली धोखाधड़ियों से करें खुद का बचाव: Prevent Charity Fraud
Prevent Charity Fraud: चैरिटी के बारे में हम सभी जनाते हैं कि ये इस तरह के सामाजिक संगठन या संस्थाएं होती हैं, जो जरूरतमंद लोगों या आपदा के समय पीड़ितों की सहायता करते हैं। ये सहायता आर्थिक और किसी सामान के जरिये पूरी की जा सकती है। सरकार के प्रयासों के बावजूद कई ऐसे लोग और तबके हैं जो दयनीय स्थिति में हैं, जिनकी मदद के लिए चैरिटी आगे आती है। लेकिन जरूरतमंदों की मदद की आड़ में भी धोखाधड़ी की जाती है। जहां कुछ बुरी नियत वाले चालबाज़ चैरिटी के नाम पर लोगों से पैसे लेते हैं और रफूचक्कर हो जाते हैं या फिर उस पैसे का गलत इस्तेमाल करते हैं। आजकल दान के लिए भी ऑनलाइन प्लेटफार्म का इस्तेमाल किया जाता है।
कैसे होता है चैरिटी की आड़ में फ्रॉड

चैरिटी के नाम पर आजकल होने वाले फ्रॉड आम हो गए हैं। कई ऐसे भी मामले सामने आ चुके हैं जहां चैरिटी के नाम पर लोगों से पैसा लिया जाता है और उसका गलत इस्तेमाल होता है। आपने भी कभी न कभी किसी चैरिटी या संस्था को मदद के लिए पैसा दान में दिया होगा।
दरअसल, चैरिटी फ्रॉड में मांगकर्ता आपसे सामाजिक उद्देश्य से पैसे की मांग करता है। नेक काम का सोचकर आप और आप जैसे कई लोग उन्हें पैसा दे देते हैं। जिसका इस्तेमाल मांगकर्ता अपने निजी उद्देश्य या किसी अन्य कार्य में खर्च कर देते हैं। या फिर लोगों से चैरिटी के नाम पर पैसा लेकर गायब हो जाते हैं। इसलिए किसी भी चैरिटी को पैसा अथवा सेवा देने से पहले चैरिटी के नाम और उसकी सत्यता की जांच जरूर करें।
आपदा के वक्त सक्रिय होते हैं चालबाज़
चैरिटी की आड़ में धोखाधड़ी करने वाले अक्सर मौके की तलाश में होते हैं। इसलिए इस तरह की धोखाधड़ी आपदा के समय ज्यादा होती है। दरअसल, आपदा के वक्त पीड़ित लोगों की सहायता के लिए चैरिटी काम करती हैं। लोगों से प्रभावित लोगों की मदद के लिए चंदा मांगा जाता है। ऐसे में मौके को देखते हुए धोखाधड़ी करने वाले भी पीड़ितों की मदद के लिए चंदा मांगते है लेकिन वे पीड़ितों की मदद के बजाय धनराशि का गलत इस्तेमाल करते हैं। अगर आप किसी संस्था को ऑनलाइन तरीके से दान दे रहे हैं तो उसकी वेबसाइट की सत्यता की जांच जरूर करें।
बरते सावधानियां

- बिना जांच पड़ताल के किसी भी अनजान नंबर या अकाउंट में पैसे न भेजे।
- गूगल पर मिलने वाले किसी भी अनजान नंबर पर बिना जांच पड़ताल के भरोसा न करें।
- हमेशा सरकारी वेबसाइट या डेटाबेस पर चैरिटी संगठनों के क्रेडेंशियल को क्रॉस चेक जरूर करें ताकि उसके असली या नकली होने की पहचान हो सके।
- जिस वेबसाइट के जरिये आप दान दे रहे हैं उसकी जांच जरूर करें, क्योंकि नकली वेबसाइट असली वेबसाइट से हूबहू मिलती हो सकती है।
- तत्काल दान मांगने वाली वेबसाइट से हमेशा दूरी बनानी चाहिए क्योंकि ये दान के लिए लोगों पर भावात्मक दवाब डालती हैं।