For the best experience, open
https://m.grehlakshmi.com
on your mobile browser.

हेयर फॉल में कारगर पीआरपी थैरेपी: PRP Therapy

02:00 PM May 29, 2024 IST | Reena Yadav
हेयर फॉल में कारगर पीआरपी थैरेपी  prp therapy
PRP therapy effective in hair fall
Advertisement

PRP Therapy: अगर आप बालों की समस्या से परेशान हैं तो पीआरपी थेरेपी को एक क्रांतिकारी पद्धति के रूप में देखा जा रहा है। आइए जानें कि क्या है इस तकनीक की विशेषताएं-

आजकल की भागती-दौड़ती जि़ंदगी में बालों का झड़ना चिंता का विषय है, पर आज गंजेपन और बालों का झड़ना रोकने के काफी उपचार भी मौजूद हैं। ऐसा ही एक उपचार है- पीआरपी थैरेपी। पीआरपी ट्रीटमेंट इस समस्या से निपटने का एक नया तरीका है। इसकी सबसे अच्छी बात यह है कि इसमें किसी प्रकार की कोई सर्जरी नहीं होती। बालों का झड़ना अनुवांशिक कारणों, तनाव, ठीक प्रकार से देखभाल न करने या किन्हीं चिकित्सकीय कारणों से हो सकता है।

Also read: गुलाबजल से बढ़ाएं बालों की खूबसूरती

Advertisement

पीआरपी एक थैरेपी है, जिसे प्लेटलेट्स रिच प्लाज्मा थेरेपी के नाम से जाना जाता है। इस प्रक्रिया में जिस व्यक्ति का उपचार किया जा रहा है, उसी का रक्त लिया जाता है। इस रक्त का अपकेन्द्रस किया जाता है, ताकि प्लैटलेट्स और ग्रोथ फैक्टर्स की मात्रा अधिक होती रहे, उत्तकों के पुनॢनर्माण और क्षतिग्रस्त उत्तकों को ठीक करने में काफी उपयोगी होता है। पीआरपी में सामान्य रक्त की तुलना में 5 गुना अधिक प्लाज्मा होता है। इसके अलावा इसमें प्लेटलेट्स और ग्रोथ फैक्टर भी काफी मात्रा में होता है। इस थैरेपी का आधार यह है कि प्लेटलेट्स घावों के भरने में मुख्य भूमिका निभाते हैं, इसलिए इनका संभावित प्रभाव बालों के विकास को बढ़ावा देने में कारगर तरीके से लिया जा सकता है। एक बार में 20 लीटर रक्त लिया जाता है। इससे प्लेटलेट्स को अलग करने के बाद इसमें एक्टिवेटर मिलाए जाते हैं, जो प्लेटलेट्स को एक्टिवेट कर देते हैं, ताकि जहां क्षति हुई है, उस भाग को उपचार द्वारा ठीक किया जा सके।

PRP Therapy
How is therapy done?

सबसे पहले प्रभावित क्षेत्र को सुन्न करने के लिए सामान्य एनेस्थिसिया दिया जाता है। फिर विशेष माइक्रो निडिल की सहायता से पीआरपी को सिर की पूरी सतह पर, भौहों या दाढ़ी के उन क्षेत्रों में इंजेक्ट किया जाता है, जहां उपचार किया जाना है। पीआरपी को प्रभावित क्षेत्र पर डर्मारोलर के द्वारा भी इफ्यूज किया जाता है। डर्मारोलर का प्रयोग करने से पहले त्वचा पर सुन्न करने वाली सामान्य क्रीम लगा दी जाती है। एक महीने के अंतराल पर 4-6 सिटिंग की आवश्यकता होती है। 6 महीने से एक साल के अंतराल पर एक बूस्टर सेक्शन होता है। यह उपचार न केवल बालों के विकास को बढ़ावा देता है, बल्कि हेयर फौलिकल को शक्तिशाली भी बनाता है।

Advertisement

चूंकि इसमें रक्त निकाला जाता है और कई सूइयां चुभाई जाती हैं। यह कष्टदायक लग सकता है, लेकिन इस थैरेपी के दौरान सामान्य एनेस्थिसिया का प्रयोग कष्ट को लगभग समाप्त कर देता है।
इसमें कई इंजेक्शन लगाए जाते हैं। एक सिटिंग में 60-90 मिनट सामान्यत: लगते हैं। इसकी एक सिटिंग में लगने वाला समय इस पर भी निर्भर होता है कि किस क्षेत्र का उपचार किया जा रहा है। पीआरपी थैरेपी का उपयोग अकेले या बालों के प्रत्यारोपण के साथ किया जाता है। झड़ते बालों को रोकने का यह एक नॉन सॢजकल समाधान है। यह एक बायोमैट्रिक्स तकनीक है, जो क्षतिग्रस्त उत्तकों को ठीक करती है और उनकी पुनर्रचना करती है। यह थैरेपी पतले पड़ चुके बालों के हेयर फैलिकल को शक्तिशाली बना कर उन्हें घना करने में सहायता करती है। पीआरपी में कोशिकाओं के विकास को बढ़ावा देने वाले कारक होते हैं। यह मेल और फीमेल पैटर्न दोनों प्रकार के हेयर लॉस में उपयोगी होता है।

यह उन रोगियों के लिए भी बहुत कारगर है, जिनमें गंजेपन की समस्या अनुवांशिक नहीं है। लेकिन यह थैरेपी हर किसी के लिए नहीं, जिन लोगों के बाल पूरे झड़ गए हैं, उनके लिए सिर्फ कारगर साबित हो सकती है क्योंकि यह बाल रहित चकत्तों पर नए बाल उगाने में सहायता नहीं करती है। 14 वर्ष से अधिक आयु का कोई भी व्यक्ति इससे लाभ उठा सकता है। यह विशेष रूप से उन लोगों के लिए कारगर है जिनके बाल अधिक मात्रा में झड़ रहे हैं। जिनकेबालों के विकसित होने की गति अत्यंत धीमी हो, जिनके बाल पतले और कमजोर हैं, वे इस थैरेपी से लाभ उठा सकते हैं। गर्भावस्था के दौरान बालों के अत्यधिक झड़ने की समस्या से पीड़ित महिलाएं हेयर डाई या बालों को सीधा करवाने की प्रक्रिया में लग जाती है, जबकि इस तकनीक का उपयोग प्रत्यारोपित बालों को शक्ति देने और उनको विकसित करने के लिए किया जाता है।

Advertisement

इस थैरेपी में किसी बाहरी पदार्थ को शरीर में नहीं पहुंचाया जाता है, इसलिए इसके कोई साइड इफेक्ट्स नहीं होते हैं। कोरिया और अमेरिका में इस पर कई अध्ययन किए गए हैं, जिनमें इसके विश्वसनीय और सुरक्षित होने की बात कही गई है। वैसे इसकी सफलता की दर प्रत्येक रोगी के साथ बदल सकती है, जो उसके बालों या त्वचा को पहुंची क्षति पर निर्भर करती है।
पीआरपी थैरेपी से एलर्जी की आशंका भी नहीं होती है, क्योंकि इसमें प्लाज्मा रोगी के अपने रक्त से ही उत्पन्न किया जाता है। पीआरपी में श्वेत रक्त कणिकाओं की भी काफी मात्रा होती है, जो संक्रमण के विरुद्ध शरीर के लिए सुरक्षित हैं, इसलिए संक्रमण का खतरा अत्यंत कम होता है। 99 प्रतिशत लोगों में कोई दर्द नहीं होता है। एक प्रतिशत लोगों में इंजेक्शन लगाने के कारण थोड़ी सी जलन हो सकती है। हालांकि इस तकनीक के समर्थन में अभी वैज्ञानिक प्रमाण कम हैं, लेकिन क्लीनिकल स्टडीज ने यह प्रमाणित किया है कि लंबे समय तक उपयोग करने से बालों के विकास पर पीआरपी के सकारात्मक प्रभाव हो सकते हैं।

Who should not get PRP hair treatment?
Who should not get PRP hair treatment?
  1. हाइपोफिब्रनोजेनेविया
  2. सेटिसस
  3. पुराना त्वचा रोग
  4. चयापचय
  5. हेमोडायनामिक अस्थिरता
  6. गंभीर यकृत रोग
  7. प्लेटलेट डिसफंक्शन सिंड्रोम
  8. तीव्र और पुराना संक्रमण
  9. प्रोम्बोसाइटोमेनिया

अपनी प्रिय पत्रिका 'गृहलक्ष्मी' को आप सभी पाठकों ने जो प्यार और सम्मान दिया, उसके लिए हम आप सभी के आभारी हैं। पत्रिका ने हमेशा आपके रचनात्मक सहयोग को सराहा है। अब आवश्यकता केवल इस बात की है कि आप अपनी रचनाएं भेजते समय कृपया यहां दिए गए कुछ नियमों का पालन करें, जिससे हमें और आपको, दोनों को ही सुविधा होगी।

  1. आपके द्वारा भेजी गई रचना आपकी स्वरचित, मौलिक और अप्रकाशित होनी चाहिए।
  2. पत्रिका को भेजी जा रही रचना एक ही समय में दूसरी पत्रिकाओं को भी न भेजें।
  3. रचना भेजने के बाद कृपया तीन-चार माह तक उसके प्रकाशन संबंधी पूछताछ न करें।
  4. रचना के साथ टिकट लगा लिफाफा जरूर रखें, ताकि अस्वीकृति की स्थिति में रचना को वापस लौटाया जा सके। ऐसा न होने की स्थिति में अस्वीकृत रचनाओं के प्रति पत्रिका की कोई जवाबदेही नहीं बनती।
  5. रचना साफ-सुथरे ढ़ंग से लिखी हुई अथवा टाइप की हुई होनी चाहिए। फोटोकॉपी स्वीकार नहीं की जाएगी।
  6. रचना की भाषा में वर्तनी, विषय
    की अनुकूलता और शालीनता बनी
    रहनी चाहिए।
  7. किसी भी रचना के चयन के संदर्भ में संपादकीय विभाग द्वारा लिया गया निर्णय ही मान्य होगा। — संपादक
Advertisement
Tags :
Advertisement