कम उम्र में क्यों ढीले हो जाते हैं ब्रेस्ट? जानिए शेप खराब होने का कारण: Reason of Sagging Breast
Reason of Sagging Breast: शरीर की नेचुरल प्रोसेस में से एक है ब्रेस्ट का शेप चेंज होना। उम्र के बढ़ने के साथ ब्रेस्ट में कसाव कम होने लगता है। दरअसल, फीमेल ब्रेस्ट फैट और लिगामेंट्स की मदद से बनते हैं और मसल टिश्यू कम होने पर किसी भी तरह की एक्सरसाइज या क्रीम से बहुत ज्यादा फर्क नहीं पड़ता है। हालांकि, अगर ब्रेस्ट के सैग होने से पहले ही हम कुछ चीजें कर लें, तो शायद यह समस्या बढ़ने की जगह कम हो सकती है।
यह जानना जरूरी है कि किन कारणों से ऐसा होता है। लैप सर्जन और गायनेकोलॉजिस्ट डॉक्टर गरिमा श्रीवास्तव एमडी (MRCOG (UK)) ने इंस्टाग्राम पर इससे जुड़ी जानकारी शेयर की है। उन्होंने बताया कि ब्रेस्ट सैग होना बिल्कुल नेचुरल प्रोसेस है और इनके ये कारण हो सकते हैं।
उम्र का बढ़ना

जैसे-जैसे महिलाओं की उम्र बढ़ती है ब्रेस्ट टिश्यू लूज हो जाते हैं। ब्रेस्ट उन अंगों में से एक होते हैं जिनमें उम्र का असर सबसे पहले दिखना शुरू होता है। इलास्टिसिटी की कमी आते ही ब्रेस्ट की फुलनेस कम होती है और अंडर ब्रेस्ट सपोर्ट कम होता है। मेनोपॉज के पहले यह बदलाव सबसे ज्यादा होता है। अगर आपको लगता है कि ऐसा आपकी उम्र से पहले ही हो रहा है, तो आप एक्सरसाइज करें और अपने खान-पान को सुधारें।
सपोर्ट में कमी

ब्रेस्ट का साइज चाहे जो भी हो आपको हमेशा सपोर्टिव ब्रा पहननी है। अगर यह आदत आपने शुरुआत से नहीं डाली, तो 35 की उम्र आते-आते आपके ब्रेस्ट लटकने लगेंगे। हैवी ब्रेस्ट हैं तब तो आपको बहुत ध्यान देना होगा। जरूरी नहीं कि सपोर्ट के लिए अंडरवायर ब्रा पहनी जाए, लेकिन नॉर्मल कॉटन ब्रा से ब्रेस्ट के लटकने की गुंजाइश ज्यादा होगी।
कई महिलाएं अपने ब्रेस्ट साइज के हिसाब से सही ब्रा भी नहीं पहनती हैं। अगर आपको ऐसा लग रहा है, तो अपनी ब्रा का साइज दोबारा चेक करवाएं। बैंड साइज छोटा हो और कप साइज बड़ा, तो उसी हिसाब से ब्रा खरीदें।
स्मोकिंग और ड्रिंकिंग

लाइफस्टाइल का असर हमारे ब्रेस्ट पर भी पड़ता है। सिगरेट का तो और भी ज्यादा। स्मोकिंग से शरीर के इलास्टीन फाइबर पर असर पड़ता है और इससे स्किन इलास्टिसिटी कम होती है। स्मोकिंग ना सिर्फ ब्रेस्ट सैगिंग के लिए जिम्मेदार हो सकती है, बल्कि इसके कारण चेहरे की स्किन भी बहुत जल्दी बूढ़ी दिखने लगती है।
वजन का बढ़ना

ब्रेस्ट के शेप पर वजन का बढ़ना बहुत ज्यादा असर डालता है। जरूरत से ज्यादा वजन ब्रेस्ट के मसल्स को स्ट्रेच कर देता है। हेल्दी वेट के लिए फिजिकल फिटनेस भी बहुत जरूरी है। अगर आपका वजन बहुत तेजी से बढ़ या घट रहा है, तो आपको थायरॉयड टेस्ट करवा लेना चाहिए। साथ ही, अपने वजन को कंट्रोल करने के लिए किसी एक्सपर्ट की सलाह पर डाइट में बदलाव करने चाहिए।
ग्रेविटी

ग्रेविटी का असर हमारे ब्रेस्ट पर बहुत होता है। सालों तक अगर ब्रेस्ट खिंचते रहते हैं, तो वो समय के साथ ढीले हो ही जाते हैं। ग्रैविटी के साथ-साथ सनबर्न और अल्ट्रावॉयलेट रेज भी ब्रेस्ट की इलास्टिसिटी पर असर डालती हैं। यही कारण है कि हमेशा सनस्क्रीन का उपयोग गर्दन, ब्रेस्ट और बैक एरिया में करने को कहा जाता है।
डॉक्टर गरिमा की मानें तो ब्रेस्ट के शेप में बदलाव हमेशा होता रहता है, लेकिन अगर आप अपनी फिटनेस और लाइफस्टाइल का ध्यान रखेंगी, तो इनका सैग होना थोड़ा कम हो सकता है। हालांकि, यह बिल्कुल नेचुरल है और इसके लिए घबराने की जरूरत नहीं है।
सैगिंग ब्रेस्ट की रोकथाम
संतुलित आहार

यह कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि सही पोषक तत्वों, विटामिन और प्रोटीन के साथ स्वस्थ और संतुलित आहार का सेवन शरीर या त्वचा से संबंधित सभी समस्याओं का अंतिम समाधान है। फल, सब्जियां और नट्स जैसे एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर खाद्य पदार्थ आपकी त्वचा को नुकसान से बचाने और इसे स्वस्थ और लोचदार रखने में मदद करें।
हालांकि आहार जादुई नहीं है, त्वचा को उम्र बढ़ने से रोकना या गुरुत्वाकर्षण के प्रभाव को कम करना, एंटीऑक्सिडेंट से भरपूर आहार खाना पूरे शरीर की त्वचा के लिए अच्छा है। तरल पदार्थ पीने से शरीर हाइड्रेट रहेगा, जिससे त्वचा बेहतर दिखेगी|
सही वज़न बनाए रखें
बहुत अधिक वजन बढ़ने या खोने से त्वचा वापस स्नैप करने की क्षमता से आगे निकल सकती है। ब्रेस्ट के आसपास की त्वचा में खिंचाव को रोकने के लिए वजन में बड़े उतार-चढ़ाव से बचें। ब्रेस्ट को सुडौल और अच्छा बनाने के लिए ढीले ब्रेस्ट के लिए कुछ व्यायाम किए जा सकते हैं।
सैगिंग ब्रेस्ट ब्रा

सैगिंग ब्रेस्ट ब्रा विशेष रूप से जॉगिंग जैसी शारीरिक गतिविधियों पर लागू होती है। ब्रेस्ट को सपोर्ट देने वाली स्पोर्ट्स ब्रा ब्रेस्ट मोशन को कम कर सकती है। सही तरह से फिट होने वाली सहायक ब्रा पहनने से आपके स्तनों को सहारा मिल सकता है और ढीलेपन को रोका जा सकता है। ज्यादा टाइट या ज्यादा ढीली ब्रा पहनने से बचें।