हेल्दी प्रेग्नेंसी के लिए आजमाएं ये रीज़नल रेसिपीज़: Regional Pregnancy Recipes
Regional Pregnancy Recipes : गर्भावस्था वह समय होता है जब महिलाओं को कुछ न कुछ खाने की इच्छा होती है और उन्हें कई तरह के फूड्स को आजमाना अच्छा लगता है। कई फूड्स अच्छे लगते हैं, तो कुछ से चिढ़ सी होने लगती है। अब गर्भावस्था के दौरान स्वस्थ आहार पर टिके रहना भी चुनौतीपूर्ण हो जाता है। फिर भी, स्वस्थ और तनाव मुक्त गर्भावस्था के लिए संतुलित आहार लेना सबसे अच्छा माना जाता है। अच्छा पोषण गर्भावस्था के दौरान शरीर की अतिरिक्त मांगों को पूरा करने में मदद करता है। हमें स्वस्थ वजन और पर्याप्त भ्रूण वृद्धि को बनाए रखने के लिए ‘दो लोगों के लिए खाने’ के बजाय दो बार पोषण से भरपूर खाना खाना चाहिए।
एक भ्रूण के लिए अतिरिक्त ज़रूरतों को पूरा करने के लिए दूसरी तिमाही में प्रति दिन 340 कैलोरी और तीसरी तिमाही में थोड़ा अधिक कैलोरी का सेवन कर सकते हैं। पारंपरिक व्यंजन किफायती होते हैं, क्योंकि उन्हें कुछ सामग्रियों की ज़रूरत होती है और उनसे आसानी से एक डिश बनाई जा सकती है। इस लेख में, हमने 4 सरल लेकिन स्वस्थ और पारंपरिक व्यंजनों की सूची बनाई है, जो आपकी गर्भावस्था की इस यात्रा को मजेदार बना देंगे।
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Pregnancy Recipes: महाराष्ट्र की थालीपीठ

थालीपीठ गेहूं, ज्वार, चना, बाजरा और रागी जैसे पौष्टिक साम्रगी को मिलाकर बनाया जाता है। इसलिए इसे गर्भवती को अपने खाने में शामिल करने की सलाह दी जाती है। इस रेसिपी को लौकी, गाजर, खीरा, टमाटर और हरी सब्जियों से बनाया जाता है। हरी सब्जियां पोषक तत्वों से भरपूर होती है। साथ ही इस रेसिपी में आयरन और फोलिक एसिड जैसे पोष्क तत्व भी पाए जाते है।
आवश्यक सामग्री –
- 1 कटोरी गेंहू का आटा
- मिक्स सब्जियां (लौकी, गाजर, खीरा, टमाटर और अन्य हरी सब्जियां)
- 2 छोटा चम्मच तेल
- 1 कप प्याज
- 2 छोटी चम्मच पिसी अदरक
- स्वादानुसार नमक
- बारीक कटी धनिया पत्ती
थालीपीठ बनाने का तरीका
- मुठिया बनाने के लिए सबसे पहले आप एक बर्तन में आटा ले लें। अब आटे में लौकी, गाजर, खीरा, टमाटर और अन्य हरी सब्जियां काटकर मिला लें। इसके साथ ही कटी हुई हरी धनिया और हरी मिर्च भी मिला लें।
- स्वादानुसार नमक और तेल डालकर आटे को अच्छी तरह गूंथ लें। इसके बाद आटे को 10 मिनट तक रेस्ट के लिए छोड़ दे। 10 मिनट के बाद एक चम्मच घी आटे पर डालें और फिर से आटे को गूंथ लें।
- आटे को बराबर भागों में बांट लें। थालीपीठ को गोल या चौकोर बेल लें।
- तवा गर्म करें और उस पर बेला हुआ थालीपीठ रखें। थालीपीठ को दोनों ओर से तेल या घी से सेक लें।
- गरमा गरम थालीपीठ को दही या हरे धनिये की चटनी के साथ सर्व करें।
गुजरात का मेथी थेपला

थेपला एक स्टफ्ड फ्लैट रोटी है, जिसे मेथी के पत्तों, गेहूं के आटे और कुछ मसालों से बनाया जाता है। इसमें फाइबर और कार्बोहाइड्रेट भरपूर मात्रा में पाया जाता है। मेथी के पत्ते इंसुलिन और ग्लूकोज को संतुलित रखने में मदद करता है। शरीर में आयरन की मात्रा बढ़ाने के लिए रेसिपी में आधा गेहूं और आधा ज्वार के आटे का इस्तेमाल करें।
आवश्यक सामग्री-
- एक कटोरी गेहूं का आटा
- एक कप बारीक कटे मेथी के पत्ते
- ½ छोटा चम्मच पिसी लाल मिर्च
- ½ छोटा चम्मच धनिया पाउडर
- ½ छोटा चम्मच जीरा पाउडर
- ½ छोटा चम्मच अजवायन
- 2 छोटा चम्मच पिसा अदरक
- स्वादानुसार नमक
- 2 बड़ा चम्मच तेल
- बारीक कटी धनिया पत्ती
मेथी थेपला बनाने का तरीका-
- थालीपीठ बनाने के लिए सबसे पहले आप एक भगोने में गेहूं का आटा ले लें। उसमें बारीक कटा मेथी पत्ता और सारा सूखा मसाला मिला ले।
- इसके बाद पिसा अदरक, स्वादानुसार नमक और अजवायन मिला ले। बारीक कटी धनिया पत्ती भी मिला ले। ये सारी सामग्री आटे में मिलाकर गूंथ लें। आटा गूंथने के बाद 10 मिनट तक रेस्ट के लिए छोड़ दें। 10 मिनट बाद आटे पर घी लगाकर फिर से गूंथ ले।
- आटे को बराबर भागों में बांट ले। इसके बाद मेथी थेपला को गोल-गोल बेल लें।
- बलते समय थेपला चिपके ना इसके लिए कंटेनर के नीचे एक पेपर टॉवल बिछा ले। अब तवा गर्म करें और मेथी थेपला को दोनों ओर से हल्का फ्राई कर ले।
- गरमा गरम दही या आम के अचार के साथ मेथी थेपला को सर्व करें।
आंध्र प्रदेश का पुलीहोरा

इमली के चावल खाने में बहुत ही स्वादिष्ट होते हैं। इमली के चावल में खाने में हल्के तीखे और खट्टे लगते है। यह चावल गर्भावस्था के दूसरी महिने में खट्टे स्वाद की लालसा को पूरा कर सकता है। इस रेसिपी में भरपूर मात्रा में विटामिन सी पाया जाता है। इसमें तिल, धनिया, सरसों, मूंगफली जैसे विभिन्न प्रकार के बीज वाले खनिज पद्यार्थ होते है, जिसका सेवन करना गर्भवती महिला के लिए शरीर के लिए काफी फायदेमंद माना जाता है।
आवश्यक सामग्री-
- 2 कटोरी चावल
- ½ छोटा चम्मच चना दाल
- ½ छोटा चम्मच उरद दाल
- ½ छोटा चम्मच जीरा
- ½ छोटा चम्मच राई
- 2 सूखी लाल मिर्च
- ½ छोटा चम्मच सौंफ
- 4-5 कड़ी पत्ता
- ½ छोटा चम्मच सफेद तिल
- 1 छोटा कप इमली
- 2 बड़ा चम्मच तेल
- ½ छोटा चम्मच हल्दी पाउडर
- स्वादानुसार नमक
- गुड़ आधा कप
पुलीहेरा बनाने का तरीका-
- पुलीहेरा बनाने के सबसे पहले चावल को पका लें और उसे ठंडा होने के लिए छोड़ दें। तिल को भून ले औक ठंडा होने के बाद दरदरा पिस लें।
- एक पेन में चना दाल , उरद दाल , राई, जीरा, सौंफ, सूखी लाल मिर्च और करी पत्ता को हल्का सुनेहरा होने तक भून ले और ठंडा होने का बाद पीस लें।
- अब इमली को गर्म पानी में 15- 20 मिनट तक रखें। 20 मिनट के बाद सारे गूदे को निचोड़कर निकाल लें।
- अब एक पेन में तेल गर्म करें। उसमें राई,सूखी लाल मिर्च और करी पत्ता डालकर एक मिनट तक भून लें। मूंगफली के दाने डालकर हल्का ब्राउन होने तक भून लें।
- इसमें इमली का गूदा , सूखा पिसा हुआ मसाला, हल्दी पाउडर,गुड़ और नमक डालकर मिला लें। इसके बाद पके हुए चावल को डालकर मिला लें। आखिरी में भूने हुए तिल से गार्निश करें।
गुजरात की लापसी

टूटे हुए गेहूं, गुड़, घी और मेवों से बनी दलिये की लापसी आखिरी महिने में खाना काफी फायदेमंद माना जाता है। यह रेसिपी भ्रूण का वजन को बढ़ाने में मदद करता है, जिन्हें गर्भावस्था के दौरान कम वजन की चिंता है, वे लापसी का सेवन हफ्ते में 3-4 बार कर सकते है। इसमें आयरन, फाइबर और मैग्नीशियम भरपूर मात्रा में पाया जाता है।
आवश्यक सामग्री-
- 1 कप टूटा गेहूं
- घी 2 चम्मच
- 2 दालचीनी स्टिक
- ½ छोटा चम्मच लौंग
- आधा कप बादाम
- आधा कप काजू ले लें।
लापसी बनाने का तरीका-
- लापसी बानाने के लिए सबसे पहले आप एक भगोने में घी डाल लें। घी गर्म होने के बाद उस में लौंग और दालचीनी स्टिक डालकर भून लें।
- अब टूटा हुए गेहूं डालकर सुनेहरा होने तक भूने लें। पानी में चीनी डालकर उबाल लें। पानी में उबलने के बाद इसे लापसी में डाल दें।
- इसके साथ ही इलायची का पाउडर भी डाल दें। मिश्रण को नरम होने तक पकने दें।
- जब लापसी का पानी सूख जाए तो गैस बंद कर दें। कटे हुए बादाम और काजू से गार्निश करके गरमा गरम लापसी को सर्व करें।