दूषित होने से बचाएं अपना भोजन: Safe Your Food
Safe Your Food: हम बाजार से फूड आइटम विशेषकर फल-सब्जियां लाते हैं। उनमें कई तरह के बैक्टीरिया या वायरस चिपके होते हैं। कई बार घर में इन्हें ठीक से स्टोर या संग्रह न कर पाने के कारण भी ये संक्रमित हो जाती हैं। अगर ध्यान न दिया जाए तो बैक्टीरिया खाना पकाने के बाद भी उनमें मौजूद रहते हैं और आहार को संक्रमित कर देते हैं। ऐसे आहार का सेवन करने पर ये हमारे शरीर में पहुंच जाते हैं। हमारे इम्यून सिस्टम को प्रभावित करते हैं और कई बीमारियों का कारण बनते हैं। डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट के हिसाब से दूषित भोजन खाने से हर साल करीब 1,75,000 लोगों की मौत होती है और 15 करोड़ लोग इससे बीमार होते है। बच्चों की मौत का प्रमुख कारण डायरिया को बताते हुए रिपोर्ट में कहा गया है कि पांच साल से कम उम्र के हर दस में से तीन बच्चे डायरिया से पीड़ित होते है।
देखा जाए तो खाद्य पदार्थ इन परिस्थितियों में संक्रमित होते हैं:-
- पैदावार के दौरान पशु खाद, पानी छिड़कते समय, पेप्सीसाइड डालते हुए, खेतों में मौजूद चूहे वगैरह जानवरों के कारण।
- खाद्य पदार्थों को समुचित तापमान पर भंडारण और संग्रहण न होना।
- खराब होने या एक्सपाइरी डेट निकलने के बावजूद खाद्य पदार्थो का इस्तेमाल किया जाना।
- बिना पके मांसाहारी खाद्य पदार्थों को फल-सब्जियों जैसे शाकाहारी और अधपके (रैडी-टू-ईट) पदार्थो के साथ रखना।
- खाद्य पदार्थों पर मक्खियां, चीटियां, काॅकरोच जैसे इंसेक्ट्स से दूषित होना।
- खाना पकाते समय व्यक्तिगत हाइजीन और साफ-सफाई का ध्यान न रखना।
- पूरी तरह पकाया न गया या अधपका भोजन खाना।
- बीमार व्यक्ति द्वारा पकाया जाना।
रखें ध्यान

स्वस्थ रहने के लिए आहार विशेषज्ञ के अनुसार खाद्य पदार्थो की सुरक्षा के लिए मूलतः चार बातों का ध्यान रखना चाहिए के लिए कहा गया है- क्लीन, सेप्रेट, कुक और चिल। बाजार से लाई गई चीजों को अलग-अलग करना यानी जल्द खराब होने वाले, 3-4 दिन तक चलने वाले या फिर 8-10 दिन तक ठीक रहने वाले खाद्य पदार्थो को अलग करना और ठीक से स्टोर करना। क्लीन यानी खाना बनाने से पहले खाद्य पदार्थो को अच्छी तरह धोना चाहिए। खाना बनाने में साफ-सफाई का ध्यान रखना और अच्छी तरह पकाना चाहिए। बचे खाने को ठंडा करके स्टोर करना चाहिए।
- खाद्य पदार्थ खरीदते समय गुणवत्ता और एक्सपायरी डेट जरूर चैक करें। फल-सब्जियां ताजी और मौसम के अनुसार हों। मुरझाए हुए, दागी, कटे-फटे या ढीले विषाक्त चीज़ों के प्रयोग से बचें। फ्रोजन खाद्य पदार्थ तभी खरीदें जब उन्हें जल्द से जल्द फ्रीजर में रखने की स्थिति में हों।
- फल-सब्जियों को खुले पानी में धोना बहुत जरूरी है। गुनगुना पानी हो तो बेहतर है। कोशिश करें पानी में नमक, नींबू, एप्पल वेनेगर, इमली या बेकिंग सोडा के पानी में डालकर 5-10 मिनट के लिए छोड़ दें। उसके बाद उसे नाॅर्मल पानी में धोकर इस्तेमाल करे। अगर आप फल-सब्जियों को फ्रिज में स्टोर करना चाहती हैं, तो इन्हें धोने के बाद साफ कपड़े से सुखाने के बाद ही स्टोर करें। क्योंकि गीला रखने पर इनके खराब होने की संभावना ज्यादा रहती है।
- स्टोर करते समय ध्यान रखें कि फल-सब्जियों को अलग-अलग कंटेनर में रखें और ठूंस कर न रखें ताकि वे खराब न हो। फलों को पकाने के लिए एथलिन नामक कैमिकल डाला जाता है। सब्जियों के संपर्क में आने पर वह सब्जियों को खराब कर देता है।
- पालक, धनिया पुदीना जैसी हरी पत्तेदार सब्जियों को गुनगुने पानी से धोएं। डंठल या डंडी काट कर अच्छी तरह सुखा कर रखें।

- मांसाहारी खाद्य पदार्थों को भी धोकर फ्रिजर में स्टोर करें। अगर आप अंडे फ्रिज मे रखते हैं, तो उन्हे भी गुनगुने पानी से धो लें ताकि उनके ऊपर किसी तरह की गंदगी हो तो साफ हो जाए।
- आलू, शकरकंद, अदरक, लहसुन और प्याज जैसी जल्दी खराब न होने वाली सब्जियों के ऊपर अक्सर मिट्टी या कीटाणु लगे होेते हैं। बाजार से लाने पर थोड़ी देर के लिए गुनगुने पानी से धोकर धूप में 4-5 घंटे सुखा लें। इससे इनमें अगर कोई बैक्टीरिया वगैरह लग गया हो, तो वो नष्ट हो जाता है।
- दालें, आटा, खड़े मसाले, चावल जैसी लंबे समय तक स्टोर की जाने वाली चीजों के पैकेट कम से कम दो दिन तक धूप में रखें। इसके बाद ही साफ-सूखे हाथों से अपने कंटेनर में भर लें। पैकेट या डिब्बे में आने वाले खाद्य पदार्थो को की पैकेजिंग को भी बाहर से जरूर साफ करना चाहिए। इनमें लेमेनेटिड हार्ड बाॅक्स को तो गुनगुने पानी से आसानी से साफ कर सकते हैं, लेकिन पेपर बाॅक्स या प्लास्टिक रैप को गीले कपड़े या सेनिटाइजर से साफ करें।
- अगर आप पैकेट वाला दूध लेते हैं तो एहतियातन पैकेट खोलने से पहले जरूरी है कि नल के बहते पानी के नीचे अच्छी तरह धोएं। दूध को उबालने के बाद ही इस्तेमाल करें। घर में डेरी का दूध लेते समय यह जरूर चैक करें कि दूध देने वाली गाय-भैंस स्वस्थ हो, डेरी में साफ-सफाई का ध्यान रखा जाता हो, दूध के बतैन साफ या स्टरलाइज़ हों। उसमें मिलाया जाने वाला पानी पीने लायक हो। सप्लाई करने वाला व्यक्ति स्वस्थ हो। जिस बर्तन में दूध ले रहे हैं, ध्यान रखे कि वो साफ हो। आपके हाथ साफ हों और छलनी से छान कर लें।
- पर्सनल हाइजीन का विशेष ध्यान दें। फल-सब्जियों को धोने के बाद अपने हाथ भी अच्छी तरह धोएं ताकि उन पर लगी मिट्टी और बैक्टीरिया हाथ में न लगी रह जाएं। खाना बनाते हुए अपने हाथ अच्छी तरह धोएं, नाखून साफ हों, बाल अच्छी तरह बंधे हों। खाना पकाते हुए एप्रैन और हैड कैप जरूर पहनें ताकि बाल, डेंड्रफ, माथे पर लगा सिंदूर वगैरह खाने में न गिरे। अगर आप बाहर से आते हैं, तो सबसे पहले हाथ-मुंह जरूर धोएं। तभी रसोई में जाएं।
- यह ध्यान रखना चाहिए कि खाना ठीक टेम्परेचर पर और पूरी तरह पकाया गया हो। खाना हमेशा स्वस्थ व्यक्ति को ही पकाना चाहिए क्योंकि इससे बीमारी के कीटाणु अन्य व्यक्तियों के खाने में मिल सकते हैं। खांसी-जुकाम होने पर अगर आपको छींक या खांसी आ रही हो, कोशिश करें कि खाने में ड्राॅपलेट न जाएं। अगर हाथ में किसी तरह का स्किन इंफेक्शन हो तो खाना न बनाएं।
- खाना पकाते की जगह भी साफ-सुथरी हो, ताकि खाना दूषित न हो। स्लैब, गैस बर्नर साफ हो, बर्तनों में साबुन वगैरह न लगा हो। काॅकरोच, कीड़े-मकौड़ों जैसे इंसेक्ट्स को हटाने के लिए समय-समय पर रात के समय लक्ष्मण रेखा या स्प्रै का इस्तेमाल करना चाहिए ताकि सुबह सफाई करके काम किया जा सके।

- सब्जियों या मांसाहारी खाद्य पदार्थो को काटने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले चाकू या चोपिंग बोर्ड और बर्तन अलग-अलग रखें। इस्तेमाल के बाद उसे नमक मिले गुनगुने पानी से अच्छी तरह जरूर धोएं ताकि उन पर किसी तरह का बैक्टीरिया न रह जाए।
- दाल-चावल जैसी खाद्य पदार्थ बनाने से पहले अच्छे तरह चुनने और धोने के बाद ही बनाएं। ताकि उनमें किसी तरह के कीड़े, कंकड, गंदगी या पाॅलिश न लगी रह जाए।
- पूरी-पकौड़े बनाने में बचा तेल कढ़ाई से निकाल लें। कोशिश करें कि इस तेल का दोबारा तलने के लिए उपयोग न हो। उस तेल का उपयोग सब्जी वगैरह बनाने में कर सकते हैं।
- खाना पकाने के लिए आरो, एक्वागार्ड या उबला हुआ साफ पानी ही इस्तेमाल करें। हो सके तो सब्जियां, दालें जैसे खाद्य पदार्थ भी साफ पानी से धोएं। दूषित पानी से खाना भी दूषित होगा और कई शारीरिक समस्याओं होने की संभावना रहेगी।
- यथासंभव ताजा और गर्म खाना ही खाएं। खाना उतना ही बनाए कि एक बार में ही खत्म हो जाए। अगर खाना बच जाता है तो आप उसे अगले मील या 24 घंटे के भीतर जरूर खत्म कर लें। रूम टैम्परेचर पर आने के बाद ही बचे खाने को एयरटाइट डिब्बे में डाल कर फ्रिज में रखें। स्टोर किया भोजन खाने से करीब 15-20 मिनट पहले फ्रिज से निकाल लें ताकि गर्म करने से पहले वह नाॅर्मल टैम्प्रेचर में आ जाए।
- कोशिश करें कि फलों के छिलके उतार कर खाएं ताकि अंदर से गले हए फल का पता लग सके। अंगूर, स्ट्राॅबेरी, चेरी, बेरीज़ जैसे छिलके सहित खाए जाने वाले फलों को पानी में कम से कम एक घंटा भिगोकर साफ करें।
(डॉ सीमा पांडे, आहार विशेषज्ञ, डाइट एंड वेलनेस क्लीनिक, मेरठ)