कई हेल्थ प्रॉब्लम्स से छुटकारा दिला सकता है सैल्मन, जानें खाने का सही तरीका
Salmon Health Benefits- सैल्मन फ्रेशवॉटर और साल्टवॉटर दोनों में पाई जाने वाली फिश है। ये एक ऐसी मछली है जिसे कई लाभों के कारण स्वस्थ आहार की खदान कहा जा सकता है। हेयर, स्किन, ज्वॉइंट्स और ब्रेन के लिए सैल्मन को बहुत अच्छा माना जाता है। विटामिंस, मिनरल्स और सबसे महत्वपूर्ण ओमेगा-3 से भरपूर सैल्मन को शरीर के बेशुमार लाभ के लिए जाना जाता है। यही वजह है कि सैल्मन को टैबलेट्स, सीरप और फ्रोजन के रूप में भी लिया जाता है। बाजार में सैल्मन की कई किस्में उपलब्ध हैं, जैसे सॉकी, एटलांटिक और कोहो। भारत में, सैल्मन को दुनियाभर के कई हिस्सों से आयात किया जाता है। कनाडा, नॉर्वे और स्कॉटलैंड में सैल्मन की फार्मिंग सबसे ज्यादा होती है, इसका उपयोग पूरी दुनिया में किया जाता है, खासकर अमेरिका जैसे देशों में। भारतीय उपमहाद्वीप में ज्यादातर फोजन सैल्मन का आयात किया जाता है, जिसे बाद में कई अन्य रूपों में विकसित किया जाता है।
सैल्मन के फायदे

सैल्मन को स्टोर करने के लिए आपको अपने फ्रीजर को 4 डिग्री सेल्सियस से कम तापमान पर सेट करना होगा। सैल्मन को या तो वैक्यूम पैक या प्लास्टिक रैपिंग में रखें, क्योंकि पिंक कलर की ये फिश अन्य खाद्य पदार्थों की गंध से प्रभावित हो जाती है। सैल्मन में भरपूर पोषक तत्व होते हैं, इसलिए ये हेल्थ एक्सपर्ट, डॉक्टर्स और फिटनेस प्रेमियों के बीच काफी लोकप्रिय है। सैल्मन में कई नेचुरल कंटेंट और ऐसी चीजें हैं जो इसे एक हेल्दी फिश बनाते हैं:
ओमेगा-3
ओमेगा-3 एक फैटी एसिड है, जो हमारे शरीर के लिए बहुत जरूरी होता है। ओमेगा-3 महत्वपूर्ण है क्योंकि यह हेल्दी ज्वॉइंट्स और स्किन को प्रमोट करता है, हार्ट डिजीज के रिस्क को कम करता है और ब्रेन डेवलपमेंट में सहायक होता है। कई अध्ययनों के मुताबिक ओमेगा-3 का सेवन कार्डियोवैस्कुलर हेल्थ के लिए बहुत अच्छा होता है। ओमेगा-3 फैटी एसिड हाई ब्लडप्रेशर, हाई कोलेस्ट्रॉल, डायबिटीज, अर्थराइटिस, डिप्रेशन, ब्रेन डिसऑर्डर, स्किन डिसऑर्डर और कुछ प्रकार के कैंसर आदि को रोकने में भी मदद करता है। सैल्मन एक ऑयली फिश है, इसलिए इसमें प्राकृतिक रूप से ओमेगा-3 भरपूर मात्रा में पाया जाता है।
कई हेल्थ एक्सपर्ट का यह सुझाव है कि वयस्कों को एक दिन में कम से कम 250-300 मिलीग्राम ओमेगा-3 का सेवन करना चाहिए। अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन की सिफारिश है कि सैल्मन फिश का अधिकतम लाभ लेने के लिए वयस्कों को हर हफ्ते ओमेगा-3 की कम से कम 2 सर्विंग लेनी चाहिए। ओमेगा-3 को एक आवश्यक फैटी एसिड माना जाता है क्योंकि शरीर इसे अपने आप सिंथेसाइज नहीं कर सकता और हम जो कुछ भी खाते हैं इसे उसी से प्राप्त किया जाता है। चूंकि सैल्मन एक ऑयली फिश है, इसलिए इसमें प्राकृतिक रूप से ओमेगा-3 होता है। कई वैज्ञानिकों के अनुसार, ओमेगा-3 डायबिटीज और डिप्रेशन जैसी गंभीर बीमारियों के जोखिम को भी कम कर सकता है।
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प्रोटींस

सैल्मन में आवश्यक अमीनो एसिड होते हैं, जो ग्रोथ को बढ़ावा देते हैं और मसल्स टिशु मास को मेंटेन रखने में मदद करते हैं। सैल्मन में पाया जाने वाला प्रोटीन मेटाबोलिज्म को हेल्दी रखने में शरीर की मदद करता है। हेल्दी मेटाबोलिज्म वेट लॉस में मददगार होता है। 100 ग्राम सैल्मन में 22 से 23 ग्राम प्रोटीन होता है। प्रोटीन हमारे शरीर के बिल्डिंग ब्लॉक्स होते हैं, इसलिए इसे जहां तक संभव हो प्राकृतिक स्रोतों से ही प्राप्त करने की कोशिश करनी चाहिए। कई अध्ययनों से पता चला है कि सैल्मन में जो छोटे बायोएक्टिव प्रोटीन मॉलेक्यूल्स होते हैं, वो ज्वॉइंट कार्टिलेज, इंसुलिन इफेक्टिवनेस और डाइजेस्टिव ट्रैक्ट में इनफ्लेमैशन को नियंत्रित करने में मदद करते हैं।
विटामिंस
हेल्दी एक्टिव लाइफस्टाइल के लिए अपनी डाइट में सैल्मन फिश को शामिल करना आवश्कय है। क्योंकि इसमें बी1, बी2, बी3 और बी5 जैसे विटामिन भरपूर मात्रा में होते हैं। ये विटामिन हमारे शरीर में कई महत्वपूर्ण प्रक्रियाओं में शामिल होते हैं। इन प्रक्रियाओं में हमारे भोजन को ऊर्जा में बदलना, डीएनए जींस का निर्माण और मरम्मत करना और सूजन को कम करना शामिल है। सभी प्रकार के विटामिन बी हमारे ब्रेन और नर्वस सिस्टम के फंक्शन को बेहतर बनाए रखने में मदद करते हैं। सैल्मन में विटामिन डी भी भरपूर होता है। विटामिन डी हमारी हड्डियों और दांतों को स्वस्थ रखते हैं और ये मल्टीपल स्केलेरोसिस और कुछ प्रकार के कैंसर के जोखिम को कम करने में मदद कर सकता है।
मिनरल्स

सैल्मन में फॉस्फोरस, पोटेशियम और सेलेनियम जैसे मिनरल्स भी होते हैं। वाइल्ड सैल्मन में पोटेशियम की मात्रा अधिक होती है। पोटेशियम ब्लड प्रेशर लेवल को कंट्रोल करने के लिए जरूरी होता है, विशेषरूप से भारत जैसे देश में, जहां भोजन में सोडियम का स्तर बहुत ज्यादा होता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि पोटेशियम बॉडी में अतिरिक्त जल रिटेंशन को रोकने में मदद करता है। फॉस्फोरस बॉडी में कई महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसमें हड्डियों और दांतों को मजबूत बनाना, हृदय को स्वथ बनाए रखना और हेल्दी किडनी को बढ़ावा देना शामिल है। सैल्मन में सेलेनियम भी पाया जाता है। सेलेनियम दिल की बीमारियों, कुछ कैंसर और थॉयराइड की बीमारी से लड़ने में मदद करता है। मिनरल्स का कम सेवन इम्यून फंक्शन को कमजोर बनाने का काम करता है। मिनरल्स की कमी से कई प्रकार के कैंसर का जोखिम भी बढ़ जाता है। मिनरल्स की कमी वाला शरीर वायरल रोगों का आसानी से शिकार भी बन जाता है। इसलिए मिनरल्स का भरपूर और पर्याप्त सेवन करना जरूरी होता है।
कैसे करें सैल्मन का सेवन?

सैल्मन एक हाई-ऑयल फिश है और इसे ग्रिल्ड, ब्रेज्ड या बेक्ड करके खाया जा सकता है। इसके अलावा इसे स्टीम या ब्लैंच्ड वेजीटेबल्स के साथ भी सर्व किया जा सकता है। चूंकि सैल्मन टैबलेट्स और ऑयल जैसे कई रूपों में उपलब्ध है, इसलिए इसका सेवन आप डॉक्टर के सुझाव पर भी कर सकते हैं।