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गीत सावन के मनभावन के-गृहलक्ष्मी की कविता

01:00 PM Jul 28, 2023 IST | Sapna Jha
गीत सावन के मनभावन के गृहलक्ष्मी की कविता
Geet Sawan ke Manbhavan ke
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Hindi Poem: गीतों का मल्हारों का मौसम त्योहारों का।
सावन की फुहारों का प्रकृति की श्रृंगारों का।।
प्रेयसी की गुहारों का प्रियतम की मनुहारों का।
विरहन की दुविधाओं का सजनी की पूकारों का।।

मौसम के मिजाजों का पुरवैया की बयारों का।
झूलों का आनन्दों का सखियों संग बैठारों का।।
साज का श्रृंगार का हरी हरी चुड़ियों की राज का।
मेहंदी का पाज़ेब का बूंदों के संग अठखेल का।।

पिया मिलन की बेर का मेघों के संग घेर का।
सजनी के इंतजारों का प्रियतम के प्यारों का।।
मन से मन के आलिंगन का आंगन के चौबारों का।
कलियों और फूलों के संग भंवरों के गूंजन का।।

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मोगरों और बेलों के महक का खुशबुओं का।
रातरानी से सजी घर की दर ओ दीवारों का।।
सोंधी सोंधी मिट्टी की महक और दीवारों का।
मन के कोने में बसा मोहब्बत की चारमीनारों का

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