फेक रिलेटिव्ज से रहें सावधान, ऐसे करें इनकी पहचान: Signs of Fake Relatives
Signs Of Fake Relatives: रिश्तेदार यानी कि रिलेटिव्ज हमारे लिए बेहद जरूरी होते हैं लेकिन क्या हर रिलेटिव आपका हितैशी होता है या कुछ फेक रिश्तेदार भी होते हैं। दुनिया हमारे शुभचिंतकों से भरी हो सकती है लेकिन क्या आपके रिश्तेदार भी इस लिस्ट में आते हैं। ये सवाल हर किसी को परेशान कर सकते हैं क्योंकि कई बार आपकी तरक्की और स्टेट्स रिश्तेदारों में जलन पैदा करने का काम करता है। आखिर इन फेक रिलेटिव्ज को कैसे पहचानें और उनसे कैसे सावधान रहें चलिए जानते हैं इसके बारे में।
व्यंग्यात्मक बातचीत
ज्यादातर मामलों में करीबी रिश्तेदार आपके दुख में खुश होते हैं और आपको सांत्वना देने या आपका ध्यान भटकाने की कोशिश करते समय व्यंग्यात्मक होने का प्रयास करते हैं। नकली मुस्कान और दुख उनके चेहरे पर साफ देखा जा सकता है। यदि आपको सांत्वना देते समय सब ठीक हो जाएगा या ये आपके साथ सही नहीं हुआ जैसी व्यंग्यात्मक बातचीत करते हैं तो समझ जाइए कि वे फेक रिलेटिव्ज की लिस्ट में आते हैं।
मतलब का रिश्ता
जब कोई रिश्तेदार सालों बाद आपको फोन करे और आपके हालचाल के बारे में बात करे तो समझ जाइए कि उसने किसी मतलब या काम के सिलसिले में आपको फोन किया है। उसे आपकी हेल्थ और लाइफ से कोई लेना-देना नहीं है। इसके अलावा जब कोई व्यक्ति बातचीत के दौरान असंगत है और सिर्फ अपनी बात करता है तो ये संकेत है कि वह एक फेक रिलेटिव है जो मतलब से आपको याद कर सकता है।
ध्यान आकर्षित करना
कुछ लोग आपका ध्यान आकर्षित करने के लिए अपनी समस्याओं और एजेंडे को बढ़ा-चढ़ाकर बताते हैं। जैसे किसी की शादी में नखरे दिखाना या उत्सव के दौरान उन्हें पर्याप्त अटेंशन न मिलने के बारे में सबको रो-रोकर बताना उनकी एक बेहतरीन स्ट्रेट्जी होती है। जब अगली बार आपके सामने ऐसे रिश्तेदार आएं जो नकली हंसी हंसते हैं या अपना दुखड़ा रोते हैं तो थोड़ा सावधान हो जाएं और उनसे दूरी बना लें।
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पीठ पीछे करते हैं बुराई
कुछ रिश्तेदार आपके सामने हमेशा आपकी तारीफ करते हैं लेकिन क्या वाकई में वह सही बोलते हैं या आपको खुश करने का प्रयास करते हैं। सच तो ये है कि कुछ रिश्तेदार आपके सामने कुछ और होते हैं और आपके पीठ पीछे दूसरों से आपकी बुराई करते हैं। पीठ पीछे बुराई करने वाले रिश्तेदार आपके हमदर्द नहीं होते इसलिए ऐसे लोगों से सावधान रहना जरूरी है।
सहानुभूति की कमी
नकली लोगों का एक लक्षण सहानुभूति की कमी भी है। वे दूसरों की भावनाओं और भलाई की परवाह नहीं करते। वे हमेशा ही खुद को आपसे ऊपर रखने की कोशिश में लगे रहते हैं। कई बार छोटी-छोटी बातों पर तर्क करते हैं और सामने वाले को हर्ट करने का कोई मौका नहीं छोड़ते। यदि आपके परिवार में भी ऐसे रिलेटिव्ज हैं तो आप थोड़ा सावधान हो जाइए।
कैसे डील करें फेक रिलेटिव्ज से
फेक लोगों से निपटना आसान नहीं होता। इनसे निपटना काफी चुनौतीपूर्ण हो सकता है। लेकिन यदि छोटी-छोटी चीजों का ध्यान रखा जाए जो फेक रिलेटिव्ज से बचा जा सकता है।
- आपके जीवन में कई तरह के लोगों से मिलते हैं लेकिन केवल उनपर ही भरोसा करें जो आपके खास हों और आपकी परवाह करते हों।
- फेक रिश्तेदारों से निपटने का तरीका है कि आप अपनी सीमाएं निर्धारित कर लें। उसे अपनी जिंदगी में एक सीमा तक ही शामिल करें।
- जो बात आपको परेशान या हर्ट करती है उसे सामने वाले को बता दें। इससे रिश्ते साफ और टिकाऊ बन सकते हैं।