स्ट्रिक्ट पेरेंटिंग से होते हैं बच्चे को नुकसान, जल्दी बदलें अपनी ये आदतें: Strict Parenting Effects
Strict Parenting Effects: कई पेरेंट्स को ऐसा लगता है कि वे बच्चों को डांट कर, दूसरे बच्चों के साथ घुलने-मिलने से रोक कर और हर काम के लिए नियम-कायदे बना कर अपने बच्चे को बिगड़ने से बचा सकते हैंI आपको यह बात शायद ही पता होगी कि स्ट्रिक्ट पेरेंटिंग से बच्चे उज्जवल भविष्य की तरफ नहीं बढ़ पाते हैंI उनके अन्दर आत्मविश्वास की कमी आ जाती है और इसकी वजह से पेरेंट्स और बच्चे के बीच की दूरियां भी बढ़ने लगती हैI इसलिए आप अपने बच्चे के बेहतर भविष्य के लिए स्ट्रिक्ट पेरेंटिंग करने से बचेंI
बच्चे में स्ट्रिक्ट पेरेंटिंग से होने वाले नुकसान
बच्चे के अंदर गुस्से की भावना बढ़ती है
स्ट्रिक्ट पेरेंटिंग के कारण बच्चा बहुत ज्यादा अकेलापन महसूस करने लगता हैI इसकी वजह से वह दोस्ती भी नहीं कर पाता हैI उसे अपनी बात दूसरों से शेयर करने में परेशानी होती हैI वह अन्दर ही अन्दर इमोशनल रूप से परेशान रहता है, जिसकी वजह से उसके अन्दर गुस्से की भावना बढ़ने लगती है और वह छोटी-छोटी बातों पर गुस्सा करने लगता हैI
कॉन्फिडेंट रहने के बजाए डरा सहमा रहता है
अगर पेरेंट्स बच्चे की बहुत ज्यादा स्ट्रिक्ट पेरेंटिंग करते हैं तो बच्चे के अन्दर कॉन्फिडेंस की कमी आ जाती हैI वह अच्छी बातों को भी बताने से डरने लगता है और हमेशा डरा सहमा सा रहता हैI
बच्चा झूठ बोलने लगता है
अगर पेरेंट्स बच्चे के साथ हर वक्त सख्ती से पेश आते हैं तो बच्चा कुछ समय के बाद झूठ बोलना शुरू कर देता हैI उसे यह समझ आ जाता है कि अगर वह अपने माता-पिता से सच बताएगा तो उसे बहुत डांट पड़ेगी और घर से बाहर जाने की भी अनुमति नहीं मिलेगी, इसलिए वह पेरेंट्स से झूठ बोलना शुरू कर देता हैI उसे लगने लगता है कि वह अपने झूठ से पेरेंट्स को संतुष्ट कर देगा तो आराम से अपनी पसंदीदा चीजें कर पाएगाI
बच्चों का सही से विकास नहीं होता है
बच्चों के साथ बहुत ज्यादा सख्ती करने से उसका सही से विकास नहीं हो पाता हैI पेरेंट्स के ऐसा करने से वे मेंटली और इमोशनली कमजोर हो जाते हैं और इसकी वजह से कुछ बच्चे गलत रास्ता भी चुन लेते हैंI इसलिए पेरेंट्स को बच्चों के साथ बहुत ज्यादा सख्ती करने से बचना चाहिएI
पेरेंट्स अपनी इन आदतों में लाएं बदलाव
- बच्चों के साथ सख्ती से पेश आने के बजाए, उन्हें थोड़ी आजादी दें ताकि वह अपनी बात आपसे शेयर कर सकेI
- बच्चों की बात सुनें और उसे समझने की कोशिश करेंI
- बच्चे पर हमेशा अपना फैसला ना थोपें, बल्कि उसकी राय भी जानने की कोशिश करेंI
- बच्चे पर नज़र रखने के लिए हर समय उसके साथ ही ना रहें, बल्कि उसे अपना काम खुद करने दें, ताकि वह बेहतर भविष्य के लिए बचपन से तैयार हो सकेI
- दोस्तों से मिलने-जुलने से ना रोकेंI अगर आप ऐसा करती हैं तो आपका बच्चा अकेला ही रह जाएगा और आगे चलकर उसे सोशल होने में परेशानी होगीI बस आप यह जरूर ध्यान रखें कि आपका बच्चा अच्छी संगति में रहेI