जानिए क्या है शुगर रश और इसे कैसे नियंत्रित करें?: Sugar Rush Treatment
Sugar Rush: केक, पेस्ट्री, आइसक्रीम, कैंडी, जूस और तरह-तरह की मिठाइयां ना सिर्फ बच्चों को बल्कि बड़े-बुजुर्गों को भी खूब पसंद आती हैं। ख़ास बात यह है कि इनको जितना खाओ उतना ही और खाने का मन करता है। मीठा खाने के बाद हम खुद को ज्यादा सक्रिय और ऊर्जावान महसूस करते हैं यानि कि जितनी आप शुगर लेंगे उतना ही शुगर के लिए क्रेविंग बढ़ती जाती है। दरअसल, यह शुगर रश कहलाता है। हो सकता है आपने यह शब्द पहले कभी नहीं सुना हो लेकिन बहुत ज्यादा चीनी हमारे शरीर में पहुँचने पर यह स्थिति पैदा होती है। अगर आपको अभी तक शुगर रश के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है, तो चलिए आज हम आपको इससे सम्बंधित सारी जानकारी देंगे जिससे आप खुद और अपने अपने परिवार के लोगों को सतर्क कर सकें और आगे शुगर से होने वाली समस्याओं से खुद को बचा सकें। ज्यादा मात्रा में शुगर लेने से हमारे शरीर पर बहुत ही नकारात्मक असर होता है और यह काफी खतरनाक साबित हो सकता है।
शुगर रश के लक्षण
जब भी हम ज्यादा चीनी खाते हैं तो हमारे शरीर में कुछ ख़ास तरह के लक्षण दिखने लगते हैं। शायद हममें से अधिकांश लोग इन लक्षणों पर ध्यान नहीं देते हैं, तो चलिए जानते हैं शुगर रश के लक्षणों के बारे में-
एनर्जी बढ़ना
शुगर रश का एक सबसे प्रमुख लक्षण अचानक से हमारे शरीर में ऊर्जा का संचार होना है। इसीलिए जब भी हम लो फील करते हैं यानी शरीर में ऊर्जा की कमी महसूस करते हैं तो हम मीठी चीज़ों की और आकर्षित होते हैं और कुछ भी मीठा खाने पर हम खुद को सामान्य ही नहीं बल्कि बहुत ऊर्जावान महसूस करने लगते हैं। लगभग 30 से 40 मिनट तक हम जरूरत से ज्यादा एक्टिव रहते हैं, तो अगर आपके साथ इस तरह का कुछ होता है, तो समझ लीजिये आप शुगर रश का सामना कर रहे हैं।
भूख लगना
अगर कोई मीठी चीज़ खाते हैं तो हमारा उसको और खाने का मन करता है। ऐसा दरअसल इसलिए होता है क्योंकि मीठी चीज़ें हमारी भूख को बढ़ा देती हैं। इसको ऐसे समझ सकते हैं जैसे जब हम ज्यादा चीनी वाली चीज़ें खाते हैं, तो इस बढ़े हुए शुगर को संतुलित करने के लिए हमारे शरीर में इन्सुलिन ज्यादा बनने लगता है और जब तक यह शुगर रश ख़त्म होने की तरफ होता है हमारे शरीर में बहुत ज्यादा इन्सुलिन बन जाता है। शरीर में शर्करा के स्तर को कम कर देता है और फिर हमें अचानक फिर से भूख लगने लगती है। इस तरह शुगर रश की वजह से हमें बार-बार भूख लगती है, खाने के बाद भी।
सुस्ती महसूस होना
आलस, सुस्ती और थकान होना शुगर रश के कुछ सामान्य लक्षण हैं। दरअसल मीठी चीज़ों को पचाने में हमारे शरीर को बहुत ज्यादा ऊर्जा की खपत करनी पढ़ती है और इस पूरी प्रक्रिया में शरीर की सारी ऊर्जा निकल जाती है और उसके बाद हम खुद को बहुत थका हुआ महसूस करते हैं। कैंडीज, पैक्ड फ़ूड, केक में किसी तरह की न्यूट्रिशनल वैल्यू नहीं।
जोड़ों का दर्द
ज्यादा चीनी शरीर में पहुँचने से ऑस्टियोपोरोसिस जैसी बीमारी होने की रिस्क रहती है क्योंकि ज्यादा चीनी शरीर में पहुँचने से इन्फ्लेमेशन का खतरा रहता और इस कारण हड्डी के जोड़ों में दर्द होने लगता है। कई बार हड्डियों में कड़कपन आने लगता है।
त्वचा से जुड़ी समस्याएँ
जब हम ज्यादा चीनी खाते हैं, तो यह हमारे खून में पहुंचकर एडवांस्ड ग्लाइकेशन एन्ड प्रोडक्ट्स नामक मॉलिक्यूल बनाता है जोकि हमारी त्वचा के लिए नुकसानदायक होता है। यह हमारी स्किन के लिए जरूरी कोलेजेन को नुक्सान पहुंचाता है और समय से पहले एजिंग को बढ़ावा देता है।
हार्ट से जुड़ी बीमारियां
जरूरत से ज्यादा शुगर हमारे शरीर में पहुंचना हमारे हार्ट के लिए काफी नुकसानदायक है, क्योंकि इन्सुलिन ज्यादा होने से हार्ट की आर्टरीज की दीवालों में सूजन आ जाती है और इससे हार्ट पर दवाब पढता है। इस कारण कई हार्ट की समस्याएं, यहाँ तक की हार्ट अटैक और स्ट्रोक भी होने का खतरा रहता है। ज्यादा मीठा खाने की वजह से ब्लड प्रेशर भी बढ़ सकता है और यह भी हार्ट डिसीज़ का कारण बन सकता है।
किडनी डैमेज
ज्यादा मीठा शरीर में किडनी डैमेज का भी कारण बन सकता है। कई बार इस कारण अचानक किडनी फेल भी हो सकती है।
वजन बढ़ना
ज्यादा मीठा खाने से आपका वजन बहुत तेजी से बढ़ सकता है क्योंकि एक बार मीठा खाने पर और खाने का मन होता है और जब चीनी की मात्रा ज्यादा होने की वजह से मोटापा बढ़ता है। इस कारण टाइप 2 डायबिटीज़ भी होने का खतरा रहता है। इसलिए वजन नियंत्रित करना है, तो मीठा खाने से दूर ही रहें।
शुगर रश पर काबू पाने के तरीके
जब भी आपको लगे कि आप शुगर रश का शिकार हो चुके हैं तो आप ठंडे पानी में नहा लें। इससे आपको राहत महसूस होगी और आपको अच्छा लगेगा।
थोड़ी देर के लिए बाहर घूमने निकल जाएँ। इससे आप शुगर रश की वजह से लगने वाली भूख से बच जाएंगे।
शुगर लेवल बढ़ने के कारण
शुगर रश की वजह से ब्लड शुगर लेवल बढ़ जाता है, जिसे कंट्रोल करना जरूरी है। हमारी लाइफस्टाइल, वर्क प्रेशर और गलत खान पान की वजह से कम उम्र में ही लोग शुगर की समस्या का सामना कर रहे हैं। सामान्य रूप से ब्लड शुगर लेवल बढ़ने ये कारण हो सकते हैं-
डायबिटीज़ के कारण
अगर आपको डायबिटीज़ है, तो सामान्यतः आपका शुगर लेवल बढ़ा हुआ रहता है। अगर ज्यादा डायबिटीज़ है, तो आपको इसको नियंत्रित करने के लिए नियमित रूप से दवाइयों का सेवन करना होता है। अगर आपको प्री डायबिटिक स्थिति में पता चल जाता है, तो आप इसको डाइट और नियमित व्यायाम करके भी नियंत्रित कर सकते हैं ।
बहुत ज्यादा चीनी युक्त पदार्थ का सेवन
शरीर में शुगर लेवल बढ़ने का सबसे बढ़ा कारण खाने में ऐसी चीज़ें लेना है, जिनमें शुगर ज्यादा होती है। अगर आप लम्बे समय तक पैक्ड फ़ूड और जंक फ़ूड का सेवन करते रहते हैं, तो यह आपके शुगर लेवल को धीरे धीरे बढ़ा देता है।
तनाव में रहना
कम उम्र में शुगर बढ़ने का एक बड़ा तनाव है। तनाव की वजह से नींद भी पूरी नहीं होती है और सही तरह से खाना-पीना भी नहीं हो पाता है।
शारीरिक गतिविधि की कमी
अगर आप लम्बे समय तक एक ही जगह पर बैठकर काम करते रहते हैं तो यह भी शुगर लेवल बढ़ने का कारण हो सकता है। ज्यादा बैठे रहना और सोने से भी शुगर ज्यादा हो सकती है। इसलिए जरूरी है आप फिजिकल एक्टिविटी करते रहें।
लंबे समय तक भूखे रहना
कई लोग काम के चक्कर में बहुत लम्बे समय तक कुछ नहीं खाते हैं लेकिन उनकी यह आदत बिलकुल ठीक नहीं है। जब आप बहुत देर से खाना खाते हैं, तो आप एक साथ बहुत सारा खा लेते हैं और यह भी ब्लड शुगर लेवल बढ़ा सकता है।
कैसे करें ब्लड शुगर लेवल को कम
कुछ सामान्य से तरीके अपनाकर आप अपनी शुगर को नियंत्रित कर सकते हैं।
हेल्दी डाइट
शुगर कम करने के लिए आपकी डाइट हेल्दी होनी चाहिए। इसमें आपको कुछ ख़ास चीज़ों को शामिल करना है और कुछ को बिलकुल नहीं खाना है। जानते हैं आप किन चीज़ों को अपनी डाइट का हिस्सा बना सकते हैं-
लो ग्लाइसेमिक इंडेक्स फूड
शुगर लेवल को कम करने के लिए आपको अपनी डाइट में ऐसी चीज़ें शामिल करना है जिनका लो ग्लाइसेमिक इंडेक्स हो । लो ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले खाद्य पदार्थों में सब्ज़ियाँ, जैसे - भिंडी, पत्तागोभी, मटर, मूली, गोभी, खीरा, ब्रॉकली प ले सकते हैं। वहीं, फल में सेब, संतरे, स्ट्रॉबेरी, आड़ू, कीवी, जामुन, अनार, केला, आम का सेवन फायदेमंद हैं। अनाज और बीन्स में दलिया, क्विनोआ, गेहूं, हरा चना, लोबिया, छोले, सोयाबीन, राजमा का सेवन लाभकारी हो सकता है।
लो कार्ब्स
अगर आपको अपनी ब्लड शुगर को कम करना है तो लो कार्ब्स खाद्य पदार्थ लेना जरूरी है। कार्ब्स युक्त फ़ूड शुगर लेवल को बढ़ाने का काम कर सकते हैं। इसलिए, कार्ब्स से परहेज करना चाहिए। लो कार्ब्स वाले खाद्य पदार्थ कुछ में ब्रोकली, फूलगोभी, भिंडी, पपीता, सेब, नारियल, स्ट्रॉबेरी, नट्स और सीड्स लीन मीट, फैटी फिश, लो फैट मिल्क आदि।
हाई फाइबर
आप अपनी डाइट में हाई फाइबर वाली चीज़ें शामिल करके अपने ब्लड शुगर लेवल को कम कर सकते हैं। फाइबर भोजन से शुगर और फैट के अवशोषण को धीमा कर सकता है। साथ ही फाइबर ब्लड शुगर को नियंत्रित करने और यहां तक कि वजन को संतुलित रखने में भी सहायक हो सकता है। हाई फाइबर के लिए एवोकाडो, स्ट्रॉबेरीज़, गाजर, ब्रोकोली, बीटरूट, दाल, चना, राजमा का सेवन कर सकते हैं।
हाई प्रोटीन
ब्लड शुगर को कम करने के लिए आपको हाई प्रोटीन डाइट लेना चाहिए। दरअसल, प्रोटीन धीमी गति से पचता है और शुगर के अवशोषण को धीमा कर सकता है, जिससे कि रक्त में शुगर की मात्रा को बढ़ने से रोका जा सकता है। प्रोटीन के लिए मीट, अंडे, सोयाबीन, बादाम, पालक, आदि का सेवन कर सकते हैं।
बार-बार और कम मात्रा में आहार लें
याद रखिये अगर शुगर लेवल नहीं बढ़ने देना है तो अधिक मात्रा में आहार का सेवन करने के बजाय थोड़ी-थोड़ी मात्रा में हर कुछ देर में हेल्दी खाना बेहतर हो सकता है। इससे शरीर को खाने को पचाने में भी आसानी हो सकती है और शुगर लेवल को अचानक बढ़ने से भी रोका जा सकता है।
हाइड्रेटेड रहें
शुगर लेवल ज्यादा है तो आप खूब पानी पियें। इससे पेशाब के माध्यम से अतिरिक्त शुगर बाहर निकल सकता है, जिससे कि ब्लड शुगर को कम किया जा सकता है। इसलिए दिनभर में कम से कम 8 गिलास पानी जरूर पिएं।
नियमित व्यायाम
शुगर सही रखना है तो आप नियमित व्यायाम और योग जरूर करें। व्यायाम और योग शरीर में रक्त संचार को बेहतर करने के साथ ही ग्लूकोज़ के अवशोषण और इंसुलिन के उत्पादन को बेहतर बनाता है।
पर्याप्त नींद लें और तनाव से बचें
शुगर लेवल कम करने के लिए आपको पर्याप्त नींद की जरूरत है। दरअसल, पर्याप्त नींद न लेने पर तनाव, थकान और कमजोरी जैसी स्थिति उत्पन्न हो सकती है, जिससे कि इंसुलिन का उत्पादन प्रभावित हो सकता है। फिर इससे शुगर लेवल में वृद्धि हो सकती है। ऐसे में पर्याप्त नींद लेने से शुगर लेवल को कंट्रोल किया जा सकता है। आपको रात में कम से कम 7 घंटे की नींद लेनी चाहिए। तनाव होने पर भी शुगर लेवल बढ़ सकता है। इसलिए, शुगर लेवल को कम करने के लिए तनाव से छुटकारा पाना जरूरी है। ऐसे में तनाव को कम करने के लिए मेडिटेशन यानी ध्यान लगाना और योग की मदद ले सकते हैं।
वजन नियंत्रण
शुगर लेवल कम करने के लिए सबसे जरूरी है अपना वजन नियंत्रण रखें। रिसर्च के अनुसार वजन कम करके या संतुलित वजन से ब्लड शुगर लेवल कम करने में मदद मिल सकती है।
शुगर होने पर ये जूस पी सकते हैं
अक्सर लोगों को संशय रहता है की शुगर या डायबिटीज होने पर वो जूस पी सकते हैं या नहीं। दरअसल, जूस पी तो सकते हैं लेकिन फिर भी कोशिश करें कि साबुत फलों का ही सेवन करें। दरअसल, फलों के जूस में शुगर की अधिक मात्रा होती है, जो शुगर स्तर और वजन को बढ़ा सकता है। जूस में चीनी न मिलाएं, क्योंकि फलों में प्राकृतिक शुगर मौजूद होता है।
सब्ज़ियों का जूस ज्यादा बेहतर
शुगर को नियंत्रित रखने के लिए फलों के जूस की जगह सब्जियों का रस ज्यादा बेहतर है। सब्जियों में कई तरह के पोषक तत्व होते हैं जो शुगर लेवल को नियंत्रित रखते हैं।
करेले का जूस: करेले का जूस पीना सबसे ज्यादा फायदेमंद है। करेले में मौजूद एंटी डायबिटिक गुण डायबिटीज के लिए लाभकारी हो सकता है। इसमें कई ऐसे रसायन हैं जो हाइपोग्लिसेमिक प्रभाव डालकर शुगर लेवल को बढ़ने से रोक सकते है।
आंवले का जूस: आंवला का जूस में गैलिक एसिड, कोरिलागिन, एलेजिक एसिड और गेलोटेनिन नामक कंपाउंड होते हैं, जो एंटीडायबिटिक की तरह काम करते हैं। इससे ब्लड शुगर को नियंत्रित किया जा सकता है।
पालक का जूस: पालक का जूस शुगर के रोगियों के लिए रामबाण उपाय है। इसमें कई तरह के पोषक तत्व होते हैं, जो डायबिटिक्स के लिए जरूरी होता है। इससे डायबिटीज के लक्षणों को कम करने में मदद मिल सकती है।
गाजर, टमाटर का जूस भी शुगर मेन्टेन करने में बहुत लाभदायक साबित हो सकता है।
FAQ | क्या आप जानते हैं
शुगर रश होने पर क्या होता है?
शुगर रश होने पर व्यक्ति स्वयं बहुत ज्यादा सक्रिय और ऊर्जावान महसूस करता है।
शुगर रश कितने समय तक रहता है?
शुगर रश कम से कम 30 से 40 मिनट तक होता है।
शुगर रैंडम कितना होना चाहिए?
शुगर रैंडम सामन्यतः 80 से 130 एमजी/डीएल होना चाहिए।
क्या पैदल चलने से शुगर लेवल कम होता है?
हां, पैदल चलने से कैलोरीज बर्न होती है और शुगर लेवल कम होता है।
बिना दवाई के मधुमेह को कैसे ख़त्म किया जाता है?
बिना दवाई के मधुमेह को ख़त्म करना चाहते हैं तो उसके लिए आपको अपनी डाइट में परिवर्तन करना होगा और हर दिन कम से कम 1 घंटे व्यायाम करना होगा।