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20 से 30 की उम्र में दिख रहे हैं ये पांच साइन तो आप हो सकती हैं हार्ट डिजीज की शिकार

अब कम उम्र के फिट लोग भी दिल की बीमारियों से जूझ रहे हैं। ऐसे में 20 से 30 की उम्र से ही दिल की बीमारियों को लेकर सचेत रहने की जरूरत है। डॉक्टर्स का कहना है कि हमारा शरीर दिल की बीमारियों के संकेत हमें समय पर देता है, लेकिन अकसर लोग इसे पहचान नहीं पाते।
06:00 PM Sep 10, 2023 IST | Ankita Sharma
20 से 30 की उम्र में दिख रहे हैं ये पांच साइन तो आप हो सकती हैं हार्ट डिजीज की शिकार
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दिल की बीमारियों को अक्सर वृद्धों और ओवरवेट लोगों की समस्या माना जाता था, लेकिन पिछले कुछ सालों में इसमें बड़ा चेंज आया है। अब कम उम्र के फिट लोग भी दिल की बीमारियों से जूझ रहे हैं। ऐसे में 20 से 30 की उम्र से ही दिल की बीमारियों को लेकर सचेत रहने की जरूरत है। डॉक्टर्स का कहना है कि हमारा शरीर दिल की बीमारियों के संकेत हमें समय पर देता है, लेकिन अकसर लोग इसे पहचान नहीं पाते। अगर हम किसी बड़े नुकसान से बचना चाहते हैं तो यह जरूरी है कि इन पांच संकेतों को हम पहचान लें। 

इसलिए कमजोर हो रहा है दिल 

डॉक्टर्स के अनुसार चिंता, थकान और बॉडी में दर्द को अकसर लोग लाइफस्टाइल से जुड़ी कॉमन परेशानियां मानते हैं, लेकिन अगर ये समस्याएं आपको सीने में जकड़न के साथ महसूस हो रही हैं तो आपको इस पर तुरंत ध्यान देना चाहिए। हार्ट डिजीज का बड़ा कारण हमारी बिगड़ी हुई लाइफस्टाइल भी है। स्मोकिंग, ड्रिंकिंग, अनहेल्दी फूड, टेंशन और कभी-कभी फैमिली हिस्ट्री भी इसका कारण हो सकते हैं।  

चिंता 21 % तक बढ़ा देती है हार्ट डिजीज की आशंका

Living in constant worry and having heart disease are two sides of the same coin.
Living in constant worry and having heart disease are two sides of the same coin.

हमारे बुजुर्ग हमेशा से ही कहते हैं कि चिंता बीमारियों का घर है। यह बात बिल्कुल सही है। डॉक्टर्स के अनुसार लगातार चिंता में रहना और दिल की बीमारी होना एक ही सिक्के के दो पहलू हैं। अगर आप चिंता में हैं तो यह भी आशंका है कि आप हार्ट डिजीज के शिकार हो सकते हैं। अगर आपका दिल भी अचानक बहुत तेजी से धड़कने लगता है या फिर बीच-बीच में आपको हार्ट में हल्का सा दर्द होता है तो यह अलार्म है कि आपके हार्ट में कुछ ठीक नहीं है। हार्वर्ड यूनिवर्सिटी की एक स्टडी के अनुसार जो लोग चिंता में ज्यादा रहते हैं वे कोरोनरी धमनी रोग यानी सीएडी के अधिक शिकार होते हैं। उनमें हार्ट अटैक की आशंका 21 प्रतिशत तक ज्यादा होती है। चिंता के साथ ही ज्यादा कोलेस्ट्रॉल वाला खाना भी हार्ट डिजीज का कारण हो सकता है।इसलिए हेल्दी फूड खाना जरूरी है। 

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पैर में दर्द अब सामान्य बात नहीं 

पैर में दर्द होने को अकसर लोग बहुत ही सामान्य सी बात मानते हैं, लेकिन अब ऐसा नहीं है। यह भी हार्ट डिजीज का एक लक्षण है। पैरों का सुन्न हो जाना, दर्द होना और झनझनाहट होना इस बात का संकेत हो सकता है कि आपके शरीर के अंगों में पर्याप्त रक्त प्रवाह नहीं हो पा रहा है। इसे पेरिफेरल आर्टरी डिजीज (पीएडी) कहते हैं। इसमें पैरों में धमनियां संकीर्ण हो जाती हैं और प्लैक बनना बंद हो जाता है। ऐसा स्मोकिंग, मोटापे और कोलेस्ट्रॉल ज्यादा होने के कारण भी होता है। दरअसल, व्यक्ति के पैरों में पांच धमनियां होती हैं। प्रत्येक धमनी शरीर और हार्ट तक रक्त प्रवाह करती है। जब ये ब्लॉक हो जाती हैं तो ब्लड सर्कुलेशन कम हो जाता है, जिससे ऊतक क्षतिग्रस्त हो जाते हैं, जो घातक हो सकता है। अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के अनुसार अकसर लोग पैरों में दर्द को सामान्य मानते हैं, लेकिन यह गंभीर विषय है। यह हार्ट अटैक या स्ट्रोक का संकेत हो सकता है। वहीं अगर आपके बाएं हाथ में लगातार दर्द है तो इसे बिलकुल इग्नोर न करें। 

खाने के बाद होता है पेट दर्द तो हो जाएं सावधान

Abdominal pain can also be the cause of heart disease.
Abdominal pain can also be the cause of heart disease.

पेट दर्द को आमतौर पर लोग बहुत ही सामान्य रूप से देखते हैं। अकसर लोग इसे खान-पान या पाचन की गड़बड़ी मानते हैं, लेकिन यह हार्ट डिजीज का कारण भी हो सकता है। अगर खाना खाने के एक घंटे के अंदर आपके पेट में अचानक दर्द होता है और फिर थोड़े-थोड़े समय के लिए दर्द महसूस होता है तो यह दिल की बीमारी के संकेत हो सकते हैं। खासतौर पर अगर आपके पेट के ऊपरी दाहिने हिस्से में दर्द होता है तो आपको डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। ऐसा आंतों के एनजाइना के कारण हो सकता है। यह तब होता है जब पर्याप्त रक्त कोलन तक नहीं पहुंचता है। डॉक्टर्स के अनुसार एनजाइना के कारण कई बार पेट की धमनियों में खून के थक्के जम जाते हैं। इसे आंतों का इस्किमिया कहते हैं। इसमें पीड़ित की छोटी आंत में रक्त का प्रवाह काफी कम हो सकता है। इससे दिल की धड़कनें तेज हो जाती हैं और स्ट्रोक की आशंका बढ़ जाती है।  

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थकान होना नहीं है कोई आम बात 

भागदौड़ भरी जिंदगी में आजकल हर किसी को थकान महसूस होती है, लेकिन अगर रेस्ट करने के बाद भी आप फ्रेश महसूस नहीं करते हैं तो फिर ये दिल की कोई समस्या हो सकती है। डॉक्टर्स कहते हैं कि अकसर लोग सोचते हैं कि अच्छी नींद नहीं आने के कारण उन्हें थकान हुई है, जबकि हमेशा ऐसा नहीं होता। थकान इसलिए भी होती है क्योंकि कई बार हमारे शरीर में ब्लड सर्कुलेशन ठीक से नहीं हो पाता। इसका सीधा मतलब है कि हार्ट अपना काम पूरी क्षमता से नहीं कर रहा, वह ठीक से पंप नहीं हो पा रहा। जब फेफड़ों तक पर्याप्त रक्त नहीं पहुंचता तो हम पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं ले पाते। वहीं किडनी को शरीर से अपशिष्ट पदार्थों को निकालने में परेशानी होती है। यकृत की ऊतक कोशिकाएं मरना शुरू हो जाती हैं। शरीर की थकान इन सभी का शुरुआती लक्षण है। ऐसे में अगर लगातार थकान है तो डॉक्टर से पूरा चैकअप करवाएं।  

पसीना आना है ब्रेन का अलार्म

Excessive sweating is a common symptom of heart disease.
Excessive sweating is a common symptom of heart disease.

ज्यादा पसीना आना हार्ट डिजीज का एक कॉमन लक्षण है। डॉक्टर्स के अनुसार हृदय रोग से पीड़ित लोगों को अक्सर पसीना ज्यादा आता है, क्योंकि उनके शरीर को ब्लड पंप करने के लिए ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है। अचानक अत्यधिक पसीना आना, खासकर तब जब कोई व्यक्ति शारीरिक गतिविधि नहीं कर रहा है, हार्ट अटैक आने के पहले लक्षणों में से एक हो सकता है। दरअसल, पसीना शरीर के तापमान को कम रखता है, जिससे हार्ट का काम का बोझ कम होता है। इससे शरीर से अतिरिक्त तरल पदार्थ भी बाहर निकलते हैं, जिससे किडनी का बोझ कम होता है। अगर हार्ट की विफलता के कारण किडनी को अपना काम करने में परेशानी हो रही है, तो पसीना महत्वपूर्ण अंगों को बचाने में मदद करता है। शरीर से अधिक पसीना निकलने का मतलब है कि हमारा ब्रेन अलार्म दे रहा है कि शरीर में कुछ गड़बड़ है और अंग ठीक से काम नहीं कर रहे हैं। 

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