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सर्दियों में रखें अपनी आंखों का ध्यान: Eyes Care in Winter

08:00 AM Jan 07, 2024 IST | Rajni Arora
सर्दियों में रखें अपनी आंखों का ध्यान  eyes care in winter
Good for eye sight
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Eyes Care in Winter: सर्दियों का मौसम यूं तो सेहत बनाने का मौसम माना जाता है। लेकिन गिरता तापमान, वातावरण में बढ़ता प्रदूषण लेवल, स्मॉग-फॉग, एलर्जन तत्वों से भरपूर सर्द और शुष्क हवाएं और सर्दी से बचने के लिए घर-ऑफिस में इस्तेमाल किए जाने वाले हीटर हमारी ओवरऑल हेल्थ को प्रभावित करते हैं। शरीर का अहम सेंस ऑर्गन हमारी आंखें भी इनसे अछूती नहीं रहतीं। आंखों में ड्राईनेस और एलर्जी की शिकायत बहुतायत में देखने को मिलती है।

ऊपर से जिंदगी का अहम हिस्सा बन चुके डिजीटल गैजेट्स का उपयोग समस्या को दोगुना कर देता है। स्क्रीन पर घंटो समय बिताने के कारण आंखों में जलन, खुजली, लालिमा, सूजन, दर्द, थकान, आंखों से लगातार पानी आना जैसी समस्याएं होने लगती हैं। जिन्हें नजरअंदाज करने, सेल्फ मेडिकेशन करने, या फिर बाजार में उपलब्ध स्टेरॉयडयुक्त दवाइयों और आई-ड्रॉप्स का इस्तेमाल करने के कारण आंखों की तकलीफ ज्यादा बढ़ जाती है। व्यक्ति ड्राई आई या कंप्यूटर विजन सिंड्रोम, मानसिक तनाव या चिड़चिड़ेपन का आसानी से शिकार हो सकता है।

लिहाजा सर्दियों में छोटे-बड़े सभी को आंखों की देखभाल करना जरूरी हैं। इसके लिए कुछ बातों पर अमल करना जरूरी है। जिन्हें अपनी दिनचर्या का हिस्सा बना लिया जाए, तो परेशानियों से बचा जा सकता है-

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नमीयुक्त बनाए रखें

Eyes Care in Winter
Eyes Care in Winter-keep moisturized

सबसे जरूरी है कि सर्दियों में आंखों को ड्राईनेस से बचाने की कोशिश करें। अगर घर में हीटर के बजाय ह्यूमिडिटीफायर का इस्तेमाल करें। वरना हीटर के आसपास पतीले या बाल्टी में पानी रखें जो कमरे में नमी बनाए रखेगा। इससे आंखें नमीयुक्त रहेंगी।

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रहें हाइड्रेट

अमूमन सर्दियों में अक्सर पानी कम पिया जाता है, जिसकी वजह से पूरे शरीर पर असर पड़ता है। आंखों में भी ड्राईनेस बढ़ जाती है और स्ट्रेन पड़ने से नजर कमजोर होने की आशंका रहती है। जरूरी है कि सर्दियों में यथासंभव 5-6 गिलास पानी या लिक्विड डाइट जरूर लें। सादा पानी न पिया जाए, तो हल्का गुनगुना करके पी सकते हैं।

पलकें ज्यादा झपकाएं

आंखों को ड्राईनेस से बचाने के लिए सबसे जरूरी है पलकें झपकाना। खासकर पढ़ते हुए या स्क्रीन टाइम करते हुए आंखें ज्यादा से ज्यादा झपकाने की कोशिश करनी चाहिए। आमतौर पर हमारी आंखें एक मिनट में 18-20 बार पलकें झपकाते हैं। जिससे आंखों में बनने वाले आंसू पलकों के साथ पूरी आंख में फैल जाते हैं और आंखों में प्राकृतिक तौर पर लुब्रीकेशन या नमी बनी रहती है। लेकिन स्क्रीन पर काम समय काम पर फोकस ज्यादा रहता है, और पलकेें झपकाने की प्रक्रिया खुद ब खुद कम हो जाती है और ड्राई आई की समस्या हो जाती है। इससे बचने के लिए स्क्रीन पर काम करते वक्त ज्यादा से ज्यादा पलकें झपकाना चाहिए।

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स्क्रीन टाइम कम करें

घंटों डिजीटल गैजेट्स का उपयोग सर्दियों में आंखों में ड्राईनेस की समस्या में इजाफा करते हैं। इनसे बचने के लिए स्क्रीन टाइम कम करना जरूरी है। अगर संभव न हो तो बीच-बीच में ब्रेक जरूर लेना चाहिए। आंखों की सेहत बनाए रखने के लिए काम करते समय 20-20-20 फॉर्मूला पर जरूर अमल करना चाहिए। यानी हर 20 मिनट पर स्क्रीन से नजर हटा कर 20 फुट दूर तक 20 सेकंड के लिए देखें। इससे आंखें झपकाने की ऋदम नॉर्मल हो जाएगी और ड्राई आई की समस्या कम होगी। आंखें रिलेक्स होंगी। या फिर 20 मिनट के बाद स्क्रीन से हट जाएं और हल्की एक्सरसाइज कर सकते हैं।

धूप से आंखों को बचाएं

protect eyes from sun
protect eyes from sun

अमूमन हम सर्दियों में बाहर जाते समय सनग्लासेस नहीं पहनते। हालांकि गर्मियों के बनिस्पत धूप कम निकलती है, फिर भी सूरज की किरणों में अल्ट्रावॉयलेट इंडेक्स ज्यादा होता है। साथ ही इस मौसम में पर्यावरण प्रदूषण की समस्या चरम पर होती है। स्मॉग और फॉग के कारण हवा में मौजूद प्रदूषक तत्व आंखों को प्रभावित करते हैं। इनसे बचने के लिए बाहर जाते समय सनग्लासेस या फेस शील्ड जरूर पहननी चाहिए।

हाइजीन का रखें ध्यान

सर्दियों में आंखों में ड्राईनेस बढ़ने से खुजली की समस्या भी आती है। गंदे हाथों से आंखें मलने या रगड़ने पर इंफेक्शन बढ़ने की संभावना बढ़ जाती है। इसलिए जरूरी है कि आंखों को छूने से पहले हाथ धोकर या सेनिटाइजर से जरूर साफ करने चाहिए। जहां तक हो सके आंखें रगड़ने से बचना चाहिए।

आंखों की सफाई का रखें ध्यान

दिन में कम से कम दो बार आंखों को पीने वाले साफ पानी से जरूर धोना चाहिए। खासकर सुबह उठने और रात को सोने से पहले आंखों को जरूर धोना चाहिए ताकि आंखों में किसी भी तरह की गंदगी चिपकी हो तो वो निकल जाए।

नियमित तौर पर डालें लुब्रीकेंट ड्रॉप्स

चाहे आंखों में किसी तरह की समस्या हो या न हो, डॉक्टर के परामर्श से लुब्रीकेंट ड्रॉप्स जरूर डालनी चाहिए। बाजार में आर्टिफिशिल टियर, रिफ्रैश टियर जैसी कई तरह की लुब्रीकेंट ड्रॉप्स आती हैं, नियमित रूप से आंखों में डालें। इससे आंखों में आंसू आने से नमी बनी रहती है और ड्राईनेस की समस्या से बचाव हो सकता है।

सेल्फ मेडिकेेशन से बचें

किसी भी तरह की समस्या आने पर नेत्र विशेषज्ञ को जरूर दिखाएं। सेल्फ मेडिकेशन न करें क्योंकि स्टेरॉयडयुक्त दवाइयां आंखों के लिए नुकसानदेह हो सकती हैं।

आइज-चैकअप जरूर करवाएं

सर्दी के मौसम में नेत्र विशेषज्ञ को एक बार जरूर कंसल्ट करना चाहिए। ताकि आंखों में किसी भी तरह के इंफेक्शन या समस्या का समय रहते जांच और समुचित उपचार हो सके।

डाइट का रखें ध्यान

Diet
Diet

आंखों के सेहतमंद रखने के लिए विटामिन ए, सी, ई, केरोटोनॉयड्स रिच आहार का सेवन करना चाहिए। आमतौर पर लाल, पीले और हरे फल-सब्जियों में मिलता है। सर्दियों में तो ऐसे फल-सब्जियों की बहार रहती है। इसलिए जरूरी है कि रोजाना आहार में इन चीजों का सेवन ज्यादा से ज्यादा करना चाहिए।

साउंड स्लीप लें

आंखों को स्वस्थ रखने के लिए रात को कम से कम 6-7 घंटे की नींद जरूर लें।संभव हो तो दिन में एकाध घंटे की पॉवर नेप भी आंखों को रिलेक्स करने में सहायक है।

(डॉ समीर सूद, निदेशक, शार्प साईट आई अस्पताल, दिल्ली)

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