अपने बच्चों में डालें यह 15 अच्छी आदतें: Good Habits for Kids
Good Habits for Kids: बच्चे कच्ची मिट्टी की तरह होते हैं, कुम्हार मिट्टी को घड़ा बनने के लिए जिस आकार में उसे ढालता है, वह ढल जाता है। इसी तरह माता-पिता उन्हें संवारने की कोशिश करें।
आप अपने बच्चे के साथ शुरुआती समय से जैसा व्यवहार करेंगे वो आगे जाकर वही सीखेगा। बच्चों में अच्छी आदत डालने के लिए माता-पिता को भी मेहनत करनी पड़ेगी। आप बच्चों के सामने जैसा व्यवहार करेंगे बच्चे वहीं सीखेंगे। इसलिए बच्चों के सामने हमेशा उनका आदर्श बनने की कोशिश करें। ये जरूरी नहीं है कि आपने बच्चों को जन्म दिया है तो आप महान है। उनके साथ आप कैसा व्यवहार करती है, ये चीज आपको महान बनाती है।
समाज में आपकी पहचान आपकी धन-दौलत या रुतबे से ज्यादा आपकी परवरिश से बनती है। बच्चे के संस्कार और व्यवहार देखकर ही माता-पिता के व्यक्तित्व का पता लगाया जाता है। बच्चों को अच्छी आदत सिखाने के लिए समय और धैर्य दोनों ही बेहद जरूरी है। आइए यहां जानते हैं कि कौन सी ऐसी आदतें है, जिन्हें आप बचपन में ही डालकर अपने बच्चे को भविष्य में एक अच्छा इंसान बनाने के लिए तैयार कर सकते हैं-
सुबह की शुरुआत प्रार्थना से करें

डिजिटल युग में जहां बच्चों की सुबह कार्टून से होती है, उनकी इस आदत को बदलकर आप उन्हें सुबह बिस्तर पर ही अपने ईष्ट देवता की आराधना करने के लिए कहें। उन्हें सुबह कुछ भक्ति गीत या कुछ मंत्र सुनाएं। ये आदत भविष्य में उनके बेहद काम आएंगे।
गुड मॉर्निंग या प्रणाम करना
कहते हैं कि आर्शीवाद सबसे ज्यादा फलता है, अगर आपके घर में बड़े-बूढ़े हैं तो आप भी बच्चों के साथ उन्हें प्रणाम करें या गुड माॄनग बोलकर अभिवादन करें। बच्चा अच्छी आदतें घर से ही सीखता है। जब वह स्कूल या घर से बाहर भी जाएगा तो उसे ये आदत दोबारा नहीं सिखानी पड़ेगी।
बड़ों का सम्मान करना
घर के बड़े-बुजुर्ग की बात सुनने के लिए आप बच्चों से कह सकती हैं साथ ही उनकी मदद के लिए भी बोलें। दादा-दादी या नाना-नानी की आज्ञा का पालन करना भी बच्चों को सिखाएं। हमेशा सभी से प्यार से पेश आएं।
पढ़ने की आदत

बच्चों को अच्छी किताबें पढ़ने के लिए प्रोत्साहित करें। उनकी रूचि के अनुसार किताबें खरीद कर लाएं। पढ़ने से बच्चों का दिमाग एक्टिव होता और उनकी शब्दावली भी अच्छी होती है।
बिस्तर ठीक करना
जब आपका बच्चा पांच साल का हो जाए तो उसे यह जरूर सिखाएं कि उठने के बाद अपना बिस्तर ठीक करते हैं। प्यार या लाड दिखाने के लिए कई माएं अपने बच्चों से यह काम नहीं करवाती हैं, जो कि गलत है। इससे बच्चे साफ-सफाई और आगे अपनी जिम्मेदारी उठाने के लिए तैयार हो जाते हैं। जरूरी नहीं है कि बच्चा हर समय आपकी देख-रेख में ही रहेगा। बच्चों को आत्मनिर्भर बनाने में कोई बुराई नहीं हैं।
ब्रश करना
छोटे बच्चे अपने माता-पिता द्वारा किए जाने वाले काम को करके बेहद उत्साहित होते हैं। आप बच्चों के साथ ब्रश करें और उन्हें समझाए कि ब्रश करना आपके दांत और मुंह के स्वास्थ्य के लिए कितना जरूरी है। उन्हें किसी कार्टून कैरेक्टर की कहानी सुनाकर ब्रश करने के लिए प्रेरित करें। कोशिश करें उन्हें खुद से ब्रश करने की आदत डलवाएं।
स्वच्छता का ज्ञान अवश्य दें

खाने-पीने की चीजों से लेकर खराब समान को ईधर-उधर न फेंककर कूड़ेदान में डालें और अपने हाथ को बार-बार साबुन से धोएं और उन्हें साफ रखें। बच्चों को हमेशा स्वच्छता का पाठ पढ़ाएं।
गुनगुना पानी पीना
सुबह उठकर खाली पेट पानी पीने के फायदे बच्चे को जरूर बताएं और सुबह उठकर जब आप पानी पीते हैं तो बच्चे को भी अपने साथ पानी पिलाएं। शरीर को पूरे दिन हाइड्रेट रखने के साथ ही खाली पेट पानी से आपके चेहरे पर चमक आती है और अपच की भी समस्या नहीं रहती है। बच्चे को स्वास्थ्य के प्रति सजग करने के लिए ये आदत जरूर उसे लगवाएं।
फ्रेश होना और नहाना
नित्यकर्म की इस आदत को लगाने के लिए आपको शुरुआती दौर से ही कोशिश करनी होगी। बच्चों को सुबह उठकर वॉशरूम में फ्रेश होने के लिए कहें और नहाने के लिए भी प्रेरित करें। रोज नहाने की आदत डलवाएं। बच्चे जितना फ्रेश रहेंगे वह उतने ही खुश और चुस्त-दुरूस्त रहेंगे।
कपड़े पहनना

पांच साल के उम्र के बच्चों को कपड़े स्वयं से पहनने के लिए कहें। साथ ही बच्चों को कपड़े की साफ-सफाई का ध्यान रखने के लिए भी कहें। कपड़े पहनते समय शर्ट के बटन आराम से बंद करें। कपड़े को गंदा ना करें। कपड़े पहनते या खोलते समय जल्दबाजी न करें।
सलीके से भोजन करना
बच्चों को खाना खाने का सलीका बचपन से ही सिखाना चाहिए। खाना चबा-चबाकर और धीरे-धीरे बिना आवाज किए खाने के लिए कहें और खाना गिराए नहीं। इसके साथ ही उन्हें बताएं कि आपको जितनी भूख है उतना ही खाएं और खाने को बर्बाद ना करें। जब आप खाना खाएं तो बच्चों को भी अपने साथ खाना खिलाने के लिए बिठाएं। लाड-प्यार को छोड़कर बच्चों को खुद से खाना खाने के लिए प्रोत्साहित करें।
मदद के लिए तैयार रहें
जब कभी लगे कि आपकी मदद से किसी की भलाई हो जाए तो उसकी मदद जरूर करें। अपने बच्चों के सामने जरूरतमंद की जरूर मदद करें जिसे सीखकर वह भी भविष्य में लोगों की मदद करने से नहीं कतराएंगे।
अच्छा खानपान स्वस्थ शरीर का राज

बच्चों को बाजार में मिलने वाले पैकेट बंद चिप्स और कोला की जगह फल और सब्जियां, दूध, दही, पनीर शुरू से खिलाएंगे तो उन्हें यही खाने की आदत लग जाएगी। जंक फूड से होने वाले नुकसान के बारे में बताएं ताकि वे आपसे जंक फूड खाने के लिए जिद ना करें।
प्रकृति से प्यार करना सिखाएं
पेड़-पौधे को तोड़ने या उनको नुकसान पहुंचाने के लिए मना करें और पशु-पक्षियों से प्रेम करें। कई बच्चे पानी से बहुत खेलते हैं उन्हें बताएं कि पानी बहुत अमूल्य है, उसको बर्बाद न करें।
संतुष्टि परम् सुखम
आज की गलाकाट प्रतियोगिता में हर कोई आगे बढ़ने और सबकुछ पाने के चक्कर में परेशान रहता है। ऐसे माहौल में वही लोग खुश हैं, जो कम पाकर भी संतुष्ट हैं। बच्चों को संतुष्ट होना सीखाएं।