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महाशिवरात्रि पर भोलेनाथ को क्यों लगाया जाता है ठंडाई का भोग? जानें इसका इतिहास व महत्व: Maha Shivratri 2023

महाशिवरात्रि पर्व पर विशेष रूप से ठंडाई बनाकर भोलेनाथ को भोग लगाया जाता है।
12:00 PM Feb 17, 2023 IST | Monika Agarwal
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Maha shivratri 2023: हिंदू पंचांग के अनुसार, हर साल फाल्गुन मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जाता है। पौराणिक शास्त्रों में बताया गया है कि इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह संपन्न हुआ था। इस साल महाशिवरात्रि का पावन पर्व 18 फरवरी 2023 को मनाया जाएगा। वैसे तो भक्तगण प्रतिदिन ही शंकर भगवान की उपासना करते हैं, लेकिन महाशिवरात्रि के दिन भक्तों में अलग ही उत्साह देखने को मिलता है। इस दिन लोग महाशिवरात्रि का व्रत रखते हैं और भगवान शिव की विशेष उपासना करते हैं।

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महाशिवरात्रि के दिन सवेरे से शिव मंदिरों और शिवालयों में श्रद्धालु पहुंचने लगते हैं। सभी भक्तगण महाशिवरात्रि के दिन शिवलिंग पर बेलपत्र अर्पित करते हैं और दूध, दही, जल, गंगाजल आदि से अभिषेक करते हैं। इसके अलावा भोलेनाथ को ठंडाई का भोग लगाया जाता है। महाशिवरात्रि के दिन जगह जगह पर ठंडाई बांटी जाती है। आइये जानते हैं महाशिवरात्रि पर ठंडाई का महत्व क्या है।

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Maha Shivratri 2023: इसलिए लगाया जाता है ठंडाई का भोग

Maha Shivratri on Thandai

हिंदू धर्म में भगवान शिव को समर्पित महाशिवरात्रि के त्योहार पर ठंडाई का विशेष महत्व है। पंडित इंद्रमणि घनस्याल बताते हैं कि समुद्र मंथन के दौरान समुद्र से चौदह तरह की चीजें निकली थी, जिनमें कालकूट विष भी शामिल था। कालकूट विष से धरती संकट में आ गई, तब भोलेनाथ ने कालकूट विष का पान किया था। विषपान के कारण भगवान शिव के शरीर में जलन उत्पन्न हो गई थी। इसलिए देवी देवताओं ने भोलेनाथ के शरीर की जलन कम करने के लिए उनको ठंडी चीजें खिलाई। उसके बाद भगवान शिव को जलन से राहत मिली थी। इसलिए महाशिवरात्रि पर्व पर विशेष रूप से ठंडाई बनाकर भोलेनाथ को भोग लगाया जाता है। भोलेनाथ को भांग से बने व्यंजनों का भी भोग लगाना चाहिए, क्योंकि भगवान शिव को भांग अतिप्रिय मानी जाती है।

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इस तरह से तैयार करें ठंडाई

Thandai Recipes

महाशिवरात्रि पर्व पर ठंडाई का विशेष महत्व होता है। महादेव को ठंडाई का विशेष भोग लगाया जाता है। ठंडाई को बनाने के लिए दूध, खसखस, बादाम, सौंफ, काली मिर्च, हरी इलायची, गुलाब की पत्तियां और चीनी के मिश्रण को तैयार किया जाता है। भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए ठंडाई में भांग का प्रयोग भी किया जाता है। ठंडाई को और भी अधिक स्वादिष्ट बनाने के लिए इसमें सुखे मेवों का भी इस्तेमाल किया जाता है।

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ठंडाई पीने के लाभ

Benefits of Thandai

भोलेनाथ की कृपा प्राप्त करने के महाशिवरात्रि पर शिवजी को ठंडाई बनाकर इसका भोग लगाना शुभ माना जाता है। इसके साथ ही ठंडाई पीने से शरीर में गर्मी के मौसम में तापमान नियंत्रित रहता है। साथ ही, ठंडाई के सेवन से पेट की गर्मी से निजात मिलती है और मन और मस्तिष्क शांत रहता है।

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