हर फैन के दिल में बसते हैं ये डायलॉग: Famous Hindi Movie Dialogues
Famous Hindi Movie Dialogues: एक फिल्म किसी बेहतरीन फिल्म में तब बदलती है जब उसकी कहानी और संवाद दोनों ही बेहतर होते हैं। हर कोई किसी न किसी फिल्म का मुरीद होता ही है। किसी को भाती है प्रेम कहानी, तो कोई पसंद करता है रोमांस और एक्शन का तड़का, वहीं किसी का दिल बेचैन रहता है रहस्यमयी कहानी में तो कोई ठहाकों से भरी कहानी पर हो जाता है फिदा। ऐसी कई फिल्में हैं जो अपने डायलॉग की वजह से इतनी लोकप्रिय हैं कि रोजमर्रा की जिन्दगी में भी हम उनका इस्तेमाल करते हैं।
फिल्म के संवाद हमें तभी याद रहते हैं जब उनमें कुछ नया हो या किसी भी तरह से वो प्रभावित करें। किसी कॉमेडी फिल्म का डायलॉग है तो वो हमें जरूर गुदगुदाएगा वहीं अगर किसी फिल्म का डायलॉग आपके आंखों में आंसू ला दे तो जाहिर है कि वो उसका उद्देश्य है। इसी तरह हर संवाद में एक भाव होता है जो हमें खुद से जोड़ता है फिर वो हंसाकर जोड़े या रुलाकर। ये पढ़ते हुए आपके मन में भी न जाने कितने ही पसंदीदा और लोकप्रिय डायलॉग आने लगे होंगे। तो चलिए जानते हैं उन डायलॉग के बारे में जो कि आज भी बेहद लोकप्रिय हैं। तो चलिए जानते हैं बॉलीवुड के उन लोकप्रिय डायलॉग के बारे में जो हमें जरूर याद रहते हैं और हम उन्हें अपनी रोजमर्रा की जिन्दगी में भी बोलते हैं।
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मोगैम्बो खुश हुआ
फिल्म 'मिस्टर इंडिया' का ये प्रसिद्ध डायलॉग 'मोगैम्बो खुश हुआ' शायद ही किसी को न पता हो। फिल्म 'मिस्टर इंडिया' 25 मई 1987 को रिलीज हुई थी। फिल्म को काफी लोकप्रियता हासिल हुई थी। ये फिल्म अनिल कपूर की बेहतरीन फिल्मों में गिनी जाती है। मिस्टर इंडिया का निर्देशन शेखर कपूर ने किया था। फिल्म में अनिल कपूर, श्री देवी और अमरीश पुरी मुख्य भूमिका में नजर आए थे। फिल्म का ये डायलॉग तो आप भी अपनी रोजमर्रा की जिन्दगी में भी प्रयोग लाते हैं।
पुष्पा आई हेट टीयर्स
फिल्म 'अमर प्रेम' का ये डायलॉग 'पुष्पा आई हेट टीयर्स' के तो हम सभी दीवाने हैं। फिल्म 'अमर प्रेम' एक लोकप्रिय फिल्म थी। राजेश खन्ना की इस फिल्म को उनके करियर की बेहतरीन फिल्मों की फेहरिस्त में एक अच्छा मकाम हासिल है। फिल्म 'अमर प्रेम' 28 जनवरी 1972 को रिलीज हुई थी। फिल्म का निर्देशन शक्ति सामंत ने किया था। फिल्म में राजेश खन्ना और शर्मीला टैगोर मुख्य भूमिका में हैं।
बड़े-बड़े देशों में ऐसी छोटी-छोटी बातें होती रहती हैं सेनोरिटा
फिल्म 'दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे' तो शायद ही किसी ने न देखी हो। फिल्म डीडीएलजे को दर्शकों ने बेहद प्यार दिया था और फिल्म के गाने को शाहरुख के फैंस आज भी सुनना पसंद करते हैं। फिल्म के कई डायलॉग बेहद लोकप्रिय हुए थे जिनमें सबसे ज्यादा पसंद किया जाने वाला डायलॉग है, 'बड़े-बड़े देशों में ऐसी छोटी-छोटी बातें होती रहती हैं सेनोरिटा' है। ये डायलॉग जरूर आपका पसंदीदा होगा।
होली कब है, कब है होली
फिल्म 'शोले' का ये डायलॉग तो शायद ही किसी ने न सुना हो। फिल्म शोले के कई डायलॉग बहुत पसंद किए गए थे और आज भी ये अपने चाहने वालों की जबान पर होते हैं। फिल्म 'शोले' का डायलॉग, 'होली कब है, कब है होली' तो आप भी होली की तारीख जानने के लिए हंसी मजाक में बोलते जरूर होंगे। ये डायलॉग तो हर शोले के फैन का पसंदीदा डायलॉग है। फिल्म के दृश्य में गब्बर अपने डाकुओं से होली का दिन पूछता नजर आ रहा है।
बाबू मोशाय जिन्दगी लम्बी नहीं बड़ी होनी चाहिए
फिल्म आनंद का ये डायलॉग जिंदादिली का नाम है। 1971 में रिलीज हुई फिल्म 'आनंद' हृषिकेश मुखर्जी की उन बेहतरीन फिल्मों में गिनी जाती है जिसे एक न एक बार हर किसी को देखना चाहिए। फिल्म का एक दृश्य है जिसमें राजेश खन्ना जो कि एक मरीज आनंद की भूमिका निभा रहे हैं पहली बार अपने डॉक्टर यानी कि अमिताभ बच्चन से मिलते हैं और राजेश खन्ना का मस्त मौला अंदाज देखकर वो गुस्सा हो जाते हैं तभी आनंद कहता है कि वो जानता है कि उसकी जिन्दगी 6 महीने की है लेकिन उसमें लाखों पल हैं उसका क्या होगा, 'बाबूमोशाय जिन्दगी बड़ी होनी चाहिए लम्बी नहीं, मौत के डर से अगर जिंदा रहना छोड़ दिया तो मौत किसे कहते हैं क्यों दोस्त, बाबूमोशाय जब तक जिंदा हूं तब तक मरा नहीं, जब मर गया साला मैं ही नहीं फिर डर किस बात का' ये खूबसूरत डायलॉग बेहद अच्छा है अक्सर हम भी अपनी तमाम मुश्किलों को ये कहते हुए खारिज कर देते हैं कि बाबू मोशाय जिन्दगी बड़ी होनी चाहिए लम्बी नहीं।
मेरे पास मां है
फिल्म 'दीवार' का ये बेहद लोकप्रिय डायलॉग तो हम सभी एन्जॉय करते हैं। फिल्म 'दीवार' 1975 में रिलीज हुई थी। फिल्म में एक दृश्य है, जिसमें अमिताभ बच्चन और शशि कपूर का संवाद है जिसमें अमिताभ बच्चन कहते हैं कि 'आज मेरे पास बिल्डिंग है, प्रॉपर्टी है, बैंक बैलेंस है, बंगला है गाड़ी है क्या है तुम्हारे पास', इस पर शशि कपूर बेहद नरम आवाज में कहते हैं कि 'मेरे पास मां हैं।' ये संवाद बहुत गंभीर दृश्य का लेकिन इसका इस्तेमाल फैंस हंसते खेलते करते हैं। ये डायलॉग इतना लोकप्रिय हुआ कि हर कोई इसे सुन चुका होगा। फिल्म का निर्देशन यश चोपड़ा ने किया था। फिल्म में अमिताभ बच्चन, शशि कपूर, नीतू सिंह और परवीन बॉबी जैसे कलाकार नजर आए थे।