इस गांव में हैं पूरे एशिया के सबसे ज्यादा पढ़े लिखे लोग, नाम सुन कर दंग रह जाएंगे आप: Most Educated Village
Most Educated Village: पढ़ाई-लिखाई का क्या महत्व है, इसके बारे में हम सभी जानते हैं। लेकिन, हमारे देश में अभी भी ऐसे कई गाँव हैं ,जहाँ लोग पढ़ाई में दिलचस्पी कम लेते हैं। गाँव का नाम आते ही हमारे मन में भी सबसे पहले जो तस्वीर बनती है, वो हैं हरे-भरे खेत या किसान आदि। धीरे-धीरे अब समय बदल रहा है और पढ़ाई को लेकर लोग अधिक जागरूक हो रहे हैं। क्या आप जानते हैं कि हमारे देश में एक गाँव ऐसा भी है, जिसमें नब्बे प्रतिशत से ज्यादा लोग शिक्षित हैं? यही नहीं, इस गांव में पूरे एशिया के सबसे ज्यादा पढ़े लिखे लोग हैं। जानिए इस गाँव की कहानी के बारे में विस्तार से।
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कौन सा है एशिया का सबसे शिक्षित गाँव?
भारत अपने कल्चर और खाने के लिए बहुत प्रसिद्ध है। लेकिन रिपोर्ट्स के अनुसार भारत में एक ऐसा गाँव भी है, इसमें एशिया के सबसे पढ़े-लिखे लोग रहते हैं। इस गाँव का नाम है धोर्रा माफी, जो उत्तर प्रदेश के अलीगढ डिस्ट्रिक्ट में है। यह जिला अलीगढ मुस्लिम यूनिवर्सिटी और लॉक इंडस्ट्री के लिए प्रसिद्ध है। धोर्रा माफी हमारे देश के सबसे डेवलप्ड गाँव में से एक है, जिसमें चौबीस घंटे बिजली और पानी की सुविधा मौजूद है। इसके साथ ही यहाँ इंग्लिश मध्यम स्कूल और कॉलेज आदि भी हैं। इस गाँव की आवादी दस से ग्यारह हजार के लगभग है। यही नहीं, यहाँ अधिकतर लोग सरकारी नौकरी करते हैं। इस गाँव के लगभग 80% घरों में एक से एक व्यक्ति स्टेट या सेंट्रल गवर्नमेंट में तैनात हैं।
लिम्का बुक में है नाम दर्ज
साल 2002 में इस गाँव का नाम लिम्का बुक और रिकार्ड्स में एशिया के सबसे शिक्षित गाँव के रूप में दर्ज किया गया। रिपोर्ट्स के मुताबिक इस गाँव ने हमारे देश को कई साइंटिस्ट, डॉक्टर, इंजीनियर, प्रोफेसर और आईए ऑफिसर दिए हैं। इस गाँव का लिटरेसी रेट 75 प्रतिशत से भी अधिक है। धोर्रा माफी में अधिकतर वयस्क सेल्फ एम्प्लॉयड हैं। यहाँ के लोग इस बात को पूरी तरह से सुनिश्चित करते हैं कि यहाँ हर बच्चे को शिक्षा मिले। लेकिन, भारत की प्रशासनिक और एजुकेशनल सिस्टम में गाँव के महत्वपूर्ण योगदान के बावजूद, बहुत से भारतीयों को इसके बारे में पता भी नहीं होगा।
धोर्रा माफी के प्रधान डॉक्टर नूरुल अमिन के अनुसार इस गाँव की सबसे खास बात है यहाँ के लोगों का भाईचारा और एकता। यहाँ विभिन्न कम्युनिटिस के लोग एक साथ काफी सालों से बिना किसी भेद-भाव के रह रहे हैं। यहाँ के पुरुष ही नहीं बल्कि महिलाएं भी एक समान एडुकेटेड हैं और अच्छी जगहों पर नौकरी कर रही हैं। इन्हीं कारणों से इस विलेज का नाम गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स के लिए भी प्रस्तावित किया गया था। यह गांव जहां एशिया के सबसे साक्षर गांव के रूप में प्रसिद्ध हो चुका है, वहीं भारत के अन्य गांव भी मिसाल कायम कर रहे हैं। मेघालय के एक छोटे से गाँव ने धोर्रा माफी के बाद "एशिया के सबसे साफ गाँव" का खिताब पाया है। उम्मीद है कि हमारे देश के अन्य लोग भी इससे कुछ सीखें और आने वाले समय में केवल एक गाँव ही नहीं बल्कि हमारा पूरा देश सौ प्रतिशत साक्षर होने का रिकॉर्ड बनाए।