थायराइड करता है महिलाओं की फर्टिलिटी को प्रभावित, जानते हैं इससे निपटने के टिप्स: Thyroid Affect Fertility
Thyroid Affect Fertility: हम सभी जानते हैं कि आजकल थायराइड की समस्या बहुत आम हो गई है। लेकिन यह सच है कि यह महिलाओं की फर्टिलिटी पर भी बुरा असर डालती है। वैसे भी अगर प्रेगनेंसी के पूरे प्रोसेस को देखें तो यह किसी भी महिला के फिजिकल के साथ इमोशनल पहलू से भी जुड़ा होता है। इस प्रोसेस में थायराइड का रोल भी कुछ कम नहीं है। सबसे पहले जानते हैं कि थायराइड समस्या के कितने प्रकार होते हैं। हमने मैक्स अस्पताल गुरुग्राम की डॉक्टर रितु सेठी से इस संदर्भ में बात की और जाना इस समस्या से निमटने के तरीके को।
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थायराइड के प्रकार
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हाइपोथायराइडिज़्म: हाइपोथायरायडिज्म तब होता है जब थायरॉयड कम सक्रिय होता है और पर्याप्त थायराइड हार्मोन का उत्पादन नहीं करता है। यह अक्सर खाने में आयोडीन की कमी या हासीमोटो थायरॉयडिटिस जैसी ऑटोइम्यून बीमारियों के कारण होता है। यह प्रजनन क्षमता में कमी, गर्भपात के बढ़ते जोखिम, शिशु की कम बुद्धि, प्री-एक्लेमप्सिया, समय से पहले जन्म और शिशु मृत्यु से जुड़ा है। हाइपोथायरायडिज्म का फिर से एक साधारण रक्त परीक्षण से निदान किया जा सकता है। उपचार आमतौर पर आयोडीन या थायराइड हार्मोन, थायरोक्सिन के सिंथेटिक रूप के साथ पूरक होता है।
हाइपरथायराइडिज़्म: हाइपरथायरायडिज्म तब होता है जब थायरॉयड अति सक्रिय होता है और अधिक मात्रा में थायराइड हार्मोन का उत्पादन करता है। ग्रेव्स रोग और अन्य ऑटोइम्यून बीमारियां इसका सबसे आम रूप हैं। टीएसएच रक्त परीक्षण करके हाइपरथायरायडिज्म की उपस्थिति को मापा जा सकता है। हाइपरथायरायडिज्म के कारण महिलाओं में मासिक धर्म कम हो सकता है और पुरुषों में शुक्राणुओं की संख्या कम हो सकती है। एक बार हाइपरथायरायडिज्म का निदान हो जाने पर इसका इलाज दवा, रेडियोधर्मी आयोडीन या सर्जरी से किया जा सकता है, जिसके बाद हार्मोन का स्तर आम तौर पर सामान्य हो जाता है।
थायराइड और इनफर्टिनिटी
यदि थायराइड ग्रंथि स्वस्थ नहीं है तो यह हार्मोन की समस्याओं को प्रेरित कर सकता है, जो महिलाओं में इररेगुलर पीरियड, गर्भावस्था के समस्याएं और फर्टिलिटी समस्याएं पैदा कर सकती हैं। थायराइड समस्याएं महिलाओं में इनफर्टिनिटी को बढ़ा सकती हैं।
थायराइड के लक्षण
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अगर आप थायराड की समस्या से जूझ रहे हैं तो कुछ चीजें आपको अपने अंदान नजर आएंगी जैसे कि वजन में परिवर्तन, थकान, चिड़चिड़ापन ध्यान केंद्रित नहीं होना, अनियमित मासिक धर्म, ज्यादा ठंडा या गरम महसूस करना।
थायराइड का इलाज
थायराइड समस्याओं का इलाज डॉक्टर के परामर्श से ही किया जाना चाहिए। यह इलाज दवाओं, जैसे कि थायरॉक्सीन या थायरॉइड हार्मोन उपचार, या सर्जरी की रूप में हो सकता है।
थायराइड के उपचार में सावधानियां
![Balanced and Healthy Diet](https://grehlakshmi.com/wp-content/uploads/2024/05/SIP-2024-05-01T110449.368-1024x576.webp)
डॉक्टर द्वारा सुझाई गई दवाओं का नियमित उपयोग करें। एक संतुलित और स्वस्थ आहार लें, जिसमें फल, सब्जियां, पूरे अनाज, और प्रोटीन शामिल हों। इसके अलावा नियमित व्यायाम करना थायराइड समस्याओं को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है। वहीं डॉक्टर की परामर्श के अनुसार समय- समय पर जांच करवाएं।
आप घबराएं नहीं
थायराइड समस्याएं महिलाओं की प्रजनन क्षमता को प्रभावित कर सकती हैं, लेकिन सही इलाज और सावधानियों के पालन से इस समस्या का सामना किया जा सकता है। अगर आपको थायराइड समस्याओं के लक्षण महसूस होते हैं, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें और उचित उपचार का लाभ उठाएं। स्वस्थ रहें, स्वस्थ जीवन जीएं।