Control Diabetes: इन तरीकों से कंट्रोल करें अपना डायबिटीज
Control Diabetes: आज लाखों लोग मधुमेह के कारण पीड़ित हैं। पिछले 4 सालों में डायबिटीक लोगों के आंकड़ों में 30 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई है। इंटरनेशनल डायबिटीज फेडरेशन की हालिया रिपोर्ट के अनुसार, भारत दुनिया का डायबिटीज कैपिटल बना हुआ है और 2030 तक देश की लगभग 9 प्रतिशत आबादी के इस बीमारी से प्रभावित होने की आशंका है। दुनिया में भारत के सबसे ज्यादा लोग यानी 50.8 मिलियन डायबिटीज से पीड़ित हैं।
जीवा फर्टिलिटी क्लिनिक की मेडिकल डायरेक्टर और क्लाउड नाइन हाॅस्पिटल की डाॅक्टर श्वेता गोस्वामी ने इस आर्टिकल में डायबिटीज के बारे में कई तरह की जानकारी शेयर की है। डॉक्टर श्वेता कहती हैं, डायबिटीज एक मेटाबॉलिक बीमारी है, जिसमें व्यक्ति की बॉडी के खून में ग्लूकोज का लेवल बहुत अधिक हो जाता है। व्यक्ति की बॉडी में इंसुलिन पर्याप्त मात्रा में नहीं बन पाता है और बॉडी के सेल्स इंसुलिन के प्रति सही तरह से रिएक्ट नहीं कर पाते हैं। इंसुलिन का बनना हमारी बॉडी के लिए जरूरी है क्योंकि यह ब्लड से बॉडी के सेल्स में ग्लूकोज का संचार करता है। ऐसे में जब इंसुलिन सही मात्रा में नहीं बनता है, तो व्यक्ति के बॉडी मेटाबॉलिज्म पर इसका असर पड़ता है।
डायबिटीज तीन प्रकार की होती है। टाइप 1 और टाइप 2 के अलावा गर्भावस्था के दौरान जेस्टेशनल डायबिटीज होता है।
ऐसे प्रभावित करता है डायबिटीज महिलाओं को
प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से डायबिटीज रिप्रोडक्शन सिस्टम की विभिन्न क्रियाओं पर प्रतिकूल असर डालता है। जैसे पुरुषों और महिलाओं में रिप्रोडक्शन क्षमता का कम हो जाना। यह समस्या अनकंट्रोल्ड ब्लड शुगर के कारण उत्पन्न होती है। डायबिटीज से पीड़ित महिलाओं में फैलोपियन ट्यूब के विकारग्रस्त होने और यूरीनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (यूटीआई) से ग्रस्त होने की आशंका काफी बढ़ जाती हैं। फैलोपियन ट्यूब का विकारग्रस्त होना देश की महिलाओं में इनफर्टिलिटी का एक प्रमुख कारण है। डायबिटीज के कारण गर्भस्थ महिला के भ्रूण पर भी प्रतिकूल असर पडता है।
महिलाओं में हार्मोन्स से संबंधित असंतुलन के कारण कई समस्याएं पैदा हो सकती हैं। जैसे पीरियड्स में देरी होना, पीरियड्स में अनियमितताएं, सबफर्टिलिटी और मेनोपॉज का समय से पहले होना आदि।
जिन गर्भवती महिलाओं में टाइप 1 या टाइप 2 डायबिटीज होती है, उनमें मिसकैरेज का खतरा बढ़ जाता है। इसके साथ ही साथ पीड़ित महिला के बच्चे में विकार की आशंका भी बहुत अधिक होती है।
ऐसे मैनेज करें डायबिटीज को
डायबिटीज को एक स्वस्थ आहार और नियमित व्यायाम सहित लाइफस्टाइल में बदलाव के जरिए मैनेज किया जा सकता है। इलाज से बढ़िया है कि आप इस बीमारी को आने ही न दें। अगर आपके परिवार में किसी को भी डायबिटीज है, तो कृपया सुनिश्चित करें कि परिवार के सभी सदस्यों की डायबिटीज की टेस्ट की जाती है, ताकि पहले चरण में इसका पता लगाया जा सके।
प्रत्येक व्यक्ति को लाइफस्टाइल को इस तरह बनाए रखना चाहिए कि व्यक्ति को कम खाना, अच्छा खाना, समय पर खाना और धीरे- धीरे खाना चाहिए। इसके अलावा सात घंटे की नींद भी लें। सबसे जरूरी बात, तनाव न दें, तनाव न लें, यह डायबिटीज के बिना भी लोगों के लिए सलाह है।
वो लोग जो डायबटीज से ग्रस्त होते हैं, उन्हें अपनी लाइफस्टाइल में बदलाव की जरूरत है ताकि वे डायबटीज को नियंत्रण में रख सकेंl
समय पर खाना है जरूरी
डायबिटीज के रोगियों के लिए जरूरी है कि वे समय पर और कम अंतराल पर थोड़ा- थोड़ा करके खाते रहें। हर दो-तीन घंटे पर थोड़ा करके खाते रहने से आपका ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल में रहेगा।
बंद करें धूम्रपान
हमें धूम्रपान के सेहत पर बुरे प्रभाव के बारे में पता है। यह प्रभाव उन लोगों के लिए बहुत ही हानिकारक हो सकता है, जो डायबटीज से ग्रस्त होते हैं। धूम्रपान से कोलेस्ट्रोल की मात्रा शरीर में बढ़ जाती है, जो ब्लड वेसल्स को बाधित कर देता है।
अल्कोहल का सेवन है हानिकारक
यह आपकी डायबिटीज की दशा को प्रभावित कर सकता है। इसके अलावा आपको यह भी ध्यान देना चाहिए कि आप अल्कोहल में क्या मिला रह हैं। फ्रूट जूस, कोला और अन्य मीठे लिक्विड को अल्कोहल के साथ न मिलाएं। अल्कोहल का एक अन्य बुरा प्रभाव यह है कि इसमें कई अनहेल्दी कैलोरी होती है, जो आपके वजन घटाने की प्रक्रिया में बाधा बन सकती है। इसलिए यह आपको सुझाव दिया जाता है कि आप अपने अल्कोहल के सेवन की मात्रा को कम से कम रखें।
एक्सरसाइज है जरूरी
जो लोग डायबटीज से ग्रस्त हैं, उन्हें अपने जीवन के रोजाना कार्यक्रम में एक्सरसाइज जरूर करना चाहिए क्योंकि यह आपको स्वस्थ रखने में मदद करता है। साथ ही आपके वेट को भी मैनेज करता है। ब्लड शुगर को नियंत्रित रखने के लिए नियमित एक्सरसाइज करें। अपने डॉक्टर के परामर्श से दवाएं लें। जो लोग टाइप 1 डाइबिटीज से ग्रस्त हैं, उन्हें डॉक्टर की राय से नियमित रूप से इंसुलिन की डोज लेनी चाहिए।
डायबिटीज एक ऐसी स्वास्थ्य समस्या है, जिसका पूरी तरह इलाज नहीं किया जा सकता है। इसलिए मरीज को कुछ जरूरी बातों को हमेशा ध्यान रखना चाहिए। यह आपके लिए बहुत ही जरूरी है कि आप अपनी लाइफस्टाइल में बदलाव लाएं।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
क्या दवाइयों के बिना डायबिटीज को कंट्रोल किया जा सकता है?
हेल्दी डाइट, वजन कम करने की कोशिश के लिए एक्सरसाइज, अपने ब्लड शुगर की नियमित जांच, भरपूर नींद और रेगुलर चेकअप के जरिए अपने डायबिटीज को बिना दवाइयों के मैनेज किया जा सकता है।
क्या डायबिटीज पूरी तरह से ठीक हो सकता है?
हाल की एक रिसर्च बताती है कि टाइप टू डायबिटीज पूरी तरह से ठीक नहीं हो सकता लेकिन लोगों के ग्लूकोज लेवल नॉन डायबिटीज रेंज में या प्रीडायबिटीज ग्लूकोज लेवल में जरूर लौट सकते हैं।
क्या डायबिटीज वाले लोग नॉर्मल लाइफ जी सकते हैं?
डायबिटीज से ग्रस्त लोग भी नॉर्मल लाइफ जी सकते हैं। इसके लिए बस उन्हें अपनी लाइफस्टाइल में बदलाव लाने की जरूरत पड़ती है।
क्या एक्सरसाइज के जरिए डायबिटीज को ठीक किया जा सकता है?
सही डाइट और एक्सरसाइज के जरिए डायबिटीज को ठीक तो नहीं किया जा सकता लेकिन इसे कंट्रोल में जरूर रखा जा सकता है।