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बचना है क्रॉनिक डिजीज से, डाइट में बदलाव के साथ-साथ करें ये काम: Diet for Chronic Disease

08:30 PM May 12, 2024 IST | Anuradha Jain
बचना है क्रॉनिक डिजीज से  डाइट में बदलाव के साथ साथ करें ये काम  diet for chronic disease
Diet for Chronic Disease
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Diet for Chronic Disease: क्या आप भी लंबे समय से किसी क्रॉनिक डिजीज से गुजर रहे हैं? क्या आपको कोई पुरानी गंभीर बीमारी है? तो अब चिंता की बात नहीं। जी हां, आप सिर्फ अपनी डाइट से ही नॉन-कम्युनिकेबल डिजीज या फिर क्रॉनिक डिजीज को नियंत्रित कर सकते हैं। WHO की एक रिपोर्ट में भी यह बात सामने आई है कि बेशक, आप शारीरिक गतिविधियां और बीमारी का इलाज करके बीमारी को नियंत्रित कर सकते हैं लेकिन आपकी डाइट भी पुरानी और गंभीर बीमारी को नियंत्रित करने में बहुत मदद कर सकती है। क्या आप जानते हैं, मोटापा, टाइप टू डायबिटीज, हार्ट डिजीज, कैंसर, दांतों संबंधी रोग और ऑस्टियोपोरोसिस जैसी पुरानी बीमारियों को डाइट को नियंत्रित करके और डाइट में बदलाव करके नियंत्रित करने में मदद मिल सकती है। तो चलिए जानते हैं आपको क्या और कैसे करना होगा।

Also read: क्रॉनिक ग्रैन्युलोमेटेस डिजीज के लक्षण और कारण क्या हैं: Chronic Granulomatous Disease

क्या है क्रॉनिक डिजीज

सबसे पहले तो आपको यह जानना जरूरी है कि क्रॉनिक डिजीज होता क्या है। रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र (सीडीसी) के अनुसार, हार्ट डिजीज, हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज और कैंसर जैसी पुरानी बीमारियां देश में सबसे अधिक मौत और विकलांगता का कारण हैं। क्रॉनिक डिजीज को आमतौर पर तीन तरह से परिभाषित किया जा सकता है -

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  • ऐसी बीमारी जो 1 साल से अधिक समय से हो
  • ऐसी बीमारी जिसको लंबे समय तक लगातार मेडिकल देखभाल की जरूरत हो
  • ऐसी बीमारी जो आपकी रोजमर्रा की जीवन शैली को सीमित करती हो

डाइट का क्रॉनिक डिजीज पर प्रभाव

यहां यह भी जानना जरूरी है कि आखिर क्रॉनिक डिजीज पर डाइट का क्या असर होता है? आमतौर पर क्रॉनिक डिजीज का निदान बहुत कठिन होता है, लेकिन कुछ मामलों में क्रॉनिक डिजीज को कंट्रोल करने और उन्हें ठीक करने के कई तरीके मौजूद हैं। यदि क्रॉनिक डिजीज को नियंत्रित करने की बात आती है तो डाइट एक बहुत अच्छी 'दवा' के रूप में काम कर सकती है। यदि आप लंबे समय तक स्वस्थ जीवन जीना चाहते हैं तो डाइट आपकी क्रॉनिक डिजीज पर अच्छा खासा प्रभाव डालती है। जैसे - हाई ब्लड प्रेशर के रोगियों में हर पांच में से एक को अपने जीवन शैली नियंत्रित करने या जीवन शैली में बदलाव करने की सिफारिश की जाती है। ठीक ऐसे ही डायबिटीज के मरीजों को भी जीवनशैली में बदलाव करने और डाइट में बदलाव करने की सिफारिश की जाती है। यदि पुरानी बीमारी से निपटना है तो आप डाइट में कुछ बदलाव करके आसानी से क्रॉनिक डिजीज को असर को कम कर सकते हैं।

क्या कहना है एनसीसीडीपीएचपी का

नेशनल सेंटर फॉर क्रॉनिक डिजीज प्रिवेंशन एंड हेल्थ प्रमोशन (एनसीसीडीपीएचपी) का कहना है कि हेल्दी डाइट से हार्ट डिजीज, टाइप टू डायबिटीज और अन्य पुरानी बीमारियों को रोकने और उन्हें नियंत्रित करने में मदद मिल सकती है। एक संतुलित और हेल्दी डाइट में कई तरह में फल, सब्जियां, साबुत अनाज, प्रोटीन, कम वसा वाले डेयरी प्रोडक्ट को शामिल किया जाता है। वहीं एक हेल्थी डाइट में एक्स्ट्रा शुगर, सैचुरेटेड फैट और सोडियम को सीमित करना भी हेल्दी डाइट में ही शामिल है।

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साथ ही धूम्रपान को बंद करके भी क्रॉनिक डिजीज जैसे फेफड़ों की बीमारी, टाइप टू डायबिटीज, कैंसर और हार्ट डिजीज जैसी बीमारियों से होने वाले मौत के खतरे को कम किया जा सकता है। इसके अलावा बहुत ज्यादा शराब का सेवन हाई ब्लड प्रेशर, कई तरह के कैंसर, हार्ट डिजीज, स्ट्रोक और लीवर डिजीज का कारण बनता है। ऐसे में शराब का सेवन ना करने से इन जोखिमों को काम किया जा सकता है।

क्या कहना है डॉक्टर का

इस संबंध में खराड़ी, पुणे की वन हेल्थ क्लीनिक की न्यूट्रिशनिस्ट डॉ. रोहिणी वारुंगसे का कहना है कि हेल्दी डाइट से किसी भी क्रॉनिक कंडीशन को सुधारने में मदद मिल सकती है। साथ ही हेल्दी डाइट ओवरऑल सेहत के लिए भी जरूरी है। ऐसे में आपको स्वस्थ जीवन शैली अपनाते हुए हेल्दी डाइट का ही सेवन करना चाहिए। लेकिन यह ध्यान रखें कि आपकी डाइट में विटामिन और मिनरल्स के साथ-साथ आवश्यक पोषक तत्व भी मौजूद हो, जिससे कि आपके शरीर को ऊर्जा मिलती रहे। इसके अलावा कोई भी डाइट फॉलो करने से पहले आप अपने न्यूट्रिशनिस्ट से जरूर संपर्क करें क्योंकि कई बार कुछ गंभीर बीमारियों में कुछ खास तरह की डाइट को ही फॉलो किया जाता है। साथ ही आपकी उम्र, जेंडर, बीमारी और लाइफस्टाइल के आधार पर ही डाइट का निर्धारण होता है। जैसे - डायबिटीज अगर किसी को है तो किस टाइप की डायबिटीज है, उसको ध्यान में रखकर ही विशेष डाइट दी जाती है।

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क्रॉनिक डिजीज के लिए डाइट

Diet for Chronic Diseases
Diet for Chronic Diseases

क्रॉनिक डिजीज से निपटने के लिए या उसके जोखिमों को कम करने के लिए या फिर उसके लक्षणों को कम करने के लिए हेल्दी डाइट ही सबसे शानदार तरीका है। यह एक दवा के रूप में काम करती है। संतुलित डाइट में आपके शरीर को सुचारू रूप से काम करने के लिए आवश्यक पोषक तत्व विटामिन और मिनरल्स की जरूरत होती है, तो चलिए जान किस क्रॉनिक डिजीज के लिए कौन सी डाइट का करें सेवन।

हाई ब्लड प्रेशर के लिए डाइट - हाई ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने के लिए आपको सोडियम, सैचुरेटेड फैट और अतिरिक्त शुगर वाले खाद्य पदार्थों को सीमित करना चाहिए क्योंकि इसे हार्ट डिजीज होने का खतरा रहता है कई शोधों से भी यह बात सामने आई है कि हाई ब्लड प्रेशर के मरीजों को साबुत अनाज, फल और सब्जियां, लीन प्रोटीन और हेल्दी फैट जैसे कि नट्स और तेल का सेवन करना चाहिए। इससे कम से कम दो सप्ताह में ब्लड प्रेशर को कम किया जा सकता है।

डायबिटीज के लिए डाइट - यदि आपको डायबिटीज है तो आमतौर पर शुगर और कार्बोहाइड्रेट से युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन ना करने की सिफारिश की जाती है। जैसे- कार्बोहाइड्रेट युक्त साबूत अनाज के बजाय ब्राउन राइस का इस्तेमाल करना,सफेद ब्रेड के बजाय ब्राउन ब्रेड का इस्तेमाल करना इत्यादि। इसके अलावा फल, सब्जियां, नट्स, फलिया, एवोकैडो और जैतून के तेल का सेवन करके डायबिटीज को कंट्रोल किया जा सकता है। साथ ही रेड और प्रोसेस्ड मीट, सोडा, शर्करा युक्त पेय पदार्थ का सेवन ना करके डायबिटीज को नियंत्रित कर सकते हैं।

कैंसर के लिए डाइट - हर तरह के कैंसर को नहीं रोका जा सकता लेकिन कुछ हेल्दी डाइट से कैंसर के खतरे को काम किया जा सकता है। जैसे - भरपूर मात्रा में फल, सब्जी और साबुत अनाज का सेवन करने से कोलन या रेक्टल कैंसर के जोखिम को कम किया जा सकता है। वहीं रेड मीट और प्रोसेस्ड मीट खाने से कोलन या रेक्टल कैंसर के होने का खतरा बढ़ सकता है। कैंसर के दौरान आपको कुछ चीजों का ध्यान रखना चाहिए। जैसे -

  • फाइबर और लीन प्रोटीन डाइट का सेवन करें।
  • कई तरह की फल और सब्जियों को अपनी डाइट में शामिल करें।
  • साबुत अनाज और ब्राउन राइस जैसे कार्बोहाइड्रेट का चुनाव करें।
  • शर्करा और शराब का सेवन सीमित करें या नजरअंदाज करें।
  • प्रोसेस्ड फूड का सेवन को सीमित करें या नजरअंदाज करें।
  • इन बातों का भी रखें ध्यान - अपनी डाइट में बदलाव करते समय आपको अपनी दैनिक दिनचर्या में भी छोटे-छोटे बदलाव करने होंगे। जैसे -
  • घर पर ही खाना बनाएं, क्योंकि घर पर खाना बनाना अधिक सिंपल और हेल्दी होगा।
  • किसी भी एक फूड का बहुत अधिक सेवन न करें बल्कि अपनी डाइट में कई चीजों का सेवन करें जिसमें कैलोरी की मात्रा भी संतुलित हो।
  • स्वस्थ जीवन शैली अपनाते हुए दिन भर में काम से कम 30 मिनट का व्यायाम करें
  • धूम्रपान और शराब का सेवन करने से बचे।

क्रॉनिक डिजीज के दौरान हेल्दी डाइट लेने के अन्य फायदे

जब भी आप किसी क्रॉनिक डिजीज या पुरानी बीमारी से गुजर रहे होते हैं तो आपको हेल्दी डाइट का सेवन करने की सलाह तो दी ही जाती है, लेकिन क्या आप जानते हैं हेल्दी डाइट का सेवन इस दौरान कई और फायदे भी दे सकता है। चलिए जानें, इनके बारे में।

शरीर को देता है एनर्जी - शरीर को दैनिक गतिविधियों को करने के लिए कार्ब्स, प्रोटीन और वसा की आवश्यकता होती है और यह तीनों चीजें ही शरीर को सुचारू रूप से काम करने में मदद करती हैं। यदि आप हेल्दी डाइट लेते हैं तो यह सभी चीजें आपकी हेल्दी डाइट में शामिल होती हैं। इससे आपको एनर्जी मिलती है।
शरीर का होता है सही विकास - संतुलित और हेल्दी डाइट से बच्चों और किशोर का डेवलपमेंट सही तरह से होता है। साथ ही व्यस्कों की हड्डियों को मजबूत करने, मांसपेशियों और टिशूज को मजबूत बनाए रखने के लिए प्रोटीन, कैल्शियम और विटामिन डी जैसे पोषक तत्व की आवश्यकता होती है और हेल्दी डाइट इस कमी को पूरा कर सकती है।
बढ़ती है इम्यूनिटी- हेल्दी डाइट आपकी इम्यूनिटी बढ़ाने में भी मदद करता है, जिससे शरीर की किसी भी संक्रमण या बीमारी से लड़ने की क्षमता बेहतर होती है। विटामिन और मिनरल्स जैसे कि विटामिन सी, विटामिन ए और जिंक इम्यूनिटी बूस्ट करने में मदद करते हैं।
क्रॉनिक डिजीज के खतरे को करता है कम- फलों, सब्जियों, साबूत अनाज और प्रोटीन जैसी हेल्दी डाइट लेने से कोलेस्ट्रॉल का लेवल कम रहता है, ब्लड प्रेशर कम रहता है, शुगर कंट्रोल में रहती है। साथ ही हाई कोलेस्ट्रॉल, हाई ब्लड प्रेशर और खराब ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने में मदद मिलती है। इसके अलावा हार्ट डिजीज, डायबिटीज और कैंसर जैसी बीमारियों के होने के खतरे को भी कम किया जा सकता है।

निष्कर्ष

अब तो आप समझ गए होंगे कि न सिर्फ सेहतमंद रहने के लिए ही नहीं बल्कि क्रॉनिक डिजीज के जोखिम को कम करने के लिए और क्रॉनिक डिजीज में सुधार करने के लिए संतुलित आहार और हेल्दी डाइट बहुत जरूरी है। यह आपके शरीर को आवश्यक पोषक तत्व देने में मदद करता है जिससे शरीर के सभी अंग से सुचारू रूप से काम करते हैं और आप हेल्दी रहते हैं।

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