पढ़ाई में उपयोगी ज्योतिषीय उपाय: Vastu Tips For Study
Vastu Tips For Study: यह उपचार मात्र एक बार ही करना चाहिए। दूर्वा संभालकर रखें। परीक्षा को जाते समय रोज गजानन को प्रणाम करें। बाद में माता-पिता का आशीर्वाद लेने जाएं। पीछे घूमकर न देखें। दूर्वा अपनी जेब में रखना याद आ जाता है।
यदि बच्चा ऐसा स्वयं नहीं कर पाए तो बच्चे का हाथ लगवाकर यह उपाय बच्चे के मां-बाप भी कर सकते हैं।
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सफलता के लिए आवश्यक है मेहनत और मेहनत तभी सफल होती है जब हम एकाग्र होकर कोई कार्य करें। आईए जानें ज्योतिष के कुछ ऐसे उपाय जो एकाग्रता बढ़ाने में सहायक होते हैं।
● बृहस्पतिवार या रविवार को गायत्री हवन करें तथा पूर्व की ओर उन्मुख होकर उसमें इक्कीस बार आहुति दें।
● कौड़ी को चांदी में जड़वाकर लाल धागे या चेन में डालकर बाजू या कलाई में धारण करें। बेहतर परिणाम के लिए इसे धारण करने से पहले ग्यारह दिनों तक गंगा जल में अपने इष्ट देवता के सामने रखें फिर धारण करें।
● बुधवार के दिन हरे धागे में तांबे के तीन सिक्कों को गले में धारण करें।
● भगवान गणेश की पूजा-अर्चना करें, लाभ होगा।
● शनिवार के दिन ज्वार को दूध में धो कर, उसे बहते पानी में प्रवाहित करें।
● पढ़ाई में सुधार के लिए लगातार तीन बृहस्पतिवार को सूरज ढलने से पहले पांच विभिन्न प्रकार की मिठाइयों को कुछ हरी इलायची के साथ पीपल के पेड़ को अर्पण करें।
● पढ़ाई में रुकावट या दिक्कत को कम करने के लिए बुधवार के दिन भगवान गणेश को हरे कपड़े में हरी साबुत मूंग की दाल, कुछ हरी घास के पत्तों तथा हरी इलायची के साथ अर्पित करें। यदि बच्चा ऐसा स्वयं नहीं कर पाए तो बच्चे का हाथ लगवाकर यह उपाय बच्चे के मां-बाप भी कर सकते हैं।
● पढ़ाई में सुधार व बेहतरी के लिए लाल धागे में, दस मुखी रुद्राक्ष, गले या सीधे हाथ की बाजू में धारण करें।
● परीक्षा या इंटर्व्यू के दिनों में बेहतर परिणाम के लिए गले में चांदी की चेन में तांबे का एक चौकोर छोटा टुकड़ा धारण करें।
● स्टडी टेबल के पास 'सरस्वती यंत्र' लगाएं या रखें।
● अपने पढ़ने या कार्य करने वाली टेबल पर हमेशा पानी का एक गिलास भर कर रखें। यह आपकी एकाग्रता को बढ़ाता है।
● गुड़बन्दी, बादाम, मीठी सौंफ व कुंजा मिश्री बराबर मात्रा में पीस कर सफेद दाखनी मिर्च का सम्पुट लगाकर प्रात: या रात्रि काल में दूध के साथ सेवन कराएं।
● ऐसे बच्चों को माता-पिता एवं बड़ों के चरण छूकर आशीर्वाद लेकर परीक्षा में जाना चाहिए।
● जिन बच्चों को परीक्षा के दौरान या उससे पहले भय का आभास अधिक होता हो तो एक चौकोर सफेद कागज पर मां का नाम लिखकर सिरहाने के बीच रख देना चाहिए।
● परीक्षा वाले दिन बच्चे का हाथ लगवाकर एक देसी पान के पत्ते पर साबुत सुपारी, चार बताशे, चार छोटी इलायची एवं मिश्री रखकर मन्दिर में शिवलिंग पर चढ़ा दें। यह कार्य परिवार का कोई भी सदस्य कर सकता है।
● किसी गुरु, ब्राह्मण और शिक्षक या तीनों के अभाव में माता या पिता से कलम को अभिमंत्रित करके बच्चे को दें।
● परीक्षा के प्रथम दिन से अन्तिम दिन तक बच्चा जिस कक्षा में पढ़ता है उसमें 1 जोड़कर उतनी संख्या में बांसुरी एवं दोगुनी संख्या में चूसने वाली टॉफियां छोटे बच्चों को 1 बांसुरी 2 टॉफी देने से लाभ मिलता है।
● परीक्षा के दौरान संध्या काल में सूर्यास्त के पश्चात् तुलसी के नीचे घी का दीपक बच्चे से प्रज्जवलित करवाना चाहिए।
अन्य धर्मों के विद्यार्थी अपने धार्मिक स्थल पर मोमबत्ती जला सकते हैं।
● प्रात: काल स्नान के पानी में 2 चम्मच कच्चा दूध डालकर नहाएं।
● एक गुलाब का फूल परीक्षाओं से पूर्व रात्रि में चांद की रोशनी में रख दें। प्रात: सूर्योदय से पूर्व उठा लें और इसकी पंखुड़ियां बच्चों की पुस्तकों में रख दें।
● आलस्य एवं क्रोध से भरे बच्चों के लिए रात्रि में उनके सिरहाने गुड़ अथवा प्लेन बर्फी जिसमें वर्क व ड्राईफ्रूट बिलकुल न हो रखें व प्रात: काल गरीबों में बांट दें।
● परीक्षा से पूर्व द्वादशी से (किसी भी पक्ष की) प्रारम्भ करके लगातार 7 दिन संध्या में मिटï्ïटी के पात्र में उबले चावल डालकर भूरा मिलाकर कच्चा दूध से इतना भर दें कि पात्र भर जाए और चावल डूब जाए फिर इस पात्र को बच्चे का हाथ लगवाकर घर के उत्तर-पश्चिम कोण में रख दें व अगले दिन प्रात: काल किसी सुनसान स्थान पर पात्र को रख आएं।
● बृहस्पतिवार से प्रारम्भ करके बच्चे से भगवान गणेश जी के मस्तक पर गेंदे का फूल व चरणों में साबूत पपीता चढ़वाएं, तो निश्चित ही लाभ मिलता है।
● बृहस्पति जीवन की रक्षा करने वाला और बुद्धिमत्ता प्रदान करने वाला ग्रह है, अत: इसके बलवान होने पर कम परिश्रम में अनुकूल सफलता प्राप्त होती है। यह विद्या, ज्ञान, सुख, समृद्धि, सम्पत्ति, मान, सम्मान व प्रतिष्ठा का प्रतिनिधि है। जिन विद्यार्थियों का बृहस्पति कमजोर हो वह विद्यार्थी बृहस्पति से सम्बन्धी चीजों का दान करें। गुरुवार को भक्तिपूर्वक पीला धान्य यथा चने की दाल, हल्दी लगे चावल आदि, नमक और साबुन हल्दी का दान करें। साथ ही समय व सुविधा के अनुसार वेद मंत्र पढ़ें।
प्रणो यच्छत्वर्यमा प्र भग: प्र बृहस्पति:।
प्र देवी प्रोत सूनृता रयिं देवी दधातु मे।
सोमं राजानमबसे अग्निं गीभर््र्हवामहे।
अदित्यं विष्णुं सूर्यं ब्रह्यमाणं च बृहस्पतिम।
अर्यमा व भग अदि सूर्य, बृहस्पति, सूनृता देवी।
ब्रह्मा, विष्णु, महेश आदि देवताओं की हम स्तुति करते हैं। ये सब हमारे लिए रयि अर्थात् ऐश्वर्य प्राप्त करने का मार्ग प्रशस्त करें।
● विद्या की देवी मां सरस्वती समस्त ज्ञान-विज्ञान, वाणी आदि की अधिष्ठात्री देवी हैं। समस्त विद्याओं की प्राप्ति एवं अध्ययन में सफलता और परीक्षाओं में उत्तीर्ण होने के लिए इनकी कृपा प्राप्ति होना परमावश्यक है। भारतवर्ष में बसन्त पंचमी को मां सरस्वती का प्राकट्य दिवस है। इस दिन इनकी पूजा-अर्चना करने की परम्परा व विधान है। इस दिन पीले वस्त्र पहनने चाहिए एवं पीले रंग की सामग्री का अधिकाधिक सेवन व दान करना चाहिए।
● परीक्षा में यश प्राप्त करने के लिए पूनम के दिन सुबह दूर्वा लाकर व मां, बहन इत्यादि प्रिय व्यक्ति या स्वयं साफ कर 108 दूर्वा की गुड़ी बनावें। फिर एक लोटे में पानी लेकर उस लोटे पर हाथ रखें। ''श्री गजानन जय गजानन" मंत्र आंखें बंद कर 108 बार जपें। वह पानी दूर्वा पर छोडें। रात में ये दूर्वा छत व गेलरी में चांद के प्रकाश में रखें। दूसरे दिन मंदिर में गणपति की मूॢत को स्नान कराएं। साऌफ वस्त्र से पोछकर मूर्ति को चंदन, अक्षत और लाल फूल चढ़ाएं। धूप-दीप से आरती करें। फिर एक दूर्वा जोड़ी चढ़ाकर ''हेरंबाय नम:" मंत्र बोलें और एक दूर्वा गणपति को चढ़ायें। इस प्रकार 108 बार करें। बाद में आंखें बंद कर गजानन मुझे परीक्षा में उत्तम यश व अंक प्राप्त हो ऐसी प्रार्थना करें। रोज नियम से 3-4 घंटे पढ़ाई करूंगा ऐसी 10 बार शपथ ले लें। यह उपचार मात्र एक बार ही करना चाहिए। दूर्वा संभालकर रखें। परीक्षा को जाते समय रोज गजानन को प्रणाम करें। बाद में माता-पिता का आशीर्वाद लेने जाएं। पीछे घूमकर न देखें। दूर्वा अपनी जेब में रखना न भूलें। गजानन की कृपा से परीक्षा के समय सब याद आ जाता है। परीक्षा के समय भय से दिल भी नहीं धड़कता और गजानन की कृपा से परीक्षा में उत्तम अंक प्राप्त होंगे।
● जिन विद्यार्थियों पर शनि की ढैया व साढ़े साती चल रही हो (मिथुन, कुम्भ, तुला, वृश्चिक, धनु राशि) वह विद्यार्थी शनि का उपाय करें
शनि का बीज मंत्र पढ़ें:-
'प्रां प्रीं प्रौं स: शनये नम:'
शनि स्तोत्र का पाठ करें।
नंगे पैर मन्दिर या धर्मस्थान में जाएं।
नारियल एवं बादाम का दान करें।
● किसी पात्र को जल से लबालब भर कर बच्चों के हाथ में दे और उनसे अधिक से अधिक समय तक उसे पकड़े रहने के लिए कहें।
● बच्चों के मन से परीक्षा का डर दूर करने के लिए रात को बच्चों के सिरहाने किसी पात्र में जल भरकर रख दें और सुबह पौधों में डाल दें। डर मन में होता है मन चन्द्रमा का कारक है, जल रखने से वरुण देवता मन को नियंत्रित कर आशीर्वाद देते हैं और डर दूर हो जाता है।
● अंको में बृहस्पति का न. 3 होता है। विद्यार्थियों की जन्म तिथि में 3 अंक की अनुपस्थिति से विद्यार्थी में आत्मविश्वास की कमी होती है, जिसके कारण वे स्वयं को व्यक्त करने में कठिनाई का अनुभव करते हैं। आवश्यकता इस बात की है कि वे स्वयं को स्वीकार कर आगे बढ़ें और धीरे-धीरे आत्मविश्वास व आत्मसम्मान में बढ़ोतरी करें।
● रत्नों में विद्यार्थियों के लिए तुरमिलीन रत्न को धारण करना चाहिए, जिससे विद्यार्थियों की स्मरण शक्ति व एकाग्रता बनी रहती है।
● बच्चों के जन्मदिन अवश्य मनाएं इससे उनकी नकारात्मक ऊर्जा खत्म हो जाती है और आप उनकी सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ा सकते हैं।