उत्तराखंड में सुरकंडा देवी मंदिर समेत करें इन शक्ति पीठों के दर्शन: Devi Shakti Peeth
Devi Shakti Peeth: उत्तराखंड भारत का एक ऐसा राज्य है, जहां सदा से देवी देवताओं का वास रहा है। यही कारण है कि उत्तराखंड को देवभूमि भी कहते हैं। देवभूमि उत्तराखंड में हर पहाड़, हर नदी, हर घाटी रहस्यों से भरी है। केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री के साथ साथ इस दिव्य भूमि में जय अन्य दैवीय स्थल भी हैं, जिनकी अत्यधिक महत्ता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि उत्तराखंड की पावन धरा में कई ऐसे दिव्य शक्तिपीठ भी हैं जहां आज भी चमत्कार होते हैं और देवी आदिशक्ति साक्षात स्वरूप में विराजमान हैं। आइए जानते हैं देवभूमि उत्तराखंड के दिव्य शक्तिपीठों के बारे में।
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उत्तराखंड की खूबसूरत वादियों में स्थित हैं, देवी के भव्य शक्तिपीठ : Devi Shakti Peeth In Uttarakhand
अत्यंत प्राचीन है, सुरकंडा धाम
उत्तराखंड में स्थिति माता आदिशक्ति का यह मंदिर अत्यंत प्राचीन और दिव्य है। देवी के इस चमत्कारिक मंदिर की ऊंचाई समुद्र तट से कुल 3000 मीटर के करीब है। भक्त इस मंदिर से उत्तराखंड के चारो धाम यानिकि बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमनोत्री की पहाड़ियां एक साथ देख सकते हैं। मान्यता है कि यहां माता सती का सिर गिरा था, इसलिए यह शक्तिपीठ सुरकंडा नाम से जाना जाता है। यहां पहुंचने के लिए आपको कुल 2.5 किमी की चढ़ाई करनी होती है।
टिहरी में स्थिति चंद्रबदनी मंदिर
देवी दुर्गा की शक्ति से सभी कष्ट दूर होते हैं, यही कारण है बड़ी संख्या में भक्तगण दूर दूर से इस मंदिर में दर्शन करने आते हैं। उत्तराखंड के टिहरी गढ़वाल जनपद के जमनीखाल गांव में देवी दुर्गा का यह पावन मंदिर है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इस स्थल पर देवी सती का धड़ गिरा था, यही कारण है यह मंदिर अति पावन है। इस दिव्य मंदिर में देवी के विग्रह की नहीं अपितु कछुए की पीठ के आकार के एक पत्थर की पूजा होती है।
नैनी देवी
नैनीताल एक बेहद प्रसिद्ध टूरिज्म स्पॉट है, जहां बड़ी संख्या में लोग घूमने जाते हैं। क्या आप जानते हैं, यहां देवी दुर्गा का एक प्रसिद्ध मंदिर भी है? बता दें, मां वैष्णो देवी के दर्शन के साथ शुरू होने वाली नौ देवी यात्रा मे नैना देवी मंदिर का भी विशेष महत्व है। माना जाता है कि इस स्थान में माता सती के नेत्र गिरे थे, जहां माता के दोनो नेत्रों को पूजा जाता है।
धारी देवी
उत्तराखंड के चारो धामों के रक्षण करने वाली देवी धारी का मंदिर भी अत्यंत चमत्कारिक है। यहां देवी भवानी के दिव्य स्वरूप के दर्शन कर बड़ी संख्या में भक्तगण भव सागर से पार होते हैं। यहां माता का स्वरूप दिन में तीन बार बदलता है, जिसमें प्रातःकाल में देवी बालिका के स्वरूप में होती हैं, दोपहर में एक कन्या के स्वरूप में और संध्या के समय में यह स्वरूप भी बदल जाता है। माता के इस मंदिर का विशेष महत्व है। चारों धाम की यात्रा बिना धारी देवी मंदिर के दर्शन के पूर्ण नहीं माना जाता।
माया, चण्डी और मनसा देवी
अगर आप उत्तराखंड जा रहे हैं, तो हरिद्वार में स्थित देवी के इन धामों का अवश्य दर्शन करें। हरिद्वार में स्थित देवी माया का मंदिर है जो अत्यधिक चमत्कारिक है। इसके अलावा माता मनसा देवी के दर्शन पूजन करने से सभी मनोकामना पूर्ण होती है। यदि आप चण्डी धाम में दर्शन करें तो मां की विशेष कृपा प्राप्त होती है।