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वृषभ राशिफल – Vrishabh Rashifal 2023– 24 May To 31 May

12:01 AM May 23, 2023 IST | grehlakshmi hindi
वृषभ राशिफल – vrishabh rashifal 2023– 24 may to 31 may
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ई, उ, ए कृतिका-2

ओ, वा, वी, वू रोहिणी-4

वे, वो मृगशिरा-3

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24 मई से 31 मई तक

24, 25, 26 को धनप्रदायक दिवस रहेगा। पैसों की आवक बढ़ेगी। समय हास-परिहास व मनोरंजन में व्यतीत होगा साथ ही जरूरी काम भी करेंगे। आप बहुत व्यवस्थित तरीके से अपना काम करेंगे। 27 से 29 के मध्य समय सही नहीं है। इस समय लेटलतीफी के कारण आप डांट सुनेंगे। गोपनीयता का ध्यान रखें, अपने राज व रहस्य किसी को नहीं बताएं अन्यथा उसका दुरुपयोग हो सकता है। भाई-बहिन से किसी बात को लेकर तकरार या विवाद की स्थिति बनेगी। 30, 31 को ग्रह-स्थितियां पक्ष में आ जाएंगी। आपका प्रयास व आपकी मेहनत रंग लाएगी। आप इस समय सामाजिक व व्यावहारिक रहेंगे। आप पर हर कोई विश्वास करेगा।

ग्रह स्थिति

मासारम्भ में शुक्र वृषभ राशि का लग्न में, मंगल मिथुन राशि में तृतीय भाव में, चंद्रमा सिंह राशि का चतुर्थ भाव में, केतु तुला राशि का षष्ठम भाव में, शनि कुंभ राशि का दशम भाव में, बृहस्पति+राहु+सूर्य+बुध मेष राशि का बारहवें भाव में चलायमान है।

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वृषभ राशि की शुभ-अशुभ तारीख़ें

2023शुभ तारीख़ेंसावधानी रखने योग्य अशुभ तारीख़ें
जनवरी3, 4, 8, 9, 25, 26, 30,
31
1, 11, 12, 19, 20, 21,
28, 29
फरवरी1, 4, 5, 22, 23, 27, 287, 8, 16, 17, 24, 25
मार्च3, 4, 5, 21, 22, 26, 27,
30, 31
6, 7, 8, 15, 16, 17, 24
अप्रैल1, 18, 19, 22, 23, 24,
27, 28
2, 3, 4, 11, 12, 13, 20,
21, 30
मई15, 16, 20, 21, 24, 25,
26
1, 8, 9, 10, 17, 18, 27,
28, 29
जून11, 12, 16, 17, 20, 21, 225, 6, 14, 23, 24, 25
जुलाई8, 9, 13, 14, 15, 18, 192, 3, 4, 11, 12, 21, 22,
30, 31
अगस्त5, 6, 9, 10, 11, 14, 157, 8, 17, 18, 26, 27, 28
सितम्बर1, 2, 6, 7, 10, 11, 12,
28, 29, 30
4, 13, 14, 15, 22,
23, 24
अक्टूबर3, 4, 7, 8, 9, 26, 27, 311, 2, 10, 11, 12, 19,
20, 21, 28, 29
नवम्बर1, 4, 5, 22, 23, 27, 287, 8, 16, 17, 25
दिसम्बर1, 2, 3, 19, 20, 21, 28,
29, 30
4, 5, 6, 13, 14, 15, 22,
23, 31

वृषभ राशि का वार्षिक भविष्यफल

Vrishabh Rashifal 2023
वृषभ राशि

यह वर्ष आपके लिए शानदार उपलब्धियों को देने वाला है। आपकी राशि में मंगल की स्थिति है। अतः शारीरिक दृष्टि | से आप एकदम फिट एण्ड फाईन रहेंगे। व्यापार व कारोबार में नए अनुबन्धन, नए करार अमल में आएंगे। शनि नवम स्थान में वर्षारंभ में स्वगृही है। 17 जनवरी के बाद दशम स्थान में आकर नए काम की रूपरेखा व योजना बनाएंगे। बड़े-बड़े लोगों से आपके सम्पर्क व सम्बन्ध बनेंगे, जो कि आगे चलकर आपके लिए लाभप्रद रहेगा। लग्न में मंगल की स्थिति के कारण कई बार आप कुछ गजब के काम भी करेंगे तथा कामों में सफलता भी मिलेगी। चन्द्रमा+राहु के योग के कारण खर्च की भी प्रबलता रहेगी। पैसा पास में टिक नहीं पाएगा। पैसा आने से पहले जाने का रास्ता तैयार रहेगा।
शनि इस वर्ष नवम व दशम स्थान में गतिशील रहेंगे, अतः इस साल आजीविका व काम-काज के नए-नए अवसर सुलभ होंगे। कार्य विस्तार की योजना बनेगी। आप काम-काज में नई तकनीक-नए हुनर का प्रयोग करेंगे। जिससे आपका काम तो बढ़ेगा ही साथ ही साथ मुनाफा भी बढ़ जाएगा। आप व्यापार में संजीदगी व गम्भीरता से कई कड़े व ठोस निर्णय लेंगे। 17 जून से 4 नवम्बर के मध्य शनि का वक्रत्व काल थोड़ी-सी परेशानी से भरा हुआ रहेगा। आर्थिक व व्यापारिक षड्यंत्र से सावधान रहना चाहिए। आपका ही अपना कोई घनिष्ठ व्यक्ति आपके साथ विश्वासघात कर सकता है। विद्यार्थियों के लिए 22 अप्रैल के बाद बारहवां बृहस्पति उनके अध्ययन में बाधक हो सकता है। आपको और अधिक मेहनत व प्रयास करने की आवश्यकता है।
इस वर्ष सप्रमेश मंगल की सप्तम स्थान पर पूर्णरूप से दृष्टि के कारण अविवाहितों के विवाह की आशंकाएं व डायमंड राशिफल 2023
संभावनाएं बन रही हैं। कभी-कभार पति-पत्नी में हल्के-फुल्के वैचारिक मतभेदों की स्थिति रह सकती है। बड़े बुजुर्गों का आशीर्वाद मिलेगा। आर्थिक रूप से आप सक्षम व सुदृढ़ स्थिति में रहेंगे। धन का निवेश सूझबूझ व बुद्धिमत्ता से करें। साथ ही किसी भी दस्तावेज को बिना पढ़े अति विश्वास में हस्ताक्षर नहीं करें। _ अगर आप राजकीय सेवा में हैं तो अधिकारी व सहकर्मी आपके काम में आपका सहयोग करेंगे। कार्यस्थल पर वातावरण बड़ा ही अच्छा रहेगा। इस वर्ष घर में किसी नवीन काम की रूपरेखा व प्लानिंग बन सकती है। अविवाहितों को विवाह की संभावना बनेगी। पिछले काफी समय से जो काम रुके हुए व अटके हुए थे, वे सही दिशा में आगे बढ़ेंगे। पंचमेश बुध वर्षारंभ में आठवें स्थान में तथा शुक्र नवम स्थान में गतिशील रहेंगे। अतः प्रेम-प्रसंगों से दूरी बनाकर रखें, अन्यथा प्रेम सम्बन्ध बदनामी व अपयश का कारण बन सकते हैं। वाहन भी सावधानीपूर्वक चलाएं हालांकि इस वर्ष नए वाहन की खरीद का योग बन रहा है। घर के बड़े-बुजुर्गों व वरिष्ठ सदस्यों का स्वास्थ्य आपकी चिंता का कारण बन सकता है। उनके स्वास्थ्य का ध्यान रखें। किसी रिश्तेदार से सम्बन्धित कोई अप्रिय घटना हो सकती है। यात्राओं का दौर जारी रहेगा।

वृषभ राशि-कैसी रहेगी 2023 में आपकी सेहत?

इस वर्ष शारीरिक स्वास्थ्य मोटे तौर पर अच्छा रहेगा। हालांकि वर्षारंभ में मंगल की आपकी राशि में स्थिति के प्रभाव से कभी-कभार हल्के-फुल्के उतार-चढ़ाव व रक्त से सम्बन्धित व्याधि की स्थिति रह सकती है। खान-पान का विशेष ध्यान रखें। स्त्री जातकों को कमर से सम्बन्धित समस्या, नसों से सम्बन्धित दिक्कत 17 जून से 4 नवम्बर के मध्य शनि के वक्रत्व काल में हो सकती है। इस वर्ष 22 अप्रैल के बाद देवगुरु बृहस्पति भी आपकी राशि से बारहवें स्थान में आ जाएंगे, तनाव लेने की आवश्यकता नहीं है, अधिक तनाव से स्वास्थ्य पर विपरीत असर पड़ सकता है। शल्य चिकित्सा को फिलहाल टालें।

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वृषभ राशि-व्यापार, व्यवसाय व धनके लिए कैसा रहेगा आने वाला साल 2023 ?

2023 आपके लिए व्यावसायिक व व्यापारिक रूप से उपलब्धियों का वर्ष रहेगा। नए व्यापार व काम-काज के लिए समय गति उपयुक्त है। वर्षारंभ में शनि नवम स्थान में हैं तथा 17 जनवरी, 2023 से शनि कर्म स्थान में आकर धन आगम की दृष्टि से उपयुक्त रहेंगे। कार्य विस्तार की योजना बनेगी। काम-काज में आप नए-नए प्रयोग अमल में लाएंगे, शेयर बाजार से जुड़े जातकों को लाभ प्राप्ति के संकेत मिल रहे हैं, परंतु एनसीडीईएक्स व तेजी-मंदी से जुड़े जातकों को थोड़ा सावधान रहकर काम करना चाहिए। व्यापार में नई संभावनाएं दिखाई पड़ेंगी, ऑन लाइन ठगी, ऑन लाईन फ्रॉड से बचकर रहेंगे। बृहस्पति 22 अप्रैल, 2023 के बाद बारहवें स्थान में आकर खर्चों में बेतहाशा वृद्धि कराएगा। 4 सितम्बर से 31 दिसम्बर के मध्य वक्री गुरु के कारण फालतू के कामों में धन का व्यय होगा। स्वास्थ्य पर धन का खर्च होगा। नौकरी में तयशुदा लक्ष्यों को हासिल करने के लिए एड़ी से चोटी का जोर लगाना पड़ेगा। इस समय आपका ध्यान मार्केटिंग व सेलिंग पर रहेगा। काम पर संजीदगी और गम्भीरता से ध्यान देने की आवश्यकता है। पैसा आएगा, परंतु तीव्रता से खर्च भी होगा। आप अपनी प्रतिष्ठा व छवि को मजबूत बनाने पर धन व्यय करेंगे। 17 जून से 4 नवम्बर के मध्य आर्थिक पक्ष को संभालने की जरूरत है। आपका अपना कोई घनिष्ठ व्यक्ति आपके साथ विश्वासघात या चोट कर सकता है।

जानिए कैसा रहेगा 2023 में आपका घर-परिवार, संतान व रिश्तेदार के साथ सम्बन्ध ?

पारिवारिक दृष्टि से यह साल उपलब्धियों का साल है। इस साल किसी नए मेहमान का आगमन होगा। बृहस्पति 22 अप्रैल, 2023 से द्वादश स्थान में आकर तथा 4 सितम्बर, 2023 से 31 दिसम्बर के मध्य वक्र स्थिति में चलायमान होकर सम्पत्ति सम्बन्धी विवाद हो सकता है। पैतृक सम्पत्ति संबंधी विवाद होगा। संतान के करियर, विवाह सम्बन्धी चिंता समाप्त होगी। रिश्तेदारों से कोई खास मदद नहीं मिल पाएगी। पति-पत्नी के सम्बन्धों में सुधार आएगा। माता-पिता व बड़े बुजुर्गों का आशीर्वाद प्राप्त होगा। भाइयों से बटवारे व सम्पत्ति संबन्धी विवाद सुलझ जाएगा। आप यह महसूस करेंगे कि परिवार का हर सदस्य मुश्किल से मुश्किल घड़ी में आपके साथ खड़ा है। 17 जून से 4 नवम्बर के मध्य शनि के वक्रत्व काल में आपको किसी रिश्तेदार के कारण अस्पताल के चक्कर काटने पड़ सकते हैं। संतान की शिक्षा, अध्ययन, करियर व नौकरी से सम्बन्धित शुभ संदेश प्राप्त हो सकता है।

जानिए कैसा रहेगा 2023 में आपका विद्याध्ययन, पढ़ाई व करियर ?

यह साल 22 अप्रैल से पूर्व विद्यार्थियों के लिए अनुकूल है। आप पूर्ण रूप से अध्ययन के प्रति सजग रहेंगे। करियर व नौकरी से सम्बन्धित परीक्षा, विभागीय परीक्षा में सफलता 22 अप्रैल से पूर्व बन जाएगी। 22 अप्रैल, 2023 से गुरु बारहवें स्थान में आकर अध्ययन क्षमता में कमी लाएगा। प्रेम-प्रसंगों से उचित दूरी बनाकर रखें। करियर में नया अवसर प्राप्त होगा। आपको पदोन्नति या नौकरी में महत्त्वपूर्ण कार्यभार प्राप्त हो सकता है। प्रेम-प्रसंगों व प्रेम सम्बन्धों से यथोचित दूरी बनाकर रखें। फेसबुक, व्हाटसएप्प, ट्विट्र जैसे सोशल मीडिया में पड़कर आप अपने करियर को चौपट कर सकते हैं। आपकी राशि में वर्षारंभ में मंगल की स्थिति के फलस्वरूप अध्ययन में ध्यान भटकेगा। तकनीक, कानून, फैशन इण्डस्ट्रीज व प्रशासनिक क्षेत्र में प्रयासरत विद्यार्थियों को सफलता मिलेगी।

जानिए कैसा रहेंगे 2023 में आपके प्रेम-प्रसंग व मित्रता सम्बन्घ ?

बुध वर्षारंभ में आठवें स्थान में है, अतः प्रेम प्रसंग कहीं न कहीं आपकी परेशानी का कारण बन सकते हैं। बदनामी व अपयश होने की संभावना बनती है। कोई ऐसी बात उजागर हो सकती है, जिससे परिवार में तनाव उपस्थित हो जाएगा। पारिवारिक जीवन व प्रेम प्रसंगों में तालमेल बिठा पाना इस वर्ष सबसे बड़ी चुनौती रहेगा। किसी मुसीबतजदा मित्र को तकलीफ व परेशानी में देख कर आप सहायता का हाथ बढ़ाएंगे। मित्रों की संख्या में बढ़ोतरी होगी। प्रेम सम्बन्धों में मर्यादा व संयम का ध्यान रखें।

जानिए कैसा रहेंगे 2023 में आपकेवाहन, खर्च व शुभ कार्य?

मंगल वर्षारंभ में लग्न में स्थित हैं, अतः इस वर्ष वाहन का उत्तम सुख प्राप्त होगा। हालांकि वाहन को सावधानीपूर्वक चलाने की सलाह मैं आपको दूंगा। तथा वाहन चलाते समय पूरी सावधानी रखें, सीट बेल्ट व हैलमेट जैसी चीजों का ध्यान रखें तथा समय-समय पर वाहन की सर्विस करवाते रहें। जहां तक खर्च की बात है 22 अप्रैल के बाद बृहस्पति बारहवें स्थान में आकर अवांछनीय व फालतू खर्च करवा सकते हैं। अस्पताल पर खर्चा हो सकता है, घर व परिवार के किसी सदस्य का स्वास्थ्य के कारण आपको अस्पताल के चक्कर काटने पड़ सकते हैं। जहां तक शुभ कार्य की बात है, वर्ष के मध्य में किसी शुभ कार्य व मांगलिक प्रसंग की योजना बन सकती है। भाई, बहन की सगाई, विवाह से सम्बन्धित कार्य की स्थिति रह सकती है।

वृषभ राशि वाले कैसे बचेहानि, कर्ज व अनहोनी से?

इस वर्ष आपके घर के वरिष्ठ सदस्य का स्वास्थ्य कमजोर रह सकता है। रुपयों-पैसों के मामले में किसी पर भी भरोसा नहीं करें। व्यापार में लापरवाही घातक हो सकती है, भागीदार व पार्टनर, कर्मचारी की गतिविधि पर पैनी नजर रखें। 22 अप्रैल के बाद गुरु बारहवें स्थान में आकर शत्रु व षड्यंत्र को सक्रिय कर सकता है। काम-काज में विस्तार या चलाने के लिए ऋण लेना पड़ सकता है। अपनी चीजों को संभाल कर रखें अन्यथा चोरी होने या गुम होने का खतरा बना हुआ है। व्यापार में मशीनरी खराब होने की आशंका है।

जानिए कैसा रहेंगे 2023 मेंआपका यात्रा योग?

 इस वर्ष यात्राओं पर जोर रहेगा, परंतु यात्राओं से कुछ हासिल होने वाला नहीं है, यात्राएं निरर्थक व अनुपयोगी साबित होंगी। खान-पान का विशेष ध्यान यात्राओं के दरम्यान रखें।

कैसे बनाये वृषभ राशि वाले 2023 को लाभकारी ?

51/4 रत्ती का ओपेल रत्न चांदी में जड़वाकर गले में धारण करें। शुक्रवार को देवी मंदिर के दर्शन करें, 'ॐ शं शुक्राय नमः' मंत्र का नित्य जाप करें। सुगन्धित द्रव्यों, कॉस्मैटिक्स आदि का अधिक से अधिक प्रयोग करें।

वृषभराशि की चारित्रिक विशेषताएं

वृषभ राशि का स्वामी शुक्र, ऐश्वर्यशाली व विलासपूर्ण ग्रह है। वृषभ राशि में उत्पन्न जातक सुन्दर, आकर्षक व्यक्तित्व का धनी तथा विशिष्ट प्रभाव वाला होता है। बृहज्जातकम् तो यहां तक कहता है-
कांतः खेलगतिः पृथूरुवदनः पृष्ठास्थपाश्कवेंऽडिकत।
स्त्यागी क्लेशसहः प्रभुः कुकुदवान् कन्याप्रजः श्लेष्मलः।।
इस राशि का चिह्न ‘वृषभ’ (बिना जोता हुआ बैल) होने से पुष्ट शरीर, मस्त चाल, मजबूत जंघाएं, बैल के समान नेत्र, प्रायः गौरवर्ण के, स्वाभिमानी, स्वच्छंद विचरण एवं शीतल स्वभाव, इनकी प्रमुख विशेषता कही जा सकती है।
वृषभ राशि के जातक मध्यावस्था में उत्तम सुख-सम्पत्ति प्राप्त करते हैं। ऐसा व्यक्ति उत्तम ऐश्वर्य, भौतिक सुख-सुविधा का भोग करने वाला होता है और अपनी सुख-सुविधा का पूरा-पूरा ध्यान रखता है।
सामान्यतया वृषभ राशि के जातक मधुर भाषी, उदार तथा सहिष्णु स्वभाव के होते हैं। अपने आकर्षक व्यक्तित्व के कारण अन्य जनों को प्रभावित करने का सामर्थ्य रखते हैं। शारीरिक रूप में उनका स्वास्थ्य अच्छा रहता है तथा मानसिक संतुष्टि भी रहती है। ये अत्यधिक परिश्रमी होते हैं, परिश्रम करने की उनमें अपूर्व क्षमता होती है, जिससे जीवन में उन्नति मार्ग प्रशस्त करने तथा सुख, ऐश्वर्य एवं वैभव अर्जित करने में वे प्रायः सफल रहते हैं। शांति एवं सहिष्णुता के साथ इनमें साहस तथा पराक्रम का भाव भी विद्यमान रहता है।
अपने वाक्चातुर्य से शुभ एवं महत्त्वपूर्ण सांसारिक कार्यों को सिद्ध करने में भी सफल होंगे। आपका कद मध्यम होगा, स्वरूप सुंदर व आकर्षक होगा। आप में सहनशीलता का भाव भी विद्यमान होगा। आप एक परिश्रमी पुरुष होंगे तथा अपनी योग्यता एवं परिश्रम से किसी उच्च पद या समाज में प्रतिष्ठित स्थान प्राप्त करेंगे, साथ ही अपने सद्गुणों के द्वारा श्रेष्ठ जनों को संतुष्ट करने में सफल होंगे, आप एक विद्वान पुरुष होंगे तथा विभिन्न कला-साहित्य एवं संगीत का आपको उचित ज्ञान रहेगा, इस क्षेत्र में भी आपको प्रसिद्धि प्राप्त होगी। दानशीलता का भाव भी आप में विद्यमान होगा तथा समय-समय पर जरूरतमंदों को दान देने में तत्पर रहेंगे। आप एक बुद्धिमान पुरुष होंगे, आपके कार्यकलापों पर बुद्धिमत्ता की स्पष्ट छाप होगी।
धर्म के प्रति आप श्रद्धालु रहेंगे तथा अवसरानुकूल धार्मिक अनुष्ठानों तथा कार्यकलापों को सम्पन्न करेंगे। धार्मिक क्षेत्र में आप किसी संस्था से संबंधित हो सकते हैं। इस क्षेत्र में आपको कोई विशिष्ट सफलता या प्रतिष्ठा प्राप्त हो सकती है। आपकी प्रवृत्ति सात्विक होगी तथा विचार उत्तम होंगे। साथ ही परोपकार की भावना भी विद्यमान होगी। इसके अतिरिक्त कई शास्त्रों का आपको ज्ञान होगा, जिससे आपको सामाजिक मान-प्रतिष्ठा तथा प्रसिद्धि प्राप्त होगी। आप स्वस्थ, सुंदर, आकर्षक व्यक्तित्व वाले विद्वान एवं साहसी पुरुष होंगे तथा आपका जीवन प्रसन्नतापूर्वक व्यतीत होगा।
यह राशि भूमि तत्त्व प्रधान है, इसलिए ऐसे जातक मशीनरी व भूमि संबंधी कारोबार में विशेष रुचि लेते देखे गए हैं। इनमें इच्छाशक्ति बड़ी प्रबल होती है। ये बड़े धैर्यवान होते हैं। इनकी उन्नति प्रायः धीमी गति से होती है। आप स्त्री सूचक राशि वाले हैं, वृषभ राशि ‘अर्द्धजल राशि’ भी कहलाती है, इसलिए गायन, नृत्यकला, सिनेमा तथा अभिनेता व अभिनेत्रियों के प्रति आपका झुकाव कुछ विशेष रहेगा। यदि आपका जन्म ‘कृत्तिका’ नक्षत्र में है, तो आप खूबसूरत व्यक्ति हैं। विपरीत लिंगी के प्रति आप शीघ्र ही आकर्षित हो जाते हैं और आप पाएंगे कि विपरीत लिंगी भी आपकी ओर सहज ही आकर्षित हो जाते हैं। सेक्स के मामले में आप बहुत लचीले स्वभाव के हैं तथा मन पर आपका नियंत्रण संभव नहीं, फिर भी सेक्स के मामले में आपको किसी हद तक सफलताएं मिलेंगी।
आपकी प्रकृति (स्वभाव) स्वार्थी है अर्थात आप अपने कार्य के प्रति पूर्णरूपेण सजग व सचेत रहेंगे। आप खाली ख्याली पुलाव पकाने व कल्पना लोक में विचरण करने वाले व्यक्तियों में नहीं हैं। आप कर्मठ कार्यकर्ता एवं स्पष्टवादी हैं। राजनीति-सामाजिक क्षेत्र में सक्रिय भाग लेने से आपको राजनीतिक सफलता शीघ्र मिल सकती है। आपको दूसरों के द्वारा बहुमूल्य जायदाद प्राप्त हो सकती है। मित्र व संबंधियों के स्नेह से आपकी आर्थिक उन्नति भी संभव है।
प्रायः वृषभ राशि वाले जातक की व्यापार में ज्यादा रुचि रहती है, ऐसे जातक कुशल व्यापारी होते देखे गए हैं। नित नई वेशभूषा पहनने व सुन्दर ढंग से अलंकृत रहने का शौक इनको कुछ विशेष ही होता है। ये श्रृंगारप्रिय तथा कला में रुचि लेने वाले व्यक्ति होते हैं। उत्तम भोजन व मिष्ठान के शौकीन होते हैं। खुशबूदार वस्तुओं को बहुत पसंद करते हैं। कला की कद्र करना तथा किसी भी व्यक्ति के गुण-अवगुण को परखने की कला इनमें खूब होती है। कुल मिलाकर ये शौकीन मिज़ाज तो होते ही हैं, इनके साथ ही वस्तु की बारीकी को पकड़ना व कार्य की गहराई में उतरना इनकी मौलिक विशेषता कही जा सकती है।
कृत्तिका नक्षत्रः- यदि आपका नाम वृषभ राशि कृत्तिका नक्षत्र के अंतिम तीन चरण (ई, उ, ए) में है, तो आपका जन्म 6 वर्ष सूर्य की महादशा में हुआ है। आपकी योनि-मेढ़ा, गण-राक्षस, वर्ण-वैश्य, हंसक-भूमि, नाड़ी-अन्त्य, वर्ग-गरुड़, युजा-पूर्व, पाया-सुवर्ण, वैश्य-चतुष्पद है। कृत्तिका नक्षत्र में जन्मा व्यक्ति तुनकमिज़ाज, सुंदर एवं कठोर परिश्रमी होता है।
रोहिणी नक्षत्रः- यदि आपका नाम वृषभ राशि रोहिणी नक्षत्र (ओ, वा, वी, वू) में हुआ है, तो आपका जन्म 10 वर्ष चंद्रमा की महादशा में हुआ है। आपकी योनि-सर्प, गण-मनुष्य, वर्ण-वैश्य, हंसक-भूमि, नाड़ी-अन्त्य, वैश्य-चतुष्पद, प्रथम चरण में वर्ग-गरुड़, द्वितीय, तृतीय व चतुर्थ चरण में वर्ग-हिरण, युजा-पूर्व, पाया-सुवर्ण है। रोहिणी नक्षत्र में जन्म लेने वाला व्यक्ति अति बुद्धिशाली, पशुधन, अधिक वाहनों से युक्त, ऐश्वर्यपूर्ण जीवन जीने वाला, भोगी एवं योगी दोनों गुणों से सम्पन्न होता है।
मृगशिरा नक्षत्रः- यदि आपका नाम वृषभ राशि मृगशिरा नक्षत्र के प्रथम दो चरणों (वे, वो) में है, तो आपका जन्म 7 वर्ष वाली मंगल की महादशा में हुआ है। आपकी योनि-सर्प, गण-देव, वर्ण-वैश्य, युजा-पूर्व, हंसक-भूमि, नाड़ी-मध्य, पाया-सुवर्ण, वैश्य-चतुष्पद एवं वर्ग-हिरण है। मृगशिरा नक्षत्र में उत्पन्न व्यक्ति अधैर्यशाली, आक्रामक, युद्धकला में प्रवीण, उत्साही खिलाड़ी होता है तथा धन कमाने के मामले में सदैव सफल होता है।
शुक्र एक विलासी, शीतल व सौम्य ग्रह है। यह रात्रि को हल्की श्वेत झलकदार किरणें बिखेरता है। अतः श्वेत रंग व साफ़-सुथरी ऐश्वर्य प्रधान वस्तुओं का व्यापार आपके अनुकूल कहा जा सकता है। आपका अनुकूल रत्न ‘हीरा’ है।
उपायः-

वृषभ राशि वालों के लिए उपाय

वृषभ राशि के लोगों को ‘ओपेल’ रत्न युक्त ‘शुक्र मंत्र’ गले में धारण करना चाहिए। शुक्रवार का व्रत करें। शुक्रवार के दिन मछलियों को चुग्गा दें। श्रीयंत्र का नित्य पूजन भी वृषभ राशि वालों के भाग्य को चमका सकता है। ‘ॐ शुं शुक्राय नमः’ शुक्र के बीज मंत्र की एक माला रोज़ाना फेरें। हर शुक्रवार और मंगलवार को कुत्तों को दूध तथा डबलरोटी देते रहें।
सन् 2021 में वृषभ राशि का अंतिम चार माह का भविष्यफल

वृषभ राशि की प्रमुख विशेषताएं

  1. राशि ‒ वृषभ
    1. राशि चिह्न ‒ वृषभ (बैल)
    2. राशि स्वामी ‒ शुक्र
    3. राशि तत्त्व ‒ पृथ्वी तत्त्व
    4. राशि स्वरूप ‒ स्थिर
    5. राशि दिशा ‒ दक्षिण
    6. राशि लिंग व गुण ‒ स्त्री, रजोगुणी
    7. राशि जाति ‒ वैश्य
    8. राशि प्रकृति व स्वभाव ‒ सौम्य स्वभाव, वात प्रकृति
    9. राशि का अंग ‒ मुख
    10. अनुकूल रत्न ‒ हीरा
    11. अनुकूल उपरत्न ‒ ओपेल, जिरकॉन
    12. अनुकूल रंग ‒ श्वेत
    13. शुभ दिवस ‒ शुक्रवार, शनिवार
    14. अनुकूल देवता ‒ श्रीलक्ष्मी, संतोषी माता
    15. व्रत, उपवास ‒ शुक्रवार
    16. अनुकूल अंक ‒ 6
    17. अनुकूल तारीखें ‒ 6/15/24
    18. मित्र राशियां ‒ मकर, कुंभ
    19. शत्रु राशियां ‒ सिंह, धनु व मीन
    20. व्यक्तित्व ‒ गुरुभक्त, कृतज्ञ, दयालु
    21. सकारात्मक तथ्य ‒ आकर्षक पहनावा, वस्त्र-आभूषण में रुचि
    22. नकारात्मक तथ्य ‒ दुराग्रही, कानों का कच्चा, आलसी
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