क्या है ब्लू माइंड और पाएं जानकारी इसे एक्टिवेट करने के तरीकों के बारे में: Blue mind
Blue mind: खुद को रिलैक्स रखना और पैंपर करना हमारे दिमागी स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभदायक है। लेकिन, यह और भी प्रभावी है अगर आप इसमें पानी को भी शामिल करें। पानी में ऐसा खास क्या है? हम नौ महीने माँ के गर्भ में व्यतीत करते हैं, इसमें हम पानी से घिरे रहते हैं। हमारे शरीर में 60-70 प्रतिशत पानी है। यही नहीं, हमारे ग्रह यानी प्लेनेट में भी 70 प्रतिशत पानी है। रिलेक्सेशन के साथ-साथ पानी के पास रहने के और भी कई फायदे हैं। इससे मूड में सूधार होता है और क्रिएटिविटी भी बढ़ती है। एक किताब "ब्लू माइंड" में इस थ्योरी को विस्तार से बताया गया है और साइंटिफिक सुबूत भी दिए गए हैं। आइए जानिए ब्लू माइंड के बारे में विस्तार से।
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ब्लू माइंड किसे कहा जाता है?
ब्लू माइंड उस माइल्ड मेडिटेटिव, आरामदायक स्थिति को कहा जा सकता है जिसमें हम खुद को तब पाते हैं जब हम पानी में, उसके ऊपर या उसके नीचे होते हैं। यह ऐसा कुछ है जिसे हम पूरी लाइफ अनुभव कर सकते हैं। ब्लू माइंड थ्योरी यह बताती है कि पानी के साथ समय बिताने से हमारा ब्रेन रिलैक्स रहता है और शरीर रिचार्ज होता है। जानिए, शांत रहने के लिए ब्लू माइंड को कैसे एक्टिवेट किया जा सकता है?
ब्लू माइंड को एक्टिवेट करने के तरीके
ब्लू माइंड को एक्टिवेट करने या इसके फायदे प्राप्त करने के कुछ क्रिएटिव तरीके इस प्रकार हैं:
नीले रंग का इस्तेमाल
क्या आप जानते हैं कि ब्लू रंग शांति प्रदान करता है और अगर आप स्ट्रेस में हैं तो इससे रिलैक्स रहने में मदद मिलती है? अगर आप अपने जीवन में सकारात्मक बदलाव चाहते हैं, तो अपनी डेली रूटीन में नीले रंग को शामिल करें जैसे ब्लू रंग के कप का इस्तेमाल, लैपटॉप या फोन में नीले रंग का वॉलपेपर लगाना आदि। अपने कमरे में नीले रंग की चीजों का प्रयोग भी आप कर सकते हैं।
समुद्र किनारे वॉक
समुद्र किनारे सैर करने से आप एकदम से शांत और खुश महसूस करेंगे। ऐसा माना गया है कि बीच पर जाना हमारी मेंटल हेल्थ के लिए अच्छा है। समुद्र हमें उत्साह से भर देता है। नीले पानी और लहरों के उतार चढ़ाव को देख कर एंग्जायटी भी कम होती है। यानी, इससे मूड सही रहने में मदद मिलती है।
समुद्र की आवाज सुनें
ऐसा पाया गया है कि केवल समुद्र की आवाज सुनने से ही स्ट्रेस हॉर्मोन जिसे कोर्टिसोल कहा आता है, उसका लेवल कम हो सकता है। यही नहीं, इससे हमारे ब्रेन में प्रीफ्रंटल कोर्टेक्स भी एक्टिवेट होते हैं, इन्हें इमोशंस के साथ जोड़ा जाता है। इसके अलावा नियमित रूप से शावर लेने से भी आपको लाभ होगा। जब हम नहाते हैं तो हम दिन के अधिकांश विज्युल स्टिमुलेशन को दूर कर रहे होते हैं और पानी की आवाज मधुर लगती है। इससे हमारे तन और मन दोनों को शांति मिलती है।
हमारा पर्यावरण और हेल्थ दोनों एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं। प्रदूषण जैसे मुद्दों से केवल आर्थिक हानि ही नहीं होती है, बल्कि भावनात्मक हानि भी होती है। ब्लू माइंड थ्योरी हमारे ब्लू स्पेस के हेल्दी रहने पर निर्भर करती है। इसलिए, हमें अपने ब्लू स्पेसेस को समृद्ध बनाए रखने की कोशिश करनी चाहिए, ताकि हमें और भी लाभ प्राप्त हो सकें।