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जन्‍म के पहले हो सकती है बच्‍चे को किडनी की ये समस्‍या, इन लक्षणों को न करें नजरअंदाज

कई बार छोटी-छोटी समस्‍याओं को नजरअंदाज करने लगती हैं। जिसमें से एक समस्‍या है पॉटर सिंड्रोम की।
08:00 AM Aug 23, 2023 IST | Garima Shrivastava
जन्‍म के पहले हो सकती है बच्‍चे को किडनी की ये समस्‍या  इन लक्षणों को न करें नजरअंदाज
Potter Syndrome
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Potter Syndrome- मां बनना या किसी नई जिंदगी को जन्‍म देना किसी भी महिला के लिए आसान नहीं होता। यही वजह है कि कई महिलाएं बच्‍चे की आने की खुशी में इतना खो जाती हैं कि कई बार छोटी-छोटी समस्‍याओं को नजरअंदाज करने लगती हैं। जिसमें से एक समस्‍या है पॉटर सिंड्रोम की। ये एक ऐसी स्थिति है जो प्रेग्‍नेंसी के दौरान अजन्‍मे बच्‍चे को हो सकती है। हालांकि पॉटर सिंड्रोम के कारणों के बारे में सही तरीके से नहीं बताया जा सकता लेकिन ये समस्‍या किडनी फंक्‍शन को डैमेज कर सकती है। कई बार पॉटर सिंड्रोम के लक्षण इतने सामान्‍य होते हैं कि इसे पहचानना बेहद मुश्‍किल हो जाता है। लेकिन कुछ ऐसे लक्षण भी हैं जो इस समस्‍या का संकेत देते हैं। चलिए जानते हैं पॉटर सिंड्रोम के संभावित लक्षण और कारणों के बारे में।

क्‍या है पॉटर सिंड्रोम

what is potter syndrome
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पॉटर सिंड्रोम एक रेयर कंडीशन है जो प्रेग्‍नेंसी के दौरान अजन्‍मे बच्‍चे की किडनी के विकास और कार्य को प्रभावित करती है। इस स्थिति में यूट्रस में एमनियोटिक तरल की कमी हो जाती है। इसके परिणामस्‍वरूप शिशुओं में अक्‍सर झुर्रीदार त्‍वचा, एक कान, सपाट नाक और एपिकेंथल सिलवटों के अलावा भिन्‍न आंखें जैसी विशेषताएं देखी जा सकती हैं। जन्‍म के बाद इन समस्‍याओं को कम नहीं किया जा सकता। बच्‍चे को जिंदगीभर इन कमियों के साथ जीना पड़ता है। ये समस्‍या लड़कियों की तुलना में लड़कों को अधिक होती है।

पॉटर सिंड्रोम के कारण

पॉटर सिंड्रोम का संभावित कारण किडनी से संबंधित होता है। इसमें अविकसित किडनी, एक किडनी, पॉलीसिस्टिक किडनी डिजीज, यूरिनरी ट्रेक्‍ट ब्‍लॉकेज और एमनियोटिक तरल का रिसाव हो सकता है। प्रेग्‍नेंसी के दौरान अल्‍ट्रासाउंड में ओलिगोहाइड्रामनिओस का पता लगाया जाए तो पॉटर सिंड्रोम का जन्‍म से पहले उपचार किया जा सकता है।

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पॉटर सिंड्रोम के लक्षण

पॉटर सिंड्रोम का सबसे आम लक्षण ऑलिगोहाइड्रामनिओस है। ये एक ऐसी स्थिति है जिसमें बहुत कम एमनियोटिक द्रव फीटस के इर्द-गिर्द होता है। इसके अलावा ये संभावित लक्षण भी हो सकते हैं।

-आंखों को एक दूसरे से दूर होना

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-नाक का अधिक फैलना

-कान न होना

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-दबी हुई ठुड्डी

-पेशाब का कम बनना

-सांस लेने में परेशानी

-हार्ट प्रॉब्‍लम

-स्‍केलेटल

-बौद्धिक विकलांगता

पॉटर सिंड्रोम का उपचार

potter syndrome treatment
potter syndrome treatment

पॉटर सिंड्रोम के उपचार का मुख्‍य उद्देश्‍य बच्‍चे की क्‍वालिटी ऑफ लाइफ में सुधार करना है। बच्‍चे की देखरेख के दौरान इन बातों का ध्‍यान रखना जरूरी है।

-भोजन और पोषण में सुधार

-इंफेक्‍शन के जोखिम को कम करना

-हार्ट प्रॉब्‍लम और ब्रीदिंग प्रॉब्‍लम को ट्रीट करना

-बच्‍चे का इमोशनली सपोर्ट करना

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पॉटर सिंड्रोम को कैसे रोकें

पॉटर सिंड्रोम को रोकने का कोई तरीका ज्ञात नहीं हुआ है लेकिन प्रेग्‍नेंसी के दौरान इसका पता लगाने से इसे कुछ हद तक समझा और क्‍योर किया जा सकता है। पॉटर सिंड्रोम एक दुर्लभ जन्‍मजात स्थिति है जिसके परिणामस्‍वरूप किडनी और लंग्‍स का असामान्‍य विकास होता है। हालांकि हल्‍के लक्षणों वाले शिशुओं का इलाज किया जा सकता है और समय के साथ लाइफ को सुधारा जा सकता है। पॉटर सिंड्रोम को रोकने के लिए प्रेग्‍नेंसी के दौरान ही महिलाओं को रेग्‍यूलर अल्‍ट्रासाउंड कराना चाहिए साथ ही किसी भी समस्‍या को नजरअंदाज न करें।

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