World Malaria Day : कुछ सावधानियां रखकर हम दूर कर सकते हैं मलेरिया का खतरा, जरूर अपनाएं ये तरीके
मलेरिया, एक ऐसी बीमारी जिसे आमतौर पर लोग बहुत ही सामान्य तरीके से जानते हैं। लेकिन असल में यह एक बेहद घातक बीमारी है। सभी संचारी रोगों में निमोनिया और डायरिया के बाद मलेरिया तीसरे नंबर पर आता है। हर साल एक महीने से पांच साल तक के लाखों बच्चे इसके कारण जान गंवा देते हैं। लोगों को इस घातक बीमारी के विषय में बताने के लिए हर साल 25 अप्रैल को वर्ल्ड मलेरिया डे मनाया जाता है। इस साल इसकी थीम है ‘शून्य मलेरिया का समय: आविष्कार, नवाचार और कार्यान्वयन’।
सुरक्षा ही है बचाव
![मलेरिया एक जानलेवा रोग है। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन के अनुसार साल 2021 में दुनिया की लगभग आधी आबादी को मलेरिया का खतरा था।](https://grehlakshmi.com/wp-content/uploads/2023/03/Malaria-1024x576.jpg)
मलेरिया एक जानलेवा रोग है। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन के अनुसार साल 2021 में दुनिया की लगभग आधी आबादी को मलेरिया का खतरा था। इस साल दुनियाभर में मलेरिया के करीब 247 मिलियन मामले सामने आए थे। इतना ही नहीं साल 2021 में करीब 6,19000 लोगों ने मलेरिया के कारण अपनी जान गंवाई थी। ऐसे में इस रोग की गंभीरता को समझा जा सकता है। संक्रमित मादा एनोफिलीज मच्छर के काटने से शरीर में प्रवेश करने वाले परजीवी के कारण होने वाले इस रोग से बचाव की सुरक्षा है। हालांकि मलेरिया में कुछ घरेलू उपाय भी कारगर हैं।
1. खट्टे फल
![मलेरिया से पीड़ित रोगी के लिए खट्टे फलों का सेवन फायदेमंद है।](https://grehlakshmi.com/wp-content/uploads/2023/03/19-1024x576.jpg)
मलेरिया से पीड़ित रोगी के लिए खट्टे फलों का सेवन फायदेमंद है। ये फल इम्यूनिटी-बूस्टर का काम करते हैं। इनमें मौजूद विटामिन सी बुखार को नियंत्रित करता है। साथ ही शरीर में संक्रमण फैलने से भी रोकता है। इसलिए मलेरिया होने पर संतरा, अंगूर, नींबू और ब्लैकबेरी जैसे खट्टे फलों का सेवन करें।
2. अदरक
![अदरक में एंटीमाइक्रोबियल और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो दर्द और मतली से राहत दिलाते हैं।](https://grehlakshmi.com/wp-content/uploads/2023/03/Ginger-1024x576.png)
ये तो हम सभी जानते हैं कि अदरक सेहत के लिए बेहद लाभकारी है। यह मलेरिया से मुक्ति दिलाने में भी उपयोगी है। अदरक में एंटीमाइक्रोबियल और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो दर्द और मतली से राहत दिलाते हैं। इसमें मौजूद जीवाणुरोधी प्रकृति के कारण यह रोग को शरीर में फैलने से रोकता है। इसके लिए अदरक को पानी में उबाल कर काढ़ा बना लें और इसका सेवन करें। इससे तुरंत लाभ मिलेगा।
3. दालचीनी
हर भारतीय रसोई में मिलने वाली दालचीनी एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटीऑक्सीडेंट और एंटी माइक्रोबियल गुणों का मिश्रण है। ऐसे में यह मलेरिया के लक्षणों से निपटने में लाभकारी है। दालचीनी का काढ़ा मलेरिया से राहत दिलाता है। इसे बनाने के लिए गर्म पानी में दालचीनी और काली मिर्च पाउडर दोनों मिलाकर उबाल लें। जब अच्छे से उबाल आ जाए तो गैस बंद करें और काढ़ा छान लें। अब इसमें थोड़ा सा शहद मिला लें। इस काढ़े को दिन में दो बार पी सकते हैं। इससे न सिर्फ बुखार, सिरदर्द और दस्त से राहत मिलेगी, बल्कि शरीर का दर्द भी कम होगा।
4. हल्दी
हम सभी जानते हैं कि हल्दी बहुत ही गुणकारी है। इसमें मौजूद एंटी-ऑक्सीडेंट और रोगाणुरोधी गुण इसे खास बनाते हैं। हल्दी के सेवन से शरीर में संक्रमण फैलाने वाला विषाक्त पदार्थ प्लास्मोडियम शरीर से बाहर निकलता है। ऐसेे में यह मलेरिया के परजीवी को भी शरीर से बाहर निकालती है। इसके एंटी इंफ्लेमेटरी गुणों से मलेरिया के कारण शरीर में होने वाले दर्द से भी राहत मिलती है। मलेरिया से पीड़ित रोगी को रोज रात में एक गिलास हल्दी वाला दूध पीना चाहिए। इससे शरीर के दर्द के साथ ही जकड़ने से भी आराम मिलेगा।
5. मेथी दाना
मलेरिया से लड़ने में मेथी दाना बहुत काम का है। इसके सेवन से मलेरिया रोगी की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। साथ ही शरीर में आने वाली कमजोरी भी दूर होती है। यह मलेरिया के परजीवियों को मारकर इस रोग को ठीक करने में मदद करता है। इसके लिए मेथी के दानों को रात भर पानी में भिगोकर रखें और सुबह खाली पेट पानी के साथ मेथी दाना खा लें।