Yoga for Kids: 5 आसन और दिलचस्प योगासन जिन्हें बच्चे खेलते कूदते करेंगे
Yoga for Kids: योग का अभ्यास शरीर और मस्तिष्क की सेहत के लिए फायदेमंद है। योग न केवल शरीर को रोगमुक्त रखता है बल्की मन को शांति भी देता है। भारत में ऋषि मुनियों के दौर से योग होता आ रहा है। योग भारतीय संस्कृति से जुड़ा है, जो अब विदेशों में भी फैल गया है।
योग के अनगिनत फायदे के बारे में तो आप जानतें ही होंगे । ये हम सभी के लिए उपयोगी। इसीलिए आपको एक अच्छे पैरेंट्स के नाते अपने बच्चो को भी योग के लिए जागरूक करना चाहिए।हालाँकि, बच्चों को योग के महत्व को समझाना और उन्हें आसनों का अभ्यास करने के लिए कहना काफी कठिन काम है। आज हम बताएंगे बच्चो के लिए बेहद ही आसान और मज़ेदार आसान जिनको करके न केवल वो फिट रहेंगे बल्की उन्हें मज़ा भी आएगा।
1. उतरासन: (ऊंट मुद्रा):

बच्चो को सिखाना आसान काम नही होता है लेकिन यह सबसे आसान योगासन में से एक है। जो आपके बच्चे को मजबूत और ऊर्जावान बनाने में मदद करता है। ज्यादा नहीं आपको बस इतना करना है कि अपने बच्चे को अपने पैर की उंगलियों के साथ फर्श पर लंबवत घुटने टेकने के लिए कहें और अपने हाथों को इस तरह से पीछे की ओर फैलाएं कि उनकी उंगलियां एड़ी को छूएं। आपके बच्चे के साँस छोड़ने से पहले 5-10 बार ऐसे करने की कोशिश करनी चाहिए। उतरासन सुस्ती पर काबू पाने के साथ-साथ पीठ और जांघ की मांसपेशियों को सख्त करने में मदद करता है।
2. मत्स्यासन (मछली मुद्रा):
यह ऐसा आसन है जिसे आपके बच्चें खेल खेल में कर डालेंगे। मत्स्यासन या फिश पोज़ बच्चों के लिए बेहद दिलचस्प आसन है। इस मुद्रा का अभ्यास करने के लिए व्यक्ति को अपने हाथों और पैरों को आपस में जोड़कर पीठ के बल लेटना होता है। एक बार जब बच्चा स्थिति में सहज हो जाए, तो उन्हें धीरे-धीरे अपने शरीर को ऊपर उठाना चाहिए और अपनी पीठ को धीरे से तब तक मोड़ना चाहिए जब तक कि उनका सिर फर्श को न छू ले। मूल स्थिति में लौटने से पहले कुछ सेकंड के लिए स्थिति को बनाए रखना चाहिए। मत्स्यासन पेट और छाती की मांसपेशियों को फैलाने के लिए जाना जाता है। यह पाचन और हृदय प्रणाली में भी सुधार करता है
3. धनुरासन (धनुष मुद्रा):
धनुष मुद्रा या धनुरासन आपके बच्चे को तनाव से मुक्त करेगा और उनके मानसिक स्वास्थ्य में सुधार करेगा। इस पोजीशन में आने के लिए बच्चे को पेट के बल लेटना होता है, पैरों को अलग रखना होता है। इसके बाद, उन्हें अपनी बाहों को पीछे खींचते हुए अपने घुटनों को मोड़ना चाहिए। बच्चे को धीरे से अपनी छाती को ऊपर उठाने के लिए कहें और सीधे सामने देखें। आराम करने से पहले उन्हें 15-20 मिनट तक इसी स्थिति में रहना चाहिए। धनुरासन किसी की सहनशक्ति को भी बढ़ाने का एक शानदार तरीका है।
4. बालासन (बच्चे की मुद्रा):
बाल मुद्रा के रूप में जाना जाता है, बालासन प्रदर्शन करने में सबसे आसान में से एक है। किशोरों को अपनी बाहों को फैलाते हुए अपने घुटनों को योग मैट पर सपाट रखना चाहिए, अपनी उंगलियों और माथे को लगभग 5 मिनट तक जमीन पर टिकाकर रखना चाहिए। बच्चे को अपनी श्वास पर ध्यान देना चाहिए। एक बार जब आपके बच्चे को बालासन करने की आदत हो जाती है, तो यह उन्हें शांति प्रदान करेगा।
5. गोमुखासन (गाय के मुख की मुद्रा):

अब आप सोच रहें होंगे की भला ये क्या चीज और अपने बच्चों को कैसे करवाएं तो आपको बता दे इसका नाम भले ही अजीब लगता है, अगर सही तरीके से अभ्यास किया जाए, तो गोमुखासन कंधों और कूल्हे के क्षेत्र से कठोरता को दूर करने, लचीलेपन को बढ़ाने और तनाव में सुधार करने में सक्षम बनाता है। इस आसन को करने के लिए बच्चे को अपने दोनों घुटनों को फैलाकर जमीन पर सीधा बैठना होता है। इसके बाद बायां घुटना मुड़ा हुआ होना चाहिए जबकि दायां पैर बायीं जांघ के ऊपर रखा जाना चाहिए। स्थिति प्राप्त करने के बाद, दोनों हाथों को पीछे से तब तक बढ़ाया जाना चाहिए जब तक कि हाथ मिल न जाएं। हाथों को पीछे से पकड़कर और दूसरे के एक पैर को उल्टा करने से पहले लगभग एक मिनट तक इस मुद्रा को बनाए रखना चाहिए।
विश्व योग दिवस की एक सेल्फी तो आप बेशक अपने सोशल मीडिया हैंडल में डालेंगी ही। यह और भी रोचक हो जायेगी जब आप अपनें बच्चें के साथ योगासन करते हुए डालेगी। उम्मीद है आपको ये आर्टिकल जानकारी पूर्ण लगा होगा।