मानसिक स्वास्थ्य के लिए लाभकारी हैं ये योगासन: Yoga For Mental Health
Yoga For Mental Health: आपाधापी भरी जिंदगी में भौतिक सुख-सुविधाएं तो बढ़ी हैं लेकिन उसी अनुपात में मनुष्य का चैन भी छिन रहा है। अत्यधिक तनाव व्यक्ति के भीतर आत्महत्या तक के विचार लाता है। जिससे डिप्रेशन, एंगजाइटी जैसी मन में उपजी बीमारियां ही नहीं, ब्लड प्रेशर, हार्ट डिजीज, ब्रेन स्ट्रोक जैसी बीमारियां भी पनपने लगती हैं। लगभग सभी बीमारियों का संबंध मानसिक तनाव और हमारी दिनचर्या से हैं। स्वस्थ रहने के लिए मन का स्वस्थ रहना जरूरी है। मन स्वस्थ रहेगा तो हमारा मन काम-काज में लगेगा और लोगों के साथ रिश्ता भी मधुर बना रहेगा। इसके लिए योग और ध्यान कारगर उपाय हैं। अनुलोम-विलोम भी दिमाग की कोशिकाओं तक ऑक्सीजन पहुंचाने में मदद करता है। कुछ योगासन भी कारगर हैं-
सुखासन
इससे मन शांत हो जाता है और चित्त की एकाग्रता बढ़ती है। पैर मुड़े होने के कारण घुटने से ऊपर की ब्लड सर्कुलेशन तेज होती है और ब्रेन को ऊर्जा मिलती है। इस योगासन के नियमित अभ्यास से स्मरण शक्ति और सकारात्मक सोच बढ़ती है।
विधि: पूर्व या उत्तर दिशा में मुख करके सिर, गर्दन और रीढ़ को एक सीध में रखकर आलती-पालती मार कर बैठ जाएं। दोनों हाथों को पैरों पर रखें। उंगलियां खुली रहें और कंधे ढीले रखें। आंखें बंद करें। धीमी, लंबी और गहरी सांस लें। 5-10 मिनट तक करें। ध्यान रखें कि अगर आपको घुटनों में दर्द की शिकायत है तो आलती-पालती में बहुत देर तक न बैठें।
शवासन
इससे पूरे शरीर को आराम मिलता है, मानसिक तनाव और सिरदर्द दूर होता है। थकान मिटती है और शरीर में काम के लिए ऊर्जा का संचार होता है। यह आसन मन से हताशा या निराशा निकाल कर लोगों में सकारात्मक भाव भरता है। नींद अच्छी आती है।
विधि: पेट के बल लेटें। हाथ शरीर के अगल-बगल कमर से थोड़ा हटा कर रखें। हथेलियों की दिशा ऊपर की ओर रहे। शरीर को ढीला छोड़ दें और आंखें बंद कर धीरे-धीरे हल्की सांसें लें। आती-जाती सांसों को महसूस करें। शरीर के प्रत्येक अंग को बंद आंखों से देखने का प्रयास करें। आराम के लिए घुटनों के नीचे पतला तकिया या गद्दी रख सकते हैं।
मत्स्यासन
इससे सांस नलिका की ऊष्णता बढ़ती है और म्यूकस बाहर निकल जाता है। सांस लेना सहज हो जाता है।
विधि: सीधे लेट कर पद्मासन लगाएं। दोनों हाथ नितंबो के नीचे रखें। गर्दन को मोड़ कर माथा जमीन से लगाएं। ताकि पीठ थोड़ा ऊपर उठ जाए। अब पैरों के अंगूठे पकडें और कुछ देर रुकें। कुछ पल बाद गर्दन सीधी कर हाथों को फिर से नितंबों के नीचे रखें। गर्दन और धड़ को उठा कर गर्दन को बाईं-दाईं और 3-3 बार क्लॉक और एंटी क्लॉकवाइज घुमाएं। पद्मासन की मुद्रा से वापस आ जाएं और कुछ देर विश्राम करें।
धनुरासन
यह आसन उत्तेजना दूर रखने में मदद करता है। मस्तिष्क में संतुलन बना रहता है। दिमाग को शांति मिलती है और मानसिक रोगों से बचाव होता है।
विधि: पेट के बल लेट जाएं। हाथ पीछे करते हुए पैरों को पकड़ें। सांस भरते हुए सीने और पैरों को ऊपर उठाएं। हाथों को सीधा रखते हुए कुल्हों को ऊपर उठाकर, पैरों को पीछे की ओर खीचें। जहां तक हो सके, सिर और जांघों को जमीन से ऊपर उठाएं। लंबी सांसें लेते हुए इस मुद्रा में कम से कम 20 सेकंड तक रुकें। सांस छोड़ते हुए वापस सामान्य अवस्था में आ जाएं। यह प्रक्रिया 3-5 बार दोहराएं। ध्यान रखें कि सिरदर्द और माइग्रेन के रोगी और गर्भवती महिलाएं यह आसन न करें।
बालासन
बच्चा गर्भ में जिस अवस्था में रहता है, वही बालासन है। यह आसन मन की पीडा को हरने और आराम पहुंचाने वाला आसन है।
विधि: वज्रासन में बैठ कर सांस भरते हुए हाथों को ऊपर ले जाएं। कुछ सेकंड रुकें। सांस छोड़ते हुए कूल्हे से आगे की ओर इतना झुकें कि हथेलियां जमीन को स्पर्श करें। माथा जमीन से लगाएं। कुछ सेकंड रुकें। दोनों हाथों की उंगलियों को आपस में बांधकर उस पर सिर रखें। गहरी सांस लें। कुछ सेकंड रुक कर वापस पहली मुद्रा में आ जाएं।