गर्भाशय को हेल्दी रखने के 5 योगासन: Yoga for Uterus
Yoga for Uterus: मानव शरीर के हर अंग की अपनी एक अलग अहमियत है। महिलाओं की बात करें तो इन दिनों जितनी समस्याएं लाइफ स्टाइल की वजह से चल रही हैं उसमें गर्भाशय को हेल्दी रखना किसी चुनौती से कम नहीं है। हमारे सामने समस्या यह है कि हम ऐसा क्या करें कि हमारा गर्भाशय दुरुस्त रहे। इसके लिए योग से बढ़कर कुछ भी नहीं है। इस आर्टीकल में हम अपनी महिला रीडर के लिए योग के 5 आसान लेकर आए हैं। आपको बस अपने लिए समय निकालें और इन्हें नियमित तौर से करें। हम सभी को योग की अहमियत पता है। बस इसे निरंतराता चाहिए और बहुत सी स्वास्थय से संबंधित परेशानियां चुटकियों में हल हो जाती हैं। तो चलिए जानते हैं आखिर वो 5 योगासन कौन-से हैं। अगर आप प्रेगनेंट हैं तो अपने डॉक्टर की सलाह के अनुसार ही योग करें।
हलासन

हलासन को करने से आपका गर्भाशय तो मजबूत होता ही है साथ ही आपकी रीढ़ ही हड्डी को भी मजबूती मिलती है। यह थाइराइड की समस्या के लिए भी कारगर है। इसे करना भी आसान है। सबसे पहले एक योगा मैट लें। उस पर कमर के बल सीधे लेट जाएं। हाथों को अपने शरीर के पास रखें। अब पैरों को ऊपर 90 डिग्री तक उठाएं और पीछे सिर की ओर दिशा में करें। वहां पर अपने पैरों की अंगुलियों से जमीन को छूने की कोशिश करें। इस पोजिशन में आपकी कमर उठी हुई होगी। अपनी कमर के नीचे हथेलियों को रखें। शुरुआत में पांच से दस बार करके धीर-धीरे इस अभ्यास को बढ़ाएं। इस बात का ध्यान रखना है कि शुरुआत में जितना हो सक उनता ही पैरों को पीछे की ओर ले जाएं। धीरे-धीरे शरीर में लचीलापन बढ़ेगा और आप यह आसानी से कर पाएंगी।
उत्कट कोणासन

अगर आपको गर्भाशय में सूजन की समस्या है तो यह आसन आपके लिए फायदेमंद रहेगा। इससे जोड़ों की समस्या में भी आराम मिलता है। अगर आपको डिप्रेशन या एंजाइटी है तो उसके लिए भी यह अच्छा है। यह आसन करने में आपको किसी तरह की कोई परेशानी नहीं होगी क्योंकि यह खड़े-खड़े करने का आसन है। आपको जब भी समय मिले आप इस आसन को कर सकते हैं। इसके लिए आप सबसे पहले अपने शरीर को स्ट्रेच करें और सीधे खड़े हो जाएं। इसके बाद अपने पैरों को बराबर फैलाएं और अंगुलियों को बाहर की तरफ मोड़ें। अपने घुटनों को मोड़े और अपने शरीर को जितना हो सकते उतना नीचे की ओर लाएं। नमस्कार की मुद्रा में अपने हाथों को रखें। गहरी सांस लें और पेट को सिकोड़ते हुए सांस को छोड़ें। इसमें आपको अपने कंधों को थोड़ी पीछे और छाती को आगे की ओर रखना है। आप दीवार का सहारा लेकर भी इस योग को कर सकते है। इससे आपके हिप्स और कमर को सपोर्ट मिलेगा।
बालासन

इसमें आपको वज्रासन में बैठकर सांस को अंदर लेना है। इसके बाद आप अपने दोनों हाथ पीछे की ओर ले जाएं। इसके बाद आगे ही ओर झुकते हुए अपने दोनों हाथों को आगे लेकर आना है जब तक कि आपके हाथ जमीन को न छूने लगें। हथेलियों को जमीन पर टिकाने के साथ सिर को जमीन पर टिका लें और सांस को छोड़े। यह आसान प्रेगनेंसी में भी करने की सलाह दी जाती है। अगर आपको गर्भाशय में एक पेन सा महसूस होता है यह उसमें भी लाभकारी है। इसके अलावा यह आपको भावनात्मक तौर पर स्थायित्व देकर आपको रिलेक्स करता है। ये आसन भ्रूण की आकृति बनाता है, इसलिए शरीर को इस आसन के दौरान उतना ही आराम मिलता है जितना एक बच्चे को मां के गर्भ में मिलता है।
तितली आसन

योग में यह आसन बहुत ही फेमस और आसान है। इसे करने से गर्भाशय की मसल्स पर बहुत सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। इसे करने से मसल्स स्ट्रेच भी होती है और गर्भाशय में ब्लड सर्कुलेशन भी बढ़ता है। अगर आपके टेस्ट नॉर्मल आ रहे हैं लेकिन आप कंसीव नहीं कर पा रही हैं तो इस आसान को करें। यह आपकी फर्टिलिटी को बढ़ाने में मददगार है। पैरों को सामने की ओर फैलाकर बैठें। इसके बाद सांस छोड़कर घुटनों को मोड़े और एडि़यों को पेल्विक तक ले जाएं। दोनों पैरों के तलवों को आपस में जोड़ लें। इसके बाद पैर की अंगुलियों को अपनी हथेलियों से पकड़े। इसके बाद पैरों को तितली की तरह ऊपर नीचें करें। शुरुआत पांच मिनट से करें और धीरे-धीरे समय बढ़ाते जाएं।
पश्चिमोत्तानासन

अगर आपको पीरियड में एक किस्म की ऐंठन की समस्या रहती है तो यह योग आपके लिए बहुत फायदेमंद है। यह आसन गर्भाशय और ओवरियन मसल्स को फैलाता है और पीरियड्स में ऐंठन से राहत देता है। इस आसान को आप सुबह के समय और खाली पेट करेंगी तो बेहतर रहेगा। इसमें आप सीधी बैठकर अपने पैरों को सामने फैला लें। सांस छोड़े और बॉडी को आगे की तरफ झुकाएं। अपने चेहरे से थाई को टच करें और अपने हाथों से अपने पैरों की अंगुलियों को छूएं। जितना हो सके आप उतना करने की कोशिश करें। इसके बाद पीछे की ओर स्ट्रेच करते हुए इस आसन को कंपलीट करें और अपने बाजुओं को रिलेक्स करें।