सुपर एक्टिव है आपका बच्चा, इन 4 तरीकों से करें उसकी एनर्जी का सही इस्तेमाल: Handle Energetic Kids
Handle Energetic Kids: बच्चों का जिज्ञासु या शरारती होना आम बात है, हालांकि हर बच्चे के अंदर कुछ न कुछ अलग अलग टैलेंट होता है। बहुत से बच्चे काफी एक्टिव या कह लें सुपरक्टिव होते हैं। सुपरक्टिव बच्चों को मैनेज कर पाना माता-पिता के लिए काफी कठिन काम हो जाता है। कई बार ऐसा होता है हम बच्चों को ठीक तरह से मैनेज नहीं कर पा रहे हैं और इस बात के लिए हम कोई न कोई बहाना तलाश लेते हैं, हमारा इस तरह का बहाना तलाशना बच्चों को लापरवाह शरारती और जिद्दी बना देता है। ये कहावत हम बहुत पुराने समय से सुनते आ रहे हैं, बच्चे शरारत नहीं करेंगे तो फिर क्या हम बड़े करेंगे। बेशक बच्चों को उनका बचपन खुल कर जीने देना चाहिए। इस तरह बच्चे आत्मनिर्भर और निडर बनते हैं।
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चलिए इन पुराने और बेकार के बहानों से दूर हट कर जानते हैं कैसे अपने सुपरक्टिव बच्चों की एनर्जी का सकारात्मक इस्तेमाल किया जाए।
सुकून भरी मसाज
सुपरक्टिव बच्चे थकान का अनुभव नहीं करते , इसका ये मतलब बिलकुल नहीं कि वो थकते नहीं हैं। माता-पिता बच्चों पर ध्यान दें और इस तरह के बच्चों के लिए एक आसान और जादुई थैरेपी अपनाएं मसाज, बच्चों को प्यार से अपने साथ खेल में लगाएं और धीरे-धीरे उनके सिर पर हाथ फेरें, इसके साथ ही नारियल के तेल से उनके हाथ पैरों और कंधों की अच्छी तरह से मसाज करें, ध्यान रखें इस बीच बच्चे के साथ बातें करते रहें, उन्हें इस तरह कि बातों में व्यस्त रखें जिसमें वो रूचि रखते हों।
फिजिकल एक्टिविटी करेगी मदद
फिजिकल एक्टिविटी हमेशा बच्चों की ग्रोथ के लिए अच्छा विकल्प मानी जाती है। थोड़ा समय निकाल कर बच्चे के साथ अलग-अलग तरह की फिजिकल एक्टिविटी में हिस्सा लें, बच्चों की रूचि इस तरह की एक्टिविटी में बढ़ाने के लिए उन्हें अलग-अलग तरह के खेल के बारे में बताएं, अपने बचपन के खेल के बारे में बता कर उनके साथ खेलें। इस तरह थोड़ा समय अपने बच्चे के साथ बिता पायेंगें और आपकी बॉन्डिंग मजबूत होने के साथ साथ बच्चे बेकार की एक्टिविटी में हिस्सा लेने से कहीं बेहतर चीजों पर फोकस कर पाएंगे।
ध्यान भटकाने वाली बातों से दूर रखें
बच्चों का मन एक ही एक्टिविटी में काफी समय तक लगे रहना काफी मुश्किल है, कुछ कुछ समय में बच्चे का ध्यान इधर उधर भटकना तय है। इसके लिए माता-पिता सिंपल सी ट्रिक आजमा सकते हैं, अपने बच्चे एक लिए बैक टू बैक कुछ एक्टिविटीज प्लान कर के रखें। इन्हें इस तरह प्लान करें जैसे एक एक्टिविटी ख़त्म हुई तो अगली एक्टिविटी उसी से जुडी हुई हो और उसे आगे ले जाने का काम करे। इस तरह बच्चे को इधर उधर कुछ सोचने का समय ही नहीं मिलेगा और वो आपके प्लान किये हुए खेलों में ही काफी व्यस्त हो जाएगा। बच्चे को अलग-अलग तरह के कामों या खेलों में उलझाए रखने से वो अलग-अलग तरह की चीज़ें सीखेगा और उसमे रूचि भी दिखायेगा।